Wo Ankahi Bate book and story is written by RACHNA ROY in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Wo Ankahi Bate is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - उपन्यास
RACHNA ROY
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
दोस्तों आपने मेरी कहानी वो अनकही बातें को आप लोगों ने बहुत ही सराहा था।आप सबके लिए मैं एक बार फिर से लेकर आ गई हुं इसका सेकेंड सीजन पर कहानी का नाम कुछ हट कर है।।।
मिसाले इश्क ।।।।
कहानी के पात्र और घटना और चरित्र सबकुछ बदल गया है।
जिन्होंने ने अनकही बातें पढ़ा होगा वो अब मिसालें इश्क भी पढ़ेगा।
मुझे पुरा विश्वास है कि आप सबको मेरी कहानी पसंद आएगी।
अमेरिका में जाकर सबकुछ बदल चुका था उसका एक अतीत था जो शालू को पता चल गया था इसलिए शालु अब अलग होना चाहती थी।
पर वो अनकही बातें कही ना कही हमारे होंठों पर आकर भी कहीं खो जाती है।
आज बीस साल बीत चुके हैं। सबकुछ बदल गया है।
यश रफ एंड टफ लुक एक दम हीरो टाइप अपने घर का इकलौता हीरो। अपने पापा का यशू और फिर अपने प्रेमिका का ये।
दोस्तों आपने मेरी कहानी वो अनकही बातें को आप लोगों ने बहुत ही सराहा था।आप सबके लिए मैं एक बार फिर से लेकर आ गई हुं इसका सेकेंड सीजन पर कहानी का नाम कुछ हट कर है।।।मिसाले इश्क ।।।।कहानी ...और पढ़ेपात्र और घटना और चरित्र सबकुछ बदल गया है।जिन्होंने ने अनकही बातें पढ़ा होगा वो अब मिसालें इश्क भी पढ़ेगा।मुझे पुरा विश्वास है कि आप सबको मेरी कहानी पसंद आएगी।अमेरिका में जाकर सबकुछ बदल चुका था उसका एक अतीत था जो शालू को पता चल गया था इसलिए शालु अब अलग होना चाहती थी।पर वो अनकही बातें कही ना कही
2 epishodeदूसरे तलें पर ही यश का घर था।बेल बजाया तो पापा ने खोला।यश ने कहा अरे पापा क्या खुशबू आ रही है। खीर बना दिया है।बिमल ने कहा हां, हां जल्दी आ जाओ दोनों।यश ने कहा अरे बाबा ...और पढ़ेबिना देखे समझ जाते हैं कि मैं अकेला नहीं हूं।बिमल ने कहा हां बेटा तजूरबा और क्या!और बताओ आज का दिन कैसा रहा?रिचा ने आगे बढ़कर पैर छुए और फिर बोली नमस्ते अंकल।बिमल ने कहा अरे खुश रहो बेटा आज कल कहां ये देखने को मिलता है।रिचा ने कहा हां अंकल ठीक कहा आपने।पता है बेटा तुम्हारी आंटी भी यह
मैं थोड़ी देर अकेला रहुं गा। तुम लोग कुछ देर बातचीत करो पर अपने कमरे में जाकर।यश ने कहा ओह! पापा आप भी ना।रिचा ने कहा अरे ये।। तुम भी ना चलो हम चलते हैं।फिर सारे दोस्त यश के ...और पढ़ेमें जाकर बैठ गए और बातें करने लगे।अंकित ने कहा पता नहीं आज अंकल कहानी नहीं सुनाएंगे।यश ने कहा अगर नहीं सुनाएंगे तो बात बन्द और तभी एक आवाज हुआ। किसी के गिरने की।।और सब यश के रूम से सीधे बिमल के रूम में बढ़ गए और फिर जो देखा वो देखते ही यश दौड़ पड़ा पापा ।।देखा तो बिमल
फिर इसी तरह से एक दिन बीत गया।यश सुबह- सुबह जल्दी कालेज चला गया और फिर बिमल घर में पुरे समय कुछ न कुछ काम किया करते थे और फिर शांता को यह समझा दिया कि बाबूजी का कमरा ...और पढ़ेएक दम साफ़ सुथरा कर दो,पर्दे,सोफा कवर, बेडशीट वैगरह सब बदल का ठीक ठाक कर दो।शांता ने सर हिलाते हुए सब कुछ ठीक कर के चली गई।बिमल ने दोपहर को सरिता को कह कर सब बाबूजी के पसंद का खाना भी बनवा दिया !सरिता ने कहा शाम को आठ बजे तक आकर चाय नाश्ता सब कर दूंगी।बिमल ने कहा हां
बिमल ने कहा क्या मम्मी जी आप भी?हर बार ये बात कहना जरूरी तो नहीं है।।यश ने कहा हां,बस अब गुस्सा आया पापा को!! बिमल ने कहा नहीं बिल्कुल भी गुस्सा नहीं आया हमें बल्कि हम समझा कर बहुत ...और पढ़ेगुजर चुका है पर आप लोग तो।।। निर्मला ने कहा हां, ठीक है यशु का शादी करा देते हैं बस।।सब हंसने लगे और फिर यश ने कहा क्या दादी मां आप मेरे पीछे पड़ गई अब? मोना ने कहा हां ठीक कहा दादी ने कोई है क्या?? यश ने कहा हां और क्या, है तो।। वैसे अब चलिए खाना खाने।