Prem Rathod लिखित उपन्यास हॉंटेल होन्टेड | हिंदी बेस्ट उपन्यास पढ़ें और पीडीएफ डाऊनलोड करें होम उपन्यास हिंदी उपन्यास हॉंटेल होन्टेड - उपन्यास उपन्यास हॉंटेल होन्टेड - उपन्यास Prem Rathod द्वारा हिंदी डरावनी कहानी (141) 15.1k 30k 21 रात का खामोशी से भरा अंधेरा काला साया, हल्की हल्की गिरती बारिश की बूंदे ,एक पतली सी सड़क और उसके दोनों तरफ घना जंगल।बारिश की वजह से सड़क गीली हो चुकी थी,तभी उस सुनसान सड़क पर एक इंसान नजर ...और पढ़ेजो धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था।उसने काले रंग का लंबा सा कोट पहना हुआ था, गर्दन में मोटा सा मफलर और हाथों में ब्लैक कलर के ग्लव्ज पहन रखे थे, उसने बारिश से बचने केेेेे लिए छाता ले रखा था,उसके चलने की वजह से अजीब सी आवाज आ रही थी की तभी............. पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें नए एपिसोड्स : Every Monday हॉंटेल होन्टेड - भाग - 1 (36) 4.7k 7.8k रात का खामोशी से भरा अंधेरा काला साया, हल्की हल्की गिरती बारिश की बूंदे ,एक पतली सी सड़क और उसके दोनों तरफ घना जंगल।बारिश की वजह से सड़क गीली हो चुकी थी,तभी उस सुनसान सड़क पर एक इंसान नजर ...और पढ़ेजो धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था।उसने काले रंग का लंबा सा कोट पहना हुआ था, गर्दन में मोटा सा मफलर और हाथों में ब्लैक कलर के ग्लव्ज पहन रखे थे, उसने बारिश से बचने केेेेे लिए छाता ले रखा था,उसके चलने की वजह से अजीब सी आवाज आ रही थी और उस जगह पर इतनी शांति थी की वह उस सुनो अभी पढ़ो होटेल होन्टेड - भाग - 2 (22) 2.7k 4.9k मौत का नाम सुनकर उस आदमी की आंखें बड़ी हो गई और कमरे में सन्नाटा छा गया उस आदमी ने फिर आगे कहना शुरू किया।सुबह का समय था अच्छी खासी धूप निकली हुई थी, सूरज ने उस जगह अपनी ...और पढ़ेछाप छोड़ रखी थी,वातावरण भी खुशनुमा था जंगल वाला पहाड़ी इलाका और बहुत सारे घने पेड़ थे।सूरज की रोशनी उन पेड़ों के बीच मेंं से निकलती हुई आ रही थी।उसकी थोड़ी दूरी पर पेड़ काटकर एक बड़ी जगह बनाई गई थी और वह जगह काफी खुली थी,उस जगह पर सब सामान इधर-उधर बिखरा हुआ था और सभी तरफ काम होने सुनो अभी पढ़ो हॉंटेल होन्टेड - भाग - 3 (15) 2k 3.5k लाश का नाम सुनकर राजीव कुछ देर के लिए सन्न हो गया।वह बस कुछ देर तक अजय के सामने सवालिया नजरों से देखता रहा।पूरे हॉल में एक अजीब सा सन्नाटा छा गया।बाहर से बस तेज हवाएं चलने की आवाज ...और पढ़ेरही थी आखिर कार राजीव ने उस सन्नाटे को तोड़ते हुए कहा,' यह क्या कह रहे हो तुम इन सब मजदूरों ने तो कहा था कि लाश अब तक नहीं मिली है।''उन सब को कुछ पता नहीं है,अगर पता चल जाता तो अभी तक बहुत बड़ा बवाल मचा देते और वैसे भी मुझे जिस हालत में वह लाश मिली है सुनो अभी पढ़ो हॉंटेल होन्टेड - भाग - 4 (15) 1.8k 3.2k अजय को कंधे पर किसी का हाथ महसूस होते ही वह सहमकर पीछे हट गया। अजय को अंधेरे में किसी का साया दिखाई दिया,जिसे देख कर उसका गला सूख गया, 'कौन........कौन हो तुम? देखो चले जाओ नहीं तो मैं......' ...और पढ़ेहुए वह जमीन पर कुछ ढूंढने लगा,लेकिन तभी उसके कान में आवाज पड़ी ,' साहब मैं हूं ' जिसे सुनकर उसने अपनी सामने की तरफ देखा तो रघु खड़ा था ,जिसे देखकर उसे कुछ राहत महसूस हुई।' तू यहां क्या कर रहा है रघु 'अजय ने अपना चेहरा साफ करते हुए कहा।' साहब आपने जब यहां आने का फैसला किया सुनो अभी पढ़ो हॉंटेल होन्टेड - भाग - 5 (20) 1.3k 2.6k दूसरे दिन सब लोग उसी जगह पर खड़े थे पिछली रात जो कुछ भी हुआ उसके बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं चला। इंसान स्वार्थ और लालच में इतना अंधा हो जाता है कि उसे अपने अलावा ...और पढ़ेकुछ भी दिखाई नहीं देता और एक दिन वही लालच उस इंसान को ले डूबती है।"देखो यहां पर कुछ भी नहीं है तुुम लोग डरना बंद करो और काम शुरू करो" राजीव ने सामनेे खड़ी सभी मजदूरों से कहा।"तो फिर अजय साहब कहां गए"वहां खड़े मजदूरों में से एक आदमी आगे आते हुए बोला।"रही बात उस अजय की तो वहां सुनो अभी पढ़ो हॉंटेल होन्टेड - भाग - 6 (19) 1.2k 3.6k 'Film Reel कहां गई?' निकुंज की आवाज में परेशानी थी क्योंकि फिल्म जो प्रोजेक्टर में होनी चाहिए थी वह वहां पर नहीं थी। निकुंज ने वहां रूम में ढूंढना शुरू किया पर वह Reel उसे कहीं दिखाई नहीं दी। ...और पढ़ेसब इंतजार कर रहे थे कि तभी वहां चल रही सभी लाइट्स ऑफ हो गई और रूम में अंधेरा छा गया। एक अजीब सी आवाज के साथ प्रोजेक्टर स्टार्ट हो गया,उसने से रोशनी निकली जो सामने स्क्रीन पर जा टकराई और सभी के सामने एक पिक्चर ऊपर कर आ गई।स्क्रीन पर सभी को सामने एक पुरानी सी हवेली दिखाई दी।सामनेेे सुनो अभी पढ़ो हॉंटेल होन्टेड - भाग - 7 726 2.2k 'क्या मजाक है यह??... दिल कहां है इनका?'राजीव की बात सुनकर संजय कुछ देर तक उसे देखता ही रह गया,संजय नेेेेे राजीव के चेहरे की और देखा राजीव अपनेेे सवाल के जवाब की उम्मीद में संजय की तरफ़ ही ...और पढ़ेरहा था।'यही तो में जान नहीं पाया आज तक.....'संजय ने एक गहरी सांस छोड़ते हुए कहा।'क्या मतलब?..आपको नहीं पता कि उनके साथ यह सब कैसे हुआ? बिना शरीर पर एक भी खरोच आए उनकी इस तरह से मौत कैसे हुई?'आपके होटल का काम शुरू हुआ तब मैंने उस समय जिन लोगों के पोस्टमार्टम किए थे,उनकी मौत की बिल्कुल इसी तरीके सुनो अभी पढ़ो हॉंटेल होन्टेड - भाग - 8 642 2.3k एक अजीब सी आवाज आई और उसके साथ होटल का दरवाजा खुल गया। यह देख कर निकुंज की सांस गले में अटक गई।वह कुछ देर तक बस ऐसे ही खड़ा रहा, उसे देखकर पीछे खड़ा पाटिल घबरा गया, उसने ...और पढ़ेनीचे फेंकी और उसे पैरों से बुझा दिया।वह चलते हुए निकुंज के पास आया और आते ही उसने अपना सवाल किया।'तुमने तो कहा था कि होटल बंद है,फिर यह दरवाजा कैसे खुल गया?'पर निकुंज ने पाटिल को सुना नहीं,जैसे वह अपने ही ख्यालों में खोया हुआ हो। उसे इस तरह से देखकर पाटिल ने उसके कंधे को पकड़कर उसे हिलाया,' सुनो अभी पढ़ो अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Prem Rathod फॉलो