स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem (the socialization) - उपन्यास
Nirav Vanshavalya
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
यूरो डॉलर का 300 नोट वाला भारी भरकम बंडल कॉन्फ्रेंस टेबल पर जाकर गिरिता है. इसके दूसरे ही क्षण 25महान अर्थशास्त्री कॉन्फ्रेंस में बैठे हुए दिखाई देते है.
एक अर्थशास्त्री मिस्टर पीटर स्कॉच ने बोला मिस्टर रॉय क्या आप इस नोट्स के आगे और पीछे के नंबरों वाली नोट्स हमें ढूंढ कर बता सकते हैं?
तुरंत ही अपनी लाक्षणिक मुद्रा मैं भारतीय मूल के यूरोपियन अर्थशास्त्री अदैन्य रॉय दिखाई देते हैं.
अदैन्य ने उसी लाक्षणिक मुद्रा में रहते हुए कहां इट्स टू लैट मिस्टर स्कॉच.
स्कॉच ने प्रश्ननार्थ भाव बताया और अदैन्य ने बोलना शुरू किया.
यूरो डॉलर का 300 नोट वाला भारी भरकम बंडल कॉन्फ्रेंस टेबल पर जाकर गिरिता है. इसके दूसरे ही क्षण 25महान अर्थशास्त्री कॉन्फ्रेंस में बैठे हुए दिखाई देते है.एक अर्थशास्त्री मिस्टर पीटर स्कॉच ने बोला ...और पढ़ेरॉय क्या आप इस नोट्स के आगे और पीछे के नंबरों वाली नोट्स हमें ढूंढ कर बता सकते हैं? तुरंत ही अपनी लाक्षणिक मुद्रा मैं भारतीय मूल के यूरोपियन अर्थशास्त्री अदैन्य रॉय दिखाई देते हैं. अदैन्य ने उसी लाक्षणिक मुद्रा में रहते हुए कहां इट्स टू लैट मिस्टर स्कॉच. स्कॉच ने प्रश्ननार्थ भाव बताया और अदैन्य ने बोलना शुरू किया. अदैन्य ने कहा अब तक तो आपकी वह कॉन्टिनेंट
अदैन्य ने अर्थक भाव से पत्रकार की बात सुनी और पत्रकार के अबोध और दयनीय हावभाव को देखकर अट हास्य करने लगे. अदैन्य के अट्ट हास्य की समाप्ति के दूसरे ...और पढ़े क्षण दो कांचो के जोरदार टकराने की आवाज सुनाई देती है और टीवी में से धुआ निकलता दिखाई दे रहा है. अदैन्य थोड़े से झुके हुए हैं और क्रोधित भाव से टीवी को देख रहे हैं. अदैन्य ने उठ कर कपोल पर चिंतित भाव से उंगलियां फिरानी शुरू की और त्रस्त स्वर में बोले यह दुनिया बर्बाद हो रही है और यह गोरे अपनी ही होशियारी हाँकते रहते हैं. अदैन्य ने ट्राइपॉईड को लात
जिस के उपले दो बटन खुले हुए हैं. शर्ट का कॉलर कोट के कॉलर के ऊपर चढ़ा हुआ है. और फाल्कन अभी भी वॉक्सवैगन को देख सकता है. वोक्सवैगन की गति 5 ...और पढ़ेप्रति घंटा घट गई है जिसका निरीक्षण जंगल की ऊंची पहाड़ी पर बैठे एक गिध्द ने किया. अचानक ही वॉक्सवैगन शार्टब्रेकड हुई और गोलाकार घिशाती हुई हाईवे पर आगे जा रही है. तुरंत ही एक वनी स्वान के कान एंटीना हुए. वह भोक्ता हुआ हाईवे की और दौड़ने लगा और वोक्सवैगन अभी भी घीसी जा रहे हैं. कार चालक ने अपना पैर ब्रेक पर से हटाया और गरुड़ को वोक्सवैगन हाईवे के
अदैन्य कुछ बोलने जाए उसके पहले ही एक सात वी वॉक्सवैगन का शॉर्ट ब्रेक पोलूशन सुनाई देता है. और अदैन्य पीछे मुड़कर आवाज़् की दिशा में देखता है. ...और पढ़ेको एक साथ दो आवाजें सुनाई देने लगी. एक तो उसकी कार की सीट पर पडे हुए मोबाइल रिंग की. और दूसरी पीछे से आती हुई वोक्सवैगन की शॉर्ट ब्रेक की. शॉर्ट ब्रेक की आवाज तो थोड़ी ही देर में चुप हो गई मगर मोबाइल अभी भी बज रहा है. अदैन्य ने अपना हाथ कार की खिड़की में डाला और मोबाइल भी चुप हो गया. शॉर्ट ब्रेक के बाद पीछे से आई वोक्सवैगन गोल घूम गई
पांचवी कार के बाहर खड़े टीम मेंबर के हाथ में चाबी उछलती है, और एक के बाद एक छे वॉक्सवैगन रिवर्स होती दिखाई देने लगती है. झंखना वॉक्सवैगन ...और पढ़ेमें जूनियर मार्केटिंग executive है. और कैसुअल एड का सारा काम वही संभालती है. ध्वनि प्रदूषण से रहित जंगल के हाईवे के बीच में खड़े हुए अदैन्य ने झंखना से पूछा तुम यहां कैसे! झंखना ने फिर से मुस्कुरा कर कहा अदी तुमने मुझे अपने दिल में बिठानेका मुझ पर एहसान किया है. अब तुम्हारे दिल की बात मैं नहीं जानुगी तो और कौन जानेगा ! मुझे कल से पता था कि कल यह ऐड पूरी
वह स्टॉक मार्केट ही है जिसने हर हाल में हमारी 30% इकोनामी रिजर्व रखी है. यदि सारी दुनिया आतंकवाद के चपेट में भी आ जाती है और फिर भी हमारा स्टॉक एक्सचेंज जिंदा है तो ...और पढ़ेअभी भी सुरक्षित है. स्टॉक की विशेषता यह है कि इसके बंच ( इंटरेस्ट सकिंग)( ब्याज शोषण)कभी टूटते नहीं और यदि टूटते भी है तो वह बंच का कौन सा हिस्सा किसके पास है और किसके नाम से है यह हम फट से पता लगा सकते हैं. यदि इन नामों में किसी आतंकवादी का नाम है तो हम उसे ढूंढ निकाल सकते हैं. मगर हमारी
अदैन्य इस बात को लेकर कभी-कभी मंद मंद हास्य करता है कि एक तरफ ग्लोबलाइजेशन का मतलब पूरा विश्व का एक राष्ट्र ही है और दूसरी ओर ईरान इराक पर गोले बरसा ...और पढ़ेहै, अमेरिका फिलिपिंस पर ब्रिटेन जर्मनी पर और पाकिस्तान हिंदुस्तान पर. और फिर भी पश्चिम के कुछ विद्वान वैश्वीकरण की खोखले दावे कर रहे हैं. प्रफुग एक ऐसी अर्थ प्रणाली(device) है जिससे संसार बहुता से विमुख होकर इकाई की ओर प्रस्तुत होती है. प्रफुग मैं स्व चलनो का उल्लेख है यानी निजी चलन भोज( self paper currency) जिसे अंग्रेजी में प्राइवेट करेंसी या सेल्फ करेंसी भी कहा जाता है. ज्यादातर इसे
करेंसी ओ की अदायगी मैं रिजर्व बैंक सरकारों और संविधानो से सोना गिरो करवाती है, यानी कि यदि रिजर्व बैंक जितने मूल्य की करेंसी नोट बनाकर सरकार को देती है लगभग उतने ...और पढ़ेमूल्य का सोना सरकार से लेती है. यह एक संतुलन है. और देश के अर्थ तंत्र के सही होने का प्रमाण भी. जब यह प्रक्रिया बंद हो जाती है यानी कि एकतरफा हो जाती है यानी कि रिजर्व बैंक सिर्फ नोट छपती रहती है मगर सोना गिरो नहीं करवाती, तब यह कहलाता है कि देश दिवालिया हो चुका है. अर्थ तंत्र की यह रेसिपी लगभग पूरे विश्व में
उसका यह सौभाग्य था कि उसे ब्रिटिश ध्वज की छाया मिल रही थी. इंडोनेशिया का लोकतंत्र ब्रिटिश एंपायर की निगरानी में चल रहा है. बेशक यहां लोकतंत्र तो है मगर आज भी ब्रिटिश रजवाड़ों ...और पढ़ेयहां से रॉयल्टी जाती है. और इसके एवझ मैं ब्रिटिश हुकूमत इन्हें सुरक्षा का वादा करती है. खैर, इन सब बातों से कोई मतलब नहीं. दरअसल बात यह है कि इंडोनेशिया नादर होने की कगार पर आ खड़ा हुआ है,और देश अपना सारा हीर गवा चुका है. संसार में अब शायद ही कोई ऐसा अर्थशास्त्री है जो इंडोनेशिया को बचा सकता है. ब्रिटिश हुकूमत ने हाथ ऊपर कर दिए हैं,
राष्ट्र की सीमाओं के साथ विश्व जुड़ा हुआ है यह बात मान कर चलने वाला योगी कभी विनाश को प्राप्त नहीं करता. जब राष्ट्र अर्थपूर्ण बनता है तब उसके शुभ संसार को अवश्य मिलते ...और पढ़े अदैन्य के प्रफुग मैं यह सारी बातें चिक चिक कर गाई गई है. मुट्ठी ऊंचेरे बुद्धो की सुषुप्ति को आप आलस का नाम नहीं दे सकते. क्योंकि ऐसी सुषुप्ति कई बार भावि महान घटना के संकेत भी हो सकती है. अदैन्य की सुषुप्ति भी कहीं ना कहीं ऐसा ही कुछ धारण करके बैठी है. संसार जितने अपने चढ़ाव उतारो की आंच में आता है, उसके स्वर्ण अधिकार उतने
जैकब ने पूछा स्टॉक में ऐसा क्या है. अदैन्य ने कहा स्टॉक एक्सचेंज के पास ही देश की 30% इकोनामी रिजर्व काइंड में होती है. जिससे अंडरवर्ल्ड चाहे कितना ही बाहर आ जाए, 30% इकोनामी ...और पढ़ेहाथ में ही रहती है. जैकब ने पूछा मान लो मैंने अपने शेयर किसी को बेच दिए तब? अदैन्य ने कहा सो व्हाट? उतने ही पैसों के शेयर किसी और के नाम होंगे, पैसे तो वही रहेंगे ना!! लिक्विड या अंडर पास तो नहीं होंगे ना! जैकब ने कहा मान लो यह शेयर किसी माफिया ने खरीदे तब? अदैन्य ने कहा तब क्या! आप उस माफिया के शेयर के रजिस्ट्रेशन
जैकब ने पूछा और, अदैन्य ने कहा खेल के मैदान का जुआ, अदैन्य ने कहा अरे भाई जब आप उसे चल ने ही दे रहे हो तो कानून से चलने दीजिए ...और पढ़ेकरेंसी को मैंली कर रहे हो! जैकब ने पूछा कहीं आप आर्मस और ड्रग्स के लीगलाइजेशन की बात तो नहीं कर रहे हैं ना! अदैन्य ने कहा अरे भाई जब हमारा काम थोड़े कुछ धंधो से चल जाता हो तो हमें वहां तक सोचने की कोई जरूरत नहीं. आर्म एंड ड्रग्स बहुत दूर की बात है. जैकब ने पूछा और कौन से धंधे हैं जो अंडर सील्टर सकते हैं! अदैन्य ने कहा
जैकब ने कहा मिस्टर रोए डोंट माइंड मगर कहीं आप यह तो कहना नहीं चाहते है कि किसी की हत्या करो मगर है समाज में रहकर. अदैन्य ने कहा मिस्टर जैकब ...और पढ़ेमें कुछ अपराध पूरी तरह से डिप्रेशिएट हो जाते हैं आई मीन सिर्फ इतिहास के पन्नों पर ही मिलते हैं. जैकब खड़े हुए और बहुत ही अदब से दरवाजे की ओर बढ़े और अदैन्य के लिए दरवाजा खोला. अदैन्य ने भी जैकब के इस सन्मान का स्वीकार किया और बाहर चलना शुरू किया. दोनों एक साथ कार तक साथ चले और अदैन्य ने कार का दरवाजा खोला. जैकब ने अदैन्य से कहां
अदैन्य ने ऐसी घटनाओं की संभावना को समझ लिया था और उसके होमवर्क भी तैयार ही रखे थे. अदैन्य की टैक्सी इंडोनेशिया के प्रमुख निवास के गेट पर रूकती है और ...और पढ़े के टैक्सी से बाहर निकलते हैं तुरंत सिक्योरिटी चिफ ने हाथ मिलाकर कहा मिस्टर रोए आपका स्वागत है. अदैन्य ने कहा हालात क्या इतने भी बिगड़ गए हैं? सिक्योरिटी चीफ ने कहा माफी चाहूंगा मिस्टर रोए मगर हमें कोई आदेश ही नहीं थे. ठीक है, कहते हुए अदैन्य ने पूछा मिस्टर सुहर्तो कहां मिलेंगे. सिक्योरिटी चीफ ने कहा आइए हम उन्हें के पास जा रहे हैं. सुहर्तो इंडोनेशिया के प्रमुख है और उन्हीं
पेशेवर यह वकील बाबू अंग्रेजी नुमाइंदों में बहुत बड़ा नाम रखते हैं. ऐसा कभी हो नहीं सकता कि पोल कुछ कहे और अंग्रेजी हुकूमत मना करें. दरबान ने कहा मिस्टर राय इस कमिंग और ...और पढ़े जोन्स मुस्कुरा दीए. जोंस ने रॉय को देख कर कहा मिस्टर रॉय एस एक्सपेक्टेशन योर arrives आर टाइम टू टाइम. और सच पूछो तो मिस्टर रोए मुझे यह भी पता था कि सुहर्तो तुम्हें ना बुलाते तब भी तुम पहुंच ही जाते. अदैन्य ने कहां मिस्टर पोल मेरे पास सिर्फ 2 दिन है और 10 मिडनाइट के वर्किंग बरडंस है. जोंस ने कहा हां हां तो
थैंक यू मिस्टर मार्टिन मैं भी यही सोच रहा था मगर सोचा एक बार आपसे परामर्श कर लू. मार्टिन ने कहा नहीं नहीं मिस्टर रोए आपने बिल्कुल सही किया आगे भी आप जो भी कदम उठाएं वह ...और पढ़ेगिने-चुने लोगों को पूछ कर ही उठाएं. अदैन्य ने कहा जी मिस्टर मार्टिन आपका बहुत-बहुत शुक्रिया. अदैन्य ने फोन रखा और अपने आप से कहा शायद तुम्हारी जरूरत सबसे पहले इंडोनेशिया को है. कुछ ही घंटों बाद अदैन्य पौल जोन्स के सामने बैठे हैं कुछ कागजात के साथ. जिसमें न्यू इंडोनेशिया के इकोनामी इंफ्रास्ट्रक्चर है. जोन्स ने पूछा मिस्टर रोए अगर 25 करोड़ फाउंड लंदन से आते
जवाब एक ही है कि पूरा देश एकजुट हो कर सारे भुगतान बैंक से ही करने शुरू कर दे. महंगाई ओके मापदंड चीज वस्तुओं की अछत नही है, बल्कि करंसी ओके अंडर ...और पढ़ेको रखता है. एक काना पैसा भी कैश पेमेंट नहीं होना चाहिए. एक फूटी कौड़ी भी अंडरवर्ल्ड को नहीं जानी चाहिए. यदि ऐसा सिर्फ 1 साल होता है तो दूसरे वर्ष नतीजा आपके सामने होगा. यानी कि महंगाई 5 से नीचे होगी. एनीवे जो भी हो, अदैन्य ने पॉल को सारी बात समझा दी थी. और पॉल समझ भी गए थे. दोस्तों, यहां मैं एक बात आप लोगों को बता देना चाहूंगा
एक सांसद अयूब हुसैन खड़े हुए और उन्होंने रॉय से कहां मिस्टर रोए कल पुलिस ने 200 करोड़ की जाली नोट पकड़ी है तो उसका क्या करना है? रॉय ने कहा उसे इकोनॉमी में डाल दो. ...और पढ़ेअर्थशास्त्री जुनैद हंस पड़े और पूछा आप सीरियस तो है मिस्टर रोए! यह नकली नोटस है उसे हम इकोनामी में कैसे डाल सकते हैं!! रॉय ने कहा जी, यह नोट्स जला दीजिए और 200 करोड़ की नई नोटस छपवा दीजिए. धाट्स इट. 5 मिनट तक पूरे कॉन्फ्रेंस हॉल में सन्नाटा छाया रहा और 5 मिनट के बाद अदैन्य के बोले बिना ही सभी ने टेबल पर हाथ पसारना शुरू
यहां अदैन्य अपनी ऑफिस पहुंचता हैं और वहां पहले से ही मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी आ के बैठे हुए हैं. अदैन्य के पहुंचते ही मिस्टर टोनी ने चाय का कप ...और पढ़ेचुस्की में ही टेबल पर रख दिया और अदैन्य चेयर पर बैठे. मिस्टर टोनी ने मुंह पर रुमाल फिराके कहा वेल, मिस्टर रोए आखिर आपने बात मनवा ही ली. अदेन्य फट से कटाक्ष दिया और कहा जी हां एक तो उपखंड और उसमें बर्बादी. मेरे अलावा उनके पास कोई चॉइस नहीं थी. वैसे भी प्रफुग वो यॉर्कर है जिसका कोई बाउंसर नहीं. टोनी वैसे तो हंसी उड़ाने वाला था मगर थम गया. और कहां
रोए ने कहां ठीक है एनीवे, थैंक्स फॉर roses. टोनी खड़े हुए और डोर की ओर चलने लगे. और डोर तक पहुंच कर ही पलट कर कहां मिस्टर रोए एक बात मैं ...और पढ़ेकहना जरूरी समझता हूं के दुनिया चाहे कितनी ही बदल जाए मगर एक चीज कभी नहीं बदलती और वह है आमदनी और खर्च. और इन दोनों के बीच में जो होता है वही इकोनामी कहलाती है. जी हां मि टोनी, रॉय ने कहा. रॉय बोले यह दोनों प्रवाहित होते हैं मगर इकोनामी हमेशा स्थिर होती है. आगाध समंदर की जैसी. अगर इकोनामी कैश में है तब भी वो अचल
अदैन्य ने अपनी चमचमाती वॉक्सवैगन को छोड़ा और एयरपोर्ट की ओर प्रयाण किया. यहां भारतीय हवाई अड्डे पर प्लेन उतरता है और उसमें से ब्राउन गोगल्स पहना हुवा अदैन्य ...और पढ़ेनिकल रहा हैं. अदैन्य की सर्वथा और सदैव यही इच्छा थी कि प्रफुग जर्मनी से ही शुरू हो. मगर ऐसा हो ना सका. ओवरकोट और ब्राउन गोगल्स में अदैन्य हॉलीवुड के किसी सेशन स्टार से कम नहीं दिखता था. मगर फिर भी अदैन्य अपने आप में बहुत बड़ा है मगर, उसका बर्ताव कभी-कभी लघु लाक्षणिको जैसा हो जाता है. और शायद इसी वजह से संसार में कुछ लोग उसे "महात्मा" से संबोधित करते
उस दौर में चंद्रकांत मानिक भरत के प्रधानमंत्री है और वे लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर भारत के सर्वोच्च आसनस्थ हुए थे. थोड़े औपचारिक वार्तालाप के उपरांत प्रांजल शाह ने अदैन्य को बताया कि ...और पढ़ेमिस्टर रॉय आप चाहे तो 2 दिन विश्राम कर सकते हैं हम कुछ स्पेशल बातें ओबेरॉय मैं ही शुरू करेंगे. अदैन्य पृच्छा से बोले, ओबेरॉय ? प्रांजल ने बताया ओबेरॉय यहां की सबसे बेस्ट रेस्टोरेंट है. पार्टी के कुछ मेंबरान और मैं और माणिक जी हम सब थोड़ा सा होमवर्क समझ लेंगे. अदैन्य ने कहा जी, बिल्कुल जैसा आप चाहें. दूसरे दिन दुनिया की बेहतरीन रेस्टोरेंट्स में से एक ओबेरॉय सिरतोन मे
angelical गंगासागर के दर्शन हो रहे हैं और ऐसे ही गंगासागर के सम्मान में अदैन्य ने आज पारंपरिक बेंगोली परिधान धारण किया है. हाथों में कनेर की अंजलि लिए ...और पढ़े अदैन्य ने कनेर अंजलि के साथ-साथ अपने अश्रु के एक बूंद की भी अंजली गंगासागर की चढ़ाई. बेंगोल की नर बांसुरी में अदैन्य के इस दृश्य को अपना संगीत दिया अदैन्य अंतरात्मा से सब कुछ समझ गए. दूसरे दिन अदैन्य चंद्रकांत माणिक के आग्रह पर उनके घर डिनर पर पहुंचते हैं. जहां चंद्रकांत माणिक के दो बेटे एक बेटी और उनकी धर्मपत्नी अदैन्य की प्रतीक्षा कर रहे थे. माणिक जी के
अदैन्य ने कहा जो पैसा अंडरवर्ल्ड को या ब्लैक मनी में पास होना था और नहीं हुआ वह हम विदेशों में निवेश कर सकते हैं. और उसके मुनाफे देश के कुछ सेक्टरों को सब्सिडाइज करने में ...और पढ़ेसकते हैं. मानिक जी ने सुकटाक्ष में हंसकर पूछा और इससे क्या होगा!! अदैन्य भी समझ गए और उन्होंने कहा, इससे लोकतंत्र पर जनता का विश्वास बढ़ेगा और वह मजबूत होगा. मानिक जी ठहाके से हंस पड़े. माणिकजी ने अदैन्य से पूछा अरे हां, मिस्टर रोए आप की प्रेस कॉन्फ्रेंस कब अरेंज हुई है? अदैन्य ने कहा, जी वह गौतम जी मुझे बता देंगे कि कब
या तो फिर कोई ऐसा परिवल ढूंढ के लाए जिससे हमारी करेंसी सिर्फ हमारे ही घर में रहे. मुद्राओं के काल में जीन चीज वस्तु के मोल काने, पैसे से आगे बढ़ नहीं ...और पढ़ेरहे थे, उन्हीं चीज वस्तुओं के भाव पेपर करेंसी के दौर में आकाश गत (हजारों में) हो गए. यानी कि आजादी के पहले यदि सोना महेस 60 70 रु का 10 ग्राम हुआ करता था, वही सोना आज 40 50 हजार के आसपास बुलाता है. बात केवल एक सोने की ही नहीं, यह केवल एक उदाहरण है. बस, सर्वसामान्य है. इसके मतलब यही होते हैं की आजादी के पहले
सत्य प्रकाश जी ने कहा इसका मतलब यही है कि जब तक काला धन वापस नहीं आता, चीज वस्तुएं सस्ती नहीं होगी. अदैन्य ने कहा जी बिल्कुल. डिनर के अंत के पश्चात अदैन्य सौंप ...और पढ़ेएक हल्का फाका मारा और सोफे पर जाकर बैठे. सत्य प्रकाश जी बी सोफे पर जाकर बैठे और थोड़ी देर के बाद अदैन्य ने अनुमति ली. अदैन्य को पीछे से जाते हुए द्विवेदी जी ने देखा और कुछ पल के लिए मानो वह किसी ब्रह्म में खो गए हो. अदैन्य ने अपनी वॉक्सवैगन को सेल दिया और चल पड़े. कुछ दिन अदैन्य ने कोलकाता दर्शन के लिए चुने और गौतम को
अदैन्य थोड़ा सा मुस्कुराए और पूछा और वह खाक में मिला देने वाली खाकी शब्द कहां से आया? गौतम हंस पड़ा और बोला अरे नहीं नहीं सर ऐसा कुछ भी नहीं है, दरअसल, खाकी ...और पढ़ेफर्शन (पर्सियन) शब्द खाक पर से आया है. प्रशियन में मिट्टी को खाक कहते हैं और मजेदार बात यह भी है की खोका (corrugated box) और खाकी इन दोनों शब्दों के उद्भव लगभग समकालीन है. और यह दोनों शब्द पर्सियन शब्द खाक पर से आए हैं . अदैन्य प्ले तुरंत हंसना बंद किया और प्रांजल पर केंद्रित हुवे. थोड़ी ही देर में प्रांजल ने चेयर से उठ कर
अदैन्य ने कहां और भी बहुत है जो बदलाव की मांग रखते हैं. प्रांजल ने कहां सी मिस्टर रॉय एक बार आपने प्रेस कॉन्फ्रेंस पास कर ली तो फिर आपको सांसद भी बनने से ...और पढ़ेरोक नहीं सकेगा. अदैन्य ने कहा जी आप बिल्कुल भी फिकर मत कीजिए मैं सब संभाल लूंगा. यहां थोड़ी देर के बाद अदैन्य का डिनर खत्म होता है और प्रांजल शाह नीचे देख कर कुछ सोच रहे हैं. अदैन्य प्रांजल के चकित के बीच में खड़े हुए और बोले मैंम, थैंक्स फॉर डिनर. प्रांजल ने पहले इधर उधर देखा फिर आश्चर्य से रोए को. प्रांजल कुछ बोलने जाए उसके पहले
दूसरे पत्रकार ने पूछा सर यह करेंसी चलेगी कहां!! आई मीन उसके फ्लोर एंड फाउंडेशन?अदैन्य ने कहा यह ज्यादातर कॉरपोरेट हाउसेस में हीं चलेगी. उसने पूछा जैसे कि!! रॉय ने कहा आप चेक ...और पढ़ेड्राफ्ट तो देते ही हो, तो उसके बदले में सेल्फ करेंसी दे दो. उसने पूछा, मगर सर! कॉरपोरेट हाउस के चेक अमाउंट तो लाखों और करोड़ों में होते हैं तो इतनी बड़ी सेल्फ कॅश कहां से आएगी!! रोय ने कहां जी ये मिनिमम एक लाख से शुरू होती है, एक लाख, 1000000 और करोड़. यानी कि एक करोड़ की एक करंसी नोट?? रॉय ने कहा जी हा बिल्कुल ठीक. एक पत्रकार ने खड़े
उसने पूछा यह कब तक, आई मीन कितने साल तक चलेगा. रोहिणी कहा यह ग्लोबल कोटा पर डिपेंड करता है. जब तक धरती के अंदर से खनिज निकलते रहेंगे तब तक सेल्फ के नेचुरल ...और पढ़ेराइज होते रहेंगे. एक पत्रकार ने पूछा श्रीमान आपने कहा था के सेल्फ के आने से चीज वस्तुएं सस्ती होगी, वह कैसे? रॉय ने कहा यह एक थोड़ी लंबी प्रक्रिया रहेगी जो एंटीफंगस का ही एक भाग है. जिसे अनमेन्शन यानी कि अन उल्लेख कहते हैं. उसने पूछा यह अन मेंशन क्या है! रोहिणी कहां आप नया पुराना या रनिंग बिजनेस करते हो और उसमें जो भी कैपिटल डालते हो वो कैपिटल
और इतनी बड़ी इकोनामी पाकिस्तान की है ही नहीं. वह सारा फंडिंग बाहरी मुल्कों से आता है. उन्हें आप लोगों से इनसिक्योरिटी है. अगर इंटरनेशनल लेवल पर आप इन फंडिंग का मुद्दा उठाकर उस ...और पढ़ेशिकायत तो पाकिस्तानी आपका दोस्त ही है. और आपको यह कभी नहीं भूलना चाहिए की आजादी के पहले भारत पाकिस्तान दोनों एक ही थे. अगर एक ही रात में ऐसा सब कुछ हुआ है तो कुछ ना कुछ गलत जरूर हुआ है. अदैन्य के ऐसे वाक्यों को सुनकर हॉल मैं थोड़ी देर के लिए सन्नाटा छा गया मगर कुछ ही देर के इस सन्नाटे के बाद है
40 मीटर पर लिफ्ट रूकती है और दरवाजा खुलता है. सभी जानते हैं कि अब कहां जाना है. वे कोरिडोर पार करके दूसरी लिस्ट में बैठ जाते हैं और वह लिफ्ट और भी ज्यादा जमीन ...और पढ़ेउतरने लगती है. थोड़ी ही देर में लिफट रूकती है और थोड़ा सा कोरिडोर क्रॉस करके पूरी तरह लोहे का बना हुआ सोलीटूड हाउस आता है. जिसका दरवाजा भी लोहे का ही है. केनरा बैंक के चेयरमैन मिस्टर रंगनाथन में लोहे का दरवाजा खोला और हाथ के इशारे से स्वागत कहा. सभी महानुभव अंदर प्रवेश करते हैं, और इधर उधर देखते रहते हैं. जिनमें से कुछ एक
सुप्रीम कोर्ट की काउंसिलर मी वेदमार्गी ने कहा अरे भाई इसकी तो आजकल बोलबाला है. एडवर्ड ने कहा तो फिर ठीक है अमेरिकन रिजर्व बैंक के पास जाइए और क्रिप्टो के एक्सचेंज मांगीेये, फिर ...और पढ़ेतो जवाब दे वह सुनिए और फिर मुझे बताइए. वेद मार्गी थोड़ा सोचने पर मजबूर हुवे और कहा, अब क्या करना है! मिस्टर रंगनाथन ने कहा तार्ज़ुब की बात तो यह है कि मिस्टर रॉय के एंटीफंगस के पास ब्लैक मनी रिकवरी सिस्टम है मगर यह डार्क मनी, यह तो सर दर्द बनता जा रहा है. एनीवे, जयमन आर्य ने कहा मिस्टर रॉय आपका नेक्स्ट प्लानिंग क्या है? रॉय
वेद मार्ग में कहा बीओबी के मिस्टर शर्मा कुछ फीमेल करेंसी के बारे में कह रहे थे तो उसका क्या चैप्टर है.?अदैन्य ने पूछा लास्ट जनरेशन कितने की थी करेंसी की! वेद मरगी ने ...और पढ़ेपहला पेपर हाथ में लेकर पढ़कर बताया लास्ट टाइम 25 00 करोड़ कि नई करेंसी रिजर्व बैंक से सरकार को मिली है. अदैन्य ने पूछा इनमें फीमेल करेंसी कितने की थी. वेद मर्जी ने सबके सामने देखकर कहां अब यह क्या नई मुसीबत है.? रंगनाथन ने कहा यह सिक्कों की बात कर रहे हैं. वेद मार्गी ने तुरंत पढ़कर कहां 60 करोड़. अदैन्य कहां इनके काउंट बढाकर 200 करोड़ तक लिखना
प्रभु आचार्य ने कहा लोहे की इन दीवारों की कसम खाके आप एक दूसरे से वादा करते हैं कि यहां जो भी बात हुई है वो बात आने वाले 122 वर्षों तक हमारे होठो से नहीं निकलेगी. ...और पढ़ेसबने अपने-अपने हाथ आगे बढ़ाएं और एक साथ बांधकर कसम खाई कि यह बात हम 15 लोगों से बाहर कोई सवा पंदर वा इंसान भी हमें जान नहीं पाएगा. यदु शेखर ने पानी की बोतल हाथ में ली और एक बूंद भरकर बोतल टेबल पर रखी और महावाक्य के समान उच्चारण किया. यदु बोले तो यह तय रहा की भारतवर्ष में प्रफुग की पहल स्टेट बैंक
कुल मिलाकर भारत सरकार को 3 महीने में ही कुछ आठ हजार करोड़ की आमदनी प्राप्त होती है, दोस्तों फिर से आपको याद दिला दु कि, अनमेनसन 6% ब्लैक मनी आबकारी और शिकारी है तो इसके ...और पढ़े यह हुए की जो पुरानी कंपनी थी उन्होंने अपने कैपिटल मेंसे छे परसेंट वापस खींच लिया और एक परसेंट ब्लैक मनी डाल दिया और कुछ जगह ऐसा भी हुआ कि रातो रात करोड़ों की कैपिटल वाली जाली कंपनियां खुल गई और जिसमें सिक्स परसेंट ब्लैक मनी दिखा दिया गया. जिसके 20 परसेंट टैक्स पे कर दिए गए और ब्लैक मनी वाइट. यह
मोहम्मद जानते हैं कि प्रफुग इकाई में विश्वास रखताहैं, और इसलिए उसे सहायता करने की ना करने का तो कोई सवाल ही नहीं उठता. मगर नवाजुद्दीन यह भी जानते हैं कि यदि प्रफुग हमारे सर ...और पढ़ेहाथ रखेगा तो उसके कुछ उसूल भी हमें कुबूल करने होंगे. यह कोई आर्थिक संविधान नहीं है जो, बिना शर्त के आपको रुपया दे देगा. आने वाले हैं वर्षों में इस भूमंडल का सबसे बड़ा व्यापार होगा जिसके व्यावसायिक सूत्र कठोर से भी अधिक कठोर होंगे. आखिरकार वो दिन आ ही जाता है जब, फिर से एक बार जमीन से 100 मीटर नीचे लोहे के