Secret Admirer - 80 books and stories free download online pdf in Hindi

Secret Admirer - Part 80

"ओके। मैं साफ साफ बता ता हूं। मुझे तुम यह बताओ कि शादी से पहले इतने सालों तक तुम मुझे क्यों इग्नोर करती रही? तुम मेरे घर बहुत आया जाया करती थी, मेरी फैमिली से अच्छी तरह से घुली मिली हुई थी। मेरे भाइयों के साथ मज़ाक करती थी, मेरे पेरेंट्स के साथ हँसती थी। तुम वोह सब करती थी जो तुम अपने दोस्तों के साथ और अपनी फैमिली के साथ करती, और तब भी, तुमने मुझे पूरी तरह से इग्नोर किया था। कभी मेरे बारे में नही सोचा, कभी मुझसे बात करने का ख्याल नही आया। कभी मुझसे हाय हेलो तक नही किया, जब मैं वहां होता था। जब भी मैं आसपास होता था, तुम कहीं छुप ही जाति थी। मैने तोह कभी तुम्हारी आवाज़ भी साफ साफ ठीक से नही सुनी थी। अगर मैं ठीक से अपने दिमाग पर ज़ोर डालूं तोह मैं आसानी से काउंट कर सकता हूं की मैने तुम्हे अपने घर में कितनी बार देखा है और कितनी बार हमने सच में बात की है। हालांकि, यह सब मेरी फैमिली के साथ नही किया तुमने। वोह तुम्हे तब भी बहुत अच्छी तरह जानते थे। तोह फिर मैं क्यों नही? तुमने मुझे इतना क्यूं इग्नोर किया, अमायरा। क्यूं?" कबीर ने कहा और कुछ देर तक कबीर को ऐसे ही हैरानी से देखते रहने के बाद अमायरा मुस्कुरा पड़ी।

"क्या? तुम हंस क्यों रही हो? यह इसलिए क्योंकि यह सब तुमने जानबूझ कर किया था? तुम मुझे इस लायक ही नहीं समझती थी की मुझसे बात कर सको, मुझे कभी अपने आस पास देखना भी नही चाहती थी, और इसलिए मुझे अपने आसपास नही देखना चाहती थी और इसलिए मुझे अपनी अटेंशन बिलकुल नही देती थी। और अब जब तुम्हे फोर्स किया गया था मुझसे शादी करने के लिए, तोह तुम्हे मेरी मौजूदगी बर्दाश्त करनी पड़ती है, और अब मुझे अपने आस पास भी बर्दाश्त करना पड़ रहा है क्योंकि मैने तुम्हे कोई ऑप्शन ही नही दिया मुझे इग्नोर करने का। क्या यही सच है?" कबीर किसी नासमझ बच्चे की तरह भड़क उठा था।

"आप बहुत क्यूट लगते हो जब इस तरह जैलस फील करते हो। और वोह भी अपनी ही फैमिली से।" अमायरा दांत दिखा कर हंस पड़ी थी और प्यार से कबीर के गाल पर किस कर लिया।

"इससे कोई काम नही बनेगा। मुझे जवाब चाहिए। क्यों?" कबीर नाराज़ हो गया था।

"मैने आपको इग्नोर नही किया था। आप बस मुझसे थोड़ा दूर थे। बहुत अलग थे की मैने कभी आपसे बात ही नही की।"

"यह बड़ा ही बेकार का बहाना है। तुम यह कहना चाहती हो की मैं अपनी पूरी फैमिली से अलग था।"

"हां, यही आप थे। आपसे डर लगता था। आप बिल्कुल सब से अलग थलग रहते थे। अपनी ही दुनिया में बिज़ी रहते थे। पढ़ाई, गर्लफ्रेंड, काम। आप उस टाइप के नहीं थे जिससे आसानी से बात की जा सकती थी।"

"अब तुम सच में मेरा अपमान कर रही हो। जो भी तुम कह रही हो वोह मुझे बेतुका लग रहा है। मुझे अभी भी यह समझ नही आ रहा है की तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती हो। तुमने कभी यह सोचा है की अगर तुम मुझे इग्नोर नही करती तोह शायद हम दोनो एक साथ हो सकते थे वोह भी बिना हमारी फैमिली के दखलंदाजी के?" कबीर ने पूछा, उसने अपनी पकड़ उसकी कमर पर और कस दी।

"शायद, शायद नही। हमारी किस्मत में शायद इसी तरह मिलना लिखा था। आपकी किस्मत में महिमा से प्यार करना लिखा था, मुझसे नही। तोह अगर हम उस तरह से अलग नहीं रहते जैसे थे, आप मुझे अपनी ज़िंदगी में चाहते भी नही। अगर महिमा नही होती तोह कोई और होती। आप बिल्कुल सही कह रहे हैं की हम दोनो एक साथ अपनी फैमिली के दखलंदाजी की वजह से ही हुए हैं। वरना हम यहां इस वक्त नही होते।"

"यह बात अभी भी मुझे कनविंस नही कर रही है। मैं बिलकुल भी खुश नही हूं की मेरी वाइफ, जिसे मैं अपनी जिंदगी से भी ज्यादा प्यार करता हूं, उसे मेरी कोई परवाह ही नही है की वोह मुझ पर हमारी पूरी जिंदगी भर ध्यान दे। और मुझे अभी भी साफ साफ क्लियर नही हुआ है तुम्हारा वोह बेकार का बहाना। यह बस मुझे और भी ज्यादा गुस्सा दिला रहा है। तुम इतना और कैसे हो सकती हो की हमारे साथ क्या होने वाला था, जबकि तुमने हमे कभी एक चांस ही नही दिया?"

"क्या होगा अगर मैं आपको एक बहुत ही इंटरेस्टिंग बात कहूं, इस बोरिंग से पास्ट के बजाय?" अमायरा ने कबीर के गले में बाहें डालते हुए पूछा।

"मुझे नही पता। इस वक्त तो मैं बस इसी में फंसा हुआ हूं। पर कहो जो कहना है। देखते हैं की तुम आखिर क्या कहना चाहती हो।" कबीर ने बात टालते हुए कहा और वो अभी भी उससे नाराज़ था।

"आई लव यू, कबीर।"

"वोह मुझे पता है। मैं वोह जानना चाहता हूं जो तुम मुझे नही कह रही हो, और कभी भी यह मत सोचना की शायद हमारी कोई दूसरी ही स्टोरी होती?" कबीर ने पूछा, वोह अभी भी पास्ट की बातों में अटका हुआ था और अमायरा अवाक रह गई।

"उह्ह्ह....क्या आपने सुना जो मैने अभी कहा? मैने कहा आई लव यू।" इस बार बड़ी उम्मीद से उसने अपनी बात दोहराई थी।

"हां। मैने सुना। पर मुझे तुम्हारे मुंह से कुछ और भी सुनना है। क्यूं अमायरा?" कबीर ने एक बार फिर पूछा और अमायरा अब भड़क चुकी थी।

"आपको पता है; आप कोई भी जवाब पाना डिजर्व ही नही करते। मैं यहां अपने प्यार का इज़हार कर रही हूं, और आप है की अपने बेमतलब के अतीत के सवालों में उलझे हुए हैं। जाहिर तौर पर आप पहले से ही जानते हैं की मैं आपसे प्यार करती हूं, क्योंकि आप तो सर्वज्ञानी है, इसलिए आपको कोई जरूरत ही नही है की मैं अपने प्यार का इज़हार आप से करूं। तोह आप ऐसा क्यों नही करते की अपने यह बेकार के सवालों का जवाब आप खुद ही ढूंढ लेते। और खबर दार अब आप मेरे पास आए भी तो।" अमायरा ने गुस्से से अपने हाथ पीछे ले लिए और कबीर कुछ पल के लिए चकित रह गया।
"और एक और बात, मैं नही जानती पास्ट के बारे में, पर तैयार हो जाइए अब मेरे इग्नोरेंस के लिए। बाय।" अमायरा ने गुस्से से अपने पैर पटके और सीढ़ियों की ओर चली गई। और छोड़ गई हैरान और उलझा हुआ कबीर को।

ओह माय गॉड। मैं क्या सोच रहा था? उसने पहली बार मुझसे अपने प्यार का इज़हार किया, और मैं बेवकूफ मंदबुद्धि उस पल को पूरी तरह मिस्ड कर दिया। अब मुझे सीरियसली कुछ करना पड़ेगा उसे मानने के लिए। स्टूपिड स्टूपिड मी।

कबीर कुछ देर ऐसे ही अपने आप को और कोसता रहा और फिर वोह भी नीचे की ओर चला गया, फंक्शन में। वोह यह जानता था की आज उसने एक बहुत ही ब्लंडर मिस्टेक कर दिया है और आज रात उसे किसी भी तरह अपनी वाइफ को मनाना ही होगा।

जैसा की उम्मीद थी और कबीर से खतरनाक गुस्सा हो कर, अमायरा अपने शब्दो पर सही में खरी उतरी थी और कबीर को पूरे फंक्शन में पूरी तरह से इग्नोर कर रही थी। वोह यह उसे जान बूझ कर दिखा रही थी की वोह उसे इग्नोर कर रही है और कबीर इसके लिए कुछ नही कर पा रहा था। जब भी कबीर उससे बात करने उसके पास आता था, वोह अपनी सीट छोड़ कर चली जाती थी। कबीर ने रियलाइज किया की अगर वोह कुछ देर ऐसे ही और अमायरा के पीछे रहा तोह उसकी फैमिली जरूर नोटिस कर लेंगी और उसे मरते दम तक पक्का उसे चिढ़ाते रहेंगी। इसलिए कबीर ने डिसाइड किया की वोह फंक्शन के खत्म होने का इंतजार करेगा और बेमन से ही सही अपने आसपास इंवॉल्व होने की कोशिश करेगा। उसका सारा ध्यान अभी भी अपनी गुस्से में चूर अपनी पत्नी की ओर था, जो की उसे इस वक्त बिना कुछ किए सेड्यूस करने की कोशिश कर रही थी। उसने कभी नही सोचा था की वोह कभी किसी टीनेज लड़के की तरह बिहेव करेगा जो की लड़की अटेंशन पाने के लिए पागल हुए जा रहा हो।

पर वोह कोई और लड़की नही थी। वोह उसकी वाइफ थी, उसकी लाइफ थी। वोह जिसने कबीर के लिए उससे दूर रहना इंपॉसिबल कर दिया था, वोह भी बिना किसी एफर्ट्स के। जो भी वोह करती थी उससे कबीर उसके पीछे और मंत्रमुग्ध हो जाता था। बल्कि अमायरा के कोई छोटे से सिंपल सी हरकत से भी कबीर बहुत ही ज्यादा खुश हो जाता था। उसकी एक ऐसी ही हरकत इस वक्त कबीर को दिलकश किए जा रही थी। अमायरा इस वक्त कबीर के कुछ कजिन के साथ एक फनी पैपी सॉन्ग पर डांस कर रही थी, और डांस करते वक्त उसके चेहरे पर जो फनी क्यूट से एक्सप्रेशन थे उससे हर कोई हंस रहा था, पर कबीर नही। कबीर को उसका डांस सेंसुअस लग रहा था, जो की बस अमायरा के द्वारा कबीर को सेड्यूस करने के लिए किया गया हो। अमायरा कुछ देर तक ऐसे ही और डांस करती रही, और कबीर उसे ऐसे ही निहारता रहा। फिर गाना बदला और एक स्लो रोमांटिक नंबर लगा, और हर कोई अपने अपने पार्टनर के साथ डांस करने लगे। अमायरा को अब अकेलापन लगा और वो वहां से पीछे हटने ही वाली थी की उसे अपने पीछे कबीर महसूस हुआ। उसने बहुत प्यार से उसे अपनी बाहों में भरा और गाने के साथ ही उसी मोशन में हिलने लगे। अमायरा कबीर से दूर जाना चाहती थी पर वोह जानती थी की फिर सबकी नजरें उन दोनो पर उठ जाएंगी इसलिए वोह ऐसे ही रही। इसलिए वोह अब उसकी बाहों में थी, जो उसे अपनी बाहों में जिंदगी भर रखना चाहता था। वोह हार मुमकिन कोशिश कर रही थी की उसकी आंखों में ना देखे क्योंकि वोह जानती थी की उसकी आंखों में देखने से उसे बहुत ही इंटेंसिटी दिखेगी जिसे वोह हैंडल नही कर पाएगी। अगले कुछ मिनिट तक वोह दोनो एक दूसरे की बाहों में ऐसे ही कुछ देर डांस करते रहे, दुनिया उनके आगे धुंधली हो गई थी, म्यूजिक इतना इंपोर्टेंट नही था, वोह दोनो अपनी दिल की धड़कन की धुन पर नाच रहे थे।

कुछ देर बाद अमायरा होश में आई जब गाना बजना बंद हो गया, डांस फ्लोर से उतर गई, और जहां सभी बड़ी बूढ़ी औरतें बैठी थी वहीं जा कर बैठ गई जब तक की फंक्शन पूरी तरह से खत्म नहीं हो गया और सभी गेस्ट अपने अपने कमरे में नही चले गए। कबीर ने कुछ देर इंतजार किया की अमायरा उसके साथ अपने कमरे में चले पर आज अमायरा तोह कुछ ज्यादा ही गॉसिप में बिज़ी थी इन औरतों के साथ इसलिए उसने अकेले ही कमरे में जाने का तै किया और डिसाइड किया की वोह कमरे में उसका इंतजार करेगा। वोह बहुत बेचैन हुए जा रहा था उसे अपनी बाहों में लेने के लिए, और अब तक बहुत ही बेबस था कुछ भी ना कर पाने के लिए। अपने आप को मेंटली मारते कोसते हुए की उसने इतनी बड़ी गलती कैसे कर दी, कबीर अपने कमरे में आया और उसने डिसाइड किया की उसके बेचैन दिल और दिमाग को शांत करने के लिए उसे एक रिलैक्सिंग sa बाथ ले लेना चाहिए इसलिए वोह तुरंत नहाने घुस गया। हालांकि वोह यह जानता था की यह बस समय को मारने का एक बहाना है, ताकि उसके और उसकी वाइफ के बीच जो कंडीशन है उसे क्योर करने के लिए, जो की इस वक्त बहुत सख्त बनी हुई थी ना मानने के लिए। एक आह भर कर कबीर बाथरूम में घुस गया यह सोच कर की ठंडा पानी उसकी तकलीफ को कुछ आराम देगा।

अमायरा कुछ देर बाद कमरे में आई और देखा की कबीर बाथरूम में हैं। वोह बहुत ही ज्यादा थक चुकी थी फंक्शन में डांस करते करते और अब उसे और कुछ नही बस अपने आप को,अपने शरीर को ठंडे ठंडे पानी में कुछ देर भिगोना था। अगर कोई और दिन होता तोह वोह बाथरूम का दरवाज़ा खटखटा कर कबीर से कहती की बाथटब में उसके लिए पानी भर दे पर आज नही। शावर बंद करने की आवाज़ आई इसका मतलब कबीर का नहाना हो चुका था और अब कभी भी किसी भी पल कबीर बाथरूम से बाहर आ सकता था। तब अमायरा खुद ही बाथटब में पानी भर लेगी अपने नहाने के लिए। और कबीर से मदद करने को नही कहेगी बिलकुल भी, उसने सोचा। वोह बहुत दोनो से कबीर से अपने प्यार का इज़हार करना चाहती थी पर, और कबीर का उसके लिए इतना पोसिवनेस देख कर वोह बेबस हो गई थी अपनी फीलिंग्स उससे शेयर करने के लिए। और दूसरी तरफ, कबीर के ऐसे पास्ट में फंसे रहने की वजह से इस वक्त अमायरा को गुस्सा आ चुका था। वोह इस वक्त कुछ नही चाहती थी बस कबीर को अवॉइड करना चाहती थी जितना हो सके उतना लेकिन वोह जानती थी की कबीर को देखते ही उसका गुस्सा फिर पिघल जायेगा। सिर्फ एक नज़र कबीर को देखने से ही वोह नर्वस होने लगेगी, और उसके लिए और ज्यादा नाराज़ या गुस्सा रहना पॉसिबल नही होगा लंबे समय तक, चाहें वोह जितनी भी अपनी कोशिश कर ले। इसलिए तो फंक्शन में वोह उसे पूरी तरह अवॉइड कर रही थी और उससे दूरी बनाए हुए थी और दूसरी लेडीज के साथ जा कर बैठ गई थी।




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कहानी अभी जारी है...
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