"दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें" की इस लघु कथा में दो युवा, नवीन और नयना, के बीच की प्रेम कहानी का चित्रण किया गया है। नवीन जी, नयना के माता-पिता को बुलाते हैं और पता चलता है कि उनका बेटा नयना के साथ समय बिता रहा है। हालांकि, नवीन जी चाहते हैं कि पहले उनका बेटा कुछ स्थायी कर ले, लेकिन युवा जोड़ी अपनी मस्ती में खोई रहती है। उन्हें चिंता है कि नयना की बदनामी न हो, क्योंकि उनके पास भी एक बेटी है। अंततः, शादी करवा दी जाती है, लेकिन जल्दी ही दांपत्य जीवन में झगड़े शुरू हो जाते हैं। जब दोनों के बीच हाथापाई होने लगती है, तो नवीन जी को मजबूर होकर कह देना पड़ता है कि "तुम दोनों अपना इंतज़ाम कहीं कर लो ----बस, बहुत हो गया।" यह कहानी प्रेम, जिम्मेदारी और पारिवारिक रिश्तों की जटिलताओं को दर्शाती है।
दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें - 2
Pranava Bharti
द्वारा
हिंदी लघुकथा
Four Stars
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विवरण
दिल किसी का भी हो, कभी खुश होता है, कभी दुखी ! कभी छलनी हो जाता है, कभी उछलने लगता है पता नहीं उसके दिल की ज़मीन पर उसका नाम लिखा गया था या नहीं ? पर जल्दबाज़ी इतनी कि अभी न मिली तो न जाने कहर ही बरप जाएगी
ऋचा पैंसठ की हो चुकी, बच्चों के शादी-ब्याह --सब संपन्न ! तीसरी पीढ़ी भी बड़ी होने लगी पूरे -पूरे दिन लगी रहती सबकी फ़रमाइशें पूरी करने में बहुत आनं...
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