Saat fere Hum tere - 84 books and stories free download online pdf in Hindi

सात फेरे हम तेरे - भाग 84

माया बहुत ही खुश थी क्योंकि उसके सारे सपने अब धीरे धीरे पुरे हो रहे थे।
सागर ने कहा अरे बाबा अब चले काफी देर हो रही है।
माया ने कहा हां ठीक है चलो।
फिर सब लोग नीचे पहुंच गए। सपना,अमन भी अपने अपने बैग के साथ रेडी हो गए थे।
फिर कुछ देर बाद ड्राइवर ने गाड़ी निकाल लिया।
माया ने सबके पैर छुए और फिर रोने लगी।
सागर की मां ने कहा अरे माया रो क्यों रही हो?
माया ने कहा मम्मी आप लोग ने जो मुझे प्यार दिया वो मै कभी नहीं भुल सकती हुं।
दादी मां ने कहा हां ये तो तेरा हक़ है और सबका प्यार तुझे मिलेगा क्योंकि और कोई भी नहीं है सागर इकलौता है और तुम भी।।
सब हंसने लगे।
सभी गाड़ी में बैठ गए।
सपना भी बहुत खुश थी।
कुछ देर बाद एयरपोर्ट पहुंचे और फिर सारे लगेज, बैगेज लेकर अमन ने सारा जमा करवा दिया और फिर हवाईजहाज पर बैठ गए।
सागर ने इशारे से माया को अपने पास ही बैठाया और अमन और सपना एक साथ बैठ गए।

फिर वहां पर नाश्ता दिया गया और फिर सुबह तक कानपुर पहुंच गए।
वहां से एक कार बुक करवाया और सीधे माया के घर पहुंच गए। वहां पर सामान रखवा दिया और फिर नैना के घर पहुंच गए।
नैना ने सारा इंतजाम कर रखा था सबसे पहले फुलों से स्वागत किया गया।
सागर माया ने कोकिला के पैर छुए।
पता है आज निलेश की याद आ रही है ये कहते हुए माया रोने लगी।
कोकिला ने कहा सब पहले फ्रेश होकर खाना खा लो।।


फिर सब खाना खाने के बाद बातचीत करने लगे। अमन बार बार माया को देख रहा था पर माया इग्नोर कर रही थी।


सागर ने कहा विक्की होता तो क्या बात थी।।
अमन ने कहा अच्छा हुआ फौजी भाई नहीं है वरना मुझे गोली मार देता।।

नैना ने कहा हां ऐसा है।। अमन मैं तुम्हें बचपन से जानती हुं।।
सपना ने कहा हां नैना बचपन से जानती हो पर अमन ने बताया नहीं।।
नैना ने कहा हां,अमन ऐसा ही है।

माया ने कहा अरे बाबा विक्की का विडियो कालिंग आ रहा है मैं उठा लेती हुं।
फिर माया ने ओके किया विक्की ने कहा वाह ये सही है मेरे बिना सब इन््जाय कर रहे हो।
सागर ने कहा नहीं नहीं साले सहाब फौजी भाई आपको याद किया जा रहा है।
विक्की ने कहा अरे अमन और सपना भी है तुम दोनों को मुबारक हो।
सपना ने कहा थैंक यू।।
अमन कुमार कुछ नहीं बोलेंगे।
नैना ने कहा हां मुंह में ताला लगा है।
विक्की ने कहा वाह दोस्त हो तो ऐसी।।


माया ने कहा भाई एक गाना सुना दे।
विक्की ने कहा दीदी मैं आपको ना नहीं कह सकता हूं।
तू मेरी जिंदगी है।
तू मेरी ज़िन्दगी है, तू मेरी हर ख़ुशी है
तू मेरी ज़िन्दगी है, तू मेरी हर ख़ुशी है
तू ही प्यार, तू ही चाहत, तू ही आशिकी है
तू मेरी ज़िन्दगी है, तू मेरी हर ख़ुशी है..

पहली मोहब्बत का एहसास है तू
बुझ के जो बुझ ना पाई वो प्यास है तू
तू ही मेरी पहली ख्वाहिश, तू ही आखिरी है
तू मेरी ज़िन्दगी है, तू मेरी हर ख़ुशी है..

हर ज़ख्म दिल का तुझे दिल से दुआ दे
खुशियाँ तुझे गम सारे मुझको खुदा दे
तुझको भुला ना पाया, मेरी बेबसी है

मेरी ज़िन्दगी है, तू मेरी हर ख़ुशी है
तू मेरी ज़िन्दगी है, तू मेरी हर ख़ुशी है
तू ही प्यार, तू ही चाहत, तू ही आशिकी है
तू मेरी ज़िन्दगी है, तू मेरी हर ख़ुशी है

ओह ओह ओह आ आ आ …

तू मेरी ज़िन्दगी है, तू मेरी हर ख़ुशी है
तू मेरी ज़िन्दगी है, तू मेरी हर ख़ुशी है
तू ही प्यार, तू ही चाहत, तू ही आशिकी है
तू मेरी ज़िन्दगी है, तू मेरी हर ख़ुशी है..

फिर सभी ताली बजाने लगे। नैना रोने लगी।
विक्की ने सबको सी यू बोल कर बन्द कर दिया।

सागर ने कहा हां ठीक है अब हम चलते हैं।

माया ने कहा हां नैना कल मिलते हैं पंग फेरे की रस्म।।
सपना ने कहा हां मुझे नींद आ रही है।
सब माया के घर पहुंच गए।

माया ने कहा अच्छा आप और अमन एक साथ सो जाओ, मैं और सपना सो जाती हुं।
सागर ने कहा ओह माई गॉड, ओके।
फिर माया ने उनके लिए बेडरूम तैयार कर दिया।
सपना और माया भी सो गए।

दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर माया, सागर और अमन सपना नैना के घर जाने लगें।
माया ने सबके लिए जो जो गिफ्ट लाईं थी वो भी ले लिया।
नैना ने भी सब कुछ सजा कर रक्खा था।
सब आकर बैठ गए।
सागर और माया एक साथ शादी वाले लिवास में बैठ गए।
और फिर एक दूसरे के हाथ में बंधे हुए धागे को खोल दिया। एक दूसरे को मिठाई भी खिलाई।
माया ने एक एक करके सबको गिफ्ट्स देने लगीं।
कोकिला ने कहा थैंक यू।
नैना ने भी हंसते हुए कहा थैंक यू।
रेखा के हाथों में भी साड़ी और सोने का हार दिया।
फिर सब मिलकर नाश्ता करने बैठ गए।
नाश्ते में पुरी सब्जी जलेबी लस्सी सब बना था।
खाना खाने के बाद माया नैना के कमरे में जाकर एक पैकेट देते हुए बोली ये विक्की का है उसे तुम दे देना।
नैना ने कहा अरे पर विक्की अब यहां नहीं आएगा।
माया ने कहा अरे बाबा तुम तो जाओगी।
नैना ने कहा नहीं दीदी अब कभी नहीं जा सकती हुं।
माया ने कहा अरे बाबा ऐसा मत बोलो मैं यहां पर रख कर जाऊंगी।
कुछ देर बाद अतुल और बिमल भी आ गए। सबको देख कर खुश हो गए।
अतुल ने कहा वाह क्या बात है बहुत ही अच्छा लगा।।
सागर ने कहा हां ठीक है चलो अब शाम को घुमने चले।
बिमल ने कहा हां ठीक है चलते हैं।
फिर सब बातचीत करने लगे।
माया ने अतुल और बिमल को भी एक, एक गिफ्ट्स का पैकेट ले दिया।
अतुल और बिमल भी रोने लगे।
फिर सब बैठ गए और बातचीत करने लगे थे।

अमन ने कहा क्यों नहीं हम कानपुर घुम ले।
सागर ने कहा हां ठीक है कल चलते हैं।।
सब हंसने लगे।
फिर सब मिलकर नाश्ता करने बैठ गए।
कोकिला ने कहा कि मैं बहुत ही खुश हुं माया के लिए पर नैना का क्या होगा ये कोई भी नहीं समझ रहा है चाहुं तो अभी उसके हाथ पीले कर दूं पर मैं तो मजबूर हुं।।
फिर सब खाना खाने के बाद गाना बजाना शुरू कर दिया गया।
नैना बार बार अपना फोन देख रही थी।

क्रमशः

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