Hotel Haunted book and story is written by Prem Rathod in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Hotel Haunted is also popular in डरावनी कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
हॉंटेल होन्टेड - उपन्यास
Prem Rathod
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
कहानी शुरू करने से पहले मैं बता दू की इस कहानी के Plot का Credit मैं Harshit को देना चाहता हू,उसी plot के साथ मैं अपने point of view के साथ हॉरर,suspence,प्यार और दोस्ती को एक कहानी में ढालकर आपके सामने इस कहानी को present कर रहा हूं|......रात का खामोशी से भरा अंधेरा काला साया, हल्की हल्की गिरती बारिश की बूंदे ,एक पतली सी सड़क और उसके दोनों तरफ घना जंगल।बारिश की वजह से सड़क गीली हो चुकी थी,तभी उस सुनसान सड़क पर एक इंसान नजर आया जो धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था।उसने काले रंग का लंबा सा कोट पहना हुआ था
रात का खामोशी से भरा अंधेरा काला साया, हल्की हल्की गिरती बारिश की बूंदे ,एक पतली सी सड़क और उसके दोनों तरफ घना जंगल।बारिश की वजह से सड़क गीली हो चुकी थी,तभी उस सुनसान सड़क पर एक इंसान नजर ...और पढ़ेजो धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था।उसने काले रंग का लंबा सा कोट पहना हुआ था, गर्दन में मोटा सा मफलर और हाथों में ब्लैक कलर के ग्लव्ज पहन रखे थे, उसने बारिश से बचने केेेेे लिए छाता ले रखा था,उसके चलने की वजह से अजीब सी आवाज आ रही थी और उस जगह पर इतनी शांति थी की वह उस
मौत का नाम सुनकर उस आदमी की आंखें बड़ी हो गई और कमरे में सन्नाटा छा गया उस आदमी ने फिर आगे कहना शुरू किया।सुबह का समय था अच्छी खासी धूप निकली हुई थी, सूरज ने उस जगह अपनी ...और पढ़ेछाप छोड़ रखी थी,वातावरण भी खुशनुमा था जंगल वाला पहाड़ी इलाका और बहुत सारे घने पेड़ थे।सूरज की रोशनी उन पेड़ों के बीच मेंं से निकलती हुई आ रही थी।उसकी थोड़ी दूरी पर पेड़ काटकर एक बड़ी जगह बनाई गई थी और वह जगह काफी खुली थी,उस जगह पर सब सामान इधर-उधर बिखरा हुआ था और सभी तरफ काम होने
लाश का नाम सुनकर राजीव कुछ देर के लिए सन्न हो गया।वह बस कुछ देर तक अजय के सामने सवालिया नजरों से देखता रहा।पूरे हॉल में एक अजीब सा सन्नाटा छा गया।बाहर से बस तेज हवाएं चलने की आवाज ...और पढ़ेरही थी आखिर कार राजीव ने उस सन्नाटे को तोड़ते हुए कहा,' यह क्या कह रहे हो तुम इन सब मजदूरों ने तो कहा था कि लाश अब तक नहीं मिली है।'उन सब को कुछ पता नहीं है,अगर पता चल जाता तो अभी तक बहुत बड़ा बवाल मचा देते और वैसे भी मुझे जिस हालत में वह लाश मिली है
अजय को कंधे पर किसी का हाथ महसूस होते ही वह सहमकर पीछे हट गया। अजय को अंधेरे में किसी का साया दिखाई दिया,जिसे देख कर उसका गला सूख गया, 'कौन........कौन हो तुम? देखो चले जाओ नहीं तो मैं......' ...और पढ़ेहुए वह जमीन पर कुछ ढूंढने लगा,लेकिन तभी उसके कान में आवाज पड़ी ,' साहब मैं हूं ' जिसे सुनकर उसने अपनी सामने की तरफ देखा तो रघु खड़ा था ,जिसे देखकर उसे कुछ राहत महसूस हुई।' तू यहां क्या कर रहा है रघु 'अजय ने अपना चेहरा साफ करते हुए कहा।' साहब आपने जब यहां आने का फैसला किया
दूसरे दिन सब लोग उसी जगह पर खड़े थे पिछली रात जो कुछ भी हुआ उसके बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं चला। इंसान स्वार्थ और लालच में इतना अंधा हो जाता है कि उसे अपने अलावा ...और पढ़ेकुछ भी दिखाई नहीं देता और एक दिन वही लालच उस इंसान को ले डूबती है। देखो यहां पर कुछ भी नहीं है तुुम लोग डरना बंद करो और काम शुरू करो राजीव ने सामनेे खड़ी सभी मजदूरों से कहा। तो फिर अजय साहब कहां गए वहां खड़े मजदूरों में से एक आदमी आगे आते हुए बोला। रही बात उस अजय की तो वहां