डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 33 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 33

अब आगे,

उस 55 वर्षीय आदमी ने सुना तो था कि उस का बॉस बहुत ही खतरनाक और गुस्से वाला है पर इतने सालो से उस कंपनी में काम करने के बाबूजुद उस ने कभी भी राजवीर को नही देखा था क्योंकि राजवीर की एक ही कंपनी भी बहुत सारी सारी ब्रांच पूरे दुनिया में मौजूद है और उस के पास तो बहुत सी कंपनियां है।

पर आज खुद अपनी आंखो से राजवीर को इतने करीब से देख कर और साथ में उस ने अपने हाथ में गन पकड़ी हुई है तो उस 55 वर्षीय आदमी की हालत खराब हो रही होती हैं उस के हाथ पैर थर थर कांप रहे होते है।

जब राजवीर उस 55 वर्षीय आदमी को एक कोने में डरा हुआ देखता है तो अपनी गन उस पर प्वाइंट कर देता है और अपने पी ए दीप से पूछता है, " ये आदमी कौन हैं...?"

राजवीर की बात सुन उस 55 वर्षीय आदमी के मुंह से एक शब्द नही निकल रहा होता है और उस का बस चलता तो वो इस कमरे की दीवार तोड़ कर भाग जाता पर वो ये ऐसा कर नही सकता था।

साथ में राजवीर का पी ए दीप उस से कहता है, " बॉस, इस का नाम अमर शर्मा है ये यही बनारस में ही रहता है साथ में ये दिल्ली में ही हमारी सबसे छोटी ब्रांच में काम करता है इसलिए हम ने बनारस के बारे मे जानकारी और बाकी चीज़ों के लिए इस को यही बुला लिया है...!"

अपने पी ए दीप की बात सुन, राजवीर उस 55 वर्षीय आदमी अमर जी के ऊपर से अपनी गन को हटा लेता है और साथ में अपने पी ए से कहता है, " तो फिर चलो वहा वो काम भी तो निपटाना ही है...!"

राजवीर अपनी बात कहकर अपनी किंग साइज कुर्सी से उठ खड़ा होता है और एक नजर अपने दोस्त अभय को देखता है, जो उस को तब से घूरे जा रहा होता है जब से वो आया है।

तो राजवीर, अभय से कहता है, " अब क्या पूरे दिन मुझे घूरता ही रहेगा या कंस्ट्रक्शन साइट पर भी चलेगा...!"

राजवीर की बात सुन, अभय उस की बात का जवाब दिए बगैर ही उस कमरे से बाहर निकल जाता हैं और फिर राजवीर अपनी आंखो पर काला चश्मा चढ़ा कर उस कमरे से बाहर निकलने लगता है। साथ में उस के पीछे पीछे उस का पी ए दीप और पर्सनल बॉडीगार्ड देव भी जाने लगते है।

पर अभी तक वो 55 वर्षीय आदमी अमर जी वही बुत बने खड़े होते है तो राजवीर का पर्सनल बॉडीगार्ड देव उनको देख कर अपनी कड़क आवाज में उनसे कहता है, " तुम्हे चलने के लिए अलग से इन्विटेशन दू क्या...!"

राजवीर के पर्सनल बॉडीगार्ड देव की बात सुन, अमर जी अपने आप को संभालने की कोशिश करते हुए उस कमरे से बाहर निकल आते हैं।

अब राजवीर और अभय अपनी अपनी ब्लैक एंड व्हाइट लक्जरी कार में बैठ कर उस कंस्ट्रक्शन साइट ले लिए निकल जाते है।

करीब 15 मिनट बाद,

राजवीर और अभय दोनो की ब्लैक एंड व्हाइट लक्जरी कार कंस्ट्रक्शन साइट के पास जाकर रुक जाती हैं और दोनो अपनी अपनी कार से बाहर निकल आते हैं और वहा पहुंच कर वहा कंस्ट्रक्शन साइट के सिविल इंजीनियर, राजवीर और अभय को देख भागे भागे आते हैं और उन दोनो को वही दूसरी तरफ बने हुई बिल्डिंग में ले जाने लगते है।

उस बिल्डिंग के तीसरे फ्लोर पर उस कंस्ट्रक्शन साइट के मालिक का मैनेजर बैठा हुआ होता है और राजवीर और अभय को देख कर भी उनके लिए न तो खड़ा होता है और न ही उन्हें ग्रीट करता है जिसे देख राजवीर और अभय दोनो के पर्सनल बॉडीगार्ड देव और राज का गुस्सा बढ़ रहा होता है।

तो राजवीर का पी ए दीप उस कंस्ट्रक्शन साइट के मालिक के मैनेजर से राजवीर और अभय के बारे में बताते हुए उस से कहता है, " ये है...!"

राजवीर के पी ए दीप की बात सुने बगैर ही उस कंस्ट्रक्शन साइट के मालिक का मैनेजर, दीप को सुनाते हुए कहता है, " बस बस तुम जैसे रोज 36 आते हैं इस कंस्ट्रक्शन साइट पर काम मांगने पर आज पहली बार तुम लोगो को ऐसे सूट बूट मे देख रहा हूं जब कि तुम को उठाना रेता बजरी ही है, आज कल लोगो की कोई औकात नही रही हैं पर रहेंगे ऐसे बन ठनकर जैसे कही के राजा महाराजा हो...!"

उस कंस्ट्रक्शन साइट के मालिक के मैनेजर की बात सुन, राजवीर और अभय दोनो की गुस्से से मुट्ठी कस सी जाती है और राजवीर के एक इशारे पर उस कंस्ट्रक्शन साइट के मालिक के मैनेजर को राजवीर का पर्सनल बॉडीगार्ड देव उस के बालो से पकड़ते हुए घसीटते हुए उस के केबिन से बाहर लेकर जाने लगता है।

और उस मैनेजर के हाथ पैर बांध कर मुंह में कपड़ा धूस देता है और उस पर लाते घुसे मारने लगता है और साथ मे अभय का पर्सनल बॉडीगार्ड राज भी उस को कुत्तों की तरह मार रहा होता है।

उस मैनेजर को पीटता हुए देख सारे लोग बस किसी दर्शक की तरह देख रहे होते है और फिर राजवीर और अभय अपनी अपनी ब्लैक एंड व्हाइट लक्जरी कार में बैठ कर कही के लिए निकल जाते है और उस मैनेजर को के हाथ पर रस्सी बांध कर अपने कार से पूरी सड़क पर घसीटते हुए ले जाते है।

To be Continued......❤️✍️

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