मोना ने कहा अरे, अंकल यश कब तक आएगा?
बिमल ने कहा हां,आ जाएगा पहले दोनों लंच करने जाएंगे और फिर रिचा को घर छोड़ देगा।
बिमल के मम्मी ने कहा अरे बेटा क्या यश रिचा को पसंद करता है?
बिमल ने कहा हां, मम्मी दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं।।
मम्मी ने कहा वाह बिल्कुल तुम्हारे ऊपर गया है।। हमने सोचा कि मोना के साथ यश की शादी कर देंगे।पर यहां तो सब कुछ पहले से ही तय हो गया है।
बिमल ने कहा हां, मम्मी आज कल तो साथ में पढ़ाई करते हैं तो वहां से दोस्ती शुरू हो जाती है। और फिर ये दोनों पुराने दोस्त हैं।।
मम्मी ने कहा हां ठीक है बिमल तुमको मानसी याद है?
वो अभी भी तुमसे शादी करना चाहती है।।
बिमल ने कहा अरे क्या मम्मी!इस बुढ़ापे में शादी!मैं तो चांदनी के साथ खुश हुं।
पापा जी और मम्मी जी सब लोग खाना खाने के बाद अपने कमरे में जाकर आराम करने लगे।
शाम को यश वापस आ गया।
और फिर शाम की चाय रोज की तरह मोना और यश बनाने लगे।
इसी तरह एक महीने बीत गए।
आज मम्मी पापा और मोना सब वापस जा रहे हैं।
यश ने कहा अरे आप लोग कुछ दिनों तक रूक जातें?
दादी मां ने कहा नहीं ,नहीं यश अब जाना होगा, मोना की शादी भी तय हो गई है।
यश ने सुनते ही कहा अरे अच्छा तय हो गई शादी!.
मोना ने कहा हां, और क्या।।
यश ने कहा बिना किसी को देखे कैसे शादी कर सकते हो!
मोना ने कहा हां ऐसे ही होता है हमारे यहां।।
फिर स्टेशन जाने के लिए सब तैयार हो गए थे।
बिमल ने मम्मी, पापा को गले से लगा लिया और फिर बोला लगता है अभी तक आप लोग मुझे माफ़ नहीं कर पाएं वरना हमेशा के लिए रूक जातें।।आपकी बहु चांदनी भी यही चाहती थी कि आप लोग हमारे साथ रहें।।
मम्मी ने कहा हां, ठीक है बिमल पुरानी बात क्यों करता है?
हमें वहां कोई तकलीफ़ नहीं है।
बिमल ने कहा हां, ठीक है फिर।
यश सबको स्टेशन छोड़ने चला गया।
इसी तरह दिन बीतने लगे।
यश और रिचा में जितना प्यार था उतना ही लड़ाई भी था।।
दोनों ही एक-दूसरे को इल्जाम लगाते रहते कि ये तुम्हारे वजह से हुआ।।।
और फिर दोस्ती भी हो जाती।।
क्या इनका प्यार समझौते का था या सच्चा था कुछ भी समझ नहीं आता था।
इस तरह से दोनों का फाइनल ईयर का एग्जाम भी शुरू हो गया था।
बिमल ने कहा बेटा मन लगाकर पढाई कर हां।।
यश ने कहा हां पापा आई एम् द बेस्ट स्टूडेंट!
इस बार भी मुझे स्टूडेंट्स आफ द ईयर मिलेगा आप देखना।।
बिमल ने कहा हां, पर रिचा को भी मिल सकता है।।
कल से एग्जाम्स शुरू हो गया।
यश के सारे पेपर बहुत अच्छे जा रहे थे।
एक हफ्ते तक पेपर चला।
यश ने कहा हां, हां आप मेरे पापा होकर रिचा की साइड ले रहे हो।।
बिमल ने कहा अरे बाबा मैं किसी की साइड नहीं ले रहा हूं ओके।।
यश ने कहा हां, ठीक है मैं ग़लत नहीं हुं रिचा हमेशा मुझे ग़लत साबित करना चाहती है।।
बिमल ने कहा अगर ऐसा है तो दोनों मिलकर बात करो, देखो बात करने से समस्या का समाधान होता है ना झगड़े से।
यश ने कहा हां ठीक है पर पापा घर कितना खाली हो गया है दादाजी के जाने के बाद।।
बिमल ने कहा हां, हमेशा की तरह पापा जी लोग चलें जाते हैं कभी रहते नहीं?.
यश ने पुछा क्या मां को ये लोग पसन्द नहीं करते थे?
बिमल ने कहा नहीं, बेटा तुम्हारी मां थी ऐसी की सबका मन मोह लेती थी।
क्रमशः
पार्ट 4
रिचा और यश का आज फाइनल ईयर का रेजल्ट आने वाला था।
रिचा यश के घर पर इन्तजार कर रही थी और फिर बिमल आ गए और फिर बोलें रिचा बेटा अव्वल आओगी हैं ना?
आगे क्या करोगी?
रिचा ने कहा एम बीए करना है।।
बिमल ने कहा हां,very good!
कुछ देर बाद यश आ गया और फिर दोनों जाने लगें।
बिमल ने कहा चलो अब जल्दी जाकर आओ।
फिर दोनों चले गए और वहां कालेज में दोनों पहुंच गए।।
Results announcement हो रहा था।।
यश और रिचा दोनों एक साथ बैठ गए।
कुछ देर बाद ही यश का नाम लिया गया जिसने पुरे कालेज में Top किया था और दूसरे स्थान पर रिचा ही थी।।
तालियों से पुरा कालेज गुजने लगा और फिर यश स्टेज पर पहुंच गया और फिर उसे गोल्ड मेडल पहना दिया गया और फिर रिचा को भी बुलाया गया। रिचा को सिल्वर मेडल पहना दिया गया। फिर यश को ही student of the year का खिताब मिला।।
फिर सभी स्टूडेंट्स को एक साथ खाना खाने के लिए कालेज कैंटीन में जाने को कहा गया। कालेज की तरफ से पार्टी थी जहां पर सभी टीचर्स और स्टूडेंट्स एक साथ खाना खाते हुए नजर आ रहे थे।
फिर पार्टी खत्म हो गई और फिर सभी वापस लौट आए।
यश और रिचा सीधे बिमल के पास जाकर एक साथ पैर छुए और फिर सारी बात बताई।
बिमल सुनकर बहुत खुश हो गए और फिर बोलें चांदनी देखो आज तुम्हारा सपना पूरा हो गया।।
रिचा ने कहा अंकल मैं second आई हुं।।
बिमल ने कहा हां खुशी की बात है बेटा मैं आशीर्वाद देता हूं कि तुम लोग बहुत आगे जाओ।। फिर रिचा ने कहा कि अंकल अब मैं चलती हूं।कह कर निकल गई।
रिचा के जाने के बाद यश ने कहा पापा युही सुखा आशीर्वाद नहीं चाहिए मुझे कुछ खास चाहिए।।
बिमल ने कहा हां ठीक है बिमल ने अपने गले से उतार कर वो हार यश को पहना दिया।
यश ने कहा थैंक यू पापा।
और फिर यश अपने रूम में चला गया और फिर सोचने लगा कि अगले हफ्ते पापा का birthday है तो इस बार कुछ नया करना है। और पापा से एक वादा लेना है कि वो अपनी प्यार की अनोखी कहानी सुनाएंगे! मुझे जानना है जहां समझौता होता है वहां प्यार कैसे हो सकता है??
फिर यश सो गया।
दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर निकल गए यश और रिचा से मिल कर सारा surprise birthday party plan कर लिया।
रिचा ने कहा अंकल के कालेज के सारे friends को बुलाएंगे।।
यश ने कहा हां, आइडिया अच्छा है dear!
फिर यश ने कहा मैंने कल रात Study room मेरे से वो डायरी निकाल लिया था।
रिचा ने कहा अभी सबको फोन करो।
फिर यश ने सबको फोन करके Birthday party के लिए आमंत्रित किया।
फिर पापा के आफिस के सारे कलिग को भी फोन करके बुलाया।।
फिर सब काम हो जाने के बाद
दोनों ही कालेज से निकल कर एक शापिंग मॉल में चले गए जहां पर यश ने पापा की पसंद का सूट खरीदा।।
वहां से सीधे अपने घर पहुंच गया।
और फिर बिमल को कुछ भी पता चलने नहीं दिया।
इस तरह दो दिन बाद केक का आर्डर दिया और साथ ही साथ सबसे पहले होटल पर डिनर भी बुक कर दिया।
ये सब रिचा और यश ने मिलकर किया।
फिर आखिर यश की सारी मेहनत रंग लाई और बिमल का जन्मदिन का वो दिन भी आ गया।
सुबह -सुबह यश ने बिमल के पसंदीदा फुलों के साथ जन्मदिन की बधाई देता हूं पापा को गले से लगा लिया।
बिमल एक दम से चौंक गए !
बिमल ने कहा अरे बाबा याद था तुझे?
यश ने कहा हां, पापा जल्दी से तैयार हो जाओ मंदिर जाना है।।
फिर दोनों मिलकर मंदिर दर्शन किए और घर लौट आए।
बिमल ने चांदनी की तस्वीर को देखते हुए कहा देखो चांदनी हमारा बेटा कितना बड़ा हो गया है? तुम हमेशा कहा करती थी कि यशहमारा नाम रोशन करेगा ।
यश हंसते हुए कहा क्या पापा आप भी।।
फिर दोपहर को भी एक बहुत ही अच्छा सा लंच खाने के बाद बिमल सो गए।
यश ने रिचा को बुला लिया और फिर दोनों ने मिलकर पुरे डाईंग रूम को अच्छी तरह से सजा दिया।
शाम को केक भी आ गया।
बिमल की आंखें खुली तो देखा कि एक बहुत ही बढ़िया सा सूट रखा हुआ था और साथ में एक नोट भी था।
जिसमें लिखा था कि जल्दी से तैयार हो जाईए।।
बिमल भी मुस्कुराकर जल्दी से तैयार हो गए।
और जब बाहर आएं तो देखा कि उसके कुछ कालेज के दोस्त, आफिस के सहकर्मी और फिर डाक्टर साहब भी खड़े हुए थे और फिर सबने एक साथ हैप्पी बर्थडे कहा।।
बिमल को खुशी का ठिकाना नहीं रहा !
क्रमशः