सात फेरे हम तेरे - भाग 43 RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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सात फेरे हम तेरे - भाग 43


विक्की ने कहा आज हम लोग महताब बाग़ जाएंगे।

बिमल और अतुल बोला अरे वाह क्या बात है।।
नैना ने कहा माया दी जाएगी ना?


माया ने कहा हां और क्या करना है।
मुझे तो बस अब दिल्ली जाना है। विक्की ने कहा परसों सागर आ रहें हैं।
माया ने कहा अरे बाबा अब मुझे किसी का इंतजार भी नहीं है।
अतुल ने कहा शायद सागर भाई अभी तक शादी नहीं किया है।
बिमल ने कहा हां मुझे भी कुछ ऐसा लगता है।
नैना ने कहा जो भी हो पर उनको एक बार तो आना चाहिए था।
। विक्की ने कहा हां नैना की बात से मैं सहमत हूं।
नैना हंसने लगी। वो बोली कि किसे क्या खबर है किसी की , हमने तो सदियां बिताई है युही।।

विक्रम सिंह शेखावत ने कहा क्या बात है बहुत ही अच्छे।

फिर सब तैयार हो कर नीचे पहुंच गए पहले नाश्ता किया और फिर बस में बैठ गए।
बस पहले ही चांद बाग जाएगा ना कि कोई और। चांद बाग को महताब बाग़ कहते हैं।

फिर सब उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे थे कि कब आखिर पहुंचेंगे।।

फिर कुछ घंटे बाद ही हम बस में से उतर गए ‌

अब चलते हैं नैना ने कहा।
विक्की ने नैना का हाथ पकड़ कर अपने तरफ खिंचते हुए कहा अरे इतनी भीड़ में कहा जाओगी?
नैना ने कहा हां ठीक है मैं खुद को सम्हाल सकती हुं।
विक्की ने कहा देखो जिद मत करो साथ चलो।
वरन् कुछ हुआ फिर ना कहना।।
नैना ने कहा अरे बाबा अब छोड़ो मेरा हाथ।।

तभी एक गाइड आकर बोलना शुरू किया।।

आगरा में यूं तो घूमने की कई जगह हैं, जो अपने आकर्षण से पर्यटकों का मन मोह लेती हैं. इन्हीं जगहों में शामिल है आगरा का महताब बाग, जिसे चांद बाग भी कहा जाता है. ताजमहल के ठीक सामने यमुना नदी के किनारे 25 एकड़ में बने इस बाग का निर्माण 1631 से 1635 के बीच हुआ था. बाग की चौड़ाई बिल्कुल ताजमहल की चौड़ाई के ही बराबर है. महताब बाग के बीचों-बीच एक आठ भुजाओं वाला तालाब बना हुआ है, जिसमें ताजमहल की खूबसूरत छवि देखने को मिलती है.

महताब बाग आगर भी लोग ताजमहल के आकर्षण को निहार सकते हैं. मेहताब बाग से कई रोचक किस्से जुड़े हुए हैं. कहा जाता है कि इस बाग में शाहजहां अपने लिए काले ताजमहल का निर्माण करवाने वाले थे, लेकिन बंदी बनाए जाने के बाद उनकी यह ख्वाहिश अधूरी ही रह गई. वहीं ऑस्ट्रिया की इतिहासकार ईवा कोच महताब बाग को ताजमहल के ग्रांड डिजाइन का ही हिस्सा मानती हैं.

इस बाग में शाहजहां अपने लिए काले ताजमहल का निर्माण करवाने वाले थे, लेकिन बंदी बनाए जाने के बाद उनकी यह ख्वाहिश अधूरी ही रह गई. ।

विक्की ने कहा मैं तो अभी से अपनी सारी ख्वाहिशें पूरी करूंगा।। बिमल हंसने लगे।

ताजमहल के सामने बना महताब बाग कई बार बाढ़ का भी शिकार हो चुका है. बताया जाता है कि साल 1996 से पहले यहां केवल लाल पत्थरों की बुर्ज ही नजर आती थी, लेकिन खनन करवाने के बाद यहां 25 फव्वारों सहित एक विशाल आठ भुजाओं वाला लाल पत्थर से बना कुंड, बारादरी और प्रवेशद्वार निकला. यहां आने वालों को चारों तरफ हरियाली ही हरियाली देखने को मिलेगी. महताब बाग में करीब 40 किस्म के पौधे लगाए गए हैं जो कि इसे और भी खूबसरत बनाते हैं. साल 1996 से पहले यहां केवल लाल पत्थरों की बुर्ज ही नजर आती थी, लेकिन खनन करवाने के बाद यहां 25 फव्वारों सहित एक विशाल आठ भुजाओं वाला लाल पत्थर से बना कुंड, बारादरी और प्रवेशद्वार निक


एक आदमी ने कहा आप लोग को तो मार्ग भी बताना चाहिए।


गाइड हंसने लगे और फिर बोला हां ठीक है।।

: महताब बाग पहुंचने के लिए हवाई मार्ग, रेल मार्ग व सड़क मार्ग तीनों का इस्तेमाल किया जा सकता है. यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा खेड़िया एयरपोर्ट है, जहां से टैक्सी या ऑटो करके महताब बाग आया जा सकता है. वहीं निकटतम रेलवे स्टेशन आगरा कैंट है, जहां से चलने वाले ऑटो महताब बाग तक लोगों को पहुंचा सकते हैं. इसके अलावा आगरा राज्य के तमाम नेशनल हाइवे से जुड़ा हुआ है, ऐसे में सार्वजनिक या निजी वाहन करके भी यहां पहुंचा जा सकता।


यहां आने वालों को चारों तरफ हरियाली ही हरियाली देखने को मिलेगी. महताब बाग में करीब 40 किस्म के पौधे लगाए गए हैं जो कि इसे और भी खूबसरत बनाते हैं.

महताब बाग में एंट्री करने के लिए जहां भारतीय नागरिकों को 15 रुपये से 25 रुपये का भुगतान करना पड़ सकता है तो वहीं विदेशी लोगों को टिकट के लिए करीब 200 रुपए से

300 रुपये तक चुकाने पड़ सकते हैं. महताब बाग सुबह छह बजे से शाम के छह बजे तक खुला रहता है.

फिर वही पर कुछ देर बाद ही हम लोग बैठे रहे।
फिर वही से चाय नाश्ता करने लगे

विक्की ने कहा अरे दीदी और कहां घुमाना है क्या।

कल तो सागर जी आएंगे। फिर हमें वापस जाना होगा।२७की टिकट है। अतुल ने कहा हां कैसे समय निकल गया पता नहीं चल पाया। चलो अब चलते हैं वापस।

माया ने कहा हां ठीक है मैं थक गई हूं अब। नैना ने कहा हां चलो अब।

फिर सब जाकर बस में बैठ गए।

कल सुबह जल्दी उठकर तैयार हो जाना है। नैना ने कहा हां और क्या।

माया ने कहा तुम लोग बेकार में उसे बुला रहे हो।

विक्की ने कहा हां ठीक है पर एक बात है कि एक बार सब मिलकर बात करना चाहिए।

हां हां ठीक है माया ने कहा।

दो घंटे बाद सब होटल पहुंच गए। माया ने कहा आज मैं कुछ भी नहीं खाऊंगी। तुमलोग जाकर खा लो।

नैना ने कहा हां ठीक है। फिर माया ऊपर कमरे में चली गई।

फिर चारों मिलकर खाना खाने बैठ गए।

विक्की ने कहा रोटी सब्जी खाते हैं। भिंडी भाजी,दाल, रोटी ये सब देते है।

विक्की ने कहा चलो अब चावल पापड़ दही सब मंगवाओगे।

विक्की ने कहा हां ठीक है सब खाओगे।

अतुल ने कहा हां यार। नैना ने कहा तुम लोग खाओ मेरा तो हो गया।

विक्की ने कहा नहीं नहीं ऐसे नहीं जा सकती हो रुक कर जाओ। नैना ने कहा पर क्यों।

क्रमशः