सात फेरे हम तेरे - भाग 71 RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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सात फेरे हम तेरे - भाग 71

दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर नीचे पहुंच गए जहां नाश्ते का इंजमाम किया गया था।
फिर अतुल बिमल सब प्लेट में परोस कर खाने लगे।
विक्की ने कहा चलो दीं हम भी खा लें।
नैना ने कहा हां ठीक है फिर विक्की माया और नैना प्लेट में नाश्ता लेकर खाने लगे। बहुत कुछ था नाश्ते में जिसको जो पसंद हो बस का लो।
नैना ने कहा आज लेडिज संगीत में तुम लोग नहीं आ सकते हो।
विक्की ने कहा अच्छा किसने कहा? नैना ने कहा अरे बाबा लेडिज संगीत में तुम लोग कैसे आ सकतें हो।
विक्की ने कहा ऐसा कैसे मैं तो लेडिज संगीत का भूत उतार दुंगा।
नैना ने कहा अच्छा मुकाबला करो ना फिर पता चलेगा।
विक्की ने कहा हां ज़रूर हम डरते हैं क्या?
नैना ने कहा हां ठीक है फिर मैदान में आना शाम को।।
सागर भी आ गया और फिर बोला गुड मॉर्निंग और सब ठीक है मैं भी नाश्ता कर लेता हूं फिर चलते हैं घर।
माया ने कहा हां ठीक है। सागर ने कहा कल कोई तकलीफ़ नहीं हुई है ना? नैना ने कहा अरे नहीं बिल्कुल भी नहीं पर हां दीदी आपको याद करती रही। माया ने कहा नैना अब मारूंगी तुझे।।
फिर सब नाश्ता करने के बाद गाड़ी में बैठ गए। माया ने कहा विक्की हमारी गाड़ी आ गई। विक्की ने कहा नहीं शाम को आएंगी।

फिर सब पहुंच गए सागर के घर।।
सागर के पापा ने सबका स्वागत किया। माया ने पैर छुए और फिर अन्दर जाकर बैठ गई। बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया था पुरे घर को।
गाना बजाना भी हो रहा था। खाना पीना भी चल रहा था। कुछ देर बाद सागर की मम्मी आ गई। माया ने पैर छुए और फिर बोली आंटी कैसी है? मीना ने कहा अरे बाबा अब तो मां बोलो। माया ने हंसते हुए मम्मी कहा और गले लग गई।
फिर मेहमान बैठे थे।
फिर सागर ने माया को एक अंगुठी पहना दिया और माया ने भी सागर को एक अंगुठी पहना दिया।
नैना विक्की को देख रही थी। विक्की ने कहा हां, हां सब याद है।
नैना ने मुंह फेर लिया।
सबने ताली बजाकर खुशी जाहिर किया।
सब माया को गिफ्ट्स दे रहे थे।
माया की आंखें आंसुओं से भर गई थी।।उसे निलेश का ख्याल आ रहा था तो विक्की ने गाना शुरू किया।।
फुलों का तारों का सबका कहना है

फूलों का तारों का, सबका कहना है एक हज़ारों में मेरी बहना है सारी, उमर, हमें संग रहना है फूलों ... ये न जाना दुनिया ने तू है क्यूँ उदास, तेरी प्यासी आँखों में प्यार की है प्यास, आ मेरे पास आ, कह जो कहना है, एक हज़ारों ... भोली-भाली जापानी गुड़िया जैसी तू, प्यारी-प्यारी जादू की पुड़िया जैसी तू, डैडी का मम्मी का, सब का कहना है, एक हज़ारों ... जब से मेरी आँखों से हो गई तू दूर तब से सारे जीवन के सपने हैं चूर आँखों में नींद ना, मन में चैना है, एक हज़ारों ... देखो हम तुम दोनो हैं एक डाली के फूल मैं न भूला तू कैसे मुझको गई भूल आ मेरे पास आ, कह जो कहना है, एक हज़ारों ... जीवन के दुखों से, यूँ डरते नहीं हैं ऐसे बचके सच से गुज़रते नहीं हैं सुख की है चाह तो, दुख भी सहना है, एक

जब से मेरी आँखों से हो गई तू दूर तब से सारे जीवन के सपने हैं चूर आँखों में नींद ना, मन में चैना है, एक हज़ारों ... देखो हम तुम दोनो हैं एक डाली के फूल मैं न भूला तू कैसे मुझको गई भूल आ मेरे पास आ, कह जो कहना है, एक हज़ारों ... जीवन के दुखों से, यूँ डरते नहीं हैं ऐसे बचके सच से गुज़रते नहीं हैं सुख की है चाह तो, दुख भी सहना है, एक


सब ताली बजाकर खुशी जाहिर किया।
फिर सब को वहां पर आदर सत्कार किया गया उन सभी को लंच के लिए आमंत्रित किया गया।
सारी व्यवस्था बहुत ही अच्छे से किया गया था।
सब खाना खाने पहुंच गए।
नैना विक्की को परेशान करने के लिए उससे दूर भाग रही थी।
विक्की भी कहां रूकने वाला था उसने नैना के हाथों को पकड़ लिया और अपने पास ही बैठा लिया।।

नैना ने कहा मेरा हाथ छोड़ दो किस हक से पकड़ा है सगाई तक नहीं पहुंचे।
विक्की ने कहा हां ताने मार लो। शादी तुमसे ही करूंगा। मनाने में एक साल बीत गए हैं ना।।
नैना ने कहा हां और क्या ऐसे ही किसी अजनबी के साथ।
विक्की ने कहा हां सब पता है पहला प्यार तुम्हारा।।
नैना सोचने लगी ऐसा कैसे पता इसको।।
मेरा क्रश किसके साथ था। मेरे कालेज में मेरा सिनियर था छात्र नेता अमन।
विक्की ने कहा हां ठीक है मुझे पता है अमन।।
नैना को गुस्सा आ गया पर फिर सब वापस होटल आ गए।
नैना ने कहा ठीक है लंच भी नहीं कर पाईं।
ओह।
विक्की ने कहा हां कैसे करोगी मेरे से लड़ाई जो करनी थी।


माया ने कहा अब तुम लोग लड़ाई क्यों कर रहे हो?
नैना ने कहा हां दीदी पर अपना हाथ तो।।
विक्की ने इशारा किया तो नैना चुप हो गई।
अब चलो सब आराम कर लो । शाम को संगीत भी है और मेहंदी भी।
फिर सब आराम करने लगे।
शाम होते ही सब तैयार हो कर नीचे पहुंच गई।
माया बहुत ही प्यारी लग रही थी।उसी होटल के गार्डन को बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया था।।तरह तरह की लाईट, फुलों से डेकोरेट किया गया था।
माया को ले जाकर एक सुंदर से कुर्सी पर बैठा दिया गया कुछ देर बाद सागर भी एक शेरवानी पहन कर आ गया।
नैना भी एक परी जैसी लग रही थी। नैना की आंखें जिसे ढुंढ रही थी वो तो कहीं नहीं था।।
नैना ने कहा लगता है डर गया। अतुल ने कहा अरे नहीं पुरी तैयारी के साथ आ रहा है।
कुछ देर बाद ही विक्रम सिंह शेखावत आ गया और गिटार बजाने लगा।
चांद सितारे फुल और खुशबु।


खुबसूरत रंग के फूल सा फूल और
ये सभी खराब हो गए है

चाँद सितारे फूल और खुश्बू ये तो सारे पुराने हैं
ताज़ा-ताज़ा कली खिली है हम उसके दीवाने हैं
अरे काली घटाएं बरखा सावन
ये तो सब अफसाने हैं
ताज़ा-ताज़ा कली...

अंदाज़ है उसके नए-नए, है नया-नया दीवानापन
पहनाके ताज जवानी का, हंसके लौट गया बचपन
गीत ग़ज़ल सब कल की बातें।
उसके नए तराने हैं
ताज़ा-ताज़ा कली...

है रूप में इतना सादापन, तो कितना सुन्दर होगा मन
बिन गहनें और श्रृंगार बिना, वो तो लगती है दुल्हन
काजल बिंदिया कंगन झुमके
ये तो गुज़रे ज़माने हैं
ताज़ा-ताज़ा कली...

वाह वाह क्या बात है।।
नैना भी खुश हो गई और विक्की को बार बार देखने लगीं।
क्योंकि विक्की कुछ ज्यादा ही हैंडसम लग रहा था।
क्रमशः