Mujahida - Hakk ki Jung book and story is written by Chaya Agarwal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mujahida - Hakk ki Jung is also popular in सामाजिक कहानियां in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मुजाहिदा - ह़क की जंग - उपन्यास Chaya Agarwal द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 54 77.6k Downloads 139.2k Views 6 Likes Writen by Chaya Agarwal पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें उपन्यास विवरण तलाक .....तलाक ......तलाक....... इन तीन अल्फ़ाजों को, बिल्कुल किसी मालिकाना हक की तरह बोल कर, उसका शौहर आरिज़ कमरें से बाहर निकल गया। जलजले की तरह आये इन लब्जों के मायनों ने उस बैडरूम में कोहराम मचा दिया था। उस कमरें के सारे काँच दरक गये और दीवारें चटखने लगीं थीं। कमरें में मौत जैसा सन्नाटा छा गया था। वह बुत की तरह बैड पर बैठी हुई थी और घुटनों को मोड़ कर सीने से लगा लिया था उसके बाजुओं का घेरा घुटनों के इर्द-गिर्द फैला हुआ था और चेहरे पर हवाइयाँ उड़ी हुई थीं। आरिज़ के इन अल्फ़ाज़ों ने उसके कानों के परदों को फाड़ दिया था। जो अभी-अभी वह कह कर कमरें से बाहर निकल गया था। "या अल्लाह...! ये हमनें क्या सुना है? ये कौन से गुनाह की सजा है? रहम कर हे! पर्वरदिगार..हम पर रहम कर..." फिज़ा ने अपने दोनों कानों को अपने हाथों से ढ़ाँप लिया। उसे लग रहा था जैसे उफनता हुआ गर्म लावा किसी नें उसके कानों में डाल दिया हो और उसकी गर्मी से उसका पूरा जिस्म पिघल रहा हो। पूरा का पूरा बैडरुम धरती की तरह अपनी धुरी पर घूम रहा था। होंठ सिल गये थे और अब्सार से आसूँओ का रेला फूट पड़ा था। वह गूँगी -बहरी सी हो गयी। हाथ-पाँव काँप रहे थे और दिल धड़क कर गर्दन में अटक गया था। दीवार पर लगी तस्वीरें काँपने लगी थीं और कमरे की वाकि चीजें धुँआँ-धुँआँ सा होकर आड़ी- तिरछी रेखाओं में तबदील हो गयी थीं। आँखों के आगे अंधेरा छाने लगा और वह पलंग पर कच्चे घड़े की तरह लुढ़क पड़ी। रोते-रोते वह बेहोश हो गयी थी और घण्टे भर बेहोश ही पड़ी रही। More Interesting Options लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी Load More Best Novels of 2024 Best Novels of 2024 Best Novels of January 2024 Best Novels of February 2024 Best Novels of March 2024 Best Novels of April 2024 Best Novels of May 2024 Best Novels of June 2024 Best Novels of July 2024 Best Novels of August 2024 Best Novels of September 2024 Best Novels of October 2024 Best Novels of November 2024 Best Novels of December 2024 Best Novels of 2023 Best Novels of 2023 Best Novels of January 2023 Best Novels of February 2023 Best Novels of March 2023 Best Novels of April 2023 Best Novels of May 2023 Best Novels of June 2023 Best Novels of July 2023 Best Novels of August 2023 Best Novels of September 2023 Best Novels of October 2023 Best Novels of November 2023 Best Novels of December 2023 //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?> पूर्ण उपन्यास Episodes Novels मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 1 New भाग 1तलाक .....तलाक ......तलाक....... इन तीन अल्फ़ाजों को, बिल्कुल किसी मालिकाना हक की तरह बोल कर, उसका शौहर आरिज़ कमरें स... Read Free Novels मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 2 New भाग 2उसने नजर उठा कर पूरे घर का चप्पा-चप्पा निहारा था। दीवारों को हाथ से छुआ था। आइने को देख कर आँखें छलछला पड़ी थीं, ये... Read Free Novels मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 3 New भाग 3आरिज़ ने तो कई बार उसके साथ मार-पीट भी की थी। तब भी कोई कुछ नही बोला था। उसका गुनाह था कि उसने कठपुतली बनने से इन्का... Read Free Novels मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 4 New भाग 4उसकी सारी जान जैसे निकल चुकी थी और वह बेसुध हो गयी थी। सिर्फ आरिज़ की अम्मी ही उसके साथ थीं, आरिज़ भी नही। वह होता भी... Read Free Novels मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 5 New भाग 5दो जोड़ा कपड़े लेकर वह मायके आ गयी थी। ये दो जोड़ा कपड़े वही थे जो चलते समय आरिज़ की अम्मी ने एक बैग में रखे थे। शायद उन... Read Free Read all episodes on App //= $best_novels_links; ?> //= $best_novels_prev_links; ?> //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?>