Secret Admirer - उपन्यास
Poonam Sharma
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
**इंद्रजीत मैहरा** एक जाने माने लॉयर और एक लॉ फर्म भी चलाते हैं। उनकी पत्नी **सुमित्रा मैहरा** एक हाउस वाइफ लेकिन किटी पार्टीज़ में जाना और शॉपिंग करना उन्हे बहुत पसंद है। उन दोनो के तीन बच्चे हैं, तीनो ...और पढ़ेसबसे बड़ा **कबीर मैहरा** जो एक बहुत बड़ी रिप्यूटेड कंपनी में फाइनेंस हेड की हैसियत से नौकरी करता है और तीनो भाइयों में सबसे ज्यादा कमाता है। दूसरा बेटा **इशान मैहरा** जो लॉयर है और अपने पिता के साथ ही काम करता है। तीसरा बेटा **साहिल मैहरा** वोह भी लॉयर है और अपने बड़े भाई की तरह ही अपने पिता
**इंद्रजीत मैहरा** एक जाने माने लॉयर और एक लॉ फर्म भी चलाते हैं। उनकी पत्नी **सुमित्रा मैहरा** एक हाउस वाइफ लेकिन किटी पार्टीज़ में जाना और शॉपिंग करना उन्हे बहुत पसंद है। उन दोनो के तीन बच्चे हैं, तीनो ...और पढ़ेसबसे बड़ा **कबीर मैहरा** जो एक बहुत बड़ी रिप्यूटेड कंपनी में फाइनेंस हेड की हैसियत से नौकरी करता है और तीनो भाइयों में सबसे ज्यादा कमाता है। दूसरा बेटा **इशान मैहरा** जो लॉयर है और अपने पिता के साथ ही काम करता है। तीसरा बेटा **साहिल मैहरा** वोह भी लॉयर है और अपने बड़े भाई की तरह ही अपने पिता
"मॉम, ये तो सरा सर ब्लैकमेलिंग है। आप हमेशा एक ही बात लेकर क्यों बैठ जाती हैं? आपको बात करने के लिए कोई और टॉपिक नही मिलता? आप जानती हैं ना ये नही हो सकता।" कबीर अपनी नाराजगी जता ...और पढ़ेथा। "मैं तेरी मां हूं। तुझे ब्लैकमेल करूंगी? कबीर की मां सुमित्रा बोली। "तोह फिर क्या है ये सब मॉम? "तुझसे बात ही तो कर रही हूं।""पर मुझे नही करनी।""तुझे करनी पड़ेगी। बहुत हो गया तेरा।""मॉम!""सिर्फ एक बार मिल ले बेटा। शायद तू अपना फैसला बदल दे।""यह कभी नही हो सकता, मॉम, कभी भी नही। इतना कह कर कबीर अपनी
"क्योंकि मैं नही चाहती तुम अपनी इच्छा के बिना उससे शादी करो। और शायद यह हो सकता है की उससे मिलने के बाद तुम मना कर दो।""मैं क्यों अब मना करूंगा? जब मैं उससे बिना मिले ही शादी करने ...और पढ़ेतैयार हूं तो क्या दिक्कत है। अब चाहे वोह गूंगी, बहरी या फिर लंगड़ी हो, मैं शादी के लिए तैयार हूं।" कबीर अब इरिटेट होने लगा था। "उसका नाम अमायरा है," सुमित्रा जी ने कबीर से नज़रे चुराते हुए कहा। "क्या? अमायरा? आप मज़ाक कर रहीं है ना? आप...आप प्लीज सीरियस नही हो सकती मां?" कबीर ने हैरत से पूछा।
"आपको पता है, मैं यह सिर्फ आपके लिए ही कर रहा हूं," इशान ने अपनी नीली आंखों से देखते हुए कहा। "ओह! पर तुम्हे पता है की मैं तुम्हारा बिलकुल भी आभारी नही हूं," कबीर ने तीखेपन से कहा। ...और पढ़ेसाल हो चुके हैं, भाई। कब तक आप अपने अतीत में ही जीते रहेंगे।""मैं उन यादों के साथ अपनी पूरी जिंदगी बिता सकता हूं। अगर तुम यह समझते तोह मुझे कभी फोर्स नही करते।""वोह अच्छी लड़की है। और आपको बहुत खुश रखेगी," इशान ने आत्मविश्वास से कहा। "क्या हो अगर मैं ही उसे खुश ना रख पाऊं? तुम्हे गिल्टी फील
तभी वेटर आ गया और उन्हे अपीटाइजर सर्व करने। अमायरा ने वेटर को थैंक्स कहा अपीटाइजर सर्व करने के लिए और उसे बताने लगी की यह डिश उसे बहुत पसंद आई। उन दोनो के बीच छोटी सी बातचीत से ...और पढ़ेचिढ़ने लगा। अमायरा ने को मुस्कुरा का वाटर को थैंक्स कहा उससे कबीर को गुस्सा आ गया। *हम यहां अपनी लाइफ का इतना इंपोर्टेंट हिस्सा डिस्कस करने आए हैं ना की ये फालतू की बातें*, कबीर ने मन ही मन कहा। *मुझे सोचना पड़ेगा इसके जैसी एमेच्योर और यंग लड़की को अपनी वाइफ बनाने से पहले।*"मैने ऐसा नहीं कहा। अगर
"क्या? आप पागल तोह नही हो गए हो दी?" अमायरा ज़ोर से चिल्लाई। "क्यों? मैने बस उनके साथ डेट पर जाने को ही तोह कहा है। इसमें क्या गलत है?" "मैं उनके साथ डेट पर क्यों जाऊं?" अमायरा ने ...और पढ़ेऔर अपने आपको कंबल में अच्छे से ढकने लगी। "क्योंकि तुम उनसे अगले हफ्ते शादी कर रही हो। तोह यह तोह ऑब्वियस नही है? इशिता ने उसका कंबल हटाते हुए कहा ताकी वोह उसे बैड से बाहर निकाल सके। "मैं उनसे शादी कर रही हूं। अब इसमें डेट पर जाने की क्या जरूरत है?""कम ऑन, अमायरा। जाओ ना डेट पर
पूरा घर खुशियों से भरा हुआ था। सुमित्रा जी तोह सातवे आसमान पर थी। और वोह इधर से उधर भागने में बिज़ी थी। असल में वोह मेहमानो को खाना खिलाने का काम कर रहीं थी। बस खातिर दारी में ...और पढ़ेकमी ना रह जाए इसका पूरा ध्यान रखे हुए थी। उनके लिए यह कोई छोटी बात नही थी की उनके बेटे ने फाइनली शादी कर ली है वोह भी उनकी चॉइस की लड़की से। और अब जब शादी अच्छी तरह से संपन्न हो चुकी थी और वोह अपनी बहुओं को घर भी ला चुकी थी, तोह वोह थोड़ा रिलीफ महसूस
मैं..... म..... मुझे उम्मीद है की तुम मुझसे कोई वैडिंग गिफ्ट तोह एक्सपेक्ट नही कर रही होगी," कबीर ने अपने कमरे में अंदर आने के बाद दरवाज़ाबंद करने के बाद कर्कश भरी आवाज़ में कहा। "क्यों नही?" अमायरा ...और पढ़ेअपनी भौंहे उच्चका के पूछा। "मैं आपकी लीगली वेडेड वाइफ ️ हूं। और हर पत्नी का अधिकार होता है की अपनी सुहाग रात पर अपने पति से तौफा ले।" अमायरा के कहते ही कबीर थोड़ा सेल्फ कॉन्शियस हो गया। "वैसे तोह इतना बड़ा नाम है आपका फाइनेंस वर्ल्ड में, आपसे मुझे ये उम्मीद नही थी। एक छोटा सा
"तुम्हे जाना नही है साहिल? आज तुम्हे कोई काम नही है क्या?" कबीर बातों का रुख बदलने की कोशिश कर रहा था लेकिन साहिल इतनी आसानी से चिढ़ाने का काम छोड़ना नहीं चाहता था। "ओह भईया, मैं नाश्ते के ...और पढ़ेचला जाऊंगा। तोह हम कहां थे भाभी? मुझे उम्मीद है आप कल रात ठीक से सोए होंगी? "ओह येस। आई डिड। मेरा मतलब है की मुझे लगा था की नींद नहीं आएगी क्योंकि यह नया बैड है ना। पर वोह मैट्रेस तोह बहुत ही कंफर्टेबल था बैड पर लेटते ही नींद आ गई। और सुबह भी मुझे अपनी इतनी अच्छी
"हां। क्या? वैडिंग गिफ्ट?" इशान शक भरी निगाहों से देखते हुए बोला। "अब यह मत कहना की आपने कुछ नहीं खरीदा भाभी के लिए क्योंकि मैंने आपको कई बार याद दिलाया था और जब मैं खुद इशिता के लिए ...और पढ़ेलेने जा रहा था तब भी याद दिलाया था।" और फिर इशिता की तरफ देख कर आगे बोला, "बाय द वे इशिता, अपनी रिंग दिखाओ जो मैं तुम्हारे लिए लाया हूं।" दे *"तोह फिर क्यों बोल रही थी? मुझे गिल्टी फील कराने के लिए?"* *"नही। बस ऐसे ही बात कर रही थी, जिससे आपको कल मदद मिलेगी।"* *"क्या?"* *"कुछ नही।"*
"बेटा, अकेले कहां जा रही हो?""अंकल, वोह...वोह...।""अपनी मॉम के घर जा रही हो ना।""हान जी।""कबीर!, कबीर कहां है? वोह तुम्हारे साथ नही आ रहा?""वोह वाशरूम में हैं। मैने सोचा मैं पहले चली जाती हूं वोह बाद में आ जाएंगे।""शादी ...और पढ़ेबाद पहली बार जा रही हो मायके। अकेली नहीं जाओगी, कबीर भी जायेगा। कहीं उसने मना तोह नही कर दिया?" इंद्रजीत जी ने पूछा।"नही। ऐसी बात नही है। मैं... मैं जाती हूं अंदर। उन्हे लेकर ही जाऊंगी।" मायरा ने जवाब दिया।"हम्मम! मैं और सुमित्रा थोड़ी देर बाद एक फ्रेंड के घर पर डिनर के लिए जा रहें हैं। आने में
तभी उनके घर की डोरबैल बज गई। नमिता जी ने दरवाज़ा खोला और सामने खड़े इंसान को देख कर दंग रह गई। "कबीर!""नमस्ते आंटी," कबीर ने नमिता जी के पैर छूते हुए कहा। "नमस्ते बेटा! मुझे लगा तुम अपनी ...और पढ़ेकी वजह से नही आओगे पर मैं बहुत खुश हूं की तुम आ गए। आओ अंदर।""आह! हां! मैने अमायरा को कहा था की अगर टाइम पर मीटिंग खतम हो गई तोह मैं आने की कोशिश करूंगा। उसे लगा होगा की मैं शायद नही आ पाऊंगा।" कबीर तुरंत बात संभालते हुए कहता है। "ओह! कोई बात नही। तुम अब आ गए
"डैड और मॉम को लगता है की हम दोनो एक साथ खुश नही है।" "क्या? उन्हे ऐसा क्यों लगता है?"रात का डिनर खतम करने के बाद कबीर और अमायरा अपने कमरे में आ गए थे। और आते ही कबीर ...और पढ़ेबताने लगा की मॉम ने उससे आज क्या कहा था। "उन्हे लगता है की मैं तुम्हे खुश नही रखता। की तुम चाहती हो की मैं महिमा को भुल जाऊं और इस शादी को स्वीकार कर लूं।""क्या यह सब उन्होंने आपसे कहा?""हां। उन्हे लगता है की हम दोनो उनके सामने अच्छे बनने का नाटक करते हैं। "तभी वोह मुझे अजीब सी
"तोह फिर तुम्हे यह भी पता होगा की उनके लिए तुम एक आउटसाइडर हो। और वोह तुम्हे बिलकुल भी आने नही देंगे। और यह पैसे भी तुम्हे कोई काम नही आने वाले।""हां। पता है मुझे। काश मैं उन्ही की ...और पढ़ेहोती। मैं वहीं रहती और कितना आराम और शांति मिलती मुझे वहां।" अमायरा ने अपने ख्वाबों में खोए हुए कहा। उसकी आंखे फिर टिमटिमाने लगी थी। "पर और भी तोह कितने सारे आइलैंड हैं, जहां तुम जा सकती हो, जहां तुम्हे शांति मिलेगी।" कबीर ने उसे सुझाव देते हुए कहा। "अच्छा, तोह आपको कोई प्राब्लम नही है, अगर मैं आपको
"यह सब मेरा कैसे हो सकता है, जब आप ही मेरे नही हो।" अमायरा ने बिना सोचे समझे एक झटके में कह दिया। "मैं.... उउह्ह..." कबीर सदमे में था। उसे समझ नही आ रहा था की उसकी सच्चाई पर ...और पढ़ेरिएक्ट करे। "देखिए, मिस्टर मैहरा, मैं आपसे आपकी शिकायत नही कर रही हूं या फिर आपको गिल्टी फील करा रही हूं। मुझे पता है आप मुझे खुश देखना चाहते हैं। और उसके लिए आपसे जो बल पड़े वोह आप कर रहें हैं। और इसके लिए मैं आपसे शुक्रियामंद भी हूं। पर जब मैंने शादी के लिए हां कहा था, मैं
मैं हमेशा ही अपने फ्रेंड्स को कहती थी की मेरी मॉम आपकी मॉम की फ्रेंड है और मैं आपसे बचपन में मिली हुई हूं। इसलिए वोह हमेशा मुझसे अंदर की बाते जानने के लिए पूछते रहते थे। क्योंकि मैं ...और पढ़ेआती रहती थी यहां मॉम और दी के साथ इसलिए मुझे आसानी से खबरे पता चल जाति थी।" वोह बोलते बोलते अपने इस राज़ का भी खुलासा कर गई। "रियली?" यू स्टॉकर। आई कांट बिलीव इट। मुझे यह सब क्यों नही याद आ रहा। आई मीन मुझे नही याद की तुम्हारे डैड के जाने के बाद मैं तुमसे कभी मिला
"अमायरा।" कबीर ने अपनी पत्नी को पुकारा अपनी सीट पर बैठने के बाद ताकि सब का ध्यान इस ओर जाए। "हां।" अमायरा ने किचन से बाहर आते हुए कहा। "तुम सब के साथ ब्रेकफास्ट क्यों नही कर रही हो?" ...और पढ़ेके पूछते ही सब की आंखें हैरानी से फैल गई, कबीर का कंसर्न देख कर। और अमायरा वोह ऑकवर्ड फील करने लगी। "मैं.... मैं थोड़ी देर में कर लूंगी। मैं अभी परांठा बना रही थी।""उसके लिए हमारे पास कुक है। तुम यहां आओ और बैठो। और सबके साथ ही ब्रेकफास्ट करो।""पर मैं....""अपना ब्रेकफास्ट करो अमायरा। मेरे पास पूरा दिन नही
"देखी कौन कह रहा है। जो भी मैं कहता हूं या करता हूं उससे तुम्हे प्रॉब्लम होती है। पर तुम्हे उससे कोई प्रॉब्लम नही होती जो बाकी के लोग तुमसे कहते हैं और करते हैं।" कबीर हल्का गुस्सा होने ...और पढ़ेथा। "आपका कहने का क्या मतलब है? आप किसके बारे में बात कर रहे हैं? अमायरा ने अपनी एक आईब्रो ऊपर उठाते हुए पूछा। "किसी के नही। और अगर तुम कभी रियल आर्गेनाइजेशन में काम करना चाहो तोह तुम्हारा स्वागत है मेरे सीएसआर ब्रांच में। हमारे यहां भी कुछ इंटर्न्स हैं तुम्हारी उम्र के, तुम्हे उनके साथ एक टीम की
"मैं ऐसी किसी भी चीज़ के बारे में नही सोचती जो मेरे कंट्रोल में है ही नही, यह पॉसिबल ही नही है।" "यह सही जवाब नही है।" "यही बात है। मैं एक नेगेटिव सोच वाली लड़की हूं। और अपने ...और पढ़ेही खुश रहना जानती हूं। मैं पहले ही अनुमान लगा लेती हूं की इससे बुरा और क्या क्या हो सकता है और तुरंत ही अपने आपको कनविंस कर लेती हूं सबसे आसान अवेलेबल सॉल्यूशन के लिए। इसी डर से की शायद इससे बेहतर सॉल्यूशन मुझे बाद में नही मिला तोह। और जब मैं वोह काम कर लेती हूं तोह फिर
कबीर और अमायरा की यह नई दोस्ती उन्हे आने वाले दिनों में बहुत काम आने वाली थी। वोह दोनो अब एक दूसरे के साथ रिलैक्स महसूस करते थे। उन्होंने एक दूसरे से एक दूसरे के बारे में काफी बात ...और पढ़ेथी जो वोह किसी और से शेयर नही कर सकते थे। कबीर ने उसे महिमा के बारे में और दोनो के बारे सब कुछ बता दिया था। उसने बताया की महिमा और उसकी शादी से रिलेटेड सब कुछ डिसाइड हो चुका था। अमायरा जानती थी की उसके बाद महिमा मर गई थी इसलिए उसने बात आगे बढ़ाना ठीक नही समझा
"तब तोह तुम मुझे जानती ही नही हो, अभी तक। आओ किडडो, अपने रिच और हैंडसम हसबैंड को शो ऑफ करो।" कबीर ने आंख मारते हुए कहा और अपना हाथ अमायरा के कमर पर रख दिया और फिर उस ...और पढ़ेचल पड़ा जहां सब लोग थे। अमायरा को यकीन ही नहीं हो रहा था की कबीर को सबसे मिलवाने पर उसे इतना अच्छा लगेगा, वोह भी वोह लोग जो कभी उसके अच्छे दोस्त हुआ करते थे और अब उस से जलते है। अमायरा के लिए कबीर को सिर्फ थैंक यू कहना काफी नही था, यहां उसके साथ होने के लिए।
उस कन्वोकेशन डे ने कबीर को बहुत कुछ रियलाइज करवाया था। वोह चाहता था की अमायरा हर समय उसके आस पास ही रहे और वोह खुद भी उसके पास रहे। वोह जनता था की उसे खुद को अमायरा के ...और पढ़ेके सामने इंट्रोड्यूस कराने की जरूरत नहीं है, पर फिर भी, उसने किया। शायद इसलिए की वोह चाहता था की लोग उसे उसके साथ जाने। उसे अच्छा लगता था जब वो उसको सबके सामने अपनी वाइफ कह कर इंट्रोड्यूस कराए। और उसे तब भी प्राउड फील होता था जब अमायरा सबके सामने उसे उसका हसबैंड कहती थी। लेकिन वोह जनता
"मुझे लगा इशान तोह पहले से ही अंदर है। अगर आंटी को किसी चीज़ की जरूरत हुई तोह वोह देख लेगा।" कबीर ने बिना अमायरा की आंखों में देखे कहा। क्योंकि इसमें अमायरा बेहतर थी, वोह उसकी आंखों से ...और पढ़ेजाती की कबीर सच बोल रहा है या झूठ। "बात इसकी नही है की मॉम को किस चीज़ की जरूरत है। बात है की अगर मुझे आप की जरूरत होती, आपके साथ की तोह?" अमायरा ने अचानक कबीर को देखते हुए सवाल पूछ दिया। जबकि सिचुएशन इतनी टेंसड थी फिर भी कबीर अपने आप को मुस्कुराने से रोक नही पाया।
"हम्मम। जब उन्होंने अपनी आंखे खोली तोह उन्होंने अपने आस पास देखा। मैं उनके पास ही बिलकुल सामने बैठी थी। उन्होंने मुझे देख कर स्माइल तक पास नही की। और इशिता दी के बारे में पूछने लगी। क्यों? क्योंकि ...और पढ़ेउनकी बेटी हूं और दी उनकी ज़िमेदारी? वोह उनके साथ नाइंसाफी नहीं कर सकती लेकिन मेरे साथ कर सकती हैं, वोह भी इस कंडीशन में भी? जब मैने आज उन्हे बेहोश देखा तोह मैं बहुत डर गई थी। यह उनका सेकंड अटैक था और डॉक्टर ने कहा है की कोई गारंटी नहीं है की वोह ठीक हो पाएंगी की नही।
ऐसे ही दिन बीतने लगे। कभी अमायरा रुकती हॉस्पिटल में अपनी मॉम के पास तोह कभी इशिता रुकती। दोनो खूब ध्यान रख रहे थे अपनी मॉम का। कबीर भी अमायरा को पीछे से साइलेंट सपोर्ट दिए हुए था जिसकी ...और पढ़ेबहुत ज्यादा जरूरत भी थी। यह पहली बार था इतने सालों में की अमायरा ने यह महसूस किया था की कोई तोह है उसके साथ, जो उसे सपोर्ट करता है, और उससे कुछ एक्सपेक्ट भी नही करता बिना किसी चीज़ के बदले। उसने सोच लिया था की वोह उसके लिए कुछ खरीदेगी, उन्हे थैंक यू कहने के लिए, एक थैंक
"सही कहा। यह शादी असल में कोई मायने नहीं रखती। हम दोनो ही के पास कोई ना कोई वजह थी एक दूसरे से शादी करने की पर मुझे लगता है अब वोह वजह नही रही।" कबीर ने बहुत कोशिश ...और पढ़ेके बाद आखिर कहा। "क्या?""जैसे की तुम मेरे लिए कुछ लाई हो, मैं भी तुम्हारे लिए कुछ लाया हूं।" कबीर ने बिना अमायरा की तरफ ध्यान दिए जवाब दिया। कबीर उसके हाथ में एक फाइल पकड़ा दी। अमायरा ने कन्फ्यूज्ड होक उस फाइल को पकड़ लिया और उत्सुकता से उसे खोल कर पढ़ने लगी। पर जैसे ही उसने पढ़ना शुरू
"क्या?" कबीर ने थोड़ी देर बाद पूछा जब वोह वाशरूम से बाहर निकाला और उसने देखा की अमायरा सामने काउच पर बैठी उसे गुस्से से उसे घूर रही है। "कुछ नही।""बताओ भी।" कबीर उसके पास जा कर बैठ गया ...और पढ़े"मैं गुस्सा हूं।" अमायरा ने सीधे कहा। "क्यों?" कबीर ने हैरानी से पूछा। "आपने ऐसा कैसे सोच लिया की मैं चली जाऊंगी और गौरव से शादी कर लूंगी?""मैं.....उउह्ह्ह्ह....मैने सोचा की वोह एक अच्छा लड़का है। तुम उसके साथ रहना चाहती थी पर तुम्हे मेरे साथ शादी करने के लिए फोर्स कर दिया गया था हालातों की वजह से। जब मैं
"पर इशिता तोह ऑफिस में बिज़ी होगी। तुम सब अकेले कैसे मैनेज करोगी?" सुमित्रा जी ने आगे कहा। "कौन कहता है की मैं अकेली हूं? आप सब हैं मेरे साथ। आप चिंता मत कीजिए और सब काम मुझ पर ...और पढ़ेदीजिए। आखिर मैं इस घर की बड़ी बहू हूं। और मिस्टर मैहरा ने मुझसे कहा था की मुझे जिस चीज़ की भी जरूरत होगी वोह मेरी हेल्प करेंगे।""उसने कहा?" सुमित्रा जी ने अपनी एक भौंह को ऊपर चढ़ा कर पूछा। अमायरा अपनी ही कैलकुलेशन में थी इसलिए उसने नोटिस ही नही किया की सुमित्रा जी के चेहरे के भाव क्या
अगला दिन कबीर के लिए पूरा खुलासे से भरा हुआ था। अमायरा ने उसे पूरा शहर घुमाया और अपनी सभी पसंदीदा जगह घुमाई। उन्होंने रोडाइड के छोटे कैफे पर खाना खाया, बिना की वजह के समुद्र तट पर घूमते ...और पढ़ेवोह किसी लोकल टूरिस्ट की तरह इधर उधर घूमते रहे और उसके बाद कबीर ने रियलाइज किया था की वाकई में उसने बहुत एंजॉय किया था। उसने यह भी महसूस किया था की अमायरा एक ऐसी लड़की है जो जानती है की छोटी छोटी चीजों से अपने आप को कैसे खुश रखा जा सकता है। उसको खुश रहने के लिए
"क्या तुम्हे उससे कुछ नही कहना? कबीर ने अमायरा से पूछा। "हां। कहना है। मैं जानती हूं की आप दोनो एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। मैं आप दोनो की यह बताना चाहती हूं की मैं कभी भी ...और पढ़ेदोनो के प्यार के बीच नही आऊंगी। कोई भी किसी से इस तरह प्यार नही करता। मुझे खुशी है की मैं आप दोनो के प्यार की गवाह बनी। और मुझे उम्मीद है की आप दोनो हमेशा एक दूसरे से ऐसे ही प्यार करते रहेंगे। मैं कभी भी तुम्हारी जगह लेने की कोशिश नही करूंगी, महिमा।" अमायरा ने कहा तोह महिमा
"तुम थकी हुई दिख रही हो। मैं तुम्हे मसाज दे देता हूं।" अमायरा के कुछ बोलने या करने से पहले ही कबीर ने अपने हाथ उसके कंधे पर रख दिए। वोह हल्के हाथों से उसकी गर्दन और कंधे की ...और पढ़ेकरने लगा और धीरे धीरे अमायरा रिलैक्स फील करने लगी। कबीर के लिए तोह यह इलेक्ट्रिफाइंग एक्सपीरियंस था। वोह कोई नौसिखिया नही था जब बात फिजिकल टच या इंटीमेसी की बात आती है पर अमायरा के साथ, उसके कुछ हगस और सादे पवित्र किस्सेस ही थे। अचानक ही उसे और की चाहत बढ़ने लगी थी। अब वोह जनता था की
तभी गाना बदला और आवाज़ धीमे हो गई और साथ ही लाइट भी डिम हो गई। कबीर ने अमायरा को अपने करीब खीच लिया। उन दोनो के बीच अब एक इंच का भी फासला नही था। और अमायरा की ...और पढ़ेजैसे सारी इंद्रियां जाग गई थी। वोह कबीर की नज़दीकी से सचेत हो गई थी। *यह नॉर्मल नही है। और यह सब दो दोस्तों के बीच तोह बिलकुल नही होता। मैं वोह सब चीज़े इमैजिन नही कर रही थी। पर यह ऐसा कर क्यों रहें है?*अमायरा ने कबीर की आंखों में देखा, जिस तरह से कबीर की आंखे अमायरा को
**किसी पर्सनल इमरजेंसी की वजह से लिख नही पाई, इसलिए पार्ट अपलोड नही कर पाई। अधूरा था अभी पूरा किया है और अपलोड कर रही हूं।**"प्लीज़ कह दीजिए की आप मज़ाक कर रहे हैं।" अमायरा ने कुछ देर बाद ...और पढ़ेहुए कहा। वोह बहुत शॉक में थी कबीर के इज़हार से। "नही अमायरा। मैं बिल्कुल सच बोल रहा हूं। कोई मज़ाक नहीं है। मुझे पता है तुम्हे सदमा लगा होगा लेकिन मैं क्या करूं। मैं अब ज्यादा दिन तक यह बात तुमसे छुपा भी तोह नही सकता था। यही बात की मैं तुमसे प्यार करता हूं। आई लव यू वैरी
कबीर ने उसे जाते हुए देखा और जल्दी से आ कर उसका हाथ पकड़, उसे अपनी करीब खींच लिया, अपनी बाहों में। "क्या? क्या कर रहें हैं आप?" अमायरा घबरा गई थी। "यह किसी तरह का ड्रामा नही है ...और पढ़ेमैं तुमसे प्यार करता हूं। मैं तुम्हे पूरे दिल से चाहता हूं। तुम चूस कर सकती हो लव मी और नॉट, पर तुम यह नहीं कह सकती की मैं एक्टिंग कर रहा हूं। अगर तुम्हे अभी यकीन नही है तोह, कोई बात नही। मैं तुम्हे यकीन दिला दूंगा अपने प्यार पर, पर यह मत कहो की मैं किसी बोझ के
*"सो डियर वाइफ लगता है कल रात तुम ठीक से सोई नहीं। और जल्दी भी उठ गई।"**"ग्रेट। कम से कम तुम्हे फर्क तोह पड़ रहा है।"*इसी ख्याल से कबीर मुस्कुरा पड़ा और फिर उठ कर जल्दी से नहाने चला ...और पढ़ेवोह जल्दी से तैयार हो कर ब्रेकफास्ट के लिए डाइनिंग टेबल पर जाना चाहता था, इसी उम्मीद से की वोह अपनी वाइफ को देख सके। उससे इंतजार नही हो रहा था आज अमायरा का शर्माता हुआ चेहरा देखने के लिए। ****जब वोह तैयार हो कर डाइनिंग एरिया में पहुंचा, तोह उसने देखा उसकी पूरी फैमिली वहां बैठी कल रात हुई
रात का डिनर करने के बाद जब वोह अपने कमरे में गई तोह देखा कोई नही था। उसने सोचा की कबीर के आने से पहले वोह जल्दी से चेंज करके वोह सोफे पर सो जायेगी ताकि उसे कबीर का ...और पढ़ेनहीं करना पड़ेगा। वोह वाशरूम गई और अपना पुराना पिंक नाइट सूट पहन के बाहर आई। उसने देखा कबीर कमरे में आ चुका था और पहले से ही बैड पर लेटा हुआ था। उसे अपना प्लान फेल होता नज़र आने लगा। उसने देखा कबीर अपने फोन में कुछ देख रहा था। अमायरा ने जल्दी से अपनी नाइट क्रीम लगाई और
अगले कुछ दिन अमायरा के लिए बहुत ही मुश्किल भरे थे। वोह चाहती थी की जितना दूर हो सके उतना कबीर से दूर रहेगी। लेकिन उसकी हर कोशिश नाकामयाब हो रही थी। कबीर अपने विश्वास पर अटल था। वोह ...और पढ़ेयह ध्यान रखता था की अमायरा सब के साथ ही नाश्ता करे। और उसे इस बात से कोई फर्क नही पड़ता था की उसकी फैमिली उसके बदले स्वरूप को देख कर उसे चिढ़ाने लगी है। रोज़ अमायरा को कबीर फूल देता था जो की सभी फैमिली मेंबर्स नोटिस करते थे जिसकी वजह से अमायरा को गुस्सा आता था। लेकिन खेरियत
अगली सुबह जब अमायरा उठी तोह वोह कबीर की बाहों में लिपटी हुई थी। रोज़ की तरह कबीर ने नही उसे जकड़ रखा था। बल्कि अमायरा खुद कबीर की बाहों में समाई हुई थी, एकदम करीब। जब उसे रियलाइज ...और पढ़ेतोह वोह शॉक रह गई। वोह बहुत धीरे से उससे दूर हुई की कहीं कबीर की नींद न खुल जाए, और फिर उसके सामने अमायरा को शर्मिंदा होना पड़े। उसने बहुत ही धीरे से अपने आप को कबीर से अलग किया और सीधे उठ कर वाशरूम में घुस गाई। उसकी सांसे अटकी हुई थी वोह वहीं जाकर ज़ोर ज़ोर से