Him Sparsh book and story is written by Vrajesh Shashikant Dave in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Him Sparsh is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
हिम स्पर्श - उपन्यास
Vrajesh Shashikant Dave
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
जब बर्फ की एक युवती मरुभूमि में एक युवक से मिलती है तो ..
तो जो घटनाएँ घटती है , वह क्या है युवती तस्वीर पत्रकार है तो युवक चित्रकार। दोनों के बीच होते संघर्ष, करी के संघर्ष, विचारों के संघर्ष सब सामने आ जाए हैं। और जब युवती मुस्लिम हो तथा युवक जन्म से हिन्दू किन्तु नास्तिक हो तो पढे और अनुभव करें।
जब बर्फ की एक युवती मरुभूमि में एक युवक से मिलती है तो ..
तो जो घटनाएँ घटती है , वह क्या है युवती तस्वीर पत्रकार है तो युवक चित्रकार। दोनों के बीच होते संघर्ष, करी के संघर्ष, ...और पढ़ेके संघर्ष सब सामने आ जाए हैं। और जब युवती मुस्लिम हो तथा युवक जन्म से हिन्दू किन्तु नास्तिक हो तो पढे और अनुभव करें।
फरवरी का महिना कुछ क्षण पहले ही विदा ले चुका था। अंधेरी रात ने मार्च का स्वागत हिम की वर्षा से किया। वह ग्रीष्म के आगमन की दस्तक का महिना था, किन्तु तेज हिम वर्षा हो रही थी। एक ...और पढ़ेअपने कक्ष में थी। पर्वत सुंदरी थी वह। आयु चोबिस वर्ष के आसपास। पाँच फिट छ: इंच की ऊंचाई, पतली सी, पारंपरिक पहाड़ी मुस्लिम लड़की के वस्त्र में थी वह। उसकी पीठ दिख रही थी। पीठ पर लंबे, काले, घने, खुले और सीधे बाल लहरा रहे थे। खुले बाल उड़ते थे और बार बार उसकी आँखों के सामने
वफ़ाई ने घूमकर अपने नगर को देखा। पूरा नगर हिम की चादर में लपेटा हुआ था। पूरी तरह से श्वेत था नगर। केवल श्वेत रंग, बाकी सभी रंग अद्रश्य हो गए थे। मकानों के मूल रंग हिम की श्वेत ...और पढ़ेमें कहीं छुप गए थे। लंबे क्षणों तक वह नगर को देखती रही। उसने अपनी आँखें क्षण भर बंध की और फिर खोल दी। उसने केमरे को निकाला और नगर की असंख्य तस्वीरें लेने लगी। कभी दूर से, कभी समीप से, कभी इस कोने से तो कभी उस कोने से, संभवित प्रत्येक कोने से तस्वीरें ली। एक विडियो उतारा।
वफ़ाई पर्वत को सब कुछ बताने लगी,”तीन दिन पहले, मैं अपने काम में व्यस्त थी तब ललित ने मुझे बुलाया।“ “वफ़ाई, तुम्हारे लिए एक महत्वपूर्ण अभियान है। इस दैनिक पत्र के तस्वीर विभाग की तुम प्रमुख हो, तुम सक्षम ...और पढ़ेऔर ऊर्जा से भरपूर हो। मेरा विश्वास तुम पर है।“ ललित के अधरों पर स्मित था। ”कैसा अभियान है? क्या योजना है?”वफ़ाई उत्साहित हो गई। “तुम सदैव कुछ नया करती रहती हो। तुम्हारे अंदर कुछ विशेष बात है। तुम सामान्य सी लग रही बात को भी भिन्न एवं विशेष रूप से प्रस्तुत करती हो।“ “मेरे लिए यह केवल व्यवसाय
वफ़ाई सावधानी से पहाड़ी मार्ग, जो अभी भी हिम से भरा था, पर जीप चला रही थी। मार्ग घुमावदार और ढलान वाला था। हिम के कारण फिसलन भी थी। फिर भी वह अपने मार्ग पर चलती रही। पाँच घंटे ...और पढ़ेयात्रा के पश्चात वह सीधे और साफ मार्ग पर थी। आकाश साफ था, धूप निकल आई थी। हिम कहीं पीछे छूट गया था। हवा में उष्णता थी। उसे यह वातावरण अच्छा लगा। कोने की एक होटल पर वह रुकी। चाय के साथ थोड़ा कुछ खाना खाया। गरम चाय ने वफ़ाई में ताजगी भर दी, थकान कहीं दूर चली गई।