Saat fere Hum tere - 35 books and stories free download online pdf in Hindi

सात फेरे हम तेरे - भाग 35


सभी जाकर इतना ज्यादा था चुके थे कि जाकर सो गए।

दूसरे दिन सुबह सब नाश्ता करके फिर बस में बैठ गए।
आज हम हुमायूं का मकबरा देखने जाएंगे।
सब सुनकर आश्चर्य हुए और ताली बजाने लगे।

फिर बस निकल पड़ी सरपट।

विशाल काया स्वरूप मकबरा के बारे में गाइड जानकारी देते हुए कहा और सबको एक एक मैगजीन भी पढ़ने को दिया।

हुमायूँ के मकबरा का निर्माण वर्ष 1569 से 70 के बीच हुमायूँ की विधवा बेगम हमीदा बानो ने करवाया था जो दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित है इस शानदार मकबरे का वास्तुकार ‘मीराक मिर्ज़ा घियाथ’ था जो एक फारसी व्यक्ति था

इस मकबरे के आस पास कई बाग बगीचे है जिसके बीचो बीच इसे बनाया गया है यहाँ मुग़ल शासक हुमायूँ के साथ साथ कई अन्य शासको की कब्रे भी मौजूद हैं|


काफी देर तक हम मकबरे में घुमाते रहे फिर हम बस में बैठ गए।

दिल्ली में देखने लायक जगह जंतर । अब हम यहां जा रहें हैं।
वहां पर भी एक गाइड सबकुछ बताने लगा।

दिल्ली का जंतर मंतर एक विशाल खगोलीय वेधशाला है जिसका निर्माण महाराजा सवाई जय सिंह दुतिये ने वर्ष 1724 में करवाया था दिल्ली के अलावा देश के अन्य चार जंतर मंतर का निर्माण भी महाराजा जय सिंह द्वारा करवाया गया है

और ये जयपुर, मथुरा, वाराणसी और उज्जैन में स्थित है जयसिंह ने इस वेधशाला का निर्माण समय और ग्रहों की गति का अध्ययन करने के लिए करवाया था|यहाँ कुल 13 आर्किटेक्चरल एटोनामी इंस्ट्रूमेंट है

जिसमे सम्राट यंत्र जो सूर्य की मदद से समय और ग्रहों की जानकारी देता है राम यंत्र जो खगोलीय पिंडो की गति के बारे में जानकारी देता है तथा मिस्र यंत्र जो वर्ष के सबसे छोटे और सबसे बड़े दिन को बताता है

विक्की ने कहा वाह क्या बात है बहुत बढ़िया।।
अतुल ने कहा हां किताबों में पढ़ा था पर आज देख लिया।


फिर बस एक बड़े से रेस्तरां में रूक गई।सब खाना खाने पहुंच गए।

वहां पर सबने दाल, चावल पापड़ दही भाजी ये सब खाना खाएं।

फिर सभी बस में बैठ गए।
विक्की ने कहा अरे वाह अब इस्कोन मंदिर जा रहें हैं।
फिर कुछ घंटे बाद ही हम वहां पहुंचे।बस से सब उतर गए।
देखो एक लड़की गाइड है और सुन्दर भी है। अतुल ने कहा बिमल के लिए।

उस गाइड का नाम चांदनी है वो बहुत प्यारी सी।।

दिल्ली के पूर्व में स्थित प्रसिद्ध इस्कोन मंदिर को “हरे राम हरे कृष्णा मंदिर” भी कहा जाता है जो भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है इसकी स्थापना वर्ष 1998 में अच्युत कनिव्द ने की थी इस मंदिर की वास्तुकला काफी बारीकी से की गई है जो देखने लायक है

मंदिर के परिक्रमा परिसर में भगवान श्री कृष्ण और राधा की मूर्तियाँ है इस मंदिर में आपको हर समय हरे राम हरे कृष्ण की ध्वनि सुनाई देती है जिसे सुनकर आप पूरी तरह से भगवान की भक्ति में लिन होजाएंगे|

मंदिर के ठीक सामने बहुत सारी दुकाने उपलब्द है जहाँ से आप पूजा की समाग्री खरीद सकते है इस मंदिर में एक संग्राहलय भी है जहाँ रामायण और महाभारत के ग्रन्थ रखे हुए है

यहाँ भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन यानि जन्माष्टमी को बड़े धूम धाम से मनाया जाता है इस दिन यहाँ भक्तो की भीड़ उमड़ी रहती है

बहुत ही अच्छे से दर्शन हो गया। बड़ी दिली ख्वाहिश थी वो विक्की ने पुरा किया।।ये माया ने कहा।
फिर वहां से बस एक होटल पर रूक गया। जहां चाय और नाश्ता करने के लिए ।।

समोसे और दही, चटनी खा लेते हैं और साथ में चाय भी।।

फिर बस में सब बैठ गए।। अब राष्ट्रपति भवन जाने के लिए जाना है।
बस में सभी गाना गाने लगे।
बस यहां से वापस।
वहां पर पहुंच कर चार पांच गाइड मौजूद थे और वो सब बहुत ही अच्छे से सारी जानकारी दे रहे थे।

दिल्ली की ऐतिहासिक जगह राष्ट्रपति भवन

दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन एक अदभुत एवं विशाल भवन है जिसे राष्टपति निवास के नाम से भी जाना जाता है ये दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निवास स्थान है करीब 330 एकड़ के विशाल छेत्र में फैली हुई इस ईमारत का निर्माण कार्य 1912 में शुरू हुआ और 1929 में ये बनकर त्यार हो गया था

और इसके वास्तुकार ‘सर एडविन लुटियन्स‘ थे इस ईमारत में कुल 340 कमरें है और 700 से भी अधिक कर्मचारी इसमें काम करते है राष्ट्रपति भवन के बैनकवेट हॉल में एक साथ 104 लोग बैठ सकते है

इस भवन में एक रोबर्ट कुत्ता है जो बिलकुल एक असली कुत्ते जैसा दीखता है यहाँ हर शनिवार को सुबह आधे घंटे के लिए चेन्ज ऑफ गार्ड्स कार्यकर्म आयोजित किया जाता है जो पर्यटकों के लिए भी खुला रहता है


अगर आप दिल्ली घूमने आ रहे है तो हम आपको बता दें की दिल्ली एक ऐसी जगह है जहाँ बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है और इस बीच यहाँ के पर्यटन स्थलों का भ्रमण करना थोडा मुश्किल हो जाता है

इसलिए यहाँ घूमने का सबसे बढ़िया जो समय है वो अक्टूबर से फ़रवरी महीने के बीच का रहता है और इस समय गर्मी भी नहीं पड़ती जिससे आप बड़े आराम से यहाँ घूम सकते हैं।


माया और नैना काफी थक गई थी। विक्की ने कहा चलिए अब वापस जाना है। वहां जाकर ही कुछ खा लेंगे।

नैना ने कहा नहीं मुझे कुछ भी नहीं खाना है मैं तो सो जाऊंगी।

फिर सब बस में बैठ गए। कुछ देर बाद ही कोकिला का फोन आया और वो कुछ देर नैना से बात करते हुए बोली कि विक्रम सिंह शेखावत से बात करवा दो।
नैना ने इशारे से फोन दिया और विक्की भी समझ गया।
विक्की ने कहा हैलो आंटी। कोकिला ने कहा विक्रम एक जरूरी बात करनी थी कि कल नैना का जन्मदिन है तो।।
विक्की ने कहा अच्छा बहुत ही अच्छा किया जो आपने बताया थैंक यू।।
फिर विक्की ने नैना को फोन वापस कर दिया। और फिर अपनी घड़ी पर नज़र दौड़ाई देखा पांच बज रहे थे।।
अतुल ने कहा क्या बात है। विक्की ने अतुल के कान में सब कुछ बताया। अतुल फिर बिमल को बताया।
विक्की ने कहा बारह बजे हम एक धमाका करते हैं चाकलेट केक पसंद है।।


विक्की मन ही मन मुस्कुरा रहा था।
दो घंटे में हम पहुंच जाएंगे।

फिर बस एक दो जगह पर रुकी और फिर रैडिशन ब्ल्यू होटल पहुंच गए।

फिर सभी अन्दर पहुंच गए।
नैना ने कहा मैं कुछ नहीं खाऊंगी।जा रही हुं सोने।
कह कर चली गई नैना।
माया अतुल,बिमल, विक्की मिलकर अपने कमरे में जाकर फेश् होने चले गए।

माया नहाने चली गई और वापस आ कर देखा तो नैना सो गई थी।

फिर वो बोली कि नैना सो गई क्या? नैना ने कहा हां दीदी मैं नहीं जाऊंगी।
फिर माया कमरे को बन्द करके चली गई।

फिर चारों नीचे खाना खाने पहुंच गए।
सबने डोसा खा लिया।

विक्की ने कहा दीदी हम जाकर एक केक लेकर आते हैं।बारह बजे हम आएंगे।
माया ने कहा हां ठीक है अच्छा हुआ कोकिला जी ने बताया वरन् हम तो।।
बिमल ने कहा हां चलो फिर दुकानें बंद न हो जाए।


विक्की ने कहा नहीं एक पास में केक पार्लर हैं।
फिर तीनों चले गए।
माया ऊपर कमरे में जाकर सो गई।

इधर नैना सोचने लगी कि किसी को भी नहीं पता मेरे बर्थ डे का। अच्छा ही हुआ।

फिर दोनों गहरी नींद में सो गई।


उधर तीनों दोस्त केक पार्लर पहुंच कर चाकलेट केक लिया और फिर कुछ चाकलेट, फुलों का गुलदस्ता लेकर वापस आ गए।


विक्की ने अपनी घड़ी देखते हुए कहा कि अब पांच मिनट बाकी है बारह बजने में।।

फिर केक को एक ट्रे में सजा दिया। एक प्यारा सा मोमबत्ती जलाकर लगा दिया।साथ में गुलाब का गुलदस्ता और चाकलेट भी रखा।
बिमल ने कहा वाह क्या बात है।
फिर तीनों दरवाजा के बाहर खड़े हो गए।
अतुल के हाथों पार्टी वाला स्पेर भी था।
फिर विक्रम सिंह शेखावत ने अपने अंदाज में दरवाजा पर दस्तक दे कर कहा।

फिर माया उठकर दरवाजा खोला और तीनों अन्दर पहुंच गए और बर्थ डे सांग गाने लगे।


फिर लाइट जलाई और फिर नैना एक दम से चौंक गई और फिर बोली अरे वाह आप सभी को याद था। माया ने गले से लगा लिया और फिर बोली बहुत बहुत बधाई हो।

विक्की ने कहा अब जल्दी से केक काट लो।

बिमल ने कहा हां भाभी।
नैना ने कहा क्या ‌।
फिर केक को बेड पर रख दिया और फिर नैना ने मोमबत्ती को फूंक मारकर केक काटने लगी और अतुल ने वो पार्टी वाला स्पेर कर दिया।


नैना ने कहा थैंक यू सबको।
फिर नैना ने केक का टुकड़ा एक माया को खिलाया फिर अतुल और बिमल को।

और फिर धीरे धीरे विक्की के पास जाकर केक उसके मुंह में डाल दिया।
विक्की ने कहा थैंक यू।
फिर सबने नैना को केक खिलाया।
नैना ने कहा केक बहुत अच्छा है।पर ये सब करने की क्या जरूरत थी दीदी।।
माया ने कहा नहीं ये सब कुछ सिर्फ विक्की ने किया है।
विक्की ने कहा ना,ना हम सब ने मिल कर किया है।

सब हंसने लगे।
विमल ने कहा बाकी केक होटल के फ्रिज में रख देता हूं।
नैना ने कहा हां सुबह खाऊंगी। चाकलेट अभी खाऊंगी।

फिर सभी हंसी मज़ाक करने लगे।

विक्की ने कहा हां ठीक है चलो फिर सोने चले।गुड नाईट कह कर सब चले गए।

माया ने कहा देखा नैना कितना परवाह करता है तेरी।
नैना ने कहा इसी बात का डर है।

माया ने कहा हां ठीक है।
नैना अपने हाथ में गुलाब का गुलदस्ता उठाती हैं और फिर सुघती हुई कहती हैं कितने सालों बाद
गुलाब देख रही हूं जब शायद निलेश एक बार लाकर दिया था और मैंने फेंक दिया था।


पर इनको मैं सम्हाल कर रखुगी।इसे कभी मुरझाने नहीं दे सकती हुं ‌।


माया ने कहा क्या बोल रही है तू। बेशक इस फुलों पर मेहरबान हो सकती है क्योंकि ये बिचारे बेजूबान होते हैं।

हम इंसान से अच्छे तो ये है ना कुछ सुनना पड़ता है और ना कुछ सहना पड़ता है।

नैना ने कहा हां ठीक कहा आपने मैं भी जानती हूं तभी तो इसे मुरझाने नहीं दे सकती हुं।

फिर नैना चाकलेट खाते हुए सो गई।

दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो गई। माया ने बैंग में से एक नया चुरीदार सलवार चिकनकारी निकल कर नैना को देते कहा कि ये पहन लें। तेरे जन्म दिन का उपहार।
नैना ने कहा थैंक यू दी।
नारंगी रंग नैना को बहुत पसंद था और उसके साथ सफेद दुपट्टा और सफ़ेद चुरीदार सलवार।

नैना तैयार हो गई फिर दोनों नीचे पहुंच गए ‌

कमश;

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