Wo Ankahi Baate - 13 books and stories free download online pdf in Hindi

वो अनकही बातें - भाग - 13

समीर ने कहा चल छोड़ । अब आगे।


विकास बोला नहीं दोस्त जब भगवान ये चाहते हैं तो तुमको एक होना होगा, और तुम दोनों एक दूसरे के लिए बने हो।


समीर हंस कर बोला पता नहीं भगवान क्या चाहते है।हर बार दूर चली है फिर आ जाती है ।अब मैं थक गया हूं और बर्दाश्त नहीं होता।


विकास ने कहा एक मौका दे उसे उसको कहने दे बस,


समीर ने कहा अब क्या कहेंगी ।

डेढ़ साल बाद मुझे ये पता चला कि उसकी शादी नहीं हुई।

अगर हम ना मिले होते तो।।


विकास ने कहा कोई तो बात होगा।

समीर ने कहा मैं कुछ समझ नहीं पा रहा हूं।

शालू भी कशमकश में थी कि अब क्या होगा?
समीर मुझे अपनाएंगे या फिर।


सुबह उठते ही शालू सबसे पहले तैयार हो कर निकल आईं और सोमू को ढूंढने लगी।


समीर भी रेडी हो कर निकल गया और फिर दोनों आमने-सामने आ गए और शालू बोल पड़ी देखो मुझे बात करनी है।

समीर ने कहा क्या मतलब है अब इन बातों का। तुमने कहा शादी नहीं हुई है। डेढ़ साल तक क्या कर रही थी? तुम।।

शालू ने कहा मैं तुम्हारे यादों को समेट रही थी।


समीर ने कहा ओह तो जब से मिनल आई थी तभी से तुम यादों को समेट रही हो।
मैं कहां हूं ! तुम मेरी यादों में जी रही हो। अच्छा है जैसे मैं मर गया हुं। शालू तुमने मुझे हर बार दूर किया है खुद से।।आज इस उम्र की दहलीज पर मैं अकेला ही खड़ा हूं। तुम होकर भी मेरी ना हो सकी।


शालू ने कहा सोमू मैंने जो भी किया तुम्हारे लिए तो किया था। और तुमने भी क्या किया बिना बोले तुम यू एस चले गए और तो और तुम्हारे घर में लेडीज़ के कपड़े क्या कर रहे थे वो उस रात जो सूट दिया था मुझे,वो मुझे इतना फिटिंग कैसे हुआ हां।। तुम ने भी तो शादी कर ली थी।

तुम्हारी शक करने की आदत नहीं गई।जरा देखो खुद को। समीर ने कहा।।
फिर समीर हंस कर बोला अरे बाप ये। इतना जलन! चलो कोई नहीं अब घर आकर देख लेना हां, मैं कुछ नहीं बोलुंगा।


शालू बोली हां डाक्टर साहब मरीज तो बहुत सुन्दर सुन्दर होगी?


समीर बोला हां ज़रूर।।पर कोई मिला नहीं ना।
पर देखो शालू जब तक तुम मेरे सारे सवालों के जवाब नहीं देती तब तक मेरी गुनहगार हो तुम।


शालू रोने लगी और समीर ने उसके आंसू पोंछे और कहा देखो तुम रोया मत करो मैं कमजोर पड़ जाता हुं। और फिर इस बुढ़ापे में कोई मेरे साथ रोमांस नहीं करेगा और जो करेंगी वो तो दूर ही चली गई आज तक कभी कहा नहीं जो मैं सुनना चाहता हूं।


शालू ने कहा हर बार क्या कहने की जरूरत है कुछ बातें तो अनकही सी अच्छी लगती है और तुम कुछ समझते ही नहीं।

समीर अब और क्या समझना बाकी हैं बोलो ये हंसते हुए कहा। तुमने ये जरूरी नहीं समझा कि मुझे तुम बताओ कि मिनल ने तुम्हें क्या कहा? बस खुद सहती रही एक बार किसी ज्योतिष शास्त्र के पास चली जाती तो पता चल जाता कि क्या सच है, फिर दूसरी बार भी वही किया ना।।

शालू ने कहा पुराने जख्मों को मत छेड़िए प्लीज़ मैंने क्या सहा है वो मैं ही जानती हूं।

समीर ने कहा हमलोग बहस किस बात पर कर रहे हैं। क्या चाहती हो तुम,?


शालू ने कहा हां इन डेढ़ साल में काफी बदल गए हो तुम।

समीर ने हंस कर कहा मैडम कसूर तो आपका है , आप ही गायब हो जाती हो।


शालू बोली ओह तो सब कसूर मेरा है तो सज़ा भी सुना दो।
समीर हां हां..हां करके हंसने लगा ‍‌‍‍‌‍‍‌‌‍। और बोला शालू तुमने तो मुझे जिंदगी भर के लिए सजाऐ मौत ही दे दिया था क्योंकि तुमसे दूर होना मेरे लिए तो मरने जैसा ही था।


शालू ने कहा तुम रो रहे हो, मेरे लिए भी कुछ कम सितम नहीं ढाला तुमने।।

कालेज में तुम तो मिनल के साथ उलझे रहते थे और मैं ये सब देख कर कितनी परेशान हो जाती थी।
समीर ने कहा हां मुझे सब पता है तुम्हारी डायरी मेरे पास है।


शालू तो दंग रह गई और फिर बोली कहां से मिली?

समीर ने कहा अरे बाबा एक गुस्ताखी कि थी तुम्हारे घर से डायरी चुरा लिया क्योंकि मुझे तुम्हारी दिल की बात जो जाननी थी।

शालू दौड़ कर आई और समीर को मारने लगी जैसा कालेज में मारती थी।

समीर भी कुछ नहीं बोला और फिर शालू रूक गई तब समीर बोला अरे मारो ना यार। मुझे अपने कालेज के दिन याद आ गए।


शालू ने अपनी नजरें झुका ली और बोली साॅरी

समीर बोला अरे शालू इस बहाने से सही तुमने मुझे छुआ तो।।

शालू ने कहा सोमू मुझे शर्मिन्दा मत करो।


समीर ने कहा अच्छा ठीक है।अब चले महाबलेश्वर घुमना है ना।

सभी तैयार हो कर बस में बैठ गए और फिर बस निकल पड़ी।



वीना लेक में बस रुक गई। यहां पर सब बोटिग के लिए टिकट बुक कराने लगे।


समीर तो शालू को ही निहार रहा था और शालू भी बीच बीच में सोमू को देख रही थी।

समीर ने ही शालू की टिकट बुक करवाया और सब ग्रुप बनाकर बोट पर बैठ गए।

समीर ने इशारे से अपने पास बैठने को कहा शालू को।

शालू भी धीरे से समीर के करीब बैठ गई उसे तो अपनी कालेज के दिन याद आ रही थी कि कैसे शालू सोमू के पास बैठने के लिए तरसती थी।


खुब शरद हवाएं चलने लगी थी और शालू तो सोमू की तरफ सिमट जा रही थी।
सोमू को तो शालू की खुशबू महका रही थी

और फिर शेखर ने एक धुन छेड़ दिया तो सब शेखर की तरफ आकर्षित हो गए।

फिर सब वापस आ गए और बस में बैठ गए फिर बस एक ढाबे पर खाना खाने के लिए रूक गया।


शालू तो अब खुद को सोमू से अलग नहीं कर पा रही थी उसे अब डर था कि कहीं अब अगर सोमू गया तो कभी वापस नहीं मिलेगा।



विकास उसकी पत्नी सपना और समीर एक साथ टेबल पर बैठे थे और फिर शालू आकर बोली कि मैं बैठूं क्या?

विकास बोला अरे भाभी आप आइए।।

समीर ने कहा अरे ये शालिनी है मेरी दोस्त। और शालिनी ये है विकास और उसकी पत्नी सपना।
शालू ने कहा हेलो!

सपना ने कहा हां आप बैठो।

फिर समीर ने खाना मेनू कार्ड देख कर आॅडर किया।


कुछ देर बाद खाना सर्व हो गया।सब खाने लगे। तभी विकास बोला अरे वाह तुम दोनों को एक-दूसरे का टेस्ट भी पता है।

समीर ने हंस कर कहा हां यार हम दोनों सच्चे दोस्त हैं।
ये सुनकर शालू के गले में खाना फस गया और वो खांसने लगी तभी समीर उठ कर शालू के पीठ पर थपथपाने लगा और बोला शालू बच्चों की तरह खाती हो, कभी तो बड़ी बन जाओ।

फिर सब खाने के बाद बस में बैठ गए और बस आगे निकल गई।

एलीफेंट पोएन्ट जो कि महाबलेश्वर की सबसे सुंदर और आकर्षक जगह है जहां हाथी के सूंड के आकार का बना हुआ है पुरी जगह देखने लायक है।
सब लोग देखने लगे।


समीर और शालू भी साथ ,साथ चल रहे थे और दोनों के हाथ बीच-बीच में एक दूसरे को छू भी रहे थे शायद बरसों बाद इनके बसन्त ऋतु फिर से वापस आ रहे थे।।


फिर एक दो फोटो खिंचवाने वाले वहां आकर बोले कि आप लोग खिंचवाई कपल फोटो।

विकास और सपना भी रोमांटिक मुड में आकर फोटो खिंचवाने लगे।

समीर हंस कर देख रहा था और बोला शालू क्या फोटो खिंचवा ले।

शालू बोली हां सोमू चलो। फिर दोनों एक दूसरे के बाहों में बाहें डाल कर दो तीन फोटो खिंचवाने लगे और फिर फोटो प्रिन्ट आउट हो गए और समीर ने शालू को फोटो दे दिया।
शालू तो शर्म से लाल हो गई थी।

क्रमशः

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