Saat fere Hum tere - 76 books and stories free download online pdf in Hindi

सात फेरे हम तेरे - भाग 76

रात को डिनर करने के बाद सागर और बाकी सब लौट आए।
विक्की ने माया के रूम में जाकर बैठ गया। माया ने कहा अब फुर्सत मिला मेरे भाई को?
विक्की ने कहा अरे बाबा दी अब तो शादी हो गई और फिर मैं कैसे याद रहूंगा आपको।
इतना सुनते ही माया ऱोने लगी।
विक्की ने कान पकड़ते हुए कहा साॅरी दी वैसे नैना कहां है?
माया ने कहा हां अब बात पते की बोलें हो।
वो लोग मुवी गए हैं।
विक्की सुनते ही कहा ओह ये बात है।।
विक्की ने मन में कहा ऐसा कैसे कर सकती हैं मुझे कुछ बताई नहीं।।
विक्की बालकनी में चला गया।
कुछ देर बाद सब खाना खाने बैठ गए।
सागर ने अमन को फोन किया तो पता चला कि वो लोग बाहर ही खा रहे हैं।

सागर ने कहा माया वो सब डिनर बाहर ही करेंगे।
विक्की ने मन में सोचा कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता।।
सागर ने कहा डिनर के बाद हमारे साले सहाब फौजी भाई गाना शुरू करेंगे।
विक्की ने कहा हां ज़रूर माया दी के लिए कुछ भी कर सकता हूं।

फिर सबने थोड़ा बहुत डिनर कर लिया और फिर सागर ने रामदिन को बोल कर लोन पर ही सारी सजावट व बैठने की जगह कर दिया।

फिर कुछ देर बाद ही नैना,अमन और सपना आ गए।
विक्की ने गाना शुरू किया।।
कभी बेबसी ने मारा

यह ग़ज़ल है न गीत हैं कोई
यह मेरे दर्द की कहानी हैं
मेरे सीने में सिर्फ हो
मेरे सीने में सिर्फ शोले हैं
मेरी आँखों में सिर्फ पानी हैं
कभी बेकसी ने मारा
कभी बेकसी ने मारा
ओह कभी बेबसी ने मारा
कभी बेकसी ने मारा
ओह कभी बेबसी ने मारा
गिला मौत से नहीं हैं
गिला मौत से नहीं हैं
मुझे ज़िन्दगी ने मारा
कभी बेकसी ने मारा
ओह कभी बेबसी ने मारा

मुक़द्दर पे कुछ जोर चलता नहीं
वोह मौसम हैं यह जो बदलता नहीं
मुक़द्दर पे कुछ जोर चलता नहीं
वोह मौसम हैं यह जो बदलता नहीं
कहीं थी यह बदनसीबी
ओह कहीं थी मेरी गरीबी
कहीं थी मेरी गरीबी
किस किस का नाम लूँ मैं
ओह किस किस का नाम लूँ मैं
मुझे हर किसी ने मारा
गिला मौत से नहीं है
गिला मौत से नहीं हैं
मुझे ज़िन्दगी ने मारा
कभी बेकसी ने मारा
ओह कभी बेबसी ने मारा

बेमुरव्वत बेवफा दुनिया हैं यह
है यही दुनिया तो क्या दुनिया हैं यह
बेमुरव्वत बेवफा दुनिया हैं यह
है यही दुनिया तो क्या दुनिया हैं यह
न कमी थी दोस्तों की
न कमी थी दुश्मनों की
ओह न कमी थी दुश्मनों की
कहीं दुश्मनी ने लूटा
कहीं दुश्मनी ने लूटा
कहीं दोस्ती ने मारा
गिला मौत से नहीं हैं
गिला मौत से नहीं हैं
मुझे ज़िन्दगी ने मारा
कभी बेकसी ने मारा
कभी बेबसी ने मारा

उजालों से वेशत मुझे हो गयी हैं
अंधेरों की आदत मुझे हो गयी हैं
उजालों से वेशत मुझे हो गयी हैं
अंधेरों की आदत मुझे हो गयी हैं
रहा जब तलक अँधेरा
ओह कटा खूब वक़्त मेरा
ओह कटा खूब वक़्त मेरा
मुझे चाँदनी ने लूटा
ओह मुझे चाँदनी ने लूटा
मुझे रौशनी ने मारा
गिला मौत से नहीं हैं
गिला मौत से नहीं हैं
मुझे ज़िन्दगी ने मारा
कभी बेकसी ने मारा
कभी बेबसी ने मारा
कभी बेकसी ने मारा
ओह कभी बेबसी ने मारा.।


वाह वाह क्या बात है सबने ताली बजाकर खुशी जाहिर किया।।।

नैना भी जल्दी से आकर बैठ गई।
सागर ने कहा अरे वाह क्या बात है मजा आ गया।।

अब किसकी बारी थी। ये सागर ने कहा।
अमन ने कहा मैं और कौन।।
अमन ने गाना शुरू किया।
रुक जा ओ दिल दिवाने पुछु तो मैं जरा।।
रुक जा ओ दिल दीवाने ।

रुक जा ओ दिल दीवाने गीत बॉलीवुड दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे फिल्म से है।

रुक जा ओ दिल दीवाने पुछु तो मैं ज़रा।।
एक धमाकेदार एंट्री करने के बाद अमन जाकर नैना के बगल में बैठ गए और नैना को देखते हुए कहा कैसा लगा मेरा डांस?
नैना ने कहा हां अच्छा था।
अब अतुल और बिमल की बारी थी।
अच्छा चलो अब चलते हैं।
अतुल और बिमल ने विक्की को कहा गाना गाने के लिए।
विक्की ने गाना शुरू किया।
तेरे जैसे यार
तेरे जैसा यार कहाँ, कहाँ ऐसा याराना
याद करेगी दुनिया, तेरा मेरा अफ़साना

मेरी ज़िन्दगी संवारी, मुझको गले लगा के
बैठा दिया फ़लक पे, मुझे ख़ाक से उठा के
यारा तेरी यारी को, मैंने तो ख़ुदा मान
बने चाहे दुश्मन ज़माना हमारा
सलामत रहे दोस्ताना हमारा

वो ख्वाबों के दिन ,वो किताबों के दिन
सवालों की रातें, जवाबों के दिन
कई साल हमने गुज़ारे यहाँ
यहीं साथ खेले हुए हम जवाँ
था बचपन बड़ा आशिकाना हम।।

गाने के बाद तीनों रोने लगे। बाकी सब भी आंखें मलते दिखाई दिए।।
सागर ने कहा अब माया हमें गाना सुनाएगी।

माया ने कहा ठीक है।
माया ने गाना शुरू किया।
सुमन सुधा रजनीगंधा आज अधिक क्यों।।


सुमन सुधा राजनी चंदा
आज अधिक क्यों भये
सुमन सुधा राजनी चंदा
आज अधिक क्यों भये
सुमन

प्रेम सिघषण पिया विराजे
पंखा झालु मैं हौले
मोहित मुग्ध उन्ही को ताको
बन मयुर मन्न डोले

सुमन सुधा राजनी चंदा
आज अधिक क्यों भये
सुमन सुधा राजनी चंदा
आज अधिक क्यों भये
सुमन सुधा

प्रतिबिम्ब मेरी आशाओं का
तुम सन्तोष हो मेरा
आलिंगन सुन्दर सपनो का
खुशियों का कोष हो मेरा

सुमन सुधा राजनी चंदा
आज अधिक क्यों भये
सुमन सुधा राजनी चंदा
आज अधिक क्यों भये.।
सब लोग मग्न हो कर सुन रहे थे और फिर एक साथ सबने ताली बजाकर खुशी जाहिर किया।
फिर सब के लिए चाय और कॉफी आ गया।
अमन बार बार नैना को देख रहा था।
विक्की सब कुछ समझ गया था कि क्या चल रहा है पर वो अपने फर्ज के हाथों मजबूर था।
क्यों कि उसे जाना था।
नैना की नजरें विक्की को देख रही थी और फिर वो रो पड़ी।
अमन ने नैना के हाथों में हाथ रख कर बोला अरे क्या हुआ? नैना ने कहा कुछ नहीं हुआ।
माया ने विक्की को अपने पास बुलाया और कहा कि भाई अपना ख्याल रखना हां।।
विक्की ने कहा हां दीदी आप खुश रहो बस।
फिर काफी रात हो गई थी।
माया ने बोला नैना तू चल मेरे साथ।
नैना ने कहा हां ठीक है गुड नाईट बोल कर नैना माया के रूम में चली गई।
और फिर सागर ने विक्की, अतुल और बिमल को एक रूम में सोने को कहा।
विक्की भी चला गया पर वो तो बस नैना के लिए परेशान था।
अतुल और बिमल भी रूम में पहुंच गए।
विक्की ने ए सी चालू कर दिया।
विक्की भी लेट गया।
अतुल और बिमल भी सो गए।
उधर और अमन भी दूसरे कमरे में सोने चले गए।
सपना और अमन एक आफिस में काम करते हैं और फिर अमन की दोस्ती सागर से भी है एक फैमिली फ्रेंड की तरह।।


नैना को नींद नहीं आ रही थी ।।
माया ने पूछा क्या हुआ है।
नैना ने कहा कि कुछ भी नहीं। वापस जाकर स्कूल जाय्ना करना है।
माया ने कहा हां ठीक है मैं रोज फोन करूंगी।


क्रमशः

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