सात फेरे हम तेरे - भाग 54 RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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सात फेरे हम तेरे - भाग 54

फिर आभा ने सफाई करते हुए पलंग के नीचे से वो पैकेट निकाला और पलंग पर रख दिया। और फिर नैना नहा कर बाहर निकल आई तो देखा कि पलंग पर एक पैकेट है।।

नैना ने कहा कोई आया था कि रूम में।
आभा ने कहा नहीं तो।पर ये पैकेट कहा से आया?
आभा ने कहा अरे दीदी ये पलंग के नीचे गिरा पड़ा था।
नैना ने कहा हां ठीक है फिर पैकेट को देखा और देख कर समझ गई कि ये विक्की ने ही कल दिया होगा।

ओह माई गॉड बहुत गलती हो गई इसलिए वो नाराज़ था मैंने नहीं पहना।
अब क्या करूं अभी खोल कर देखती हूं।
फिर उसे खोला तो देखा एक नारंगी रंग का सूट था और उसके साथ रंग बिरंगी चुड़िया थी।

फिर नैना जल्दी से तैयार हो गई और सारे रंग की चुड़िया पहन लिया और अपने बालों को खुला छोड़ दिया एक नारंगी रंग की लिपस्टिक लगा लिया।

फिर बाहर आ गई और फिर विक्की को खोजने लगीं।
माया ने नाश्ते में पुरी और छोले बना दिया था सब बैठ गए नाश्ता करने।
नैना ने बिमल से पुछा कि विक्की कहां गए? बिमल ने कहा अरे सागर जी, अतुल और विक्की बाहर गए हैं।

नैना ने मुंह बनाकर कहा अच्छा।
फिर कुछ देर बाद सब आ गए।
नैना जानकर बालकनी में पौधे के साथ बात करने लगी थी। बात भी सिर्फ विक्रम सिंह शेखावत की ‌अरे बाप । जैसा नाम वैसा ही शक्ल एक दम गुस्सैल स्वभाव का है।
और नैना जैसे ही पीछे मुड़कर देखा तो सामने विक्की खड़ा था।
विक्की ने कहा वैसे किसको बोल रही थी। नैना ने कहा अरे बाबा मेरी शामत आई है क्या।
विक्की ने कहा वैसे ये कल पहनना था और आज किसके लिए पहनी हो।
नैना ने कहा अरे बाबा धीरे बोलो जिसने दिया था उसी के लिए पहनी हुं।
जनाब को अच्छा नहीं लगा।
विक्की ने कहा ऐसा कैसे हम करीब आकर ही बता सकते हैं कहते हुए एक दम से नैना के करीब आ गया और फिर नैना ने अपनी आंखें बंद कर दिया।
और फिर जोर जोर से सांस लेने लगी।
विक्की ने हंस कर कहा अरे बाबा ऐसा लग रहा है कि पहली बार किसी ने।।
नैना ने विक्की को पीछे हटाते हुए कहा कि अचानक ये बदलाव।
विक्की ने नैना का हाथ पकड़ कर ऊपर किया और उसकी चुड़ियों को एक एक करके छुने लगा। नैना ने कहा ये क्या गिन रहे हो।
विक्की ने कहा सोचा था कि मैं पहना दुगा।।
माया ने बुलाया अरे कहां हो सब।
फिर विक्की और नैना अन्दर आ गए।
माया ने कहा अरे वाह नैना ये सूट कहां से लिया।
नैना ने कहा कि किसी ने गिफ्ट दिया है।
फिर सब नाश्ता करने बैठ गए।
सागर ने कहा आज कहीं घुमने चले।
विक्की ने कहा हां ज़रूर चले।
फिर सब बातचीत करने लगे।
नैना और माया किचन में जाकर खाना बनाने लगी।
फिर सब कुछ देर के बाद आराम करने लगे।
विक्की सागर से शादी की बात कर रहा था कि माया आकर बोली देखो विक्की मै शादी तब करूंगी जब तू भी करेगा।
विक्की ने कहा अरे वाह क्या बात है दीं।
माया ने कहा मजाक नहीं है हां।तू बता सैम कब आ रही है।
नैना ने कहा अरे वाह सैम फिर बीच में आ गई।
विक्की ने कहा और नहीं तो क्या।
नैना अन्दर चली गई।
विक्की ने कहा ओह माई गॉड। अब कैसे मनाऊं तुम्हें। बड़ी मुश्किल से बात बनने वाली थी पर।
माया ने कहा हां ठीक है क्या सोच रहा है भाई।
विक्की ने कहा हां ठीक है मैं भी शादी करूंगा पर पहले आपकी शादी करनी होगी।
माया एक दम से रोने लगी और फिर बोली निलेश भी ऐसा ही बोलता था।
विक्की ने कहा हां आप रो मत ना निलेश जहां पर भी होगा वो खुश हो गया है।
नैना ये सब सुन रही थी और फिर गुस्से में उसने वो सूट निकल लिया और सारी चुड़िया भी उतार कर फेंक दिया और फिर सो गई।
विक्की समझ गया था और फिर वो बहाने से नैना के रूम के बाहर देखने लगा और वो देखा कि चुड़िया बिखरी पड़ी थी और वो सूट भी वहां पड़ा था ‌
विक्की ने कहा ओह माई गॉड अब ।।
फिर शाम को चाय पीने लगे और फिर विक्की ने कहा सब तैयार हो जाओ।
बिमल ने कहा कि जगह कौन सी।
विक्की ने कहा सोचने दो, सोचने दो,।
विक्की ने कहा चिड़िया घर चलते हैं।
फिर वही से डिनर करके वापस।
माया ने कहा हां ठीक है।
सब तैयार हो गए।

विक्की ने नैना से बात करनी थी पर वो सोचा कि zoo में जाकर बात करेगा ‌
नैना तो उखड़ी सी थी। वो गाड़ी में भी सामने बैठने से इन्कार करती है।

वो अतुल को सामने बैठने को कहती हैं।
विक्की भी थोड़ा अपसेट हो जाता है।
विक्की कहता है कि चिड़िया घर के बारे में जानकारी लेनी चाहिए। और फिर विक्की एक पेन ड्राइव पर एक चिड़िया घर की कहानी को सुनने लगता है।

कानपुर सेंट्रल प्राणी उद्यान के रूप में भी जाना जाता है, कानपुर का चिड़ियाघर 70 एकड़ से अधिक में फैला एक अद्भुत भू-भाग वाला क्षेत्र है, जो इसे उत्तर भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर बनाता है। चिंपैंजी, तेंदुए, गैंडे और बाघ यहां के कुछ प्रमुख आकर्षण हैं। आगंतुक वनस्पति उद्यान में भी घूम सकते हैं या झील के कुछ पलों को देख सकते हैं।

बाड़ों में रखी गई विभिन्न प्रजातियों पर अचंभित करने के अलावा, आप पत्तेदार खुली जगह में घूमने और कुछ शांत वातावरण में भीगने में कई घंटे बिता सकते हैं।
एलन वन कानपुर का चिड़ियाघर के रूप में भी जाना जाता है, कानपुर प्राणी उद्यान कानपुर शहर से लगभग 7 किलोमीटर दूर नवाबगंज में स्थित है। मानव निर्मित एलन फ़ॉरेस्ट में स्थित, इस प्राणी उद्यान में एक सुरम्य परिदृश्य, हरे-भरे वनस्पति, एक सुंदर झील और पौधों और जानवरों की कई दुर्लभ प्रजातियाँ हैं।

वन विभाग, उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा बनाए रखा, ( KANPUR ) कानपुर प्राणी उद्यान सफेद बाघ, तेंदुए, काले भालू, घड़ियाल भालू, सुस्ती, जेब्रा, गैंडा, दरियाई घोड़ा और सांप जैसे सरीसृप सहित कई वन्यजीव प्रजातियों का घर है।

डायनासोर के प्रमुख आदमकद मॉडल, अत्याधुनिक बाड़ों, एक अंतरराष्ट्रीय मानक पशु चिकित्सा सुविधा और आकर्षक उद्यान क्षेत्रों के साथ, पार्क अंतहीन फोटो सेशन और संरक्षण परियोजनाओं का हिस्सा बनने की संभावना प्रदान करता है। यह एक बेहतरीन बर्ड वाचिंग स्पॉट भी है।


विक्की ने कहा दीदी बहुत ही मजा आने वाला है।
क्रमशः