Wo Ankahi Baate book and story is written by RACHNA ROY in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Wo Ankahi Baate is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
वो अनकही बातें - उपन्यास
RACHNA ROY
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
सड़क के बीच में तेज बारिश में वो खड़ी हो कर ना जानें किसका इंतज़ार कर रही थी।
बहुत सारे सवाल उठ रहे थे शालू के मन में। मुझे इस पार्टी में शामिल नहीं होना चाहिए था।
तभी तेज रफ़्तार में बढ़ती हुई कार की होर्न से शालू एकदम घबरा कर गिर गई और बेहोश हो गई।
कार से एक नौजवान उतरा और फिर बोला- ये रास्ते हैं क्यों मरना चाहते हो? फिर किसी तरह से उसने उस लड़की को उठाने की कोशिश की पर नहीं उठीं।
फिर डाईबर बोला - समीर सर क्या हुआ।समीर बोला आकाश पीछे वाली गेट खोल।समीर ने उसे उठाया और पीछे की सीट पर लिटा दिया।समीर ने उसका चेहरा नहीं देख सका पर उसकी खुशबू से ,उसको छुने से किसी की छवि याद आ गई।
आकाश -सर आप ठीक है ना।समीर हां मैं ठीक हूं ।तू गाड़ी घर की तरफ ले।
आकाश ने कहा पर सर पार्टी में जाना था। समीर बोला, नही कोई मुश्किल में है पहले उसको देख ले।
सड़क के बीच में तेज बारिश में वो खड़ी हो कर ना जानें किसका इंतज़ार कर रही थी।बहुत सारे सवाल उठ रहे थे शालू के मन में। मुझे इस पार्टी में शामिल नहीं होना चाहिए था। तभी तेज रफ़्तार ...और पढ़ेबढ़ती हुई कार की होर्न से शालू एकदम घबरा कर गिर गई और बेहोश हो गई।कार से एक नौजवान उतरा और फिर बोला- ये रास्ते हैं क्यों मरना चाहते हो? फिर किसी तरह से उसने उस लड़की को उठाने की कोशिश की पर नहीं उठीं। फिर डाईबर बोला - समीर सर क्या हुआ।समीर बोला आकाश पीछे वाली गेट खोल।समीर ने उसे उठाया
शालू ने कहा चलों छोड़ो।समीर ने कहा मैंने तो सब कुछ छोड़ दिया था। शालू ने तुरंत जमाही लेने लगी और सोने का नाटक किया और कहा, मुझे नींद आ रही है।समीर ने हंस कर कहा साफ झूठ बोल ...और पढ़ेहो पता चल रहा है। किस से भाग रही हो ? खुद से ? मुझसे दूर चली गई थी पर किस्मत का खेल देखो। एक बात बताओ क्या सच में तुमने शादी कर ली है? शालू ने कहा समीर अब क्या फायदा इन बातों का।समीर ने कहा,ओ के गुड नाईट।समीर उठकर ऊपर चला गया। शालू रोते हुए रुम में चली गई। शालू पलंग पर
शालू ने खिड़की के पास जाकर देखा तो बारिश रुक गई थी। तभी शालू बोली मुझे जाना होगा । समीर ने कहा हां ठीक है मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूं।शालू ने कहा नहीं उसकी जरूरत नहीं है। ...और पढ़ेने कहा अपना घर भी नहीं दिखाना चाहती हो ना। क्या चाहती हो तुम? मैं बार-बार परेशान नहीं करुंगा । तुम्हारे पति से मिलना था बस।।शालू ने कहा,वो यहां नहीं है।समीर ने कहा अच्छा, फिर मन में बोला शालू कितना झूठ बोलोगी? कितनी बदल गई हो ? शालू ने पूछा कुछ कहा क्या? समीर ने कहा कि कहना तो तुम्हें था।"वह अनकही सी बातें।" जो
शालू का घर आ जाता है और फिर वो लिफ्ट तक जाते हुए सोचती है क्या सोमू को फोन करूं? फिर अपने विरान से फ्लैट का दरवाज़ा खोलती हैं। अकेलापन उसे काटने को दौड़ता हो।पर हर रोज तो ऐसे ...और पढ़ेरहता है मेरा पर आज ऐसा क्यों लग रहा है।एक उदासी के साथ सोचते हुए बैग रख कर फे्श होने जाती है।एक बार फिर उस सूट को देखती है। और आईने में अपने उलझे हुए बालों को संवारती है और सोचती है क्या मैंने सोमू को सच छुप कर सही किया?फिर शालू बेड पर लेट कर मोबाइल देखती है। और एकाएक अपना
फिर एक घंटे बाद शालू दादर उतर कर अपने मेन ब्रांच पहुंच गई।नायरा बोली ओह माई गॉड अति सुन्दर। शालू बोली धन्यवाद आपका। फिर दोनों हंसने लगी। फिर मिटिग शुरू हो गया।मिटिग काफी देर तक चला। शालू ने देखा ...और पढ़ेसमीर का मेसेज आया है। यौवना अवस्था में जैसे एक लड़की को पहले प्यार का एहसास होता है वैसे ही शालू को होने लगा था।वो मन ही मन मुस्कुरा रही थी।तभी राजीव पीछे से आकर बोले शालिनी कैसी हो? शालू बोली राजीव जी ठीक हूं। राजीव बोले लगता है नाराज़ हो। शालू बोली नहीं तो।राजीव बोले क्या हम चाय पीने चले? शालू बोली नहीं मुझे कहीं और