Hanuman Prasad Poddar ji book and story is written by Shrishti Kelkar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Hanuman Prasad Poddar ji is also popular in जीवनी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार (श्रीभाईजी) - उपन्यास Shrishti Kelkar द्वारा हिंदी जीवनी 23 97.1k Downloads 181.4k Views 3 Likes Writen by Shrishti Kelkar पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें उपन्यास विवरण दिव्य जीवन की एक झलक हमारा सौभाग्य है कि हमारी वसुन्धरा कभी संतों से विरहित नहीं रही। संतों की चेष्टायें साधन काल में भी एवं सिद्धावस्था में भी विभिन्न प्रकार की होती हैं पर होती है समस्त जगत् के कल्याण के लिये। हम अपनी रज-तमाच्छादित मन-बुद्धि के द्वारा संतों को पहचान नहीं सकते। देवर्षि नारदजी के सूत्र ‘तस्मिंस्तज्जने भेदाभावात्’ के अनुसार श्रीभगवान् एवं उनके परम भक्त में भेद का अभाव हो जाता है। ऐसी स्थिति में संतों की तुलना करने की चेष्टा करना महान् मूर्खता है। मेरे जैसे व्यक्ति के लिये संत को पहचानना ही संभव नहीं है तब कोई तुलना करने की कल्पना भी मन में नहीं है। सभी ज्ञात-अज्ञात संतों के चरणों में सभक्ति साष्टांग प्रणाम करके अपने मन की बात लिख रहा हूँ। विगत 15-20 वर्षो से संतों-भक्तों के जीवन चरित्र पढ़ने में मेरी रुचि रही है। ऐसे पठन से सत्प्रेरणा मिले यह भाव तो था ही साथ में यह भी था जो विशेषताएँ मुझे पूज्य श्रीभाईजी में प्रतीत हो रही हैं उनका दर्शन अन्यत्र कैसा है ? यद्यपि मेरा अध्ययन बहुत व्यापक नहीं है इस कारण मैं कोई दावा नहीं कर सकता पर तीन बातें मुझे भाई जी में बहुत विशेष लगीं। संत चाहे अभेदोपासक हो या भेदोपासक मोटे रूप में हम ब्रह्ममें स्थिति होने या साकार विग्रह के साक्षात् दर्शन होने पर ही सिद्ध संत कहते हैं। दोनों स्थिति ही स्वसंवेद्य है। अतः किसी को पता लगना कठिन ही होता है। सत्यता का दर्शन तभी संभव है जब या तो स्वयं संत कृपा करके संकेत कर दें या भगवान कोई ऐसी प्रकटीकरण की लीला प्रस्तुत कर दें। More Interesting Options लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी Load More Best Novels of 2024 Best Novels of 2024 Best Novels of January 2024 Best Novels of February 2024 Best Novels of March 2024 Best Novels of April 2024 Best Novels of May 2024 Best Novels of June 2024 Best Novels of July 2024 Best Novels of August 2024 Best Novels of September 2024 Best Novels of October 2024 Best Novels of November 2024 Best Novels of 2023 Best Novels of 2023 Best Novels of January 2023 Best Novels of February 2023 Best Novels of March 2023 Best Novels of April 2023 Best Novels of May 2023 Best Novels of June 2023 Best Novels of July 2023 Best Novels of August 2023 Best Novels of September 2023 Best Novels of October 2023 Best Novels of November 2023 Best Novels of December 2023 //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?> नए एपिसोड्स : Every Tuesday,Thursday,Saturday Episodes Novels हनुमान प्रसाद पोद्दार जी (श्रीभाई जी) - 1 New ।। श्रीहरिः ।।दिव्य जीवन की एक झलकहमारा सौभाग्य है कि हमारी वसुन्धरा कभी संतों से विरहित नहीं रही। संतों की चेष्टायें सा... Read Free Novels हनुमान प्रसाद पोद्दार जी (श्रीभाई जी) - 2 New वंश परिचयशास्त्र की यह स्पष्ट उद्घोषणा है— वे माता-पिता, वह कुल, वह जाति, वह समाज, वह देश धन्य है, जहाँ भगवत् परायण परम... Read Free Novels हनुमान प्रसाद पोद्दार जी (श्रीभाई जी) - 3 New जन्म:शिलांग पहुँचने के कुछ समय बाद रामकौर देवी को रिखीबाई के गर्भवती होने का पता लगा तो उनके आनन्द की सीमा नहीं रही। परम... Read Free Novels हनुमान प्रसाद पोद्दार जी (श्रीभाई जी) - 4 New भाईजी का चरित्रबल एवं देवी सरोजनी का अलौकिक आत्मोत्सर्ग 'यह पूरा प्रसंग पूज्य बाबा के हाथ से लिखा हुआ है। वे स्लेट प... Read Free Novels हनुमान प्रसाद पोद्दार जी (श्रीभाई जी) - 5 New सेठ जी श्रीजयदयाल जी गोयन्दका से मिलनपरम संत सेठ जी श्रीजयदयाल जी गोयन्द का एक ऐसे मारवाड़ी संत थे, जिन्हें लोग जानकर भी... Read Free Read all episodes on App //= $best_novels_links; ?> //= $best_novels_prev_links; ?> //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?>