Dil ki zameen par thuki kile book and story is written by Pranava Bharti in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Dil ki zameen par thuki kile is also popular in लघुकथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
ऋचा पैंसठ की हो चुकी, बच्चों के शादी-ब्याह --सब संपन्न ! तीसरी पीढ़ी भी बड़ी होने लगी पूरे -पूरे दिन लगी रहती सबकी फ़रमाइशें पूरी करने में बहुत आनंद मिलता उसे फिर बहुत ...और पढ़ेबातें भी सुनती --
दिल किसी का भी हो, कभी खुश होता है, कभी दुखी ! कभी छलनी हो जाता है, कभी उछलने लगता है पता नहीं उसके दिल की ज़मीन पर उसका नाम लिखा गया था या नहीं ? पर ...और पढ़ेइतनी कि अभी न मिली तो न जाने कहर ही बरप जाएगी
अचानक उन्हें टी वी पर देखा, संगीत पर कुछ चर्चा चल रही थी।थोड़ा सा समय लगा पृष्ठ पलटने में लेकिन लगभग तीस वर्ष पूर्व की प्रथम कक्ष की रेलगाड़ी की यात्रा ने उनके दिल के द्वारा पर दस्तक दी ...और पढ़ेचरर्र करते हुए पट खुल गए
दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें (लघु कथा-संग्रह ) 4-बड़ा साहित्यकार कोई बांध देता है दिल को मुट्ठी में जैसे रिसने लगता है दिल उसमें से कुछ ऐसा स्त्राव जिसका रंग उसकी समझ में कभी नहीं आया | क्या ...और पढ़ेब्लाइंड है? पता नहीं लेकिन कुछ तो है जो ब्लाइंड ही है |अब, वह ब्लाइंड है या और लोग, पता नहीं | वह प्रसिद्ध पत्रिका उसके हाथ में थी, बहुत बेचैनी से उस पत्रिका की प्रतीक्षा रहती थी उसे | समय पर आ भी जाती थी | आज जैसे ही कुरियर-ब्वाय उसे पत्रिका पकड़ाकर गया | उसने अंदर जाने की भी
दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें (लघु कथा-संग्रह ) 5- फ्रैंड -रिक्वेस्ट बड़ी फूलीं मिसेज़ प्रधान ---उनकी बिटिया ने उनका फेस-बुक एकाउंट खोल दिया था | सबसे पहले तो उसकी बिटिया के दोस्तों से उनकी दोस्ती बनी फिर जैसे ...और पढ़ेगुज़रता गया उनके दोस्तों की रफ़्तार इतनी तेज़ी से बढ़ी कि वे चौकने लगीं |बिटिया ने यह तो बताया नहीं था कि सब रिक्वेस्ट स्वीकार मत करना सो वे धड़ल्ले से स्वीकार करती चली गईं | " देखो ! मुझे तो कितने लोग अपना दोस्त बनाना चाहते हैं --" "अच्छी बात है न ! आपका टाइम पास हो जाता है ---"