सात फेरे हम तेरे - भाग 59 RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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सात फेरे हम तेरे - भाग 59

विक्की ने कहा अरे इतनी दूर क्यों बैंठी हो ।।
यहां तो हमारे सिवा कोई भी नहीं है।
नैना ने कहा हां मैं जानती हूं पर क्या है ना ये दुरी है जरूरी।।
विक्की ने हंस कर कहा हां ऐसा क्या।।
नैना ने कहा देखो तुम जो कहना चाहते हो वो कह दो हां वरना।।
विक्की ने कहा हां कहता हूं सुनो मैं यहां पर एक मिशन पर आया हुं और अगले महीने माया दी की शादी के बाद चला जाऊंगा।

नैना ने कहा अच्छा ऐसा है पर तुम ये अब बता रहे हो।
वैसे कब वापस आओगे?
विक्की ने कहा हां जाना अपने हाथ है पर वापस आना अपने हाथ में नहीं है।
किस्मत में लिखा है वो होता है।।
नैना ने कहा वापस आओगे ना।
विक्की ने कहा जिंदगी रहेगी तो जरूर आएंगे।
नैना ने कहा तुम मुझसे शादी कर लो फिर जाओ।
विक्की ने कहा अरे नहीं ऐसा कैसे कर सकता हूं मान लो मैं वापस नहीं आ सका तो।

नैना रोने लगी और फिर बोली हां ठीक है मत करो शादी ठीक है।
चलो अब चलते हैं।
विक्की ने कहा अरे कुछ देर रूको तो । नैना ने कहा नहीं मन नहीं है अब।।

फिर विक्की और नैना वहां से निकल गए।
नैना एक दम खामोश बैठी थी उसने एक बात भी नहीं किया।

विक्की ने एक जगह गाड़ी रोक दी और फिर बोला अरे नैना रुठी हो क्या।अरे बाबा रो रही हो पर क्यों तुम्हें डर है मैं भी निलेश की तरह चला ना जाऊं। देखा जाए तो निलेश भी अपने देश के लिए जान दिया था और मैं भी एक मिशन पर जा रहा हुं देश के लिए।
पर देखो जाना तो पड़ेगा ही मुझे पर हां मैं वापस आऊंगा जरूर।
नैना ने कहा एक बार मुझे शादी कर लो फिर मुझे कोई दुःख नहीं होगा,दे दो मुझे वो हक,अपना बना लो।।
विक्की ने कहा कब से मुझे भी इस पल का इंतज़ार है।।पर ये मिशन भी मेरी जिंदगी है और तुम मेरी आरज़ू हो,पर बहुत देर कर दिया।
नैना और जोर जोर से रोने लगी।।

फिर कुछ देर बाद घर पहुंच गए।
माया ने दरवाजा खोला और फिर बोली अरे आ गए।।तुम लोग नहीं थे तो घर काटने को दौड़ रहा था।


विक्की ने कहा हां दीदी मैं जानता हूं। नैना कुछ बिना बोले चली गई।
और फिर माया ने कहा अरे बाबा नैना को क्या हुआ?
विक्की ने कहा हां दीदी कुछ बताना है आपको ये कि मैं एक मिशन पर जा रहा हुं आपकी शादी के बाद ही जाना होगा।
माया सुन कर एक दम चौंक गई। और फिर बोली अरे कहां?
विक्की ने कहा अंदामान निकोबार द्वीप समूह।।

माया ने कहा ऐसा कैसे हो सकता है तुम यहां एक साल से हो पर कभी बताया नहीं।
विक्की ने कहा अरे दीदी कोनपिडेनसियल था।


माया ने कहा हां इस लिए नैना परेशान हैं।
विक्की ने कहा हां ठीक समझा ।।।
और फिर हम दोनों में प्यार भी हो गया।।

माया ने कहा अरे अब बता रहे हो ये कहते हुए गले लगा लिया और फिर फ्रिज में रखे मिठाई लाकर विक्की को खिलाया।
विक्की ने कहा वो जिद कर रही है कि शादी करने के लिए।
माया ने कहा हां ठीक है पर उसे तो डर होगा कि फिर कोई कुछ।।
विक्की ने कहा हां पर मैं शादी नहीं कर सकता अभी।
माया ने कहा इस सन्डे को मेरी स्कूल की प्रिंसिपल और सारी सहेलियां को खाने पर बुलाया है।
विक्की ने कहा हां अच्छा किया । घर में तैयारियां करनी है या बाहर।
विक्की ने कहा हां एक रसोईया बुला लेंगे।
माया ने कहा हां ठीक है।
फिर सब डिनर करने बैठे पर नैना नहीं आई।
विक्की के कई बार बुलाने के बाद भी नैना नहीं आई।
वो बोली मुड नहीं है।।
विक्की भी कुछ नहीं खाया और सो गया।
माया रूम में आकर देखा तो नैना जाग रही थी।।
माया ने कहा अरे बाबा विक्की ने भी कुछ नहीं खाया आज।।
नैना ने कहा हां तो मैं क्या करूं।।
माया ने कहा अरे वो तो तेरी वजह से नहीं खाया है ना।
नैना ने कहा हां पर उसने मेरा दिल तोड दिया है।
माया ने कहा वजह चाहे जो हो पर खाने पर कैसा गुस्सा हां।
नैना ने कहा हां ठीक है मैं वो तो जा रहा है दी, फिर से एक बार मैं अकेली हो गई।।
निलेश भी चला गया।अब तो लगता है कि मैं ही कहीं ना कहीं मनहूस हुं।।

माया ने कहा ठीक है उसका काम भी है ना इन एक सालों में वो कभी समझने नहीं दिया कि क्या हुआ था।
नैना ने कहा हां वही तो। मुझसे प्यार करवा लिया और अब खुद छोड़ कर जा रहा है।

मैं कैसे जिऊं एक बार फिर से तन्हा नहीं होना है मुझे।आप जब चली जाएगी तो मैं अपने बुई के साथ रहुंगी।
माया ने कहा हां मैं समझ सकती हुं पर क्या करें जिंदगी हमें बहुत कुछ दिखा देती है।।

नैना ने रेडियो पर गाना चला दिया।

हम थे जिनके सहारे वो हुए ना हमारे।
टूटे जब दिल की नईया सामने थे किनारे।।
हम थे जिनके सहारे वो हुए ना हमारे।

नैना की आंखें भर आई थी।
फिर सब सो गई।
दूसरे दिन सुबह नैना तैयार हो कर स्कूल जाने लगीं।
विक्की ने कहा अरे आज भी नाश्ता नहीं करोगी क्यों ऐसा कर रही हो क्या गुनाह किया मैंने।।
नैना ने कहा हां ठीक ही कहा तुमने ऐसा कुछ भी नहीं किया है ना।
तो फिर मैं कुछ खाऊ या मरूं तुम्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है।।।

विक्की ने कहा किसने कहा फर्क नहीं पड़ता कल रात तुम नहीं खाई,मै भी कहां खाया?
चलो साथ खाते हैं और फिर बात करते हैं।
नैना का हाथ पकड़ कर अपने साथ कुर्सी तक ले गया।।

अब क्या करूं जिंदगी में अकेले ही रहना होगा है ना।

विक्की ने कहा अरे जानेमन ये तो सबके साथ होता है कोई पहले जाता है और कोई बाद में जाता है।

इसी को जिंदगी कहते हैं जान।

नैना ने कहा हां तुम्हें तो बात करना ही बेकार है। अच्छा था जब हम दूर थे। ये दूरी मिट गए और फिर ये सब हो गया।

विक्की ने कहा अरे बाबा ये क्या हो गया हां,हां,हा

क्रमशः