Saat fere Hum tere - 89 books and stories free download online pdf in Hindi

सात फेरे हम तेरे - भाग 89

नैना ने अपनी सारी सेविंग निकाल लिया ये सुनने के बाद विक्की बहुत ही गुस्से में आकर नैना को फोन करके हजार बात सुना दिया।
नैना ने कहा तुम होते कौन हो हां मैं जो करूं वो मेरा फैसला मेरा नसीब।
विक्की आज तुमने जो दर्द दिए हैं उसके लिए मैं कभी माफ नहीं करुंगी तुम्हें।।
विक्की ने कहा क्या मैं इतना बुरा हुं जो तुम मुझसे नहीं ले सकती थी।
नैना ने कहा किस हक से लुंगी तुमने तो वो हक दिया ही नहीं मैं बहुत थक चुकी हुं अब परसों मैं आ रही हुं हां एयरपोर्ट आने की जरूरत नहीं है।
विक्की ने कहा हां मैं समझ गया पर क्या एक बार घर नहीं आओगी।
नैना ने कहा नहीं जब कभी छुट्टी मिलेगी तब आऊंगी।
विक्की ने कहा किस बात का बदला ले रही हो।
नैना ने कहा हां सही कह रहे हो,खेल तुमने खेला मोहरा मुझे बना कर छोड़ दिया।
विक्की ने कहा वक्त तुम्हें सब कुछ समझाएगा।
नैना ने कहा अब फोन रखती हुं।

फोन रखते ही नैना फुट फुट कर रोने लगी जैसे कि कोई उसका कोई सामान ले कर चला गया हो।
फिर नैना गाना गाने लगी।
मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है।
मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है
मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है
वो सावन के कुछ भीगे भीगे दिन रखे हैं
वो और मेरे इक ख़त मैं लिपटी रात पड़ी है
वो रात भुला दो, मेरा वो सामान लौटा दो
वो रात भुला दो, मेरा वो सामान लौटा दो
मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है
मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है

पतझड़ है कुछ, है ना?

वो पतझड़ मैं कुछ पत्तों के गिरने की आहट
कानों मैं एक बार पहन के लौट आयी थी
पतझड़ की वो शाख अभी तक काँप रही है
वो शाख गिरा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
वो शाख गिरा दो, मेरा वो सामान लौटा दो

एक अकेली छतरी मैं जब आधे आधे भीग रहे थे
एक अकेली छतरी मैं जब आधे आधे भीग रहे थे
आधे सूखे आधे गीले, सुखा तो मैं ले आयी थी
गीला मन शायद बिस्तर के पास पड़ा हो
वो भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो

एक सो सोला चाँद की रातें
एक तुम्हारे काँधे का तिल
एक सो सोला चाँद की रातें
एक तुम्हारे काँधे का तिल
गीली महेंदी की खुशबु झूठ मूठ के शिकवे कुछ
झूठ मूठ के वादे सब याद करा दो
सब भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
सब भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो

एक इजाज़त दे दो बस
जब इसको दफ़नाउन्गी
मैं भी वहीं सो जाउंगी
मैं भी वहीं सो जाउंगी।

नैना बस यूं ही सो गई थी और फिर दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर स्कूल के लिए निकल गई आज उसका फेयरवेल पार्टी था।
नैना एक साड़ी पहन कर स्कूल पहुंच गई।
सब बच्चों ने मिलकर केक काटा और नैना को खिलाया और सब बच्चों ने अलग-अलग गिफ्ट्स भी दिया।
नैना एक दम से रोने लगी और फिर बोली अरे बच्चों तुम् लोगों का इतना प्यार देख कर मैं एक दम से चौंक गई।
फिर नैना को स्टेज पर बुलाया गया।
उसे माला पहना दिया गया। उसके बाद उसे बेस्ट टीचर का पुरस्कार दिया गया।
नैना रोने लगी और फिर बोली अगर मेरी मुश्किल घड़ी में ये स्कूल और यहां की सारी अध्यापिकाएं मेरा साथ नही दिया होता तो आज मैं अमेरिका नहीं जा पाती । आप सभी को तहेदिल से शुक्रिया अदा कर रही हुं।
फिर बच्चों ने बहुत ही अच्छा सा एक नाटक प्रस्तुत किया और फिर उसके बाद खाना पीना हुआ और फिर अन्त बहुत ही दुखद था क्योंकि नैना जा रही थी।
नैना की प्रधानाचार्या डा श्याम गुप्त ने कहा कि नैना अगर लौट कर आएंगी तो हमें बेहद ख़ुशी होगी।
नैना ने कहा सर मै कोशिश करुंगी जरूर।
फिर कुछ सहेलियां नैना को घर छोड़ने आ गई।
कोकिला ने कहा आप सब खाना खा कर जाना।
सब नैना के रूम में चली गई और बातचीत करने लगी।
संगीता ने कहा नैना अगर तुम शादी करके जाती तो अच्छा होता।
नैना ने कहा नहीं यार जिंदगी में शादी सब कुछ नहीं होता और शायद मेरी किस्मत में शादी नहीं है।
संगीता ने कहा हां पता है तुम किसी से बहुत नाराज़ हो इसलिए ये सब।।
कुछ देर बाद रेखा सबके लिए पकोड़े और काॅफी लेकर आ गई।
मीना ने कहा अरे पैकिंग हो गया।
नैना ने कहा नहीं कुछ बाकी है।

फिर सब खाना खाने के बाद नैना के गले लग गई और रोने लगी।
नैना ने कहा मैं वहां जाकर सबको नम्बर दे देती हुं।
फिर सारी सहेलियां चली गई।
फिर माया का फोन आया और माया सब चीज पुछने लगी।
माया सारी बात सुनकर खुश हो गई।
सागर ने कहा हां अब अमेरिका आना तो बनता है।।
फिर नैना फोन रख कर सोने चली जाती हैं।

दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर नैना अपनी सारी पैकिंग कर के निलेश के घर पहुंच जाती है वहां पर सारे पौधों से बात करती है और कहती हैं कि हर शाम को रेखा यहां पर आकर पौधों को पानी देगी। निलेश के तस्वीर पर माला और दिया जलाने का काम किया करेंगी। नैना ने रेखा को सब कुछ अच्छी तरह से समझा दिया था।
फिर नैना अपने कमरे में जाती है जहां पर विक्की ने डाॅल हाऊस सजाया था अपने हाथों से।
नैना ये सब देख कर रोने लगी।
विक्की क्या जरूरत थी मुझे सपना दिखाने की जो कभी पुरा न हो पाएं।

फिर वहां से घर पहुंच कर खाना खाने के बाद सो गई।
रात की फाल्इट थी कोकिला ने कहा मुझे डर सा लग रहा है नैना पहली बार इतनी दूर जा रही हो।
नैना ने कहा हां बुई जिंदगी में बहुत कुछ सिखा दिया और फिर विक्की ने कहा कि वह एयरपोर्ट आ रहा है।
कुछ देर बाद ही अतुल और बिमल आ गया।
नैना ने कहा मुझे लगा कि तुम मुसीबत में हो।।
फिर दोनों ने खाना खाया और फिर बोला अरे नैना भी चली जाएगी तो क्या सब चल रहा था।
नैना ने बुई के पैर छुए और फिर रेखा के गले लग गई।
बुई रोने लगी और फिर नैना ने कहा बुई मैंने तो जीना छोड़ दिया था कि विक्की ने आ कर सब कुछ बदल दिया पर फिर वही खड़ी हु जहां थी । जैसे सांप सीढ़ी का खेल।।

कुछ पड़ोसी भी मिलने आ गई जो इधर उधर की बातें करते हुए ही निकल गए।।
कोकिला ने कहा ऐसा करो तुम लोग समय से निकल जाओ एयरपोर्ट।।
नैना बुई के गले लग कर रोने लगी और फिर बोली रेखा तुम रोज निलेश के घर की सफाई कर जो जैसे कहा है वैसे करना।
रेखा ने कहा हां नैना दी आप चिंता मत करो।

अतुल ने नैना का लगेज लेकर नीचे पहुंच गए और बिमल ने एक कार बुक किया।
नैना नीचे पहुंच कर गाड़ी में बैठ गई।
अतुल और बिमल भी बैठ गए।
कुछ देर बाद ही हम एयरपोर्ट पहुंचे।

नैना ने कहा अतुल और बिमल तुम लोग अच्छे से रहना। कभी मैं बुलाऊं तो आओगे ना।
अतुल और बिमल ने कहा हां, जरूर आऊंगा।
फिर नैना अन्दर चली गई और अतुल और बिमल भी चलें गए।
नैना अन्दर पहुंच कर अंतरास्ट्रीय हवाईजहाज के लिए जो जो जरूरी था वो सब दिखावा तो उसे बोर्डिंग पास मिल गया।
फिर वो हवाई जहाज पर बैठ गई।
नैना ने माया को फोन करके सब कुछ बताया उसे माया के साथ अमेरिका की यात्रा याद आ रही थी।
क्रमशः

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