Wo Ankahi Bate - 7 books and stories free download online pdf in Hindi

वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 7

फिर काफी देर तक पुरानी यादें का ताना-बाना चलता रहा।
कालेज में यश और रिचा की फिर एक नोंक -झोंक हुआ तो इस पर यश ने कहा देखो रिचा पापा बिल्कुल ठीक कहते हैं कि आजकल के बच्चे में कभी प्यार तो कभी झगड़ा।।
रिचा ने कहा देखो ये! तुम हर बार पापा को बीच में क्यों ले आतें हो?
यश ने कहा देखो रिचा बात को पलटो मत तुम वहां उस पार्टी में नहीं जाओगी बस!
जहां मैं नहीं वहां तुम कैसे जा सकती हो??
रिचा ने कहा ये! बहुत ग़लत बात है आजकल के जमाने में तुम मेरे अभी सिर्फ दोस्त हो हां! शादी नहीं हुई है ओके!
यश अपनी गाड़ी में बैठ गया और फिर बोला ओके जहां जाना है चलो जल्दी शापिंग मॉल चले।
फिर वहां से सब शापिंग मॉल निकल गए।
तुम क्या चाहती हो कि यश तेरे आगे पीछे घुमेगा?
रिचा ने कहा प्लीज़ यार मेरा मुड खराब हो गया है।
यश भी गुस्से में आकर घर पहुंच गए और फिर वही अपने कमरे में तोड़ फोड़ करने लगे।
बिमल ने कहा अरे बाबा यशु फिर से झगड़ा हो गया क्या?
यश ने कहा हां पापा मुझे अकेला छोड़ दो।
बिमल ने कहा हां ठीक है हम लोग खाना खाने बैठ गए हैं।
यश ने कहा हां, ठीक है मैं आता हूं।जाओ।
कह कर चला गया।
रिचा रोने लगी और फिर उसकी सारी सहेलियां ने कहा अरे बाबा चिल कर।।
चलो जल्दी शापिंग मॉल चले।
फिर वहां से सब शापिंग मॉल निकल गए।
तुम क्या चाहती हो कि यश तेरे आगे पीछे घुमेगा?
रिचा ने कहा प्लीज़ यार मेरा मुड खराब हो गया है।
यश भी गुस्से में आकर घर पहुंच गए और फिर वही अपने कमरे में तोड़ फोड़ करने लगे।
बिमल ने कहा अरे बाबा यशु फिर से झगड़ा हो गया क्या?
यश ने कहा हां पापा मुझे अकेला छोड़ दो।
बिमल ने कहा हां ठीक है हम लोग खाना खाने बैठ गए हैं।
यश ने कहा हां, ठीक है मैं आता हूं।
कुछ देर बाद यश बाहर आकर अपने कुर्सी आगे करके बैठ गए।
कोई कुछ बात नहीं कर रहा था सब चुप चाप।।
यश ने खाना खाते हुए कहा अरे बाबा अब क्या हुआ?
दादी मां ने कहा यशु तू ठीक है ना?
यश ने कहा हां ठीक हुं बिल्कुल।।
फिर सब खाना ख़त्म किए और फिर यश ने कहा मोना मुवी देखने जाओगी?
मोना ने कहा हां ज़रूर।
बिमल ने कहा हां,ये हुई ना बात!जाओ मुवी देखने जाओ।
दादाजी ने कहा हां,शाम को हीजाना।
यश ने कहा हां दादु।
फिर सब खाना खाने के बाद अपने कमरे में सोने चले गए।
बिमल बैठ कर अख़बार पढ़ने लगे।
यश ने कहा पापा हमलोग चलते हैं।
बिमल ने कहा हां ठीक है,पर रात को बात करना है कुछ।
यश ने कहा हां, ठीक है।
फिर दोनों निकल गए।
यश ने अपनी बाइक निकाला और फिर बोला चलो।
मोना ने कहा अरे मुझे लगा कि तुम गाड़ी से जाओगे?
यश ने कहा अरे नहीं बाइक में चलना है तो चलो वरना।
मोना ने कहा अरे बाबा अब चलो कहते हुए बैठ गई पीछे और दोनों निकल गए पर यश ने ये नहीं देखा कि रिचा उसके घर आ रही थी।रिचा सोचने लगी कि ये किसको बाइक पर बैठा कर लें गया इतनी हिम्मत।।
रिचा यश के घर डोर बेल बजाया।
तभी सरिता ने दरवाजा खोला और बोली कि यश बाबा तो चलें गए।
रिचा ने कहा हां, ठीक है मुझे अंकल से मिलना है।
रिचा सीधे बिमल के कमरे में पहुंच गई और फिर बोली अरे अंकल यश किसके साथ गया।
बिमल ने हंसते हुए कहा अरे वाह!मैं सोच रहा था कि रिचा बेटा क्यों नहीं आई?
रिचा रोने लगी।
बिमल ने कहा अरे बेटा मेरे पास आओ।
रिचा पलंग पर जाकर बैठ गई और फिर बिमल ने अपना हाथ उसके माथे पर रखा और फिर बोले... ,बेटा रो मत बोलो क्या हुआ?
तुम दोनों एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करते हो और लड़ाई भी।।
रिचा ने सारी बात बताई तो बिमल ने कहा हां, मैं समझ सकता हूं पर देखो इसमें यश की गलती है उसे इस तरह से तुमको छोटा नहीं करना चाहिए था।
रिचा ने कहा अंकल मेरी गलती है यश मुझे सही रास्ता दिखा रहा था और फिर रिचा ने जो बताया वो सुन कर बिमल ने कहा हां ,तब ठीक है कि सही समय पर तुमको ये एहसास हो गया।
रिचा ने कहा अंकल आप बात करेंगे ना?
बिमल ने कहा हां, आने दो उसे मैं समझता हूं।
रिचा ने गले लगा लिया और फिर बोली अच्छा अंकल मैं अब जा रही हुं।
बिमल ने कहा हां, ठीक है बेटा पर सन्डे को घर आ जाओ ठीक है .

क्रमशः

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