Wo Ankahi Baate - 27 books and stories free download online pdf in Hindi

वो अनकही बातें - 27

फिर दोनों एक-दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने लगते हैं। समीर हमेशा शालू को खुश रखने की कोशिश करता था। समीर ने कहा कल हमारा वाडिया अस्पताल में डाक्टर नीरजा से मिलने जाना है। शालू ने कहा अच्छा ठीक है। फिर रोज की तरह समीर भी अपने अस्पताल निकल गए। और इधर शालू भी अपने सारे रिपोर्ट लेकर एक बैग में रख दिया।
सुबह जल्दी उठकर दोनों ही तैयार हो गए। नाश्ता करने के बाद आकाश को समीर ने कहा गाड़ी निकाल लो। समीर ने पहले ही आज अपने अस्पताल में बता दिया था कि कुछ जरूरी काम है। शालू ने बैग में सारे रिपोर्ट रख लिया था। और फिर दोनों गाड़ी में बैठ गए।ऐलिफेशन्ट जाना होगा। आकाश ने कहा ठीक है सर। फिर ये लोग वाडिया अस्पताल पहुंच गए। और सीधे डा नीरजा से मिलने पहुंचे।डा नीरजा ने कहा आइए डाक्टर समीर। आपसे मिलने का बहुत मन था। आप जैसे डा कहां मिलते हैं। समीर ने कहा अरे डा साहिबा आप मुझे शर्मिन्दा कर रही है। ये मेरी पत्नी है शालिनी। डॉ नीरजा ने कहा ओके शालिनी हम क्या चेक करें। शालू ने कहा हां ठीक है। फिर दोनों अन्दर चलें गए। कुछ देर बाद वापस आ गए और फिर डाक्टर ने कहा कुछ टेस्ट करवाना होगा। शालू ने कहा पर पिछले रिपोर्ट में तो।डा नीरजा ने कहा हां पर कुछ टेस्ट जो जरूरी है वो तो हुआ ही नहीं। समीर ने कहा हां ठीक है सब करवा लेते हैं। फिर सारे टेस्ट हो गया था एक सोनोग्राफी भी हुआ और सोनोग्राफी के जो डा आभा ने कुछ बात नीरजा को बताया। फिर डाक्टर नीरजा ने दोनों को बुलाया और कहा कि मैं कुछ दवा दे रही हुं अगर दवा से ठीक हो जाता है तो बहुत ही अच्छा है वरना एक छोटा सा आपेरशन करना होगा। शालू ने ये सुनकर कहा डा नीरजा क्या हुआ है मुझे मैं कभी मां नहीं बन सकतीं हूं। नीरजा ने कहा अरे नहीं ऐसा नहीं है दवा एक महीने तक लो। फिर एक बार चेक करवाने आना होगा। समीर ने कहा ओके मैम। फिर समीर और शालू दवाई खरीदने के बाद घर लौट आए।।। शालू एक दम मायुस सी हो गई थी। समीर ने कहा अरे बाबा कुछ नहीं हुआ है वो कभी कभी किसी, किसी को ये प्रोब्लम हो जाता है। दवाई से ठीक हो जाता है। शालू ने कहा पर मुझे डर लग रहा है। समीर ने कहा अरे हम कोशिश तो कर सकते हैं आगे भगवान की मर्जी। ये लो दवा।चलो ज्यादा सोचो मत सो जाओ। फिर दूसरे दिन समीर नाश्ता करने के बाद आफिस निकल गए। इसी तरह एक महीने बीत गए। आज फिर से उन दोनों को डाक्टर नीरजा के पास जाना है। शालू ने कहा सोमू मुझे कुछ अजीब सा लग रहा है पता नहीं क्या होगा। मेरी बिमारी ही ये सब की वजह तो नहीं। समीर ने कहा अरे ये क्या बोल रही हो। केंसर तो ठीक हो गया है तुम्हारा। तुम्हें कोई तकलीफ़ तो नहीं है। तुम एक नेकदिल इंसान हो कभी किसी का बुरा नहीं सोचा तो तुम्हारे साथ भी अच्छा होगा। फिर दोनों पहुंच गए डाक्टर नीरजा के चेंबर में। डॉ नीरजा ने कहा पहले एक सोनोग्राफी होगा। शालू अन्दर चली गई और फिर उसका सोनोग्राफी हो गया। कुछ देर बाद ही डा नीरजा ने दोनों को बुलाया और कहा कि अब शालू बिल्कुल ठीक है चिंता की कोई बात नहीं है।सब नार्मल हो गया है। अब आराम से कन्सीव भी कर सकती हैं।जब प्रेगनेंट हो जाओ तो मेरे चेंबर में आ सकती हो। अब कोई भी मेडीसीन नहीं लेना है।
शालू एक दम से रोने लगी। नीरजा ने कहा ओके।मैं समझ सकती हुं कि मां बनने का सुख क्या होता है।ओल दी बेस्ट। शालू तुम कहीं जोय्न कर सकतीं हो।मन अच्छा होगा। शालू ने कहा हां मैम अब समीर नहीं चाहते हैं कि मैं करूं। नीरजा ने हंस कर कहा अब चाहेंगे। समीर ने कहा हां ठीक है।
फिर दोनों घर वापस आ गए। समीर ने खुश होकर कहा देखो अब खुश हो ना। शालू ने कहा हां मुझे मां बनना है। समीर ने कहा ओह माई गॉड।आई लव यू। शालू गले से लिपट गई। समीर ने कहा अरे वाह कब से ऐसा सोच रहा था पर तुम तो। शालू ने कहा अब मारूंगी हां। समीर ने कहा अच्छा बाबा ठीक है। शालू ने कहा मैं जाॅब कर लूं। समीर ने कहा ओके कर लो। शालू बहुत खुश हो गई। उसके अंदर एक अकेलापन जो था अब वो शायद जाने वाला था।
फिर दोनों खाना खाने लगे और फिर खुब बात करने लगे। फिर शालू ने नायरा को मेसेज दिया तो उसका रिप्लाई आ गया उसका काॅल और फिर सारी बातें बताई शालू ने।नायरा ने कहा मेरे आफिस में एक पोस्ट है मैं तुम्हें लिंक सेन्ड करती हुं। शालू ने कहा हां ठीक है। फिर लंच करने के बाद ही लैपटॉप पर काम शुरू कर दिया।नायरा का भेजा हुआ लिंक पर क्लिक करके जल्दी जल्दी सबमिट कर दिया। समीर ने कहा वाह वाह हो गया सब। शालू ने कहा हां अब देखते हैं कि इन्टरव्यू के लिए काॅल आता है या नहीं। समीर ने कहा हां आयेगा। फिर दोनों कमरे में जाकर सो गए।
सुबह जल्दी उठकर समीर आफिस निकल गए।
कुछ देर बाद शालू भी उठ गई।ओफ सोमू ने आज भी नहीं उठाया क्यों ऐसा करता है। फिर उठ कर तैयार हो गई और फिर नीचे नाश्ता करने के बाद वो लैपटॉप पर काम करने लगीं। और फिर अचानक डीएस वी सी मल्टीनेशनल कंपनी से एक मेल आया था और फिर शालू एक दम से चौंक गई।जब मेल पढ़ा तो खुश हो गई कल ही उसका इन्टरव्यू था। शालू ने तुरंत नायरा को मेल किया और उसके बाद सोमू को मेसेज भेजा। कुछ देर बाद सोमू का फोन आया और फिर बोला अरे वाह क्या बात है। अब खुश हो ना।कल अंधेरी जाना होगा। शालू ने कहा हां मैं चली जाऊंगी। समीर ने कहा हां ठीक है मैं आकर बात करता हूं। फिर रात को समीर ने कहा कल मैं चलता हूं। शालू ने कहा ओके। फिर दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर दोनों निकल गए। अंधेरी में बहुत बड़ी कंपनी थी। और शालू ने सावित कर दिया कि वो टेनेलटेड है। शालू को जाॅब मिल गया। समीर ने कहा घर जाने से पहले हम कार शो रूम में चलते हैं। शालू ने कहा पर क्यों? समीर ने कहा मेरी जान क्या तुम पैदल जाओगी और लोकल ट्रेन में मैं तुम्हें नहीं जाने दुंगा। शालू ने कहा ओके फिर चले। दोनों एक कार शो रूम में जाकर एक नीले रंग की कार खरीदी।
वहां पर शालू के हाथों ही पुजा भी हो गया।शो रूम वाले दो दिन बाद डिलीवरी कर देंगे। शालू बहुत ही खुश हो गई। इसी तरह शालू ने नौकरी शुरू कर दिया।
शालू ने जो अपने अन्दर एक अनकही बातें छुपा कर पहले तो रखा था पर इस बार वो अनकही बातें उसने अपने सोमू को बता पाईं थीं कि उसका अकेलापन दूर करने का उपाय नौकरी करना ही है और भी बहुत सारे कार्य में शालू ने अपने को इनवाल्व कर दिया था बहुत साल पहले वो एक एन जी ओ से जुड़ी हुई थी और फिर वो उसी एन जी ओ से जुड़ गई। शालू ने अपने आप से एक वादा किया कि वो एक अच्छी पत्नी और फिर एक मां भी बनेंगी। फिर समीर ने आकर कहा पता है विकास का फोन आया था उसने बताया कि सपना को बेटी हुई है। शालू ने कहा अच्छा बहुत ख़ुशी की बात है।

इसी तरह एक साल बीत गए थे।पर कहीं ना कहीं दोनों के अन्दर एक अनकही सी कुछ बातें थीं जो अपना जगह बना रही थी। शालू को आफिस में कुछ महीनों में ही अपना अलग पहचान बना पाईं थीं और एक बार फिर एक बाॅस के पद पर कार्यरत थी। शालू आज कल सुबह जल्दी उठकर विनय काका को भी हेल्प किया करती थी और फिर सोमू के साथ एक अलग सा नाश्ता। पहले समीर निकल जाते थे। शालू नये कार में जाती थी औरआकाश ही शालू को छोड़ने और लाने का काम करता था।
शालू ने अपनी एन जी ओ पर भी बहुत मेहनत करके उसको साकार किया था जो औरतें गरीब और बेसहारा हो वो ही अब अचार, पापड़ आदि बनाकर उसके बेच कर अच्छे पैसे मिलते थे। शालू अपने पैसों को इसमें भी इन्वेस्टमेंट करती थी।
इसी तरह शालू अब बहुत ही खुश भी रहतीं थीं। समीर भी आजकल अपनी अस्पताल में व्यस्त रहने लगा था। शालू ये सब कर तो रही थी पर उसे एक डर भी था कि अभी तक वो कन्सीव नहीं कर पाईं। क्या बात है। और फिर शालू एक दिन रात को सोमू के सर को दबाते हुए कहा कि सोमू क्यों न इस बार हम अपने रिसोर्ट पर चलें। क्या ख्याल है? सोमू ने कहा हां क्यों नहीं। शालू ने कहा लगता है सोमू नाराज है। समीर ने कहा अरे बाबा नहीं।चलो चलते हैं।

शुक्रवार की रात को ही समीर, शालू निकल गए अपने माउंट वीयू वाले रिसोर्ट पर। दोनों बहुत ही खुश भी थे। शालू ने कहा हम सेकेंड हनीमून पर जा रहे हैं। समीर ने कहा क्या बात है जान। शालू ने कहा बाबा मुझे तुम्हारा साथ और प्यार दोनों चाहिए। समीर खुब हंसने लगा। खंडाला और लोनावाला के बीच में रास्ते ही ये रिसोर्ट था। शाम तक पहुंच गए । वहां पर एक केयर टेकर मिस्टर रस्तोगी उनकी फैमिली के साथ रहती थी। समीर ने पहले से बता दिया था तो वो लोग साफ सफाई करवा दिए थे। समीर ने शालू के आंखों में पट्टी बांध दिया और कहा धीरे धीरे चलो। फिर शालू के आंखों से पट्टी हटा दिया। शालू ने वहां की एक, एक चीज देखा तो सारा चीज शालू के पसंद का था।दीवाल के रंग, परदों का रंग,शो केश,विड चाइन और बहुत ही खूबसूरत लग रहा था। शालू ने आगे बढ़ कर देखा तो बालकनी में उसके ही पसंद का झूला लगा था और बालकनी भी सी साइड पर ही था।पुरा समुन्दर दिख रहा था और वो पानी की आवाज,वो लहरें देख कर शालू दौड़ कर सोमू से लिपट गई और बोली सोमू आई लव यू जान। तुमने मुझे आज सब कुछ दे दिया। समीर हंस कर कहा अरे बाबा आगे बेड रूम तो देखा नहीं। शालू अब बेडरूम में जाकर देखा कि दीवार पर उसके कालेज के दिनों से लेकर हनीमून की तस्वीर लगी थी। कालेज के दिनों वो मज़ाक, मस्ती,वो नजदिकियां,रुठना, मनाना, होली की मस्ती शालू तो देखते जा रही थी और फिर बोली ये सब कैसे किया? और कब किया यार सोमू। शालू ने देखा तरह तरह की लाईटें लगी थी और फिर वहां की खिड़की खोलने पर वो नजारा देखने को मिला जिसकी चाहत शालू को हमेशा से थी। समुन्दर में छोटे छोटे टापूओं का समूह, और कुछ कुछ लाईटें,कुछ, कुछ फेरी वाले। ये सब एक सपना जैसा लग रहा था। शालू ने कहा अरे ये बात तो तुम्हें मैंने नहीं बताया पर तुम्हें कैसे। समीर ने कहा अरे बाबा तुम्हारी डायरी। शालू ने कहा हां ठीक है पर तुम तो मुझे यहां नहीं ला रहे थे। समीर ने कहा ओह माई गॉड। पता है सोचा था कि तुम्हारे बर्थ डे की पार्टी हम यहां करेंगे। सरप्राइज था बेबी।पर कोई नहीं तुम्हें पता चला गया। शालू ने कहा ओह सोमू तुम भी ना। बोला क्यों नहीं? समीर ने कहा कोई बात नहीं हम तुम्हारे बर्थ डे सेलिब्रेशन यहां पर करेंगे। शालू ने कहा अच्छा।पर ये एक एक पल की यादगार तस्वीरें तुम कहां से लाएं? समीर ने कहा बस लाया ना।चलो अब डिनर करते हैं। फिर दोनों जाकर डिनर करते हैं। मिस्टर रस्तोगी की पत्नी खाना बहुत अच्छा बनातीं है। शालू ने कहा हां पर रोज हम उनके यहां का खाएंगे। समीर ने कहा हां मैंने कहा था पर उन्होंने कहा कि बहार का नहीं खाएं। फिर खाना खा कर दोनों कुछ देर बालकनी में झुले में जाकर बैठ गए। दोनों ही एक-दूसरे के बहुत ही करीब थे। शालू को सोमू का स्पर्श अच्छा लग रहा था। कुछ देर बाद ही दोनों एक-दूसरे के बाहों में आ गए। शालू को जैसे लगा कि वो एक नई नवेली दुल्हन हों। फिर दोनों एक साथ बैडरूम में आ गए। शालू ने कहा सोमू मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए शायद हम दोनों ही एक ही कश्ती में सवार हो।सोमू ने अपनी उंगली शालू के होंठों पर रख दिया और फिर बोला और कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है शालू आओ हम एक दूसरे में समा जाए। फिर कुछ देर तक दोनों एक-दूसरे के होंठों पर होंठ रख दिए। शालू को सबकुछ बहुत ही अच्छा लग रहा था। कुछ कुछ अनकही बातें कही हुई बातें लग रही थी। कुछ पल बात कुछ देर बाद ही दोनों एक-दूसरे में समा गए थे।
दूसरे दिन सुबह शालू मुस्कुराई और फिर सोमू से लिपट कर बोली आई लव यू जान।सोमू ने भी कहा। लव यू टू जान। फिर शालू शावर लेने चली गई। कुछ देर बाद सोमू भी शावर लेने गए। फिर दोनों बैल्क काॅफी के साथ बालकनी में बैठ कर बातें करने लगे। शालू ने कहा कल रात वो मुझे ना, तुम। सोमू ने कहा अच्छा क्या हुआ कल रात को सब ठीक था ना। शालू ने कहा मैं मारूंगी तुम्हें।। समीर ने कहा अरे बाबा शालू कुछ बोलना चाहती हो बोलो ना। शालू ने कहा कुछ नहीं जाओ।। समीर ने कहा ओके बाबा। फिर मिस्टर रस्तोगी के वहां से नाश्ता में आलू का पराठा और दही आ गया था। दोनों ही खाने पर टूट पड़े। फिर छिना झपटी करके नाश्ता खा लिया। और फिर दोनों खुब हंसने लगे। शालू आज खुल कर हंसी थी। फिर शाम को दोनों बिच पर चले गए और एक जगह बैठ कर घंटों बात करते रहे।समय का पता नहीं चल पाया और फिर समीर ने घड़ी देखी और बोला अरे बाप रे ।समय देखा चलो वरना डिनर नहीं मिलेगा। शालू ने कहा अरे पर क्यूं। समीर वो मिस्टर रस्तोगी को जल्दी सोने की आदत है। फिर जल्दी पहुंच कर डिनर लिया और एक प्यारी सी स्माइल दी। फिर दोनों अन्दर टीवी पर न्यूज देखते हुए खाना खाने लगे। समीर ने कहा लाजवाब खाना। शालू ने कहा हां, हां ठीक है। फिर दोनों फे्श होकर बेडरूम में गए।सोमू ने एक लाईट धुन चला कर दोनों डांस करने लगे। शालू मुस्कुराते हुए डांस करने लगी थी। फिर दोनों एक-दूसरे के बाहों में बाहें डाल कर गुनगुनाने लगे। कुछ देर बाद ही दोनों का मुड फे्श हो गया और फिर दोनों प्रेमी युगल की तरह बेड पर लेट गए और सपनों में खो गए एक दूसरे में समा गए एक हो गए।
फिर इसी तरह तीन दिन कैसे निकल गया पता नहीं चल पाया। दोनों ही बहुत इमोशनल हो गए थे। अब वापस जाना होगा। समीर ने कहा चलो अब हमें निकलना होगा।


क्रमशः

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