सात फेरे हम तेरे - भाग 46 RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

सात फेरे हम तेरे - भाग 46

विक्की ने कहा एक दिन का आराम और फिर दूसरे दिन कानपुर की ट्रेन।।
बिमल और अतुल ने कहा हां दोस्त बहुत ही खूबसूरत उपहार दिया तुमने इतने दिनों से हमें इतनी सारी खुशियां देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।।
विक्की ने कहा अरे बाबा मैंने कुछ भी नहीं किया अगर आज निलेश रहता तो यही करता है ना।

अतुल ने गले लगाते हुए कहा हां दोस्तों ठीक कहा।
विक्की ने कहा अब अगले साल हम तुम सबको सिंगापुर लेकर जाएंगे।
तब तक शायद मैं कुछ और खास बन जाऊंगा तुम्हारे लिए। और शायद सागर भाई भी जुड़ जाएं।


माया ने कहा हां ठीक है देखते हैं भगवान क्या चाहता है।
विक्की ने कहा भगवान से मेरा बहुत ही पुराना लेन देन है तो सब कुछ ठीक हो जाएगा। वरना मेरी शादी कब की हो चुकी होती।

नैना ने कहा किसकी शादी।। विक्की ने कहा किसी की नहीं ओके। नैना ने मन में सोचा क्या बात है जो विक्की नहीं बताया।
विक्की ने कहा चलो बता देता हूं। मेरी शादी की बात चल रही है और मै इसलिए यहां आ गया।मन में सोचा एक बार कर के देखता हूं कोई फर्क पड़ता है या नहीं। विक्की शरारत भरी नजरों से देखने लगा और फिर बोला अरे बहुत ही खूबसूरत है वो मुझे पसंद नहीं है।वो बहुत प्यार करती है पर मैं नहीं लो नाम लिया और फोन भी आ गया। विक्की बात करते हुए बाहर चला गया।
नैना अपनी चोर आंखों से देखने लगी और फिर बोली माया दी उसे शादी कर लेनी चाहिए।
माया ने कहा हां बहुत बार समझाया पर सुनें ।
नैना ने उत्सुकता से पूछा क्या वो नहीं चाहता।पर बात तो कर रहा है।

माया ने कहा हां देखा कितनी देर तक।
फिर जैसे ही विक्की वापस आ गए तो नैना ने कहा पुछो तो जरा क्या बात हुई?
विक्की ने कहा अच्छा तुम सुनोगी।। नैना ने कहा मेरी बला से वो तो दी बोली।
विक्की हंसते हुए कहा अच्छा ठीक है बताता हूं वो यहां आ रही है और चाहती है कि शादी भी यही हो।


नैना ने कहा हां ठीक है उसे बुलाना चाहिए। विक्की ने कहा सच कहा तुमने मुझे लगा कि। नैना ने कहा क्या लगा तुम्हें।

नैना ने कहा मुझे भला क्या लगेगा। वैसे कल ट्रेन है कितने बजे।
विक्की ने कहा शाम की है। नैना ने कहा ओके मैं पैकिंग करने जा रही हुं।
नैना के जाने के बाद माया ने कहा अरे भाई नैना को क्या हुआ।
विक्की ने कहा कुछ कुछ तो हुआ होगा पर बोल नहीं रही है पर मैं तो उसके मुंह से बुलवाऊगा।

माया ने कहा हां वो तो बस।
विक्की ने कहा आप बस देखती जाओ।
फिर सब पैकिंग करने लगे।
कितना बैंग ज्यादा हो गया। विक्की ने कितना कुछ खरीद कर दिया।
विक्की ने कहा हां ठीक है सब पैकिंग कर लो फिर लंच में मिलते हैं।


सब लोग कुछ देर बाद लंच करने पहुंचे। और विक्की ने लंच में बहुत कुछ मंगवा लिया।
फिर सब खाना खाने लगे और फिर गप्पे करने लगे।

फिर हंसी मज़ाक के बाद सब जाने लगें पर नैना वहीं पर बैठी रही । विक्की ने कहा क्या बात है कुछ और खाना है क्या।
नैना ने कहा नहीं कुछ बस कुछ बात करनी थी।
विक्की ने कहा अरे इतनी जल्दी।
नैना ने कहा मतलब नहीं समझ आया।
विक्की ने कहा कुछ भी नहीं।
नैना ने कहा अच्छा वो क्या बात हुई तुम्हारी दोस्त।
विक्की ने कहा कौन सैम।
नैना ने कहा मुझे उसका नाम नहीं पता सैम।
विक्की ने कहा हां सैम आ रही है।
नैना ने कहा हां कहां? विक्की ने कहा और कहां दिल्ली में।
नैना ने कहा माया दी ने कहा है क्या।
विक्की ने कहा हां तो।वो चाहती है हमारी शादी उसी घर से हो।
नैना ने कहा अच्छा दी ने ऐसा कहां?
विक्की ने कहा हां। क्यों तुम्हें कोई प्रोब्लम है क्या।
नैना ने कहा नहीं नहीं ऐसा नहीं है।
अच्छा अब चलें।
विक्की ने कहा अच्छा सुनो।
नैना ने कहा हां बोलो।
विक्की ने कहा कुछ नहीं बस।
नैना ने कहा हां ठीक है मैं समझ गई अब मैं तुम्हारी खामोशी को भी समझती हूं ये बात मन में कहा।पर विक्की को पता चल गया कि वो क्या बोली।
चलो अब पैकिंग कर लें।
विक्की ने कहा हां ठीक है। फिर अपने अपने कमरे में जाकर सारी चीज़ें पैकिंग कर लिया।
माया ने कहा पता नहीं ये विक्की को क्या हो गया।वो उस लड़की को यहां बुला रहा है।
नैना ने कहा वो बुलाया है कि आप ने कहा है।
माया ने कहा अरे मैं क्यों बोलूंगी।जिस दिन से तूने मना किया उस दिन से ही बिचारा बेबस सा लगता है देख तेरे साथ कभी कोई जबरदस्ती नहीं किया उसने फिर भी।
नैना ने कहा नहीं दीदी ऐसा नहीं है पता नहीं क्यों दिल कुछ और ही सुनना चाहता है।
माया ने कहा अपनी आंख बंद करके देख क्या अभी तक निलेश है या विक्की ने अपनी जगह बना ली है।
नैना ने अपनी आंख बंद करके देखा तो निलेश दूर खड़ा था और उसने इशारे से हाथ दिखाते हुए कहा ये लो तुम्हारा विक्की और फिर विक्की सामने आ गया।
और फिर नैना ने आंख खोल लिया और एक दम से चौंक गई और फिर बोली माया दी सो जाती हुं।

फिर दोनों तैयार हो गई देखते देखते शाम हो गई।
फिर सब एक साथ चाय नाश्ता करने लगे और फिर विक्की ने कहा अब हम लोग इस होटल से चेक आउट करेंगे।

फिर सब टैक्सी के लिए इन्तजार करने लगे।
टैक्सी आ गई और फिर सब बैठ गए।
स्टेशन पहुंचे और रेल गाड़ी आ गई।

गाड़ी के सेकेंड एसी कोच में बैठ गए सब लोग।
नैना ने कहा

गाड़ी के सेकेंड एसी कोच में बैठ गए सब लोग।
नैना बार बार विक्रम सिंह शेखावत को देख रही थी। अरे वाह क्या बात है जादू तेरी नज़र खुशबू तेरा बदन तू हां कर या ना कर तू है मेरी सैम।।
नैना गुस्से से देखने लगी और फिर बोली ओह तो ये बात है।
फिर गाड़ी चलने लगी। गाड़ी की रफ्तार तेज हो गई।
बिमल ने कहा चलो खाना खा ले।
अतुल ने कहा अरे मुझे लगा कि तुम गाना गाने की बात कर रहे हो।

विक्की ने कहा चलो पहले नाश्ता करते हैं। समोसे खा ले।
माया ने कहा क्या समोसे लिया तुमने।
विक्की ने कहा हां दीदी लिजिए ना।
फिर सब ने गर्म गर्म समोसे खाएं।

क्रमशः