Wo Ankahi Bate - 18 books and stories free download online pdf in Hindi

वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 18

तो बस हो जाता है ,खो जाता है,खो जाता है, ये कहते हुए बिमल रो पड़े।

रिचा ने कहा अगर सच्चे मन से किसी को चाहो तो एक समय बाद वो आपकी हो जाएगी है ना अंकल।।
बिमल ने कहा हां बिल्कुल ठीक कहा तुमने पर कभी कभी जल्दी सब कुछ मिल जाता है और कहीं नहीं मिलता। वैसे मैं तो एक बहुत ही successful Business man था पर देखो प्यार की कहानी में शायद पीछे रह गया था।।
यश ने कहा आप ने मां में ऐसा क्या देखा था?
बिमल ने कहा चांदनी का मन बहुत ही खूबसूरत था भले ही वो चहरे पर मेकअप नहीं करती थी पर उसमें कुछ तो खास था जिसे देख मैं मुग्ध हो गया और फिर चांदनी में सादगी, सच्चाई, शीतलता, कोमलता और सब कुछ आता था उसे।।
यश ने कहा हां, इसलिए तो वो जाने के बाद भी आपके दिल में है।।



पर मुझे तो उसके दिल का हाल लेना था और साथ ही अपना हाले दिल बताना था।
इसलिए मैं किसी भी तरह उसके घर का पता, फोन नंबर ये सब जानने की कोशिश में था।। उसका कोचिंग से लेकर घर तक का रास्ता मै पता कर चुका था।
यश ने कहा ओह माई गॉड पापा आप इतने होशियार!

बिमल ने कहा हां फिर।
रिचा ने कहा आगे क्या हुआ अंकल?
बिमल ने कहा आगे तो मुश्किलें बहुत थी पर हौसले बुलंद थे।
एक दिन मंदिर में चांदनी को देखा क्योंकि वो हर शनिवार को मंदिर जाती थी तो बस मैं भी जाने लगा।।

एक-दूसरे को हम देखते ही नहीं थे। और फिर एक दिन चांदनी ने मुझसे पूछा कि क्या हम एक दूसरे को जानते हैं।बिमल ने कहा यहां पास में एक केफै है वहां चले।
फिर दोनों वहां गए।
चांदनी ने कहा अरे आप तो मेरे पीछे पड़ गए क्या बात है?
बिमल ने कहा हां,मेरा मतलब है कि जब से आपको देखा है तो बात करने का बड़ा मन हो रहा था। चालाकी से मैंने अपनी बात पलट दी।
चांदनी ने कहा अरे बाबा मुझे कोई policy नहीं चाहिए हां!!
बिमल ने हंसते हुए कहा क्या मैं आपको एजेंट लगता हुं?
चांदनी ने कहा और क्या?टाई लगा कर घुम रहे हैं।
फिर बिमल ने कहा सच मानिए मेरा ऐसा इरादा नहीं है। मैं तो दोस्ती करना चाहता हूं।।
चांदनी ने कहा अरे बाबा ये दोस्ती का चक्कर है!
बिमल ने कहा हां, एक सच्चा दोस्त!
चांदनी ने कहा यहां पर इतनी परेशानी है इनको दोस्ती करना है।।
बिमल ने कहा हां, क्या एक दोस्त दूसरे दोस्त के काम नहीं आता है क्या परेशानी है बताईए ना?
चांदनी ने कहा नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं है मुझे अब जाना चाहिए।।

चांदनी उठने लगी तो बिमल ने कहा अरे बाबा यहां पर एक कप चाय या कॉफी तो पीकर जाइए।
चांदनी ने कहा नहीं, मुझे जाना होगा।।
और फिर चांदनी चली गई।।
अब बिमल वहां पर बैठ कर सोचने लगा कि आखिर बात क्या है चांदनी को क्या परेशानी है?
फिर बिमल घर वापस आ गए।।
और फिर रात भर सोचता रहा कि आखिर क्यों चांदनी को मैं अपनी दिल की बात नहीं बता पाया।।जब भी उसकी आंखों में देखता हूं तो कुछ हो जाता है।



रिचा ने कहा सच अंकल ऐसा ही होता था क्या पर ये को कुछ नहीं होता है!
बिमल ने कहा हां बेटा ये सच है ऐसे ही था मैं जब जवान था।
यश ने कहा हां ठीक है आगे बताओं।।
बिमल ने कहा हां ठीक है उसके बाद हम रास्ते में मिलते और दोनों अजनबी की तरह चले जाते थे। मुझे चांदनी की सहेली हेमा से दोस्ती कर ली। और फिर पता चला कि चांदनी को एक नौकरी की तलाश है पर उसे नहीं मिल रहा है।
बिमल ने कहा ओह तो ये बात है! क्या तुम्हारी सहेली बैंक एकाउंट में काम करेंगी?
हेमा ने कहा हां क्यों नहीं।
बिमल ने कहा पर उसे कुछ मत बताना।।
हेमा ने कहा उसे बहुत प्यार करते हो?
क्रमशः

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