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मनचाहा - 18

सब अपनी अपनी जगह पर खड़े रह गए।
रोकी- आज सिर्फ पहली दो लाइन के डांस स्टेप सीखेंगे।
हम सब रेडी हो गए स्टेप्स सिखने के लिए। रोकी और मौनी हमें पहले स्टेप्स दिखाते और बाद में हम सब उसकी copy करते हैं। मुझे और रविभाई को जब लाइन स्टार्ट होगी "छु लिया तुने, लब से आंखों को" तब गोल गोल घुमके बीच में आना है"। उसके आगे बाकी सब परफोर्म करेंगे।
मौनी- आज आप लोग थके हुए लग रहे हैं तो बाकी प्रेक्टिस कल करेंगे।

यह सुनकर काव्या पहले ही नीचे आराम से बैठ गई। शायद बाकी सब भी आराम करना ही चाहते है। रिद्धि और रजत कुछ देर रुककर वापस घर चले गए, साथ में रोकी और मौनी भी। हम सबने अपने अपने रुम में जाने से पहले कल कितने बजे नैनीताल घुमने जाना है वह तय कर लिया।

अवि- तो तय रहा सब सुबह हम आठ बजे रेडी रहेंगे और नाश्ता करके निकलेंगे। girls plz टाइम से आ जाना वरना आपके बगैर ही चले जाएंगे। मैंने मनोज का नंबर लिया है तो उसे कोल करके बता देता हु।
मैं- हम GPS चालु करके घुम लेंगे। उसे बुलाने की क्या जरूरत है?
अवि- GPS कभी-कभार लंबा रास्ता दिखाता है। बहेतर है यहां का लोकल पर्सन साथ हो। कुछ ऐसी जगह भी वो जानते है जो गुगल पर भी नहीं होती।
काव्या- अच्छा तो कल मिलते हैं, मैं अब सोने जा रही हुं। चल मीना चलते हैं।

हम सब अपने अपने रूम में चले गए। मैं रूम में आकर पहले घर फोन कर दिया। सब बारी-बारी बात करने लगे चन्टु बन्टु तो रोने लगे, कहते हैं बुआ वापस आ जाओ हमें तुम्हारे बिना अच्छा नहीं लगता है। मैंने कहा - मुझे भी आप सबकी याद आ रही है। कल हम नैनीताल में घुमने जाने वाले हैं, मैं तुम दोनों के लिए कुछ ले आऊंगी अब रोना बंद करो। भैया भाभी से थोड़ी बात करके सोने की तैयारी करने लगी।बहुत थकान महसूस हुई है आज तो। नवम्बर चल रहा है तो ठंड तो लग ही रही है। नहाने की हिम्मत नहीं हो रही है तो हाथ मुंह धोकर जल्दी से नाइट ड्रेस पहनकर सुबह उठने का अलार्म सेट किया और सीधे रजाई ओढ़कर सो गई।

अगली सुबह
अलार्म बजने से आंखें खुल गईं। ये क्या अभी तो सोई थी इतनी जल्दी सुबह हो गई। कुछ देर और सो लेती हुं। जैसे ही रजाई में मुंह डाला, डोरबेल बजी। अनमने भाव से उठकर दरवाजा खोला तो सामने रविभाई थे।
रविभाई- अभी तक सो रही है? जल्दी तैयार होजा, और यह दवाई खाले कल रिद्धि ने मुझे दी थी तेरे लिए। आज फिर रास्ते टेढ़े-मेढ़े होंगे।
मैं- दिजिए मै खा लुंगी।
रविभाई- याद से खा लेंगी या मैं खिलादू?
मैं- मुझे कल की तरह परेशान नहीं होना है भैया, मैं खा लुंगी।
रविभाई- ठीक है मैं चलता हूं, तु जल्दी तैयार होकर आजा नीचे।
मैं- ओके भैया। अब आप यहां से जाने का क्या लेंगे सुबह-सुबह में?
रवि भाई- हां जाता हुं बाबा, दरवाजा ठीक से बंद कर लेना।
रवि भाई के जाने के बाद में सीधा नहाने चली गई।

नहा-धोकर तैयार हो गई। मैंने आज डेनिम ब्ल्यू जींस और व्हाइट टोप पहना था। यह मेरे पसंदीदा कपड़े है ब्ल्यू जींस और व्हाइट टी-शर्ट। मैंने कभी शोर्ट्स या स्कर्ट ट्राइ नहीं किए थे। हां मौका मिला तो जरूर पहनूंगी। बालो को शेम्पु किया था तो मैंने बाल खुले ही रखें थे। सबसे जरुरी इस वक्त स्वेटर था जिसे मैंने ज्यादा स्टाइल न मारते हुए पहन ही लिया। नैनीताल में ठंड दिल्ली के हिसाब से ज्यादा लगती है शायद। रूम में वैसे हीटर लगे हुए हैं तो अच्छा है। रूम से बाहर जाने से पहले मैंने अपनी दवाई ले ली। नीचे आई तो मैरे सिवा सब आ चुके थे। मुझे आता देख सब ऐसे घूर रहे थे जैसे मैंने सबकी किडनी मांग ली हो।? कोई कुछ बोले उससे पहले ही अवि ने सबको जल्दी ब्रेकफास्ट कर लेने को कहा। ब्रेकफास्ट खत्म होने तक मनोज आ गया था। मैंने बिना कुछ बोले फटाफट ब्रेकफास्ट कर लिया वो भी सबसे पहले, ताकि कोई बोले नहीं की मेरे कारण देर हो गई। ब्रेकफास्ट खत्म होने के बाद सब कार में बैठ गए, मनोज ड्राईवर के साथ फ्रंट सीट पर बैठ गया। पहले हम वह तालाब देखने गए जिससे नैनीताल जाना जाता है।

आज कि दवाई काम कर गई थी, क्योंकी मेरी तबियत अच्छी लग रही है अब तक। सब ताल हमें आज नहीं देखने थे, पर जितने देखे उसमें सातताल मुझे बहुत अच्छा लगा। सबने बहुत सारे फोटोज निकाले। निशु अपना DSLR camera लेकर आई थी और अवि उससे सबकी फोटोज ले रहे थे। सबने सेल्फीया भी बहुत ली।दोपहर लंच हमने बाहर ही किया। मनोज हमें सब लोकल जगह और यहां का इतिहास बताता जा रहा था।
आखिर में हम cave garden गए। अलग-अलग साइज की caves है यहां पर। सब caves में हम गए, एक आई monkey cave। उसमें हम सब तो निकल गए पर दिशा अटक गई, उसे देख सब हंसने लगे और हमसे ज्यादा वो खुद हंसने लगी?। जैसे तैसे बाहर आई और मनोज से बोली - आज के बाद ऐसी जगह पर मत ले जाना भाई। मुझे कुछ हो गया तो मेरे राजा का क्या होगा? हंसते हंसते सब गार्डन से बाहर आ गए। अब तीन बजे थे तो हमने सोचा डांस प्रेक्टिस तो शाम को है तो रिसोर्ट पर जाकर कुछ देर आराम कर लेते हैं।

रिसोर्ट पहुंचने में आधा घंटा लगा था। मनोज अपने घर चला गया और हम अपने अपने रूम में फ्रेश होकर सो गए।
अवि और रवि दोनों अवि के रुम में बैठे हैं।
अवि- यार बहुत ही मजा आया आज। क्या नजारा है नैनीताल का! यहां की पहाड़ियां, वादियां, तालाब wow...!, मैं तो रिटायर्ड होकर यहीं घर खरीदकर रहुंगा।
रवि- सच कह रहा है यार। तेरे बाजु में मेरा घर भी बनवा ही लेना। साथ साथ रहेंगे।
अवि- वैसे आज पाखि की तबियत अच्छी रही नहीं तो बेचारी की हालत कल जैसी हो जाती।
रवि- हां यार, सच बताऊं मुझे यही टेंशन था कि तबियत न बिगड़ जाए वरना नैनीताल की खुबसूरती देख ही नहीं पाएंगी। एक बात बताना जरा, मैं देख रहा हुं तु आजकल पाखि का ध्यान कुछ ज्यादा ही नहीं रख रहा?
अवि- (कुछ सोचकर) हा, रखता हु और रखना चाहता भी हुं।
रवि- क्या मतलब?
अवि- प्यार हो गया है तेरी बहन से।♥️
रवि- (एकदम बेड पर से उछलकर जोर से कहता है) कया...?? प्यार?
अवि- वहीं जो तुमने सुना। प्यार हो गया है पाखि से।
रवि- देख अवि तु जानता है वो ऐसी-वैसी लड़की नहीं है।
अवि- (बात बीच में काटते) तो मैं क्या ऐसा-वैसा लड़का हुं? तु भी तो मुझे बचपन से जानता है। कोई ग़लत राय मत बांधना, सिर्फ प्यार ही नहीं मै शादी भी उसी से करना चाहता हूं।
रवि- पर पाखि नहीं मानेगी। मैं तेरे साथ साथ उसे भी जानता हुं। वो प्यार के चक्कर से दूर रहने वालों में से हैं।
अवि- देख रवि तु पहले मेरा फ्रेंड है और बादमें उसका भाई समझा...। तुझे मेरी हेल्प करनी ही पड़ेगी।
रवि- वो तुझे हां क्यो बोलेगी?
अवि- वो मुझे ना भी क्यों बोलेगी? तु जानता है मेरा स्वभाव कैसा है। और तु ये भी जानता है कि मैंने कभी किसी लड़की से प्यार नहीं किया और ना ही कभी किसी के साथ फ्लर्ट किया। तुम्हें मैंने बताया नहीं पर पहली बार मैंने पाखि को एक रिश्तेदार की शादी में देखा था। उस एकबार ही में उसने मेरे दिल को चुरा लिया था। मुझे उसका वो हंसता हुआ मासुम चहेरा आज भी याद है।☺️
रवि- तो जब पहले मैंने पूछा था कि तुझे पाखि पसंद है तो ये क्यूं कहता था कि मैं उसके बारे में एसा कुछ नहीं सोचता?
अवि- क्योंकि मैं उसे जानना चाहता था। तुझे याद है एकबार मैंने तुझे कहा था कि उसकी आंखें वैसी ही लगती है जिसे मैं सपनो में देखता हुं?
रवि- हां कहा तो था शायद।
अवि- क्या शायद? मैंने कहा ही था। उसे देखने के बाद उस आंखों के साथ मुझे पाखि का चेहरा ही दिखता है सपने में। हां उस वक्त पता नहीं था कि ये प्यार है या क्या है।
रवि- तो अब कैसे पता चला कि यह प्यार है?
अवि- चल जाता है पता, तुझे जब होगा तब पता चल जाएगा।
रवि- और श्रुति का क्या होगा?
अवि- क्यों? श्रुति का क्या होगा?
रवि- वो तुझसे प्यार करती है और तु ये अच्छे से जानता है।
अवि- पर मैंने कभी नहीं कहा कि मैं उससे प्यार करता हूं। तु जानता है फिर भी..। पहली बार जिसे देखकर मुझे प्यार का अहसास हुआ वो पाखि ही है। तुझे मेरी हेल्प करनी ही होगी रवि वरना मैं...
रवि- वरना क्या?
अवि- मार डालूंगा तुझे।
रवि- देख मैं तेरी कोई हेल्प नहीं कर सकता। क्या कहुंगा मैं पाखि से कि मेरे दोस्त को मेरा जीजा बना दो? देख मैं तुम्हें और तेरे घरवालों को अच्छे से जानता हु। पाखि तुम्हारे साथ हमेशा खुश रहेगी यह भी जानता हु पर मैं कुछ नहीं कर सकता इस बारे में। उसकी शादी का फैसला उसके खुद के भाई करेंगे मैं नहीं। पाखि लव मैरिज नहीं करेंगी ये भी जानता हुं। तो तुझे जो कहना है अपने तरीके से ही कहना होगा। आगे पाखि की मर्जी।
एक बात बता इतने सालों से पाखि तुझे पसंद है यह बात तु मुझे आज क्यों बता रहा है।
अवि- यह भी बताता हुं।

क्रमशः

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