Manchaha book and story is written by V Dhruva in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Manchaha is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मनचाहा - उपन्यास V Dhruva द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 1.7k 188.2k Downloads 336.2k Views 133 Likes Writen by V Dhruva पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें उपन्यास विवरण जब से होश संभाला पापा को संघर्ष करते हुए देखा है मैंने। फिर भी मम्मी बिना किसी शिकायत के जिंदगी में साथ दें रहीं हैं। हम नोर्थ दिल्ली में रहते हैं। मेरे दो बड़े भाई है रवि और कवि और मैं उनकी एक लौती बहन पाखि। छोटे थे तब तीनों बहुत लड़ते झगड़ते, साथ खेलते, साथ स्कूल जाते। तब पापा का बिजनेस अच्छा चलता था। एक बार मंदी के मार ने सब छीन लिया। पापा के बड़े भाई-बहन थे पर सब दूरी बनाए रखें थे, शायद उनको डर था कि पापा उनसे मदद न मांगे। पर हम स्वमानी थे, जीतना कमाते More Interesting Options लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी Load More Best Novels of 2025 Best Novels of 2025 Best Novels of January 2025 Best Novels of 2024 Best Novels of 2024 Best Novels of January 2024 Best Novels of February 2024 Best Novels of March 2024 Best Novels of April 2024 Best Novels of May 2024 Best Novels of June 2024 Best Novels of July 2024 Best Novels of August 2024 Best Novels of September 2024 Best Novels of October 2024 Best Novels of November 2024 Best Novels of December 2024 //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?> पूर्ण उपन्यास Episodes Novels मनचाहा New जब से होश संभाला पापा को संघर्ष करते हुए देखा है मैंने। फिर भी मम्मी बिना किसी शिकायत के जिंदगी में साथ दें रहीं हैं। हम... Read Free Novels मनचाहा - 2 New शाम के 5:30 बज चुके थे। वैसे कोलेज मेरे घर से आधा घंटा ही दुर है। जेसे जेसे स्टोप आते गए वेसे वेसे बस की भीड़ भी कम होती... Read Free Novels मनचाहा - 3 New (आगे की कहानी जानने के लिए मनचाहा और मनचाहा 2 पढ़ें) बसस्टेंड पहुंच कर दिशा से हायहल्लो किया उतने में बस आ गईं। ईधर उधर... Read Free Novels मनचाहा - 4 New शादी में पहुंच गए फाइनली। शादी हमारे दूर के चाचा की बेटी की थी। बारात की खातिरदारी चल... Read Free Novels मनचाहा - 5 New पिछे मुडकर देखा तो चोंक गई। पिछे वहीं लड़का था जिसे मैंने निशा के साथ कार में देखा था। ? उसने फिर से कहा, - " में आई हेल... Read Free Read all episodes on App //= $best_novels_links; ?> //= $best_novels_prev_links; ?> //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?>