Wo Ankahi Bate - 16 books and stories free download online pdf in Hindi

वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 16

बिमल ने कहा हां फिर।
रिचा ने कहा आगे क्या हुआ अंकल?
बिमल ने कहा आगे तो मुश्किलें बहुत थी पर हौसले बुलंद थे।
एक दिन मंदिर में चांदनी को देखा क्योंकि वो हर शनिवार को मंदिर जाती थी तो बस मैं भी जाने लगा।।

एक-दूसरे को हम देखते ही नहीं थे। और फिर एक दिन चांदनी ने मुझसे पूछा कि क्या हम एक दूसरे को जानते हैं?
बिमल ने कहा यहां पास में एक केफै है वहां चले।
फिर दोनों वहां गए।
चांदनी ने कहा अरे आप तो मेरे पीछे पड़ गए क्या बात है?
बिमल ने कहा हां,मेरा मतलब है कि जब से आपको देखा है तो बात करने का बड़ा मन हो रहा था। चालाकी से मैंने अपनी बात पलट दी।
चांदनी ने कहा अरे बाबा मुझे कोई policy नहीं चाहिए हां!!
बिमल ने हंसते हुए कहा क्या मैं आपको एजेंट लगता हुं?
चांदनी ने कहा और क्या?टाई लगा कर घुम रहे हैं।
फिर बिमल ने कहा सच मानिए मेरा ऐसा इरादा नहीं है। मैं तो दोस्ती करना चाहता हूं।।
चांदनी ने कहा अरे बाबा ये दोस्ती का चक्कर है!
बिमल ने कहा हां, एक सच्चा दोस्त!
चांदनी ने कहा यहां पर इतनी परेशानी है। इनको दोस्ती करना है।।
बिमल ने कहा हां, क्या एक दोस्त दूसरे दोस्त के काम नहीं आता है क्या परेशानी है बताईए ना?
चांदनी ने कहा नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं है मुझे अब जाना चाहिए।।

चांदनी उठने लगी तो बिमल ने कहा अरे बाबा यहां पर एक कप चाय या कॉफी तो पीकर जाइए।
चांदनी ने कहा नहीं, मुझे जाना होगा।।
और फिर चांदनी चली गई।।
अब बिमल वहां पर बैठ कर सोचने लगा कि आखिर बात क्या है चांदनी को क्या परेशानी है?
फिर बिमल घर वापस आ गए।।
और फिर रात भर सोचता रहा कि आखिर क्यों चांदनी को मैं अपनी दिल की बात नहीं बता पाया।।जब भी उसकी आंखों में देखता हूं तो कुछ हो जाता है।


रिचा ने कहा सच अंकल ऐसा ही होता था क्या पर ये को कुछ नहीं होता है!
बिमल ने कहा हां बेटा ये सच है ऐसे ही था मैं जब जवान था।
यश ने कहा हां ठीक है आगे बताओं।।
बिमल ने कहा हां ठीक है उसके बाद हम रास्ते में मिलते और दोनों अजनबी की तरह चले जाते थे। मैंने चांदनी की सहेली हेमा से दोस्ती कर ली। और फिर पता चला कि चांदनी को एक नौकरी की तलाश है पर उसे नहीं मिल रहा है।
बिमल ने कहा ओह तो ये बात है! क्या तुम्हारी सहेली बैंक एकाउंट में काम करेंगी?
हेमा ने कहा हां क्यों नहीं।
बिमल ने कहा पर उसे कुछ मत बताना।।
हेमा ने कहा उसे बहुत प्यार करते हो?
बिमल ने कहा हां, प्यार तो करता हुं बस खोना नहीं चाहता।।
फिर बिमल ने अपना नम्बर दे दिया और कल फिर मिलने को कहा।।
वहां से हेमा सीधे चांदनी के घर गई और जाकर नौकरी की बात बताई कि उसके चाचा जी के पहचान में है।
चांदनी बहुत खुश हो गई और फिर हेमा वहां से चली गई।

दूसरे दिन बिमल लैटर लेकर हेमा से मिला और बोला कि HDFC Bank में कल ये लैटर के साथ चली जाए।
हेमा ने थैंक यू कहा और वो भी वहां से सीधे चांदनी के घर चली गई और जैसा बिमल ने बताया था वैसे ही हेमा ने चांदनी को बताया।
चांदनी की आंखें भर आईं थीं और फिर हेमा को गले लगाया और बोली कि तुमने आज वो किया है जो कोई नहीं कर पाया।।
हेमा मन ही मन मुस्कुरा कर बोली कि ये सब जिसने किया हैं वो तुझे अपनी जिंदगी समझता है।

बिमल कहानी सुनाते हुए रो पड़े।।
यश ने कहा ओह पापा आप रो मत ।पर उस बैंक में आपकी पहचान किसके साथ थी?
बिमल ने हंसते हुए कहा अरे बाबा वो बचपन के दोस्त जयेस ।
यश ने कहा अच्छा वो मैनेजर थे वहीं??
बिमल ने कहा हां,
क्रमशः

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