सात फेरे हम तेरे - भाग 30 RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • Venom Mafiya - 7

    अब आगे दीवाली के बाद की सुबह अंश के लिए नई मुश्किलें लेकर आई...

  • My Devil Hubby Rebirth Love - 50

    अब आगे रुद्र तुम यह क्या कर रही हो क्या तुम पागल हो गई हों छ...

  • जंगल - भाग 7

          कुछ जंगली पन साथ पुख्ता होता है, जो कर्म किये जाते है।...

  • डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 69

    अब आगे,अर्जुन, अराध्या को कमरे से बाहर लाकर अब उसको जबरदस्ती...

  • बैरी पिया.... - 53

    अब तक :प्रशांत बोले " क्या ये तुमने पहली बार बनाई है... ?? अ...

श्रेणी
शेयर करे

सात फेरे हम तेरे - भाग 30

मै तो मजाक कर रहा था और तुम तो नाराज़ हो गई।

नैना ने कहा हां सच है वैसे भी मेरी जिंदगी मज़ाक बन गई है तो बस मज़ाक करते हैं।
विक्की ने कहा अरे ऐसे मत बोलो मैं अपनी दिल की बात जब भी बताने की कोशिश करता हूं तो तुम मुझे रोक देती हो क्यों क्या चाहती हो तुम आखिर।।

नैना अन्दर चली गई। विक्की ने कहा अरे बाबा समोसे तो दे दो।।भुख लगी है। और फिर माया भी आ गई और फिर बोली क्या हुआ विक्की।
विक्की ने कहा अरे कुछ नहीं हुआ।।
माया ने कहा मैं जल्दी से फ्रेश होकर आती हूं। नैना ओ नैना कहा गई।
विक्की ने कहा लगता है बहुत नाराज़ हो गई।
फिर दोनों समोसे खाने लगे और फिर नैना भी आ गई और फिर बोली कि मेरे समोसे दो। फिर दोनों हंसने लगे। माया ने कहा अरे तेरा समोसे कौन खाएगा।।

फिर चाय के साथ समोसे खा लिया।
विक्की ने कहा दीदी चलिए आज बाहर डिनर करने चले।
माया ने कहा हां ठीक है चलते हैं मैं थक गई हूं। नैना ने कहा अरे रोज रोज बाहर का खाना।।
विक्की ने कहा क्या नैना कभी तो मेरी सुन लो।।
नैना ने कहा चलो ठीक है।
फिर सब तैयार हो कर निकल गए।
माया ने कहा अपने इधर एक बहुत ही अच्छा सा ढावा है वहां चले। निलेश कभी कभी वहां से पंजाबी थाली खाने जाता था।
विक्की ने कहा हां क्यों नहीं चलतें है।

फिर तीनो पैदल ही निकल गए।
ढावे में पहुंच कर तीनों बैठ गए। विक्की बार बार नैना की आंखों में देख रहा था शायद कुछ पढ़ने की कोशिश कर रहा था।
फिर वेटर को खाना आर्डर कर दिया।
लस्सी, मक्के की रोटी, सरसों का साग,राजमा चावल दाल भाजी, मसाला पापड़।।

वाह वाह वाह क्या खुशबू है।ये विक्की ने कहा।
माया ने एक कौर खिलाते हुए कहा ये लो भाई।
विक्की ने कहा थैंक यू दी।अब कोई और भी खिलाएगा क्या? नैना ने कहा हां,हा हा आपके हाथों में मेहंदी लगी है क्या? विक्की ने कहा क्या मस्त डायलाग है।

फिर सब मज़े ले कर खा रहे थे।


नैना ने कहा दीदी राजमा चावल बहुत ही स्वादिष्ट है।
फिर सब खाना खाने के बाद लस्सी पीने लगे।
सबसे पहले विक्की ने नोटिस किया कि नैना की मुछे बन गया है तो विक्की धीरे धीरे हंसने लगा।तो नैना को लगा कि क्यों हंस रहा है।


खाने की थाली उठाकर नैना के सामने कर दिया और इशारा करने लगा।

नैना ने देखा कि अपने मुंह में एक मुछे बन गया है। नैना ने कहा ओह माई गॉड इसलिए मैं लस्सी नहीं पीती हु।

विक्की आगे हाथ बढ़ाते हुए अपने रूमाल से नैना के होठो पर लगें लस्सी के मलाई को पोंछने लगा और फिर वो बोला ऐसा कैसे नहीं पियोगी अगर पोंछने वाला मिल जाए तो।।
नैना अपने गहरी आंखों से देखने लगी।
माया भी मुंह दबा कर हंसने लगी।


फिर खाना खाने के बाद बिल देकर तीनों निकल गए।

माया ने कहा अच्छा विक्की तुम को अभी छुट्टी पर हो क्या।।
विक्की ने कहा हां दीदी एक साल की छुट्टी पर हुं क्यों कि मैं अपनी एक भी छुट्टी कभी नहीं लिया इसलिए अब लें सका।
माया ने कहा अरे वाह क्या बात है बहुत ही खूबसूरती से बिताने वाले हैं हम हां।

फिर घर आकर सब सोने चले गए।
विक्की को रात भर नींद नहीं आई।सुबह होते ही सर दर्द की शिकायत करने लगे।
माया ने कहा रूको मैं अभी एक मालिश कर देती हुं और नैना अदरक वाली चाय बना दो।

विक्की को कुछ आराम मिला तो वो सो गया।
माया ने कहा नैना तुम चली जाओ मैं रूक जाती हुं। नैना सर हिला कर तैयार हो कर चली गई।

कुछ देर बाद विक्की की नींद खुल गई और फिर उसने माया को वहीं बैठे देखा तो बोला दीदी आज स्कूल नहीं गई?
माया ने कहा नहीं जा पाई। तुम्हें इतना तकलीफ होता देख मैंने स्कूल में मना कर दिया।
विक्की ने कहा ओह दीदी मेरी वजह से।
माया ने कहा नहीं ऐसा कुछ नहीं है। चलो नाश्ता कर लो।
फिर दोनों नाश्ता करने लगे और फिर निलेश की हर एक बात बताने लगीं।

विक्की ने पुछा कि नैना के दिल में क्या है?वो क्या युही जिंदगी बिताने में खुश हैं।
माया ने कहा हां लगता है वरन् हम तो समझा कर थक चुके है। विक्की ने कहा दीदी एक बात पुछ सकता हूं??
माया ने कहा हां ज़रूर।।
विक्की ने कहा कि निलेश और नैना क्या कभी मेरा मतलब।।
माया ने कहा हां मैं समझ गई पर नहीं कभी नहीं उन दोनों का प्यार पवित्र था किसी चीज का मोहताज नहीं था।
विक्की ने कहा दीदी आप मुझे ग़लत मत समझो मैं इसलिए जानना चाह रहा था कि शायद नैना किसी को धोखा नहीं देना चाहती इसीलिए अपनी अलग दुनिया बना कर रखीं हैं।
माया ने कहा नहीं नहीं निलेश ने कभी ऐसा कुछ बोला भी नहीं वो सब कुछ बताता था।

विक्की ने कहा नहीं दीदी मैं समझ गया ऐसा प्यार देखने को नहीं मिलता बिना किसी को देखें प्यार करना ये खास एहसास है।।

फिर दोनों नाश्ता करने लगे और फिर अतुल और बिमल भी आ गए। अपना बैग और सूटकेस लेकर।
विक्की ने कहा अरे आ गए। बिमल ने कहा हां दोस्त।
माया ने कहा नाश्ता कर लो।
फिर दोनों नाश्ता करते हुए बात करने लगे।

फिर तीनों दोस्तों में कैरम प्रतियोगिता शुरू हो गई हर बार विक्की ही जीत रहा था।


काफी देर तक खेल चलता रहा।
फिर सब दोपहर का खाना खाने बैठ गए।
इसी बीच सब दिल्ली की बात करने लगे अब कब पहुंच जाएंगे वहां से किस होटल और फिर आगरा जाएंगे।

हंसी मजाक करते करते सब सो भी गए।
शाम को नैना स्कूल से आ गई और अपने पौधों के साथ बात करने लगी और पानी देने लगी।
माया ने कहा नैना खाना खा ले।
नैना ने कहा हां दीदी।
नैना खाना खाने के बाद आराम करने चली गई।

फिर माया के टुशयन वाले बच्चे आ गए।

कमश:


फिर कुछ देर बाद माया के टुयशन वाले बच्चे आ गए।


कमश: