Taapuon par picnic book and story is written by Prabodh Kumar Govil in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Taapuon par picnic is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
टापुओं पर पिकनिक - उपन्यास
Prabodh Kumar Govil
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
आर्यन तेरह साल का हो गया। कल उसका बर्थडे था। इस जन्मदिन को लेकर वो न जाने कब से इंतजार कर रहा था। वो बेहद एक्साइटेड था। होता भी क्यों नहीं, आख़िर ये बर्थडे उसके लिए बेहद ख़ास था। उसने एक महीने पहले से ही इस दिन को लेकर एक मज़ेदार प्लानिंग की थी। वो एक - एक दिन गिन- गिन कर काट रहा था कि कब उसकी ज़िंदगी का ये बेहद अहम दिन आए। आज से उसने उम्र के उस दौर में प्रवेश कर लिया था जिसे "टीन एज" कहते हैं। अर्थात बचपन छोड़ कर किशोरावस्था में जाने की
आर्यन तेरह साल का हो गया। कल उसका बर्थडे था। इस जन्मदिन को लेकर वो न जाने कब से इंतजार कर रहा था। वो बेहद एक्साइटेड था। होता भी क्यों नहीं, आख़िर ये बर्थडे उसके लिए बेहद ख़ास था। ...और पढ़ेएक महीने पहले से ही इस दिन को लेकर एक मज़ेदार प्लानिंग की थी। वो एक - एक दिन गिन- गिन कर काट रहा था कि कब उसकी ज़िंदगी का ये बेहद अहम दिन आए। आज से उसने उम्र के उस दौर में प्रवेश कर लिया था जिसे "टीन एज" कहते हैं। अर्थात बचपन छोड़ कर किशोरावस्था में जाने की
बात कुछ दिन पहले की थी। एक दिन आर्यन अपने स्कूल के मुख्य पोर्च में खड़ा था। वह अपने किसी दोस्त का इंतजार कर रहा था ताकि उसके आते ही दोनों पार्किंग में खड़ी बस में बैठें। तभी अचानक ...और पढ़ेसुना कि लिफ्ट से निकल कर उसके दो टीचर्स आपस में बातें करते हुए चले जा रहे थे। आर्यन के कानों में उनके जाते - जाते भी उनके कुछ वाक्य पड़ गए। उनकी पूरी बात न सुन पाने पर भी आर्यन इतना तो समझ ही गया कि वे दोनों ज़रूर उस शब्द के बारे में ही बात कर रहे हैं
जैसे ही अनलॉक होने के बाद स्कूल फ़िर से खुले, आर्यन और उसके साथी ख़ुशी से फूले न समाए। क्योंकि अब उन्हें काफ़ी दिनों तक घर में बंद रह कर ऑनलाइन क्लास करने के बाद आपस में मिलने का ...और पढ़ेमिलने वाला था। अगले दिन सोमवार था और उनका स्कूल कई महीनों के बाद फ़िर से शुरू हो रहा था। पिछ्ले कितने ही महीनों से सब मित्र केवल मोबाइल पर ही संपर्क में रहे थे। - ओए, तू तो मोटा हो गया बे! - तू कौन सा कम हुआ है, देख टाई कहां जा रही है तेरी? - अरे, तेरे
आर्यन ने घर जाने के बाद रात को पापा की गोद में बैठ कर अपनी बांहें उनके गले में ही डाल दीं। इस समय वो बिल्कुल भूल ही गया कि अब वो बच्चा नहीं, बल्कि एक टीनएज का किशोर ...और पढ़ेपापा उसे प्यार से देखते हुए हंसकर बोले- अरे- अरे बेटा, अब तुम्हारा और मेरा वेट बराबर है! किचन से आइसक्रीम के बाउल्स लेकर कमरे में घुसती मम्मी भी ये देख कर हैरान रह गईं कि बाप- बेटे के बीच ये लाड़ - दुलार भला क्यों हो रहा है? क्या चाहता है आर्यन? लेकिन जैसे ही आर्यन ने अपनी ख्वाहिश
एक कहावत है- बिल्ली के भाग से छींका टूटना। बिल्कुल यही हुआ। आर्यन के दोस्त आगोश के पापा को एक दिन के लिए किसी ज़रूरी काम से शहर के बाहर जाना पड़ा। और संयोग ऐसा हुआ कि आगोश की ...और पढ़ेके लिए भी उसी दिन एक शादी में जाने का इन्विटेशन आया। शादी समारोहों पर संख्या के कंट्रोल के चलते ये इन्वाइट केवल एक ही व्यक्ति के लिए था। अतः आगोश की मम्मी आगोश को भी अपने साथ नहीं ले जा सकीं। ऐसे में उसकी मम्मी को याद आया कि कुछ दिन पहले बच्चे अकेले कहीं जाकर साथ में नाइट-स्टे