Nakaab book and story is written by Neerja Pandey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Nakaab is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
नकाब - उपन्यास
Neerja Pandey
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
खेत में सुबह सुबह नित्य क्रिया के लिए गया बिरजू अभी बैठा ही था की उसे जोर की बदबू आई। उसने सोचा अभी तक तो गांव से इतनी दूर कोई नही आता था। साफ जगह खोजने के चक्कर में दूर तक निकल आता था। पर अब लगता है सब इधर ही आने लगे है जो इतनी तेज बदबू आ रही है।
कुछ देर बाद उससे बर्दाश्त नहीं हुआ। वो उठ गया। पर ये बदबू थोड़ी अलग लग रही थी। वो जाने के लिए खेत से बाहर निकाला और मुड़ कर जाने लगा तो एक सरसरी निगाह खेत में डाली। निगाह पड़ते ही उसकी समझ में आ गया की क्यों उसे ये दुर्गंध कुछ अलग सी महसूस हो रही थी।
दूर से ही लग रहा था की ये कोई लाश है। वो सब्र नही कर सका। मुंह पर गमछा लपेट कर वो हिम्मत कर उसके पास गया। पास जाकर देखते ही उसके होश उड़ गए। उसे तो लगा था कोई जानवर मरा होगा। पर ये तो कोई बच्चा था। जो पहचान में नही आ रहा था। हाफ पैंट, शर्ट पहने उल्टे मुंह बच्चा पड़ा हुआ था। बिरजू को तभी ख्याल आया कही ये सुहास भैया का बेटा तो नही जो तीन दिन पहले गायब हो गया था। उसकी तलाश हर जगह की जा रही थी। ये लाश भी तीन दिन पुरानी ही लग रही थी। तभी इतनी बदबू आ रही थी। वो ये यकीन होते ही की ये सुहास भैया का बेटा है। वो बदहवास सा चिल्लाता हुआ गांव की ओर भागा। "अरे...देखो रे ...सुहास भईया के बेटे को किसी ने मार डाला रे…"
भाग 1 खेत में सुबह सुबह नित्य क्रिया के लिए गया बिरजू अभी बैठा ही था की उसे जोर की बदबू आई। उसने सोचा अभी तक तो गांव से इतनी दूर कोई नही आता था। साफ जगह खोजने के ...और पढ़ेमें दूर तक निकल आता था। पर अब लगता है सब इधर ही आने लगे है जो इतनी तेज बदबू आ रही है। कुछ देर बाद उससे बर्दाश्त नहीं हुआ। वो उठ गया। पर ये बदबू थोड़ी अलग लग रही थी। वो जाने के लिए खेत से बाहर निकाला और मुड़ कर जाने लगा तो एक सरसरी निगाह खेत में
भाग 2 कैसे भुला दूं…? पिछले भाग में आपने पढ़ा कि सुहास और प्रभास जगदेव जी के दो बेटे है। सुहास पिता का मेडिकल स्टोर संभालता है प्रभास पढ़ाई करता है। प्रभास जो छुट्टियों में घर आया था। अब ...और पढ़ेजाने की तैयारी करता है क्योंकि उसके एग्जाम के फॉर्म भरने के लास्ट डेट में बस कुछ ही दिन बाकी है। घर में सुहास की शादी की चर्चा शुरू होती है। वो अपने जज्बातों को सब से छुपा कर मां बाऊ जी की पसंद को ही जीवन साथी बनाने का फैसला कर लेता है। वो दुकान से लौट रहा होता
भाग 3 कर्तव्य अभी तक आपने पढ़ा कि कजरी सुहास से मिलने आती है। सुहास उसे मना करता है की आगे वो कजरी से संबंध नहीं रख पाएगा। कजरी को इस तरह अपनी होने वाली पत्नी की चिंता करना ...और पढ़ेनहीं लगता। सुहास द्वारा इस तरह अपना त्यागना बर्दाश्त नहीं कर पाती। वो उसे चेतावनी देते हुए वहां से चली जाती है की वक्त आने पर उसे वो ऐसा जख्म देगी की वो भी उसी की तरह तड़पेगा, खून के आंसू रोएगा। अब आगे पढ़े। सुहास भाई प्रभास से साथ घर चला आता है। सुबह प्रभास को बनारस जाना है।
भाग 4 पिछले भाग में आपने पढ़ा की प्रभास अपनी पढ़ाई के लिए बनारस चला जाता है। वहां उसकी दोस्ती एक लड़की रश्मि से होती है। सुहास भी यहां कजरी की यादों और चेतावनी को अपने दिल से भूलने ...और पढ़ेकोशिश करता है। आज घर में कोई मेहमान आ रहा है। उसी की स्वागत की तैयारी में सब लोग लगे है। मिठाई सुहास को बताना चाहता है की घर में कौन मेहमान आ रहा है। अब आगे पढ़े… सुहास मिठाई की बेचैनी शांत करने और अपनी जान छुड़ाने की गर्ज से मिठाई से आखिर पूछ ही लेता है, "हां ..!
भाग 5 पिछले भाग में आपने पढ़ा, सुहास के रिश्ते की बात करने के लिए क्षेत्र के बड़े रईस ठाकुर गजराज सिंह अपने बेटे राघव के साथ सुहास के घर आते है। उनके स्वागत की तैयारी बड़े ही जोर ...और पढ़ेसे होती है। मिठाई के जरिए सुहास को इस बात का पता चलता है। फिर मां भी उसे बताती है। और दोपहर में घर आने को बोलती है। पर सुहास साफ मना कर देता है की वो अपनी नुमाइश कराने नही आयेगा। अब आगे पढ़े| गजराज सिंह अपनी बेटी की फोटो लीला देवी को देखने को देते है। लीला लिफाफे