टापुओं पर पिकनिक - 40 Prabodh Kumar Govil द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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टापुओं पर पिकनिक - 40

आर्यन तेज़ी से कार चलाता हुआ डॉक्टर साहब के बंगले पर पहुंच गया। उन्होंने उसे यहीं बुलाया था। फ़ौरन चले आने के लिए कहा था इसलिए आर्यन को आगोश के कमरे पर दोस्तों के साथ फ़िल्म देखने का प्लान छोड़ कर यहां आना पड़ा।
आगोश ने अपनी नई गाड़ी उसे दे दी थी, रात देर हो जाने से सड़कों पर भी सन्नाटा पसरा हुआ था तो आर्यन को हवा की रफ़्तार से वहां पहुंचने में कोई देर नहीं लगी।
ये पागलखाने के वही डॉक्टर थे जिनके साथ एक दिन एक एनजीओ के सदस्य के रूप में आर्यन ने मनोचिकित्सालय में ही रात बिताई थी, और उनके कहने पर पूर्णिमा की रात को एक पागल लड़की की निगरानी की थी।
आर्यन ने ही डॉक्टर को उस दिन ड्यूटी के बाद बताया था कि इस पागल औरत के वास्तविक पागल होने पर उसे संदेह है। उस रात लड़की का व्यवहार आश्चर्यजनक रूप से ठीक रहा था।
आर्यन ने आगोश के घर पर एक रात मिली लड़की की कहानी भी इस घटना से जुड़ी होने की शंका व्यक्त की थी और साथ ही नंगी लड़की के दीवार कूद कर भागने, वहां बाद में उसकी एक चप्पल मिलने, और दूसरी चप्पल मधुरिमा के घर में किरायेदार की हैसियत से रहने वाली नर्स के कमरे में मिलने का किस्सा भी सुनाया था।
ये सब सुन कर पागलखाने के उन अनुभवी सीनियर डॉक्टर ने पहले तो अनसुना कर दिया था मगर बाद में इन सब बातों के तार आपस में जुड़ते देख कर उन्हें आर्यन की शंका पर यकीन होने लगा था।
इतना ही नहीं बल्कि वो इन घटनाओं के सत्यापन के लिए भी प्रयत्नशील हो गए थे।
इससे पहले वो आंख बंद करके उस पगली को सिर्फ़ पागल औरत ही समझ कर उसके साथ बर्ताव करते थे। उसकी न तो कोई बात सुनते थे और न ही उस पर यकीन करते थे, पर अब उन्हें लगता था कि कभी- कभी लड़की सचमुच अपने बचाव में कुछ कहने की कोशिश करती है। वास्तव में ऐसा लगता है कि उसे डरा- धमका कर, बेहोशी की दवाओं और आक्रामक यौनाचार से पागल सिद्ध करने की कोशिश जबरन की गई है और वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठी है। उसे कभी- कभी सब याद आता है और ऐसे में वह अपने आत्मसमर्पण से उबर कर फ़िर से आक्रामक होने की कोशिश करती है। अपने बचाव के प्रयास करती है, अपनी नियति को ललकारने की कोशिश करती है और दोषियों को सज़ा दिलाने के अपने संकल्प की बात करती है।
और आज तो एक ऐसी घटना घटी कि डॉक्टर ने आर्यन को अपने पास चले आने का आह्वान ही कर डाला। मानो उन्होंने आर्यन द्वारा प्रकट की गई शंका की गुत्थी सुलझा ली हो।
आर्यन जब डॉक्टर के बंगले पर पहुंचा तो वो ड्रॉइंग रूम में अकेले बैठे कोई ड्रिंक सिप कर रहे थे।
आर्यन के अभिवादन करते ही उन्होंने उसे बैठने का इशारा किया और उससे बिना पूछे ही एक और गिलास लेकर उसके लिए भी ड्रिंक तैयार करने लगे।
डॉक्टर की आत्मीयता और कॉन्फिडेंस देख कर आर्यन कुछ बोल नहीं सका। उसने गिलास उठा कर मुंह से लगाया और कुछ संकोच से उनकी ओर सवालिया निगाहों से देखने लगा।
- यू वर राइट! तुम ठीक कहते थे। वो औरत पागल नहीं है।
- कैसे पता चला सर? आर्यन ने अकस्मात कहा।
डॉक्टर एक पल को रुके। कुछ सोचा। फ़िर अजीब सी खरखरी आवाज़ में बोले- आज उस पर फ़िर अटैक हुआ!
- पागलपन का दौरा? आर्यन ने पूछा।
- नहीं, ...पागलों का अटैक, समाज और इंसानियत के दुश्मनों का हमला। डॉक्टर ने कुछ क्रोध और व्यंग्य से कहा।
आर्यन उत्तेजना में उनके कुछ और करीब खिसक आया। डॉक्टर ने उसे पूरी कहानी सुनानी शुरू की-
तुमने मुझे बताया ही था कि उसके साथ क्या- क्या घटा है, मैं उस पर यकीन करके कभी - कभी लड़की का हौसला बढ़ाया करता था ताकि वो मुझ पर विश्वास करके मुझे पूरी बात सही - सही बताने को प्रेरित हो जाए।
आर्यन डॉक्टर की इस बात से भीतर ही भीतर कुछ खुश और संतुष्ट हुआ।
वो बोले- लड़की कुछ दिन से मुझे बार - बार कह रही थी कि वो सिर्फ एक दिन के लिए किसी तरह यहां से बाहर जाना चाहती है।
आर्यन की आंखें फ़ैल गईं।
डॉक्टर बोले - आख़िर मैं उसकी मदद करने के लिए तैयार हो गया। मैंने उससे कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि वो पागल नहीं है, और यदि वह मुझे सब सच- सच बता देगी कि वो कौन है, क्या करती थी, उसके दुश्मन कौन लोग हैं, और वो क्यों उसे नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, तो मैं उसकी मदद ज़रूर करूंगा। इतना ही नहीं बल्कि उन लोगों को पकड़वाने के लिए भी उसका साथ दूंगा।
तब लड़की ने बताया कि वह पेशे से एक नर्स है जो सुदूर अपने घर से मजबूरी में निकल कर इस शहर में अकेली ही चली आई थी। लड़की किसी क्लीनिक में एक डॉक्टर के पास काम कर रही थी।
जैसा उसने मुझे बताया, उस डॉक्टर के कुछ ग़लत कारोबार हैं और वो बीमार, मजलूम व बेबस लोगों के शरीर के अंगों को धोखे से निकाल कर बाहर के मुल्कों में सप्लाई करता है।
वो किसी भी कीमत पर मुझे ये बताने को तैयार नहीं हुई कि वो क्लीनिक या डॉक्टर कौन से हैं और कहां हैं। उसका कहना था कि वो लोग उसे मार देंगे।
लड़की का ये भी कहना था कि उसने अपने किसी परिचित के माध्यम से एक मजबूर ज़रूरतमंद आदमी की किडनी उसे दिलवाई थी। उसे बीस लाख रुपए देने की बात तय भी हुई थी पर वो डॉक्टर बाद में रुपए देने से मुकर गया। जबकि लड़की का कहना था कि डॉक्टर ने उसे बेच कर पचास लाख रुपए कमाए।
आर्यन के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं।
डॉक्टर कहते रहे- लड़की जब लौट कर आई तो बेहद गुस्से में थी। यहां तक कि उसने क्रोध से अपने ही होंठ काट कर लहूलुहान कर डाले। मेरे बहुत पूछने पर वह बेहोश हो गई। .. और केवल इतना बुदबुदा सकी कि "उन दोनों को तो किसी हालत में नहीं छोडूंगी".. वो किसी अताउल्ला का नाम लेती थी.. एक ड्राइवर की बात करती थी... सुल्तान या ऐसा ही सिमिलर कुछ बड़बड़ाती थी।
आर्यन की आंखों में आंसू आ गए।
डॉक्टर बोले- रिलैक्स..! हिम्मत रखो बच्चे। केवल तुम इस केस के बारे में जानते हो इसीलिए मैं ये सब बातें तुमसे शेयर कर रहा हूं... बाद में मैंने लड़की के प्राइवेट पार्ट्स देखे.. उस पर आज फ़िर पैशाचिक वार हुआ है। खून से लथपथ हो रही थी वो। मुझे लगता है कि दोनों में से एक आदमी के अंडर गारमेंट्स का तो टुकड़ा तक वो अपने दांत में फंसा लाई है...।
आर्यन बुरी तरह कांपने लगा।