Arunendra Nath Verma लिखित उपन्यास जो घर फूंके अपना | हिंदी बेस्ट उपन्यास पढ़ें और पीडीएफ डाऊनलोड करें होम उपन्यास हिंदी उपन्यास जो घर फूंके अपना - उपन्यास Jo Ghar Funke Apna book and story is written by Arunendra Nath Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Jo Ghar Funke Apna is also popular in हास्य कथाएं in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. उपन्यास जो घर फूंके अपना - उपन्यास Arunendra Nath Verma द्वारा हिंदी हास्य कथाएं (118) 95.5k 347.2k जो घर फूंके अपना 1 चीनी हमले से लुप्त हुई फ़ौजी जीवन की मीठास उन्नीस सौ बासठ में भारत पर चीनी आक्रमण के लिए भारतीय सेनायें कतई तैयार नहीं थीं. चीनी थलसेना ने भारतीय थलसेना पर एक-एक पर तीन-तीन की तर्ज़ पर ‘मानवीय लहरों ‘के रूप में जब धावा बोला तो उनके साथ हिमालय की दुर्गम ढलानों से नीचे उतरने की सहूलियत भी थी. फिर तो भारतीय सेना का तबला धीन-धीन करके बजना ही था. चीनियों की स्वचालित रायफल्स का सामना भारतीय सिपाही द्वितीय विश्वयुद्ध के समय की ‘थ्री नॉट थ्री’ बंदूकों से कर रहे थे. न उनके पास पैरों पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें जो घर फूंके अपना - उपन्यास पूर्ण उपन्यास जो घर फूंके अपना - 1 - चीनी हमले से लुप्त हुई फ़ौजी जीवन की मीठास जो घर फूंके अपना 1 चीनी हमले से लुप्त हुई फ़ौजी जीवन की मीठास उन्नीस सौ बासठ में भारत पर चीनी आक्रमण के लिए भारतीय सेनायें कतई तैयार नहीं थीं. चीनी थलसेना ने भारतीय थलसेना पर एक-एक पर तीन-तीन ...और पढ़ेतर्ज़ पर ‘मानवीय लहरों ‘के रूप में जब धावा बोला तो उनके साथ हिमालय की दुर्गम ढलानों से नीचे उतरने की सहूलियत भी थी. फिर तो भारतीय सेना का तबला धीन-धीन करके बजना ही था. चीनियों की स्वचालित रायफल्स का सामना भारतीय सिपाही द्वितीय विश्वयुद्ध के समय की ‘थ्री नॉट थ्री’ बंदूकों से कर रहे थे. न उनके पास पैरों मुफ्त पढ़ो जो घर फूंके अपना - 2 - फ़ौजी ग्लेमर की दुनिया पर चीनी बमबारी जो घर फूंके अपना 2 फ़ौजी ग्लेमर की दुनिया पर चीनी बमबारी एक बूढ़े आदमी ने लाठी टेक टेक कर चलते हुए सारे देश में अहिंसा और स्वराज की ऐसी अलख जगाई कि अंग्रेजों को अंततः भारत छोड़ कर ...और पढ़ेही पड़ा. वे खुद तो गए पर अपने पीछे देश भर में फ़ैली हुई छावनियों में अपनी अद्भुत और अमिट छाप छोड़ गए. इन छावनियों में फ़ौजी अफसरों की अपनी एक अलग ही दुनिया थी. एक शानदार ग्लेमर – चकाचौंध से भरी दुनिया. कैंटोनमेंट या फ़ौजी छावनियां भीडभाड भरे शहरी इलाकों से बाहर होती थीं जहां साधारण नागरिक को जाने मुफ्त पढ़ो जो घर फूंके अपना - 3 - दिन तो घूरे के भी पलटते हैं. जो घर फूंके अपना 3 दिन तो घूरे के भी पलटते हैं. बात हो रही थी राष्ट्रीय प्रतिरक्षा अकादमी में प्रशिक्षण के उन दिनों की जबतक चीनी थलसेना ने हम फौजियों के जीवन में रोमांस की मिटटी पलीद नहीं ...और पढ़ेथी. मज़े की बात ये थी कि सिर्फ कैडेटों या नौजवान अफसरों की अक्ल पर रूमानियत का यह पर्दा नहीं पड़ा हुआ था. बाहर से झाँकने वालों की नज़रें भी उसी रूमानियत के परदे में फंसकर रह जाती थीं. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण यह था कि उन दिनों एन डी ए या आई एम ए ( इन्डियन मिलिटरी अकादेमी ) में मुफ्त पढ़ो जो घर फूंके अपना - 4 - दूर हटो ओ कन्या वालों हम मिग 21 उड़ाते हैं ! जो घर फूंके अपना 4 दूर हटो ओ कन्या वालों हम मिग 21 उड़ाते हैं ! फौजियों के जीवन में रोमांस के पनपने के लिए शान्ति का दौर उतना ही आवश्यक होता है जितना देश के विकास के लिए ...और पढ़ेसरकार का होना. तभी सारी कठिनाइयों के बावजूद ’71 से ‘78’ तक के लम्बे शान्ति के दौर में थलसेना- जलसेना के अफसरों की शादी के बाज़ार का सूचकांक थोडा बहुत तो ऊपर चढ़ा ही. शादी के मामले में उनकी पूछ कुछ बढ़ने का कारण शायद ये भी था कि युद्ध के बाद विधवाओं के नाम घोषित रिहायशी प्लाट, या गैस मुफ्त पढ़ो जो घर फूंके अपना - 5 - ह्मसफर की तलाश--लखनऊ से गुवाहाटी तक जो घर फूंके अपना 5 ह्मसफर की तलाश--लखनऊ से गुवाहाटी तक सन 65 के युद्ध के बाद जब शादी की बाज़ार में फौजियों के लिए घोर मंदी के दिन थे तब हमारे बैच के अफसर मुश्किल से 21, 22 ...और पढ़ेके थे. विवाह का प्रश्न ही नहीं था. कहने को तो ये हमारे खेलने खाने के दिन थे पर स्थिति ये थी कि जो खेल हम खेलना चाहते थे उसके लिए साथी मिलना दुष्कर कार्य था. शायद इसी वास्तविकता को छिपाने के लिये देर से शादी देर से करने का फैशन था. 1960-70 के दशक में फ़ौजी अफसर 30-32 वर्ष मुफ्त पढ़ो Read all episodes on App अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Best Novels of 2024Best Novels of 2024Best Novels of January 2024Best Novels of February 2024Best Novels of March 2024 Best Novels of 2023Best Novels of 2023Best Novels of January 2023Best Novels of February 2023Best Novels of March 2023Best Novels of April 2023Best Novels of May 2023Best Novels of June 2023Best Novels of July 2023Best Novels of August 2023Best Novels of September 2023Best Novels of October 2023Best Novels of November 2023Best Novels of December 2023 Best Novels of 2022Best Novels of 2022Best Novels of January 2022Best Novels of February 2022Best Novels of March 2022Best Novels of April 2022Best Novels of May 2022Best Novels of June 2022Best Novels of July 2022Best Novels of August 2022Best Novels of September 2022Best Novels of October 2022Best Novels of November 2022Best Novels of December 2022 NEW REALESED Children Stories पर-कटी पाखी - 5. बात उस दिन की. 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