सात फेरे हम तेरे - उपन्यास
RACHNA ROY
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
ये कहानी ऐसे दो लोगों की है कि एक एहसास में पुरी आस , प्यार का इज़हार किए बिना भी प्यार निभाना बहुत बड़ी बात है। एक दूसरे को देखे बिना क्या कोई प्यार कर सकता है।। प्यार का नाम बलिदान, प्यार में वो ताकत है जो पुरी कायनात एक तरफ और प्यार करने वाले दो प्रेमी एक तरफ।।
हां ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है दोस्तों प्यार का नाम सिर्फ पाना ही नहीं बल्कि त्याग, बलिदान, भरोसा, पागलपन भी है और एक ऐसा पागल पन की अपनी जिंदगी के बारे में ना सोच कर सिर्फ उसे ही सारी खुशियां देना और उसके सारे दुखों को अपना बना लेना ये भी प्यार है।
कानपुर शहर में एक बहुत ही होनहार , जिंदादिल युवक जो कि तरह तरह के तस्वीरें बनाता है और तस्वीरें ऐसा बनाया था कि जैसे तस्वीरो में जान आ गई हो।पर शायद उसे किसी का इंतज़ार है अब तक वो आई नहीं है तभी तो तस्वीरें भी अधुरी सी लगती है।
ये कहानी ऐसे दो लोगों की है कि एक एहसास में पुरी आस , प्यार का इज़हार किए बिना भी प्यार निभाना बहुत बड़ी बात है। एक दूसरे को देखे बिना क्या कोई प्यार कर सकता है।। प्यार का ...और पढ़ेबलिदान, प्यार में वो ताकत है जो पुरी कायनात एक तरफ और प्यार करने वाले दो प्रेमी एक तरफ।।हां ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है दोस्तों प्यार का नाम सिर्फ पाना ही नहीं बल्कि त्याग, बलिदान, भरोसा, पागलपन भी है और एक ऐसा पागल पन की अपनी जिंदगी के बारे में ना सोच कर सिर्फ उसे ही सारी खुशियां
दोनों भाई बहन अपने में बातचीत करने लगी और फिर रोज की तरह माया अपने स्कूल के लिए तैयार हो कर सारा नाशता टेबल पर रख दिया और फिर बोली भाई का लेना हा।खाली पेट बाहर निकल जाता है ...और पढ़ेहमेशा। ये कह कर निकल गई। निलेश ने कहा हां दीदी तुम चिंता मत करो मैं खा लुंगा। फिर निलेश की नजर खिड़की के बाहर पड़ी तो देखा सामने वाले बालकनी में वह खड़ी अपने बालों को संवार रही थी। फिर मैं बेसुध हो कर अपने बालकनी में गया जैसे कोई अनचाहा साथी उसे बुला रहा हो बस उसके कदम
निलेश की आंखें नम थी उसे नींद भी नहीं आ रही थी।करवट बदल कर वो रात बिताने लगा था कि उसे अचानक ख्याल आया कि गिटार बजाने का मन सा हो गया। और फिर उठ कर नाईट बल्ब के ...और पढ़ेवो गिटार पर वो धुन बजाने लगा नीले नीले अम्बर पर चांद जब आएं प्यार बरसाएं हमको तरसाए।।। फिर देखते देखते सुबह होने लगी और निलेश की आंखें लाल हो गई थी और फिर जाकर सो गया। दूसरे दिन सुबह माया उठ कर तैयार हो गई उसके बाद देखा तो निलेश उठा था। माया ने कहा क्या बात है भाई
निलेश की आंखें नम थी उसे नींद भी नहीं आ रही थी।करवट बदल कर वो रात बिताने लगा था कि उसे अचानक ख्याल आया कि गिटार बजाने का मन सा हो गया। और फिर उठ कर नाईट बल्ब के ...और पढ़ेवो गिटार पर वो धुन बजाने लगा नीले नीले अम्बर पर चांद जब आएं प्यार बरसाएं हमको तरसाए।।। फिर देखते देखते सुबह होने लगी और निलेश की आंखें लाल हो गई थी और फिर जाकर सो गया। दूसरे दिन सुबह माया उठ कर तैयार हो गई उसके बाद देखा तो निलेश उठा था। माया ने कहा क्या बात है भाई
निलेश ने कहा आप लोग मुझे एक मौका दिजिए मैं खुद को साबित करना चाहता हूं। मैं हमेशा नैना को खुश देखना चाहता हूं।नैना ने कहा ये सब फिल्मों में बहुत अच्छा लगता है निलेश पर रियल लाइफ में ...और पढ़ेहां, मुझे डर लगता है सब मुझे अकेला छोड़ कर चले जाते हैं। मुझे इसलिए दोस्त बनाने में भी बहुत प्रोब्लम है। मैं कुछ नहीं देखा सकती हुं पर मेरी आत्मा जिन्दा है अभी तो वो मुझे बार बार पीछे कर देती है।सब मुझे छोड़ कर चले गए और अब।।।कल को वो छोड़ कर चले गए और फिर निलेश भी।।
निलेश अपने दोस्तों को भी इस बारे में जानकारी दी और बोला अगर कुछ भी पता चले तो बताना।माया बोली चलो अब खाना खाने चले। निलेश ने कहा हां दीदी वो सब ठीक है पर मैं कुछ सोच रहा ...और पढ़ेकि क्या नैना को आंख नहीं मिल सकता है।वो समझती है कि मैं उसे धोखा न दे दूं। माया ने कहा नहीं हमें यकीन दिलाना होगा कि तेरा प्यार सच्चा है और वह किसी का मोहताज तो नहीं है। निलेश ने कहा हां वो ही तो मैं समझा नहीं पा रहा। क्या हम मिल सकते हैं। माया ने कहा पता
निलेश को इन्तजार था इस बात का कि कब नैना अपने आंखों से निलेश को देख पाएंगी। क्या सच्चे प्यार की हमेशा जीत होती है? क्या इनका प्यार भी रंग लायेगा।या फिर ये सब किताबों में ही अच्छा लगता ...और पढ़ेजिंदगी में तो कुछ और ही होता है।इन बातों से बेखबर नैना भी निलेश का इंतजार कर रही थी कि कब निलेश आयेगा। फिर रात को बारह बजे ही निलेश अपने बालकनी में जाकर गिटार पर बर्थ डे धुन बजाने लगा। और फिर कुछ देर बाद ही नैना,रेखा, और कोकिला बालकनी में पहुंच गए। नैना ने कहा थैंक यू निलेश।
फिर माया बोली बहुत ही अच्छा गिफ्ट दिया नैना ने। निलेश ने कहा हां दीदी चलो अब सो जाते हैं। माया ने कहा भाई तू खुश हैं ना? निलेश ने कहा हां दीदी पर जब तक नैना अपने आंखों ...और पढ़ेन देख पाए तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा। माया ने कहा हां मैं समझ सकती हुं भाई। निलेश ने कहा हां दीदी नैना की कोई गलती तो नहीं कि इस उम्र में वो बिना आंखों के जिंदगी बिता देंगी। उसे कितना घुमने का शौक है तो मैं क्या इतना भी नहीं कर सकता उसके लिए। माया ने कहा हां
फिर चार बजे तक लखनऊ पहुंच गया।बस स्टैंड पर उतर कर इधर उधर देखने लगा फिर आटो स्टैंड पर जाकर अखबार में छपी उस पते पर जाने के लिए आटो चालक से बात करने लगे। फिर आटो चालक ने ...और पढ़ेभर दी। फिर निलेश गाड़ी में बैठ गया। फिर एक घंटे बाद उस जगह पर पहुंच गया। देखा तो बहुत ही शानदार अपार्टमेंट था।गेट पर खड़े होकर गाॅड का इंतजार करने लगा। एक गाॅड आया और फिर निलेश ने पूछा तो उसने अन्दर जाने से पहले एक रेजिस्टर पर साइन किया और फिर अन्दर पहुंच गए। इतने बड़े बड़े इमारतों
बिमल ने एक चाय की दुकान से पानी लेकर आया और फिर पानी का छिड़काव करने के बाद ही माया को होश आया तो वो एक दम रोने लगी।बिमल ने कहा अरे दीदी जरूरी तो नहीं निलेश को कुछ ...और पढ़ेहुआ होगा। माया ने कहा हां तुम ठीक कह रहे हो पहले हमें पता करना होगा।फिर माया वहां से सीधे काउंटर पर जाकर बोली तो उस आदमी ने एक निलेश का फोटो मांग लिया। और फिर बोला उस हाई वे के पास जो अस्पताल है वहीं जाकर आप देख सकते हैं क्योंकि सभी जख्मी लोगों को वहां भेजा गया है।
बिमल और अतुल दोनों अपने घर नहीं जा सकें। माया दी को इस हालत में छोड़ कर नहीं जा सकते। इसी तरह एक एक दिन निकालना बहुत ही मुश्किल होने लगा था।फिर एक दिन डाक्टर अनिल कपूर का फोन ...और पढ़ेनैना के घर पर। नैना ने ही फोन उठाया तो डॉक्टर ने कहा कि एक डोनर मिला है तुम जल्दी से जल्दी आपरेशन करवा सकती हो। नैना ये सुनकर रोने लगी और उसने बिना कुछ कहे फोन रख दिया।जब ये बात कोकिला को पता चला तो वो नैना को बहुत समझाया पर नैना कुछ भी करने को तैयार नहीं हो
इसी तरह से एक महीने गुजर गए।पर सबके लिए जैसे जिंदगी थम सी गई है। माया को हर पल निलेश का इंतजार है कि शायद कभी आएगा। उधर नैना भी निलेश का इन्तजार कर रहे थे।फिर एक शाम को ...और पढ़ेअनिल माया के घर पहुंच गए। और उन्होंने कहा कि बहुत ही जरूरी बात करना है। माया भी बहुत आश्चर्य हो गई कि आखिर क्या बात करना है। तभी डाक्टर साहब बोले कि मुझे पता है कि निलेश कहा है? माया ये बात सुनकर बोल पड़ी कि अरे ये क्या बोल रहे हैं आप।। डाक्टर ने कहा अगर आज भी
फिर जो स्थिति नैना की हो रही थी देखने लायक थी। नैना को कुछ भी ठीक नहीं लग रहा था।उसे सबके साथ रहने के बाद भी बहुत ही अकेला पन था। एक एक दिन एक सदियों के समान था। ...और पढ़ेएक एक दिन करके निकलने लगें। नैना की आंखें उसके पास थी पर वो कहीं से भी खुश नहीं थी। उसे हर पल की बेचैनी थी। नैना हर रोज निलेश का इंतजार करने लगी थी। पर उसे क्या पता कि निलेश अब कभी नहीं आएगा। सदियां बीत जाएंगी पर निलेश कभी नहीं आ पाएगा। क्या है ये जुनून है या
इसी तरह एक साल बीत गए। नैना पुरी इमानदारी से माया दी के साथ रह कर उसका साथ दे रही है। आज निलेश को गुजरे एक साल बीत गए। नैना हर रोज माया दी के साथ चाय पीने बालकनी ...और पढ़ेआकर बैठ जाती है। बिमल और अतुल अब नैना के बहुत अच्छे दोस्त बन गए हैं। नैना ने एक स्कूल भी जोय्न किया खुद को सम्हाल लिया था पर एक कहीं ना कहीं खाली पन सा था बहुत बड़ी कमी थी। नैना हमेशा अपने लैपटॉप पर कुछ ना कुछ अलग लिखा करतीं थीं कभी आर्टिकल तो कभी कुछ। उसने एक
नैना ने कहा दीदी मुझे निलेश के बातों पर पुरा भरोसा है एक बार हमें जाना चाहिए। माया ने कहा कितने साल बीत गए पता है ।अब कहां होगा कैसा होगा। नैना ने कहा हां दीदी ठीक है एक ...और पढ़ेकोशिश करने में क्या दिक्कत है। माया ने कहा हां ठीक है लेकिन अब तो हमे जाना है। नैना ने कहा हां ठीक है वहां से आने के बाद हम जरूर जायेंगे। माया ने कहा हां ठीक है। नैना ने कहा दीदी मैं चाहती हूं कि निलेश का हर एक सपना जो उसने देखा था उसको मैं पुरा करूं। उसके
फिर दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर सभी तैयारियां करने लगी क्योंकि आज रात की फ्लाइट थी। माया को एक अनचाहा सा डर बना हुआ था पर नैना उसको हौसला अफजाई करते थकती नहीं थी। नाश्ते के समय अतुल और ...और पढ़ेभी आ गए। माया ने पुरी और आलू दम बनाया था। माया ने कहा तुम लोग घर का ख्याल रखना आते रहना एक चाबी हमेशा की तरह तुम लोगों के पास रहेगी। बिमल ने कहा हां दीदी आप बेफिक्र होकर जाइए।हम है ना। नैना ने कहा हां मुझे विश्वास है कि निलेश के दोस्त भाई से बढ़ कर है।। माया
सुबह जल्दी उठकर तैयार हो गई थी दोनों। नैना ने कहा दीदी सब सामान ले लिया ना? माया ने कहा हां जो,जो ज़रूरी सामान है सब एक बैग में ले लिया। दोनों ने साड़ी पहनी थी। माया ने कहा ...और पढ़ेना लगे किसी की।। नैना आज शायद निलेश जहां कहीं भी हो वो जरूर देख रहा होगा। मैं तो निलेश की पेंटिंग को एक सही स्थान पर पहुंचा दिया। माया ने कहा हां चल अब। फिर नीचे पहुंच कर नाश्ता किया और फिर एक बस उन सभी लोगों के लिए था जो जो इस में योगदान किए थे। नैना और
फिर फाईलन राउंड में दस प्रश्न पूछें जाएंगे। ज़बाब जल्दी देना है। नैना को प्रश्न पूछें गए और उसने सारे ज़बाब एक दम सही और जल्दी ही दे दिया।प्रतियोगिता समाप्त हो गई और फिर अब परिणाम घोषित करना होगा। ...और पढ़ेदेर बाद ही हमारे जज आएंगे। कुछ देर बाद ही तालियों की गूंज उठने लगी। जनरल वीके सिंह के पुत्र आर्मी चीफ के कमांडर विक्रम सिंह शेखावत हमारे बीच आए हुए हैं। सबसे पहले मैं विक्रम सिंह शेखावत को स्टेज पर बुलाना चाहुंगा। कुछ देर बाद ही एक आर्मी चीफ बिक्रम सिंह शेखावत स्टेज पर पहुंच गया।सारे लोग उनका स्वागत
नैना ने कहा दीदी देखा कैसे पीछे पड़ गए हैं। देखा ना कि हम अकेले हैं। माया ने कहा नहीं नैना मेरा तजुर्बा कहता है कि ये नेक दिल इंसान हैं। नैना ने कहा दीदी आप निलेश का हमशक्ल ...और पढ़ेये सोच कर आप बोल रही है कि निलेश जैसा ही होगा। माया ने कहा नहीं निलेश जैसा कोई नहीं हो सकता है पर ये आर्मी चीफ आफिसर है। नैना ने कहा चलो उधर घुमते है और भी बहुत सारे लोग बहुत ही मजा कर रहे थे।फिर वहां पर सभी को लंच करने के लिए बुलाया गया। सभी वहां पर
नैना ने कुछ देर बाद ही माया को वो चिट्ठी पढ़ने को दिया। माया ने वो चिठ्ठी पढ़ कर कहा अरे कितना सच्चा है विक्की तू उसे गलत मत समझो। नैना ने कहा पर उसकी हिम्मत देखो। माया ने ...और पढ़ेक्या हिम्मत दिखाया बिचारे ने।।तू पुरी जीवन निलेश की यादें में बिता देंगी। ऐसा निलेश भी नहीं चाहता होगा। नैना ने कहा कि मैं निलेश से कैसे बेवफाई कर लूं। माया ने कहा पर तेरी तो शादी भी नहीं हुईं थीं निलेश से फिर तुझे इतना चिंता क्यों एक बार सोच तो अतीत था वो निलेश था पर जो वर्तमान
नैना ने कहा हां अब हमें जाना होगा। फिर गाड़ी क्ल्ब में जाकर रुक गई। तभी एक नौकर आकर दरवाज़ा खोला और फिर हम बाहर आ गए।हमारा स्वागत फुलों से किया गया। नैना ने देखा तो बहुत ही आलिशान ...और पढ़ेजैसा लग रहा था। माया ने कहा विक्की बहुत ही खूबसूरत जगह है। विक्रम सिंह शेखावत ने कहा हां दीदी आइए आप को बहुत कुछ दिखाता हूं। फिर विक्रम सिंह शेखावत के वहां पर तरह - तरह के खेलों की मेजबानी दिखाया। खाने पीने का जगह दिखाया। फिर विक्रम सिंह शेखावत खुद खेलते हुए नजर आएं। माया ने कहा नैना
माया ने कहा पता नहीं क्यों रह,रह कर विक्रम का ख्याल आ रहा है। नैना ने कहा हां दीदी तुम जो उसको भाई बना लिया है क्यों? निलेश को कितना तकलीफ हो रहा होगा। माया हंसते हुए बोली अरे ...और पढ़ेनिलेश बहुत खुश हो रहा होगा क्योंकि उसकी दी आज बहुत दिनों बाद हंस रही है। नैना ने कहा हां ठीक है देखते हैं कि कितना प्यार करता है। माया ने कहा पता नहीं क्यों निलेश भी ये चाहता है कि तुम भी विक्रम को अपना लो। तुम्हारी शादी तो हुई भी नहीं फिर क्यों किसी की विधवा बन कर
नैना ने कहा अरे बाबा जाने दो ना।। पता है वहां निलेश को कितना सम्मानित किया गया आज वह होता तो उसका हक था। माया ने कहा हां वो तो है पर आज निलेश हमारे बीच नहीं हैं पर ...और पढ़ेतो है और वो नैना से प्यार करता है और अपनी नैना भी।।। पर कहते हैं कि जब जो होता है वो होकर रहता है ज्यादा सोचो मत ओके। नैना ने कहा आज अगर मैं जिन्दा हुं निलेश की वजह से। माया ने कहा हां पर निलेश तो नहीं है तुम्हारी वजह से उसको जाना था पर जाते जाते अपनी
फिर माया ने रजनीगंधा फुल नैना के बालों में लगा दिया और फिर नैना चली गई। अतुल और बिमल भी घर आ गए और फिर तीनों मिलकर खाना खाने लगे।उन लोगों चार बजे निकलना था। फिर अचानक डोर बेल ...और पढ़ेऔर फिर अतुल ने दरवाजा खोला तो एक दम कोई आवाज नहीं आया तो माया खाना खाते उठ गई और बोली अरे कौन है भाई।दरवाजे पर पहुंच कर देखा तो अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि विक्की आया है।।अरे भाई तू कुछ बोला भी नहीं।विक्रम सिंह शेखावत ने कहा अब अन्दर बुलाएगी या फिर बाहर से।। माया
कुछ देर बाद सब लोग सो गए।सुबह आठ बजे नैना की आंख खुल गई और फिर बोली अरे आज माया दी ने जगाया नहीं।। चलो अब फेश् होकर मैं ही उनको उठाती हुं।नैना तैयार हो कर सीधे माया के ...और पढ़ेमें पहुंच गई।नैना ने कहा अरे अब तक सो रही है ये क्या ये खुशबू हो बहुत जानी पहचानी सी लग रही है।फिर नैना धीरे धीरे बेड के पास गई और फिर बोली अरे दीदी उठो ना। इतना सो रही हो आज।चादर तान कर सो रही हो।पर नैना तो क्या पता कि कौन हो रहा था। नैना ने चादर हटा
अतुल ने कहा सच यार कितने सालों के बाद हम लोग कानपुर घुमने जा रहें हैं वो भी विक्की की वजह से।सच में ये बात बिमल ने कहा।विक्की ने कहा बस बस इतना तारीफ की आदत नहीं है यारों ...और पढ़ेबोलो कहां जाना है? माया ने कहा यूपी के ऐतिहासिक शहरों में से एक कानपूर एक ऐसी जगह है, जहां जाकर आपको कुछ अलग ही देखने को मिलेगा। कानपूर शहर एक प्रमुख औद्योगिक और सांस्कृतिक केंद्र था, जिस पर कई साम्राज्यों और राजवंशों का शासन रहा है। कानपूर जितना अपने खूबसूरत मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, उतने ही लोकप्रिय यहां
क्या दीदी आप रूलाओगे क्या ये बात विक्की ने कहा मुझे रोने की आदत तो नहीं है।। अतुल ने कहा हां ठीक अब चलते हैं सोने ।माया ने कहा तुम लोग मेरे रूम में सो जाओ मैं बाहर सो ...और पढ़ेहुं। नैना ये सुनकर बाहर आकर बोली दीदी हम दोनों निलेश के रूम में सो जाते हैं। माया ने हंसते हुए कहा अच्छा ठीक है। फिर सभी सोने चले गए।कुछ देर बाद ही माया के रूम से गाने की आवाज आने लगी और साथ में गिटार की आवाज भी सुनाई दी। नैना उठकर बैठ गई और फिर बोली अरे निलेश
ये क्या सब कहां गए? मेरी आंख लग गई थी प्लीज़ मुझे काॅफी पिला दो।।नैना आकर काॅफी देने लगी।विक्की ने कहा अरे तुम माया दी कहा है?, नैना ने कहा वो अभी आ रही है।तुम सो रहे थे तो ...और पढ़ेबताया वो बैंक से फोन आया था तो अतुल के साथ गई है।विक्की उठते हुए कहा ओह थैंक यू।वाह काॅफी अच्छा बना है और तुमसे बात नहीं हो पा रही है। आज सुबह तुमने मेरा माथा छू कर देखा था ना ? क्यों। नैना ने कहा अरे बाबा वो तो कोई तकलीफ़ में था तो मैं बस।।विक्की ने कहा हां
अरे दीदी सब के लिए भगवान ने ही सब कुछ सोच कर रखा है ये हमें पहले से पता नहीं होता है क्योंकि सबकुछ तो भगवान के हाथ में है। तभी तो आप देख लिजिए बस मैं आज यहां ...और पढ़ेहुं। ये सब विक्की ने कहा। और हां मुझे यहां पर शायद निलेश ने ही मुझे यहां भेजा वरना निलेश जाता क्यों इसलिए सब कुछ वो बैठ कर तय करता है और क्या।। माया ने कहा हां ठीक कहा तुमने। बिमल ने कहा हां ठीक है अब चलते हैं बहुत देर हो गई है।फिर वहां से सब निकल गए। माया
मै तो मजाक कर रहा था और तुम तो नाराज़ हो गई। नैना ने कहा हां सच है वैसे भी मेरी जिंदगी मज़ाक बन गई है तो बस मज़ाक करते हैं।विक्की ने कहा अरे ऐसे मत बोलो मैं अपनी ...और पढ़ेकी बात जब भी बताने की कोशिश करता हूं तो तुम मुझे रोक देती हो क्यों क्या चाहती हो तुम आखिर।। नैना अन्दर चली गई। विक्की ने कहा अरे बाबा समोसे तो दे दो।।भुख लगी है। और फिर माया भी आ गई और फिर बोली क्या हुआ विक्की।विक्की ने कहा अरे कुछ नहीं हुआ।।माया ने कहा मैं जल्दी से फ्रेश
फिर सभी बच्चे पढ़ने लगे और फिर विक्की भी आकर बैठ गया और देखते हुए बोला अरे वाह कितने प्यारे प्यारे बच्चे हैं।मैं भी पढ़ना चाहता हूं।माया और बच्चे हंसने लगे। बच्चों ने कहा अरे बाबा आप तो बड़े ...और पढ़ेगए हो अब क्या पढ़ना है। विक्की ने कहा अरे तो क्या हुआ।।फिर बच्चे घर चले गए।सब बैठ कर टीवी देखने लगे। इसी तरह से दिल्ली जाने का समय भी आ गया।आज माया नैना सब पैकिंग कर रहे थे और सब बहुत खुश भी थे। विक्की अतुल बिमल सब पैकिंग कर रहे थे। शाम को पांच बजे की ट्रेन थी।बिमल
फिर एक खामोशी छा गई थी। आगे से विक्की ने कहा अरे दीदी क्या बात है इतना सन्नाटा क्यों है जैसे हम क्लास में बैठे हैं। माया ने कहा अरे नहीं कुछ नहीं हुआ। कब पहुंचेंगे। बिमल ने कहा ...और पढ़ेअभी कुछ देर में। बस भी गाड़ी रैडिसन ब्लू होटल पश्चिम बिहार में रुक गई।सब उतर आए और वेटर ने सामान निकाला। विक्की बार बार नैना को देख रहा था कि कुछ बोले।पर नैना एक दम खामोश हो गई थी।माया ने भी कुछ नहीं कहा। सब अपने अपने कमरे में जाकर फ्रेश होने लगें।माया ने नैना को समझाया कि मुड
फिर वहां से पास में ही एक होटल बुकिंग थी जहां पर सभी चले गए। सब लोग बहुत ही थक चुके थे। किसी तरह से डिनर किया और सब एक ही रूम में सो गए। एक रूम में ही ...और पढ़ेदो बड़े बेड लगें थे।तो सबको कोई परेशानी नहीं हुई। नैना और माया एक बेड पर सो गए। और तीनों दूसरे बेड पर सो गए। दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर सब तैयार हो करबाहर निकल आए। विक्की ने कहा कि राजधानी दिल्ली में आये पर्यटक यहाँ की स्वादिस्ट भोजन और स्ट्रीट् फूड्स को काफी पसंद करते है दिल्ली का सबसे
सभी जाकर इतना ज्यादा था चुके थे कि जाकर सो गए। दूसरे दिन सुबह सब नाश्ता करके फिर बस में बैठ गए।आज हम हुमायूं का मकबरा देखने जाएंगे।सब सुनकर आश्चर्य हुए और ताली बजाने लगे। फिर बस निकल पड़ी ...और पढ़ेविशाल काया स्वरूप मकबरा के बारे में गाइड जानकारी देते हुए कहा और सबको एक एक मैगजीन भी पढ़ने को दिया। हुमायूँ के मकबरा का निर्माण वर्ष 1569 से 70 के बीच हुमायूँ की विधवा बेगम हमीदा बानो ने करवाया था जो दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित है इस शानदार मकबरे का वास्तुकार ‘मीराक मिर्ज़ा घियाथ’ था जो एक फारसी
सभी जाकर इतना ज्यादा था चुके थे कि जाकर सो गए। दूसरे दिन सुबह सब नाश्ता करके फिर बस में बैठ गए।आज हम हुमायूं का मकबरा देखने जाएंगे।सब सुनकर आश्चर्य हुए और ताली बजाने लगे। फिर बस निकल पड़ी ...और पढ़ेविशाल काया स्वरूप मकबरा के बारे में गाइड जानकारी देते हुए कहा और सबको एक एक मैगजीन भी पढ़ने को दिया। हुमायूँ के मकबरा का निर्माण वर्ष 1569 से 70 के बीच हुमायूँ की विधवा बेगम हमीदा बानो ने करवाया था जो दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित है इस शानदार मकबरे का वास्तुकार ‘मीराक मिर्ज़ा घियाथ’ था जो एक फारसी
नैना के दोस्तों का सबका फोन आता गया।सब ने पूछा कि क्या विक्की को ही अपनी लाइफ पार्टनर बनाना है।। फिर सभी होटल के कमरे में जाकर बैठ गए।नैना ने एक एक करके गिफ्ट खोलने लगी।सबसे लास्ट में विक्की ...और पढ़ेगिफ्ट्स खोल कर देखा तो उसमें बहुत ही खूबसूरत सी चुड़िया थी।हर रंग की थी। नैना को गिफ्ट बहुत ही पसंद आया और वो कुछ चुडिया पहन भी लिया। माया ने कहा वाह कितनी प्यारी लग रही है तुम्हारी हाथों की चूड़ियां।नैना ने कहा हां मुझे भा गई ये ।। कुछ देर बाद ही विक्की अतुल और बिमल आ गए
नैना होटल पहुंच कर ही विक्की को बोली की कोई मेरा बर्थ डे सेलिब्रेशन इतना अच्छा करेगा ऐसा सोचा नहीं था पर तुमने किया। विक्की ने कहा हां मैं हर साल तुम्हारा बर्थ डे सेलिब्रेशन ऐसे ही करना चाहता ...और पढ़ेपर तुम क्या चाहती हो? नैना कुछ भी नहीं बोल पाती है और अन्दर रूम जाकर फ्रेश होकर सो जाती है। नैना के मोबाइल पर विक्की का मेसेज आता है तुम्हारे एक जबाव से मेरी पुरी दुनिया बदल सकती है। इन्तजार में हुं। नैना कुछ भी जवाब नहीं दे पाती है। फिर एक और सुबह हो जाती है।माया ने कहा
विक्की ने कहा माया दी आज हम लोग एक क़िले में जाएंगे।माया ने कहा अरे बाबा ये भूत हुआ तो।। बिमल और अतुल दोनों ही बोल उठें अरे बाबा विक्की वाह क्या बात है भूत है क्या।।नैना ने कहा ...और पढ़ेवाह बहुत ही मजा आने वाला है। विक्की ने कहा चलो अब जल्दी निकलना होगा। वरना देर हो जायेगी।।फिर जल्दी से तैयार हो कर नाश्ता करने के बाद बस में बैठ गए।बस में सभी यात्रियों से निवेदन है कि हम पुराने किले में जा रहे हैं।यमुना नदी के किनारे बसा है काफी दूर है।दो जगह पर रूकेगी। काफी समय बाद
नैना सो गई थी और फिर वो एक सपना देखा उस सपने में अपने साथ विक्की को देखा। फिर वहां निलेश भी आया और बोला कि नैना विक्की तुम्हारे लिए एक दम सही है देखो। फिर सपना टूट गया ...और पढ़ेनैना उठ गई। माया ने कहा क्या हुआ नैना ठीक हो तुम। नैना ने कहा हां ठीक हुं।जरा सा सर भारी लग रहा है एक चाय पीने से ठीक हो जाएगा।तभी विक्की चाय के साथ जाहिर हुआ ये लिजिए गर्मागर्म चाय और समोसे। माया ने कहा अरे समोसे कहा से मिला?बिमल को भुख लगी थी तो जाकर समोसे ले आया।
विक्की ने कहा चलो अब जल्दी निकलना होगा वरना बस मिस हो जाएगा।फिर सब जल्दी जल्दी नाश्ता करके निकल गए। बस पुरी भर चुकी थी इस बार शायद भगवान चाहते थे कि नैना की बगल वाली सीट पर विक्की ...और पढ़ेबैठे और ऐसा ही हुआ।माया इस बार दोनों भाई के बीच बैठी थी।नैना पहले थोड़ी सी सहज नहीं थी पर जब विक्की बात करने लगे तो नैना भी बात करती जा रही थी जैसे भगवान ने ही नैना से कहा हो। फिर हम सब ताजमहल पहुंच गए। पहले टिकट बुक करना पड़ा। फिर अन्दर पहुंच गए। अन्दर का नजारा इतना
कुछ कुछ सामान खरीदने लगे और जहां पर ताजमहल भी मिल रहा था तो विक्की ने एक खरीद लिया।नैना ने कहा ताजमहल कभी खरीदना नहीं चाहिए। विक्की ने कहा हां पता है पर मैं ये तो दादी के लिए ...और पढ़ेरहा हूं। दादी मां ने कहा था कि ताजमहल जरूर लाना। नैना खुब हंसने लगी और फिर विक्की उसको देखता रहा। ऐसे ही हंसती रहा करो ना।। जैसे कही खो सा गया था तुम्हारी हंसी। नैना ने कहा हां ठीक है।अब चलते हैं। तभी दूर से वो गाइड अहमद फ़ैज़ आता हुआ नजर आ गया।सर जी ओ,सर जी नमस्कार जा
सुबह सुबह विक्की,अतुल, बिमल चाय लेकर आ गए।माया तैयार हो गई थी साड़ी पहनी थी माया। माया ने कहा देखो तो। विक्की ने कहा किसी की नजर न लगे।। तभी विक्की का फोन बजा और कुछ देर बाद ही ...और पढ़ेने कहा अरे आज सागर जी नहीं आ रहें हैं। माया ने कहा हां मुझे पता था किस मुंह से आएगा।विक्की ने कहा अरे दीदी ऐसा नहीं है। चलिए हम आज फतेहपुर सीकरी चलते हैं। फिर सब तैयार हो कर निकल गए। फिर हम सब एक टैक्सी में बैठ गए और फिर निकल गए फतेहपुर सीकरी। कुछ घंटे बाद ही
विक्की ने कहा आज हम लोग महताब बाग़ जाएंगे। बिमल और अतुल बोला अरे वाह क्या बात है।।नैना ने कहा माया दी जाएगी ना? माया ने कहा हां और क्या करना है।मुझे तो बस अब दिल्ली जाना है। विक्की ...और पढ़ेकहा परसों सागर आ रहें हैं।माया ने कहा अरे बाबा अब मुझे किसी का इंतजार भी नहीं है।अतुल ने कहा शायद सागर भाई अभी तक शादी नहीं किया है।बिमल ने कहा हां मुझे भी कुछ ऐसा लगता है।नैना ने कहा जो भी हो पर उनको एक बार तो आना चाहिए था।। विक्की ने कहा हां नैना की बात से मैं
आज का दिन बहुत ही स्पेशल है माया दी के लिए।माया तैयार हो कर आ गई। नैना ने कहा दीदी आप साड़ी पहन लिजिए।माया ने कहा मैं साड़ी नहीं पहनुगी। नैना ने कहा अच्छा ठीक है।फिर सब तैयार हो ...और पढ़ेनीचे पहुंच गए।कुछ देर बाद ही सागर आ गया ।सबने मिलकर नाश्ता किया।सागर ने कहा आप सब से मिलकर अच्छा लगा।विक्की ने कहा हां ठीक है अब कुछ देर आप और माया दी बात कर लें।फिर सब कमरे में चले गए।माया और नैना बैठ गए।सागर ने पूछा क्या तुमने शादी कर ली। माया ने कहा ये कैसा सवाल है? सागर
दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर नीचे पहुंच गए सब एक साथ नाश्ता करने लगे फिर कुछ देर बाद ही सागर आ गया और हाथ में कुछ सामान का पैकेट लेकर माया को देने लगा और बोला ...और पढ़ेये कुछ तुम्हारे लिए। माया ने लेते हुए कहा अरे क्या जरूरत थी। सागर ने कहा हां ठीक है चलो मैं कानपुर जरूर आऊंगा।सभी नाश्ता करने लगे और बातचीत करने लगे।विक्की ने कहा आज रात की ट्रेन है हम दिल्ली पहुंच जाएंगे और फिर वहां से कानपुर निकल जाएंगे। सागर ने कहा हां ठीक है आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।फिर
विक्की ने कहा एक दिन का आराम और फिर दूसरे दिन कानपुर की ट्रेन।।बिमल और अतुल ने कहा हां दोस्त बहुत ही खूबसूरत उपहार दिया तुमने इतने दिनों से हमें इतनी सारी खुशियां देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।।विक्की ...और पढ़ेकहा अरे बाबा मैंने कुछ भी नहीं किया अगर आज निलेश रहता तो यही करता है ना। अतुल ने गले लगाते हुए कहा हां दोस्तों ठीक कहा।विक्की ने कहा अब अगले साल हम तुम सबको सिंगापुर लेकर जाएंगे।तब तक शायद मैं कुछ और खास बन जाऊंगा तुम्हारे लिए। और शायद सागर भाई भी जुड़ जाएं। माया ने कहा हां ठीक
फिर मजाक मस्ती में समय भी निकल गया।ग्यारह बजे तक कानपुर पहुंच गए।नैना ने पहले ही कोकिला को बोल दिया था कि रात का डिनर बना कर रखें। फिर घर पहुंच कर सब नहा धोकर सीधे कोकिला के घर ...और पढ़ेगए।कोकिला ने कहा आओ दोस्तों।विक्की ने पैर छुए और कहा कि सब कैसे हैं।कोकिला ने कहा हां ठीक है। चलो खाना लग चुका है। फिर सब जाकर खाना खाने बैठ गए।विक्की ने प्लेट में अपनी पसंद का खाना देखकर हैरान हो गया और फिर वो पुछा कि आंटी आपको कैसे पता कि आज मुझे ये सब पसंद है?कोकिला ने कहा
पौधों को हम पानी क्यों देते हैं? विक्की ने पूछा। नैना ने कहा अरे ये कैसा सवाल है।विक्की ने कहा बोलो।नैना ने कहा क्योंकि पौधों में जीवन है।विक्की ने कहा सही कहा पर देखा जाएं तो ये वेजूबान होते ...और पढ़ेहम अगर पानी नहीं देंगे तो ये मर जाएंगे लेकिन कुछ कह नहीं सकते हैं कि आपने हमें क्यों मार दिया।हम इंसान के साथ ऐसा नहीं हो सकता है। अगर किसी को तकलीफ़ में देख कर हम उसकी तरफ नहीं बढ़ेंगे तो हो सकता है एक दिन वो मर जाएगा और हम जिंदगी भर खुद को दोषी मान कर जिंदगी
माया ने कहा बस अब और नहीं बहुत कुछ बोल दिया है तूने अब सुन खेलेगी नहीं?नैना ने हंसते हुए कहा हां दीदी हम सब मिलकर खेलेंगे और फिर होली के पहले पापड़ कई तरह के और गुजिया,माल पुए।विक्की ...और पढ़ेकहा अभी मुंह से पानी आ रहा है ना। विक्की ने कहा अच्छा बाबा मैं भी तुम्हारे साथ खेलना चाहता हूं। नैना ने कहा हां ठीक है चलो। फिर दोनों वहां पर बैठ गए।नैना ने कहा मेरी गुड़िया सबसे सुंदर और आकर्षक है उसका नाम दानी है।विक्की ने कहा अच्छा तो मेरा गुड्डा भी कुछ कम है क्या कितना बहादुर
बिमल और अतुल सुनकर बहुत ही खुश हो गए।माया ने कहा अब जल्दी से आ जाओ तुम लोग।अतुल ने कहा हां ठीक है होली से पहले आता हूं। फिर हम सब सो गए।दूसरे दिन सुबह चाय नाश्ता करने के ...और पढ़ेहम सब मिलकर बात करने लगे।इतने में माया ने आलू, साबूदाने का पापड़ बनना शुरू कर दिया नैना ने कहा दीदी मैं छत पर जाकर बाकी सब तैयारी कर लेती हुं। विक्की ने कहा हां चलो मैं भी आता हूं।फिर दोनों मिलकर कर छत पर जाकर सारी तैयारी कर ली।विक्की ने कहा कितना अच्छा लगता है ये सब कुछ।परदेस में
फिर सब ऊपर आकर फ्रेश होकर बैठ गए।विक्की ने कहा दीदी कैसा लगा?माया ने कहा अरे भाई तू तो कमाल कर दिया। इतने कम समय में इतनी सारी खुशियां दे दिया तूने।विक्की ने कहा हां ठीक है अब हम ...और पढ़ेऔर रविवार कानपुर की सैर करेंगे। फिर मजा आएगा।नैना ने कहा हां अब तो तुम्हारी सैम भी आने वाली है।विक्की ने कहा सारा मुड खराब कर दिया।माया ने कहा चल नैना छत से सारे पापड़ ले आएं।नैना ने कहा हां ठीक है फिर दोनों जाकर सारे पापड़ ले कर बालकनी में रख दिया।फिर सब मिलकर चाय पीने लगे। विक्की ने
सब आईसक्रीम खाने के बाद वापस आ गए।रात काफी हो गई थी तो माया ने कहा सब सो जाओ।फिर नैना ने कहा कि विक्की को टीका लगा दूं।विक्की ने कहा अच्छा अब याद आया।मन में सोचा कब से तरस ...और पढ़ेथे इस पल के लिए।नैना ने एक टीका लगा दिया।विक्की ने भी मुस्कुराकर नैना के माथे पर टीका लगा दिया।नैना थोड़ा सा डर रही थी कहीं विक्की कोई नादानी न कर दें।फिर सब सोने चले गए।सुबह जल्दी उठकर सबने चाय पी लिया।विक्की ने कहा अतुल सारे रंग निकाल लो।बिमल ने कहा हां भाई चलो नीचे।विक्की ने कहा दीदी आप भी
नैना ने कहा पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा है कि वो कुछ कह रहा था मुझे मेरे लिए कुछ लाया था शायद।पर नहीं दे सका।मैं भी कितना सोच रही हूं। चलो अब चलते हैं।फिर सब कोई नीचे पहुंच ...और पढ़ेतभी देखा तो सागर भी खड़ा था।माया ने कहा अरे कब आए।सागर ने कहा कुछ देर पहले।ये लो गिफ्ट्स होली पर।नैना ने कहा आज कोई तो गिफ्ट लेकर आया।। विक्की ने कहा हां किसी किसी की आदत होती है सच को छुपाने की।नैना ने कहा हां वही तो।पर किसी की अच्छी आदतें होती है गिफ्ट्स देने की।सागर ने कहा चलो
फिर आभा ने सफाई करते हुए पलंग के नीचे से वो पैकेट निकाला और पलंग पर रख दिया। और फिर नैना नहा कर बाहर निकल आई तो देखा कि पलंग पर एक पैकेट है।। नैना ने कहा कोई आया ...और पढ़ेकि रूम में।आभा ने कहा नहीं तो।पर ये पैकेट कहा से आया?आभा ने कहा अरे दीदी ये पलंग के नीचे गिरा पड़ा था।नैना ने कहा हां ठीक है फिर पैकेट को देखा और देख कर समझ गई कि ये विक्की ने ही कल दिया होगा। ओह माई गॉड बहुत गलती हो गई इसलिए वो नाराज़ था मैंने नहीं पहना।अब क्या
फिर सब लोग चिड़िया घर पर उतर गए।। सागर ने जाकर टिकट बुक करवाया। और फिर विक्की गाड़ी को पार्क करने गए।सब विक्की के आने का इंतजार करने लगे। चिड़िया घर बहुत सारे हिस्से बने हुए थे और सब ...और पढ़ेअलग अलग महत्व था। फिर पार्क का एक क्षेत्र जो पौधों की कई स्वदेशी प्रजातियों को समायोजित करता है, जिनकी देखभाल पेशेवर रूप से प्रशिक्षित संरक्षणवादियों द्वारा की जाती है। यह क्षेत्र पिकनिक, सैर और व्यावहारिक शिक्षण अवसरों जैसी अवकाश गतिविधियों के लिए आदर्श है। झीलएलन फ़ॉरेस्ट से संबंधित एक खूबसूरत झील जो 44 से अधिक जलीय प्रजातियों को घर
फिर काफी देर तक खाने का सिलसिला जारी रहा।।विक्की ने कहा कल घर में पंडित जी को बुलाकर एक दिन तय कर लेते हैं। सागर ने कहा हां ठीक है फिर सब घर के लिए निकल पड़े।विक्की ने कहा ...और पढ़ेकुल्फी फालूदा खाना है क्या?सबने हामी भर दी।और फिर सब उतर गए।और सबके लिए स्पेशल कुल्फी फालूदा आ गया और सब खाने लगे।नैना ने कहा मुझे एक और लेना है विक्की ।विक्की ने कहा हां ज़रूर और फिर मन में सोचा कि आज पहली बार नैना ने कुछ तो मांगा है अपना समझ कर।।फिर अतुल बिमल और नैना के लिए
नैना ने बहुत कोशिश किया पर हाथ नहीं छुड़ा पाई।और फिर उसे कुछ याद आया और फिर बोली ओह मेरा मोबाइल।।ये सुनकर विक्की ने अपना हाथ हटा लिया।नैना ने तुरंत मोबाइल लेकर कुछ देखने लगी। फिर सब खाने के ...और पढ़ेवही पर कुछ चादरें अन्य सामान, हैंड बैग देखने लगें। फिर सागर ने माया को एक लहंगा खरीद दिया।माया ने कहा क्या बुढ़ापे में ये सब पहनूंगी। सागर ने कहा अरे बाबा तुम भी ना ये सब मत बोलो ।।जो जो कर सकता हूं कर दुंगा।माया ने कहा हां ठीक है फिर लहंगा खरीद लिया।विक्की ने कहा नैना तुम भी
माया ने कहा देखो नैना जो कुछ निलेश का है वो अब तेरा है।नैना ने कहा ये क्या बोल रही हो दीं।मैं तो कभी ये सब सोचा ही नहीं था निलेश ने जो कुछ मेरे लिए किया उसका कर्ज ...और पढ़ेनहीं चुका पाऊंगी।तभी तो मैं अपना सब कुछ छोड़ कर आपके पास आ गई थी। जबकि निलेश ने मुझे कोई अधिकार नहीं दिया था।पर फिर भी आ गई।निलेश ने मेरे साथ कभी कुछ भी नहीं किया अपने प्यार का इजहार वो अपनी आंख देकर चला गया। इसके लिए मैं उसे शत् शत् नमन करती हुं भगवान उसकी आत्मा को शान्ति
विक्की ने कहा अरे इतनी दूर क्यों बैंठी हो ।।यहां तो हमारे सिवा कोई भी नहीं है।नैना ने कहा हां मैं जानती हूं पर क्या है ना ये दुरी है जरूरी।।विक्की ने हंस कर कहा हां ऐसा क्या।।नैना ने ...और पढ़ेदेखो तुम जो कहना चाहते हो वो कह दो हां वरना।।विक्की ने कहा हां कहता हूं सुनो मैं यहां पर एक मिशन पर आया हुं और अगले महीने माया दी की शादी के बाद चला जाऊंगा। नैना ने कहा अच्छा ऐसा है पर तुम ये अब बता रहे हो।वैसे कब वापस आओगे?विक्की ने कहा हां जाना अपने हाथ है पर
नैना स्कूल के लिए निकल रही थी कि विक्की आकर देखा और फिर बोला अरे बाबा आज भी नहीं खाना है। मुझे भी नहीं खाने दोगी है ना।नैना ने कहा अरे बाबा ये क्या हो गया है। तुम खाओ ...और पढ़ेने कहा कुछ हो गया क्या हो गया क्या हो गया बता।।नैना ने कहा मजाक मत करो मैं जा रही हुं।विक्की ने कहा नहीं आज नहीं जाओगे और फिर नैना का हाथ पकड़ कर टेबल तक ले आया।नैना ने कहा देखो तुम्हारा नाम।विक्की ने कहा हां याद है अब बैठ जाओ। ये कह कर आलू का पराठा मुंह में डाल
माया जल्दी उठकर तैयार हो गई थी बार बार सागर का फोन भी आ रहा था।विक्की ने कहा अरे बाबा फोन तो उठा लो।माया ने कहा हां फुर्सत नहीं है क्या करूं।नैना ने कहा ओह दीदी आप भी ना ...और पढ़ेपरेशान करोगी। विक्की ने कहा अरे बाबा अभी तक बिमल और अतुल नहीं आएं बाजार से।और महाराज तो आकर पुरिया तल रहे हैं।जलेबी, कचौड़ी, सब्जी सब नाश्ता बन गया है।नैना ने कहा हां ठीक है तुम खा लो।विक्की ने कहा मरना है क्या सब साथ साथ खाएंगे।नैना ने कहा हां मैं समझ सकती हुं भुख ।। फिर कुछ देर बाद
पार्टी बहुत ही अच्छे से हो गया था।माया की सहेलियां अभी तक माया के साथ हंसी-मजाक कर रही थी।नैना ने सबको आइसक्रीम दिया खाने को।माया ने कहा आप लोग प्लीज़ रात का खाना लेकर जाओ।कोकिला ने कहा हां ठीक ...और पढ़ेमैं अब चलती हूं रेखा खाना लेकर आएंगी। फिर रात को खाना खाने बैठ गए।।दोपहर का बहुत सारा भोजन बचा था।रेखा ने सबको खाना सर्व कर दिया।माया ने खाना पैक करके रेखा को दे दिया।रेखा भी चली गई। खाना खाते समय सागर का फोन आया और माया ने सब कुछ बता दिया।सागर ने कहा अरे मेनू नहीं बताया? माया ने
नैना ने कहा दीदी आप खा लो मेरी चिंता मत करो।विक्की ने कहा हां,हां ज़रूर खाएंगे। किसी ने इतना अच्छा खाना बनाया है।माया ने थाली में खाना लगा दिया और फिर विक्की को दिया और फिर खुद भी लेकर ...और पढ़ेगई।विक्की ने कहा खाते हुए वाह क्या बना है पुलाव। किसी को मेरी पसंद का इतना ख्याल है और खुद कहते हैं कि ये कैसा सवाल है। माया ने कहा अरे वाह क्या अंदाज है।फिर दोनों खानें लगें पर नैना नहीं आई।कुछ देर बाद ही नैना आ गई और फिर बोली अरे वाह ये दिखावा करते हो हां उस दिन
नैना कमरे में खुद को बन्द करके रख दिया और फिर वो रात भर रोती रही पर उसका गुस्सा कम नहीं हुआ। दूसरे दिन सुबह सब जल्दी उठकर तैयार हो गए पर नैना नहीं उठीं और अभी तक विक्की ...और पढ़ेउस हरकत पर गुस्सा आ रहा था।। ऐसे कैसे कर सकता है विक्की मेरे साथ।।माया ने दरवाजा खटखटाया और फिर बोली अरे नैना अब तो बाहर आओ ।।आज मैडम के घर पार्टी में जाना है कि नहीं।। नैना ने जोर से कहा मुझे कहीं नहीं जाना है दी।आप लोग ही जाओ।मेरा तबीयत ठीक नहीं है।विक्की ने कहा हां सब पता
विक्की ने कहा हां ठीक है ।।चलो अब जल्दी से डांस शुरू करते हैं।मैडम ने कहा हां पर नैना ने बताया नहीं कि वो पर्दा क्यों करी है?नैना ने कहा हां मैं किसी वजह से ऐसा कि हुं।।पर प्लीज़ ...और पढ़ेलोग यहां इन्जाय किजिए।विक्की ने वहां पर जो भी मियुजिशरन थे उसने गिटार ले लिया। और फिर उसने सोच लिया था कि जैसे भी हो नैना का पर्दा हटाना होगा।तो वो नैना के पास जाकर ही गाना शुरू किया। चाँद से परदा कीजियेहाँ..चाँद से पर्दा कीजियेकहीं चुरा ना ले चेहरे का नूरऐ मेरे हम नवा.. ऐ मेरे हुज़ूरऐ मेरे हम
विक्की काफी देर तक नैना के अतीत के पन्नो को पलट कर देखता रहा और फिर बोला कि कैसे कोई इतना सहन कर सकता है मैं नैना को इस अतीत के साये के साथ जीने नहीं दुंगा मुझे किसी ...और पढ़ेसे नैना को हौसला बढ़ाना होगा।आगे जब विक्की ने पेज पटल कर देखा तो लिखा था कि जो कुछ भी हुआ वो साइंस टीचर की वजह से हुआ था। विक्की ने कहा ओह तो ये बात है।फिर आगे लिखा था कि मैं जब पांचवीं कक्षा में थी तो साइस के टीचर किशन सिंह बहुत ही अच्छे से साइंस पढ़ाते थे।उस
सुबह नैना तैयार हो कर छत पर पहुंच गई और फिर वहां देखा तो विक्की ने बाकशिग पैड लगाया था।विक्की ने कहा सबसे पहले तुम्हें तुम्हारे साथ हुएं जूल्म को याद करते हुए यहां पर हिट करना होगा लगातार।।नैना ...और पढ़ेकहा अच्छा।विक्की ने कहा हां गुड बढ़ो आगे दोनों हाथ ऊपर करो एक हाथ आगे और एक हाथ पीछे।।नैना ने आगे बढ़ते हुए हिट करना शुरू किया और इसी तरह लगातार हिट करती रही और फिर जैसे लगा कि एक शुकून मिला दिल को आराम मिला।विक्की ने कहा गुड नैना।अब दूसरा पेतरा अगर कोई तुम्हें सामने से आकर छूएं तो
फिर विक्की ने कहा आज मेरी तरफ से पार्टी।।नैना ने कहा हां ठीक है हम एक अच्छे से रेस्तरां पर चले।। माया ने कहा हां ठीक है पर क्या नैना को अदालत में जाना होगा।विक्की ने कहा नहीं, नहीं ...और पढ़ेकुछ नहीं होगा।अदालत में केस दर्ज किया नहीं जाएगा पर हां आजीवन कारावास दे दिया जाएगा।एक बार नैना को साइन करने के लिए बुलाया जाएगा।नैना ने कहा हां ठीक है मुझे अब कोई डर नहीं है।फिर सब तैयार हो कर नीचे पहुंच गए।विक्की ने गाड़ी निकाल लिया और फिर तीनों निकल गए। रेस्तरां पहुंच कर विक्रम सिंह शेखावत ने नैना
सारी तैयारियां जोरों से चल रही थी।आज बिमल और अतुल भी आ गए थे।नाश्ता विक्की ने बाहर से मंगवाया। कचौड़ी सब्जी जलेबी लस्सी सबने मिलकर नाश्ता किया और फिर माया ने कहा कि सब कुछ तैयार हो गया है।नारियल ...और पढ़ेलड्डू, बेसन का लड्डू बन गया है।नैना ने कहा हां दस बजे की ट्रेन है।विक्की ने कहा हां आलू की पुरी और मसाला पुरी अचार रख लिया है ना। माया ने कहा कि हां सब कुछ अच्छी तरह से रख दिया है। विक्की ने कहा कि अच्छा ठीक है हम लोग आठ बजे तक निकल जाएंगे।बिमल ने कहा हां ठीक
अब सब थक चुके थे जो सब नाश्ता था कर भी लिएं और फिर दिल्ली स्टेशन पर पहुंच गए। कुली से सामान निकलवा दिया और फिर सागर भी आ गए। माया ने सागर से हाथ मिलाया और फिर बोली ...और पढ़ेतुम कब आए? सागर ने कहा कब से खड़े हैं और फिर तुम देख नहीं रही हो।विक्की ने कहा अरे वाह क्या बात है हम सब खड़े हुए हैं फिर भी आप माया दी को ही देख रहें हैं।सागर ने कहा नहीं साले सहाब। दिलवालों की दिल्ली में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।सब हंसने लगे।फिर वहां से बाहर निकल
दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर नीचे पहुंच गए जहां नाश्ते का इंजमाम किया गया था।फिर अतुल बिमल सब प्लेट में परोस कर खाने लगे।विक्की ने कहा चलो दीं हम भी खा लें।नैना ने कहा हां ठीक ...और पढ़ेफिर विक्की माया और नैना प्लेट में नाश्ता लेकर खाने लगे। बहुत कुछ था नाश्ते में जिसको जो पसंद हो बस का लो।नैना ने कहा आज लेडिज संगीत में तुम लोग नहीं आ सकते हो।विक्की ने कहा अच्छा किसने कहा? नैना ने कहा अरे बाबा लेडिज संगीत में तुम लोग कैसे आ सकतें हो।विक्की ने कहा ऐसा कैसे मैं तो
विक्की ने ये दावा किया था कि वो लेडिस संगीत में आयेगा और वो आ गया था।विक्की अब रूकने वाला कहां था?दिलवालों दिल मेरा सुनने को बेकरार है।। सितारों की महफिल में गूँजेगा तरानाके होठों पे आया है दिल ...और पढ़ेफसानाअरे दिल ने दिल को पुकारालो मैं आया मिलने दोबारामंजिल प्यार तुम्हारामैं हूँ सागर, तुम हो किनारा सितारों की महफिल में गूँजेगा तरानाके होठों पे आया है दिल का फसानाअरे दिल ने दिल को पुकारालो मैं आया मिलने दोबारा.. अजब शाम है ये प्यार कीपहलू में सब के यार हैंअजब रात है जज़्बात कीदिल में प्यार ही प्यार है प्यार
दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो गई थी । आज माया की हल्दी होने वाली थी वैसे भी दुल्हा दुल्हन की हल्दी एक साथ ही होने वाली थी।माया को बार बार सागर का फोन आ रहा था।नैना भी ...और पढ़ेहो गई दुल्हन के साथ सब लोग पीले रंग का सूट, लहंगा पहना था।नैना ने भी लहंगा पहना था। और किसी तरह से आप अपने दोनों हाथों को छुपाएं हुईं। विक्की भी पीली रंग का कुर्ता पहना था साथ में जीन्स।अतुल बिमल भी सब खुश नजर आ रहे थे।फिर नीचे गार्डन में ही सारी सजावट हुईं थीं।दुल्हन और दूल्हा साथ
विक्की ने कहा हां ठीक है समझ गया अब फिल्मी हीरो आएं तो।नैना भी काफी गुस्से में थी और फिर सो गई।माया भी लेटी हुई थी और फोन पर फोटो देख रही थी।फिर कुछ देर बाद पार्लर वाली आ ...और पढ़ेमाया को सजाने के लिए।।फिर सब भीड़ काफी माया के रूम के बाहर हो गया था।माया को पहले बनारसी साड़ी पहना दिया गया। गुलाबी रंग की बनारसी में बहुत ही खूबसूरत लग रही थी माया। उसके बालों को सुंदर सा जुड़ा बना दिया गया था।माया ऊपर से नीचे तक गहनों से लदी हुई थी।विक्की ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
माया ने कहा विक्की के बिना ये सब सम्भव नहीं था।। सागर भी विक्की को गले से लगाया और कहा कि विक्की से मैं ज्यादा नहीं मिला पर हां इतना जरूर कहूंगा कि इसने जो किया है वो कोई ...और पढ़ेनहीं कर सकता है।विक्की सागर के गले लग गया और फिर बोला कि आप सिर्फ माया दी को खुश रखना बस और कुछ नहीं चाहिए।सागर ने कहा हां विक्की। विक्की ने कहा वो कार माया दी का ही है।सागर ने कहा हां माया ने बताया था।माया नैना के गले लगा कर रोने लगी और फिर बोली तेरी चिन्ता रहेगी मुझे।नैना
रात को डिनर करने के बाद सागर और बाकी सब लौट आए।विक्की ने माया के रूम में जाकर बैठ गया। माया ने कहा अब फुर्सत मिला मेरे भाई को?विक्की ने कहा अरे बाबा दी अब तो शादी हो गई ...और पढ़ेफिर मैं कैसे याद रहूंगा आपको।इतना सुनते ही माया ऱोने लगी।विक्की ने कान पकड़ते हुए कहा साॅरी दी वैसे नैना कहां है?माया ने कहा हां अब बात पते की बोलें हो।वो लोग मुवी गए हैं।विक्की सुनते ही कहा ओह ये बात है।।विक्की ने मन में कहा ऐसा कैसे कर सकती हैं मुझे कुछ बताई नहीं।।विक्की बालकनी में चला गया।कुछ देर
माया को जिस दिन का इंतजार था वो दिन भी आ गया था। आज माया का रिसेप्शन था।घर में सुबह से सब लोगों का आना जाना लगा हुआ था।नैना ने माया को गले लगाते हुए कहा कि दी आज ...और पढ़ेबाद तुम्हारा सपना पूरा हो गया।माया ने कहा हां अब मैं चाहती हूं कि तेरा सपना भी पूरा हो जाएं।कुछ देर बाद सागर आ गया और साथ में फुलों का गुलदस्ता लेकर आ गए।ये तुम्हारे लिए है। सागर ने कहा।माया ने कहा वाह क्या बात है थैंक यू।सागर ने कहा तो साली साहिबा को क्या चाहिए?नैना ने कहा मुझे कुछ
विक्की जाने लगें और फिर माया के पास जाकर कहा दीदी आप खुश रहना हां और अपना ख्याल रखना।माया रोने लगी। नैना ने स्टेज पर गाना गाने लगी।जाने वफ़ा होकर बेकरार वर्षों किया मैंने जानेवफा होके होने के कारण ...और पढ़ेहोके बेकरारबरसोंकिया मैंने इंतजारपर कभी तूने नहींये सब कहा जो अब कहादिल बेबसी में चुपके से रोटा हैक्या करूंकुछ कुछ होता है।।नैना रोने लगी और फिर जैसे ही दौड़ कर विक्की के पास गई तब तक विक्रम सिंह शेखावत वहां से निकल चुका था।वो ऐसा दुख देकर चला गया एक बार भी कुछ कहा नहीं। नैना एक दम फूट फूट
विक्की ने फोन रखते हुए कहा अब क्या फायदा जाने का नैना तो खुश हैं अमन के साथ। नैना मुझे पहले नहीं बताया मैं अमेरिका से दो साल से तुम्हारे पीछे पागलों की तरह पड़ा रहा पर तुम ने ...और पढ़ेदिल तोड दिया है मैं कभी भी किसी लड़की को इतना नहीं चाहा जितना तुम्हें चाहा था।विक्की रोने लगा और फिर तैयार हो गया।अपने काम पर ध्यान देते हुए उसने कुछ कमांडो को खुफिया जानकारी देने लगा और फिर बोला कि मेरे आने तक इन्तजार करना अगर मैं नहीं आया तो समझ लेना कि देश के लिए शहीद हो गया।सभी
आज फिर तुम पर प्यार आया है बेहद और बेहिसाब आया है। ये गाना नैना सुन रही है और फिर एकाएक याद आया कि आज तो माया दी सिंगापुर जा रही है।गाना खत्म होने के बाद ही नैना ने ...और पढ़ेको फोन किया।माया ने कहा हां नैना बोल।नैना ने कहा पैकिंग हो गई।। माया ने कहा हां बस सागर ने ही किया। और हां हम रात को निकल जाएंगे। चलो रखती हुं।माया की सारी पैकिंग भी हो गई थी।सब डिनर जल्दी ही कर लिया।अमन, चाचाजी, सपना एयरपोर्ट जा रहे थे।दादी मां के पैर छुए और फिर बाकी सभी के पैर
माया ने कहा हां डियर अब तक गई हुं।फिर वापसी भी हो गई।डिनर रूम में ही मंगवा लिया।माया ने कहा पता है आज निलेश होता तो क्या बात थी।सागर ने कहा हां ठीक है पर विक्की भी तो है।माया ...और पढ़ेकहा हां वो भी मेरा भाई है। पिछले जन्म का रिश्ता है।फिर दोनों ने एक-दूसरे को खिलाया और फिर ही रोमांटिक हो गए और एक दूसरे में खो गए।उधर नैना ने फिर से स्कूल जोय्न कर लिया था वरना वो तो अकेले नहीं रह पातीं।शाम होते ही नैना निलेश के घर जाकर दिया बत्ती जला देती और फिर पौधों के
आज विक्की ने बहुत बड़ा फैसला ले लिया वो अब वापस अमेरिका जाएगा पर जाने से पहले नैना को कुछ बताना चाहता है उसके लिए वो सिर्फ एक दिन के लिए कानपुर जा रहा था। ऐसा क्या आखिर बोलना ...और पढ़ेविक्की को जो एक दिन के लिए वो कानपुर पहुंच गया।विक्की कितनी बार फोन किया और उसने फोन नहीं उठाया।मैं बुई को बोल देता हूं और फिर बेल बजाया तो रेखा ने दरवाजा खोला तो देखा कि विक्की खड़ा था।कोकिला ने कहा अरे वाह विक्की आओ।विक्की ने पैर छु कर कहा कि नैना फोन नहीं उठा रही है।कोकिला ने कहा
दो दिन बाद विक्की अमेरिका पहुंच गया और फिर उसका स्वागत एयरपोर्ट पर ही हुआ बहुत बड़े पैमाने में लोग आएं और वो सब माला, गुलदस्ता देकर विक्रम सिंह शेखावत आर्मी ऑफिसर का स्वागत कर रहे थे।इसके बाद विक्की ...और पढ़ेमें बैठ गए और फिर कुछ देर बाद अपने बंगले में पहुंच गया।फेश होने के बाद ही दादाजी के रूम पहुंच गया और दादाजी के पास बैठ गया।दादी मां ने कहा कि कहां है तेरी दुल्हन? वादा किया था पर तुमने क्या किया।।विक्की ने कहा हां दादी मां पहले दादाजी ठीक हो जाएं।।दादी मां ने कहा हां ठीक है पर
माया बहुत ही खुश थी क्योंकि उसके सारे सपने अब धीरे धीरे पुरे हो रहे थे।सागर ने कहा अरे बाबा अब चले काफी देर हो रही है।माया ने कहा हां ठीक है चलो।फिर सब लोग नीचे पहुंच गए। सपना,अमन ...और पढ़ेअपने अपने बैग के साथ रेडी हो गए थे।फिर कुछ देर बाद ड्राइवर ने गाड़ी निकाल लिया।माया ने सबके पैर छुए और फिर रोने लगी।सागर की मां ने कहा अरे माया रो क्यों रही हो?माया ने कहा मम्मी आप लोग ने जो मुझे प्यार दिया वो मै कभी नहीं भुल सकती हुं।दादी मां ने कहा हां ये तो तेरा हक़
दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर सब नैना के घर पहुंच गए पहले नाश्ता किया और फिर सागर ने कहा कोकिला जी आप और रेखा भी चलिए।कोकिला ने कहा नहीं नहीं मैं जोड़ों का दर्द बहुत ज्यादा ...और पढ़ेगया है।सब नाश्ता करने लगे माया ने कहा चलो अब जल्दी से कार तो बुक करो।सागर ने कहा हां सब हो गया।अतुल और बिमल भी आ चुके थे।अमन ने कहा दो, तीन दिन में पुरा कानपुर हो जाएगा?नैना ने कहा नहीं ऐसा कैसे हो सकता है।।सागर ने कहा पर ज्यादा समय नहीं है कुछ ही देख लेंगे।सपना ने कहा हां
फिर सब दिल्ली वापस आ गए। सपना का दिल नहीं लग रहा था उसको तो और घुमना था।दादी मां ने कहा अच्छा बाबा मैं अब जाऊंगी।माया ने कहा हां दादी मां हम सब जाएंगे।दादी मां ने कहा हां मुझे ...और पढ़ेमन है।फिर माया ने कहा अरे दादी मां आओ पैर की मालिश कर दूं।दादी मां ने कहा हां ठीक है मेरी बच्ची।कुछ देर बाद ही माया ने दादी मां के पैर दबा दिया था।फिर तेल गरम करके माया ने बहुत ही अच्छे से दादी मां की पैरों पर मालिश करने लगी।दादी मां ने कहा जुग जुग जियो मेरी बच्ची।।माया ने
सपना बहुत ही उत्साहित हो गई थी दो दिन बाद का शुभ मुहूर्त निकाला है।अमन ने कहा चलो अब शापिंग मॉल चले।माया ने कहा अरे बाबा सब मिलकर शाम को चलेंगे।सपना ने कहा हां और क्या भाभी के साथ ...और पढ़ेजाएंगे। सागर भी आफिस से आ गए। सागर ने कहा क्या बात है खुब शोर हो रहा है।।सपना ने कहा हां भाई आज शापिंग मॉल जाएंगे।सागर ने कहा ओह मेरी गुड़िया।माया ने कहा हां चलो खाना खा लो।फिर माया ने कहा हां ठीक खाना खा कर सो जाओ।सागर ने खाना खाते हुए कहा कि इतना दिन बोरिंग खाना खा रहा
नैना ओ नैना कहां खो गई घर नहीं जाना है।शीतल ने कहा।नैना ने कहा हां चलो चलते हैं खुली आंखों से सपना देख रही थी मैं अब कुछ जल्दी करना होगा।फिर नैना घर आ गई और फिर बुई से ...और पढ़ेबातों में कहां की मैंने सोचा कि अब अमेरिका जाऊंगी अपनी आगे की पढ़ाई पूरी कर लूं जो आंखों की वजह से छोड़ा था आज विक्की ने ठीक ही कहा था।कोकिला ने हंस कर कहा अरे वाह नैना जा जी ले अपनी जिंदगी।।नैना ने कहा हां पर विक्की का मदद लिए बगैर।।कोकिला ने कहा हां ठीक है जो करना है
नैना ने अपनी सारी सेविंग निकाल लिया ये सुनने के बाद विक्की बहुत ही गुस्से में आकर नैना को फोन करके हजार बात सुना दिया।नैना ने कहा तुम होते कौन हो हां मैं जो करूं वो मेरा फैसला मेरा ...और पढ़ेआज तुमने जो दर्द दिए हैं उसके लिए मैं कभी माफ नहीं करुंगी तुम्हें।।विक्की ने कहा क्या मैं इतना बुरा हुं जो तुम मुझसे नहीं ले सकती थी।नैना ने कहा किस हक से लुंगी तुमने तो वो हक दिया ही नहीं मैं बहुत थक चुकी हुं अब परसों मैं आ रही हुं हां एयरपोर्ट आने की जरूरत नहीं है।विक्की ने
हवाई जहाज पर बैठ कर नैना ने बुई को और माया को फोन करके बता दिया। विक्की का फोन आया पर नैना ने फोन बंद कर दिया। नैना आंख बंद करके लेट की और अपने जिंदगी में गुज़रे हुए ...और पढ़ेको याद किया। आखिर क्या मिला मुझे एक इन्सान का प्यार तक नहीं मिला। निलेश जो मुझे प्यार करना सिखाया पर प्यार जता नहीं पाया और विक्की ने मेरे प्यार का मजाक बना दिया। फिर एक दिन बीत गए और फिर रात को अमेरिका पहुंच गई। नैना को डर सा लग रहा था कि पता नहीं कैसे कहां जाएंगी।पर बाहर
नैना अस्पताल पहुंच कर काउंटर पर जाकर नैना ने पूछा तो फर्स्ट फ्लोर पर पहुंच कर केविन २ में जाकर देखा कि विक्की लेटा हुआ था। नैना अन्दर पहुंच कर बोली कि अब कैसे हो?विक्की ने कहा ओह तुम।नैना ...और पढ़ेकहा हां पुलिस का मेरे पास फोन आया था।विक्की ने कहा हां वही तो।नैना ने कहा हां कहां मेरी देखभाल करने वाले थे कहां मैं देखभाल कर रही हुं। विक्की ने कहा दादी मां को मत बताना।डाक्टर ने कहा एक दिन रुकना होगा।सर पर चोट लगने की वजह से सीटी स्कैन होगा।नैना ने कहा हां ठीक है मैं रुकती हुं।
माया के घर में शादी की तैयारी बहुत ही जोर से चल रही थी। रिश्तेदार भी आ गए थे।मेहमानों का आना जाना लगा था।माया सुबह से शादी की तैयारी कर रही थी।सपना भी पैकिंग कर रही थी।सागर भी अपनी ...और पढ़ेबहन की शादी को लेकर बहुत उत्साहित हो गया था।चाचा जी और मंगल भाई भी सब्जी मंडी पहुंच गए।रसोईया नाश्ता तैयार कर रहा था।आज सपना की हल्दी की रस्म होने वाली थी।सब अपने अपने कमरे में तैयार हो रहे थे।चाची,ताई,सब लोग गाना बजाना शुरू कर दिए।सपना की सारी सहेलियां भी नाच गाना शुरू कर दिया था।माया भी हल्दी की तैयारी
नैना होस्टल में पहुंच गई और फिर उसी के साथ वाले कमरे में एक नई लड़की भी आ गई।रिचा ने कहा मैं रिचा हूं मेरी फेमिली कनाडा में है और मैं यहां।नैना ने हंसते हुए कहा ये तो अच्छी ...और पढ़ेहै। रिचा ने कहा पता है मेरे डैड के पास कोई कमी नहीं है पर वो चाहते हैं कि मैं खुद कुछ करूं।नैना ने कहा हां ये तो अच्छी बात है।मन में सोचा कि जैसे विक्की चाहते हैं।रिचा ने कहा आज से हम दोस्त।नैना ने कहा हां ज़रूर।रिचा ने कहा तुम अपने बारे में कुछ बताओ।नैना ने कहा क्या बताऊं
दादा और दादी तैयार हो गए। विक्की ने कहा चलो जल्दी नीचे सब मेहमान रिश्तेदार आ गए हैं।नैना एक साड़ी पहनी थी।दादी मां और दादाजी ने विक्की और नैना को पास बुलाया और कहा कि तुम दोनों ही मेरे ...और पढ़ेके एक मात्र सहारा हो।मैं चाहता हूं कि तुम दोनों अपने अपने अहम छोड़ कर मेरी एक इच्छा पुरी करो।।विक्की के अफसर और फौजी भाई भी आएं थे।विक्की ने अपने हाथ से एक बड़ा सा केक लेकर आया। दादी मां और दादाजी ने एक साथ केक काटा और नैना और विक्की को खिलाया। दादी मां रोने लगी और फिर बोली
दूसरे दिन सुबह सब नाश्ता करने बैठ गए।नैना भी आकर चाय पीने लगीं और फिर बोली दादी मां कैसे हो।दादी मां ने कहा हां ठीक है सब।बेटा एक काम कर दो कल जो जो गिफ्ट मिला है वो तुम ...और पढ़ेविक्की मिलकर खोल देना।नैना ने कहा हां ठीक है।विक्की ने कहा मैं एक बार आफिस होकर आता हूं।विक्की ने कहा नैना मैं आता हूं फिर कुछ बातें करनी हैं।नैना मन में सोचने लगी कि कल कुछ किया क्या मैंने उस शर्बत को पीने के बाद पता नहीं मुझे कुछ भी याद नहीं मैं डांस करने के बाद क्या हुआ था
लक्ष्मी को पुलिस लेकर पोस्टमार्टम के बाद पार्थिव शरीर को घर आकर दे गए।विक्की ने जब अपनी मां को इस हालत में देखा तो वो खुब रोने लगा और फिर बोला कि मां उठो ना मां तुम तो जल्दी ...और पढ़ेतैयार हो जाती हो।दादी मां ने कहा बेटा तेरी मां चली गई अब वापस नहीं आएगी कभी।।फिर किसी तरह आस पास के लोग आकर लक्ष्मी को आखिरी विदाई के लिए तैयार किया पर विक्की के पापा नहीं आया। नैना रोने लगी ये सब सुनते हुए और फिर बोली ओह विक्की ने कितना दर्द सहा है।दादी मां ने कहा हां उस
फिर दोनों एक दूसरे से लिपट कर प्यार करने लगे नैना को तो प्यार की चाहत वर्षों से थी वो इस आग में जल रही थी।और फिर एकाएक विक्की ने नैना को छोड़ दिया और फिर बोला ओह शायद ...और पढ़ेअपनी सीमा भुल चुका था।नैना ने कहा पर विक्की मैंने तो कुछ भी नहीं कहा।विक्की ने कहा नहीं अब तुम सोने जाओ रात काफी हो चुकी है।नैना रोते हुए वहां से सीधे अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर दिया और रोने लगी।समझता क्या है खुद को।फिर नैना सो जाती है और विक्की सारी रात वहीं बिता देता है।दूसरे दिन
नैना ने कहा कि ये क्या हो रहा है कालेज में ।। नैना की दोस्त रिचा भी आ गई और फिर बोली अरे वाह नैना तुम लड़ती भी हो क्या।नैना हंसने लगी हां विक्की ने सिखाया था कि कैसे ...और पढ़ेको अपनी रक्षा करनी चाहिए।नैना ने फिर सबको एक एक मुक्का दिया और उन लड़कों में कोई अंग्रेज भी था।फिर नैना और रिचा लेक्चर सुनने चले गए।फिर कैंटिन में जाकर बैठ गए नैना ने विक्की के घर पर जा कर क्या क्या किया सब रिचा को बताने लगी।नैना ने कहा मुझे बहुत मजा आ रहा था यार।।फिर रिचा और नैना
कनाडा में विक्की सब काम खत्म करके बहुत बार नैना को फोन किया पर नैना ने फोन बंद कर दिया था।विक्की ने कहा लगता है नैना बहुत नाराज़ हो गई है।अगर यहां ज्यादा काम नहीं होता तो मैं आज ...और पढ़ेको लेकर आता।आज नैना के लिए शापिंग करने जा रहा है।फिर विक्की ने कनाडा के डेनियल नेस्टर में जाकर शापिंग शुरू कर दिया काफी देर तक शापिंग करता रहा उसने नैना के लिए सारी चीज़ें खरीदा वो भी अपनी पसंद का।। फिर वापस होटल आकर कुछ देर आराम करने के बाद दादाजी को फोन किया और फिर बताया कि नैना
नैना ने कहा कहां थे तुम क्यों खेल खेला तुमने?विक्की ने कहा अरे बाबा तुम हो तो मैं हुं अब मैं आ गया हुं सब ठीक कर दुंगा।।। नैना ने कहा हां मैं समझ गई हुं। कि अब तुम ...और पढ़ेगए तो मैं भी अब यहां से कानपुर चली जाऊंगी।विक्की ने हंसते हुए कहा अरे ये बताओ तुम यहां कैसे । नैना ने कहा बहुत लम्बी कहानी है मैं बाद में बताती हूं।विक्की ने कहा अच्छा चलो मैं एक होटल में रुका हुं।फिर नैना और विक्की निकल गए।नैना को समझ नहीं आया कि विक्की ही हैं।विक्की को डर भी था
दादी मां ने कहा अरे एक हफ्ते के लिए आई हो मुझे पता है।नैना ने कहा हां दादी मां इसके बाद जब माया दी लोग आएंगे तो मैं आऊंगी।फिर एक स्मेसट पेपर है।विक्की ने कहा अरे जब टीचर हैं ...और पढ़ेडरना क्या है। फिर सब बैठ कर बातें करने लगे।दादी मां ने कहा आओ नैना तुम्हें तेल लगा दु।नैना ने कहा हां ठीक है फिर दादी मां ने सर पर तेल लगाने लगी।विक्की का फोन आने लगा और फिर विक्की बात करने लगे उसके बाद उसने आकर दादी मां को बताया कि मेरे बचपन का दोस्त अनिक सिंघल आने वाला
नैना ने कहा दादी मां इस स्टोर रूम में क्या है।दादी मां ने कहा ये देखो एक किताब है जो तेरे परदादा ने लिखा था।नैना ने कहा हां ठीक है मैं रख लेती हुं। नैना ने वो किताब रख ...और पढ़ेफिर नैना तैयार हो गई उसने एक छोटा वाला स्कट् पहना और ऊपर एक टाॅप पहना था।फिर विक्रम सिंह शेखावत भी आ गया उसने एक जैकेट और जीन्स पहन लिया। फिर दोनों निकल गए।क्लब पहुंच कर देखा तो सब मस्ती कर रहे थेनैना को भी बहुत अच्छा लगा ये सब।फिर विक्की और नैना कैसिनो खेलने लगें।नैना ने जो जो नम्बर
अनिक सिंघल ने एयरपोर्ट से ही विक्की को फोन किया और फिर बोला अरे यार तुम आए नहीं?विक्की ने कहा क्या यार लेफ्टीनेंट को क्या हुआ?अनिक ने कहा चल ठीक है मैं आता हूं।विक्की ने कहा आ रहा है ...और पढ़ेनैना खुद को दूर रखना उससे।नैना ने कहा अरे बाबा डरा क्यों रहे हो?विक्की ने कहा नहीं नहीं ऐसा नहीं है जो है मैंने बताया।नैना ने कहा ओह माई गॉड।विक्की ने कहा चलो अब ये दवा खा लो।नैना ने कहा हां दो मुझे। इतना केयर मत करो।विक्की ने कहा हां ठीक है चलो मैं आता हूं।विक्की नीचे पहुंच कर रामदीन
दूसरे दिन सुबह ही सब वापस लौट आए।नैना ने दादी मां को वहां के बारे में सब कुछ बताया।अनिक ने कहा नैना अभी तुम हो यहां?नैना ने कहा नहीं सन्डे को जा रही हुं।अनिक ने कहा पर मैं बोर ...और पढ़ेजाऊंगा।।नैना ने कहा ऐसा कैसे आपका दोस्त हैं ना मुझे तो जाना होगा। विक्की ने कहा हां मैं हुं ना।फिर सब आराम करने चले गए।। शाम को चाय के समय नैना को बार बार एक फोन कॉल आ रहा था और नैना फोन कट कर रही थी। विक्की ने कहा क्या बात है किसका फोन काट रही हो?नैना ने कहा
दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो गई थी नैना क्यों कि उसे वापस होस्टल जाना था।विक्की ने कहा नैना कैसी हो?नैना ने कहा हां ठीक हुं आज वापस जा रही हुं।विक्की ने कहा हां हम तुम्हें छोड़ने जाएंगे।नैना ...और पढ़ेकहा नहीं नहीं मैं चली जाऊंगी।अनिक ने कहा हां पता है पर साथ चलते हैं ना।नैना ने कहा हां ठीक है।फिर किसी काम की वजह से विक्की ने फोन पर बताया कि वो नहीं आ पाएगा। नैना ने कहा कोई बात नहीं मैं चली जाऊंगी।अनिक भी बाहर गया था और नैना ने दादी मां के पैर छुए और फिर दादाजी
फिर विक्की और नरेंद्र सिंह अपने पुलिस फोर्स को लेकर निकल गए।विक्की ने कहा भगवान नैना ठीक हो मै उसे खोना नहीं चाहता हूं।फिर वो गोदाम दिखाई दिया और फिर सब धीरे धीरे अन्दर पहुंच गए। विक्की ने अपनी ...और पढ़ेसे कुछ गुंडों को धर दबोचा और फिर बोला कि नैना कहा है।फिर एक रूम में ताला लगा था उसको धक्का देकर खोल दिया तो देखा कि एक बिस्तर पर नैना लेती हुई थी और उसके हाथ पैर बंधे हुए थे।विक्की ने कहा नैना तुम ठीक हो।नैना ये सुनकर ही रोने लगी और फिर बेहोश हो गई।नरेंद्र सिंह ने तुरंत
फिर अर्चना ने कहा कल फिर मिलेंगे और उसके बाद तुम अपने घर जाओगी।नैना ने कहा मेरा कोई घर नहीं यहां पर।।कुछ देर बाद विक्की आ गया और फिर बोला कि आज ही डिस्चार्ज मिल जाएगा तुम्हें।नैना ने कहा ...और पढ़ेठीक है मैं होस्टल चली जाऊंगी।। विक्की ने कहा नहीं नहीं अभी नहीं मुझे पहले तुमको ठीक करना है फिर जाओगी।फिर नर्स ने डिस्चार्ज पेपर दे दिया और फिर बोली आज ही डिस्चार्ज हो गया।।फिर विक्की ने नैना को हाथ देते हुए कहा कि चलो अब चलते हैं।नैना खुद खड़ी हो गई और फिर विक्की के साथ जाने लगीं।गाड़ी में
फिर विक्की के कई बार समझाने पर भी नैना नहीं मानी और फिर वो आश्रम चली गई ।आश्रम पहुंची और फिर वहां पर एक गुरु जी के पास ले जाया गया।गुरु जी ने कहा बिटिया तीन दिन तक तेरा ...और पढ़ेहोगा और फिर तुझे तेरा सब कार्य समझा दिया जाएगा अगर कोई भूल हुई तो फिर उसकी सजा सुनाई जाएगी।नैना ने कहा गुरूजी जो आप जो कहेंगे।फिर दो महिलाएं नैना को एक कमरे में ले गई और फिर उसे कपड़े उतार लेने को कहा और फिर एक सफेद साड़ी पहना दिया गया ।फिर नैना को सरसों का तेल की शीशी