स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem(the socialization) - 11 Nirav Vanshavalya द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem(the socialization) - 11

जैकब ने पूछा स्टॉक में ऐसा क्या है.

अदैन्य ने कहा स्टॉक एक्सचेंज के पास ही देश की 30% इकोनामी रिजर्व काइंड में होती है. जिससे अंडरवर्ल्ड चाहे कितना ही बाहर आ जाए, 30% इकोनामी आपके हाथ में ही रहती है.


जैकब ने पूछा मान लो मैंने अपने शेयर किसी को बेच दिए तब?

अदैन्य ने कहा सो व्हाट?


उतने ही पैसों के शेयर किसी और के नाम होंगे, पैसे तो वही रहेंगे ना!! लिक्विड या अंडर पास तो नहीं होंगे ना!


जैकब ने कहा मान लो यह शेयर किसी माफिया ने खरीदे तब?

अदैन्य ने कहा तब क्या! आप उस माफिया के शेयर के रजिस्ट्रेशन तुरंत कैंसिल करवा सकते हो. और उसे आगे बढ़ने से रुक सकते हैं.

जैकब ने अदैन्य को इशारे से कहा मेरे ख्याल में तुम्हारा एंटीफंग भी कुछ ऐसा ही कहता है.

अदैन्य मुस्कुराया और बोला थैट्स राइट.

जैकब ने कहां तो, व्हाट्स सजेशन मिस्टर रॉय नाव ?

अदैन्य ने फट से कहा जितने भी गैरकानूनी धंधे है उन सभी को लीगलाइज कर दो.


जैकब हंस पड़े और पूछा क्या क्या बोल रहे हो आप मिस्टर रोए!!

अदैन्य ने कहा जी कुछ समय के लिए ऐसा करना इकोनामी का स्टेरलाइजेशन कहते हैं.

जैकब ने फिर से पूछा यानी !

अदैन्य ने कहा सारी इकोनामी अंडरवर्ल्ड के हाथों में.

जैकब ने अदैन्य को शक की नजर से सोचा और फिर से पूछा इससे क्या होगा.

अदैन्य ने कहा इससे आपका अंडरवर्ल्ड के पास जो पैसा गया था वह टैक्स होकर आपको वापस मिल जाएगा.

जैकब ने कहा और वह खूंखार अपराधी? उनका क्या?

अदैन्य कहां खूंखार अपराधी और प्रोडक्शन दोनों पर रेगुलेशन एक्ट लगा दो. that's it.

जैकब ने पूछा अगर ऐसा ना हो तो आई मीन, लीगल आईस.

अदैन्य ने कहा कुछ नहीं जो पैसा सरकार को टैक्स रेवन्यू के रूप में मिलने वाला था वह करप्शन बन कर स्प्रेड हो जाएगा.

जैकब ने लंबे से बोला, वाओ.

अदैन्य यू आर जीनियस. मगर सरकार ने यह बात मानने से इंकार कर दिया तो?

अदैन्य ने कहा नो प्रॉब्लम, आप नई नोट छपते रहो और अंडरवर्ल्ड को भेजते रहो.

जैकब थोड़ा सा शर्मिंदा हुआ, और अपनी सरकार की ओर से नजरें झुका दे.

मगर फिर भी जैकब ने तुरंत पूछा मिस्टर रोए यह स्टाइलाइजेशन का काल कितना होना चाहिए!

अदैन्य ने कहा पूरे यूनिवर्स में अगर ऐसा करना पड़े तो भी वह 3 साल से ज्यादा नहीं होना चाहिए वरना इसकी नेगेटिविटी सोशल कल्चरल को मिलती है.

ओ आईसी, जैकब ने कहा.

अदैन्य ने कहा मिस्टर जैकब मानता हूं कि यह सारी बातें पहली बार में ना मानने में आए ऐसी है. मगर demonetisation से आप अपना पैसा वापस नहीं पा सकते और फिर क्या, आप बिना करेंसी के रह पाओगे. अगर नहीं तो थोड़े ही वक्त में वही सिलसिला फिर से शुरू. जबकि रिलाइजेशन में कुछ तो रकम वापस आती ही है.

और ऐसा भी नहीं है कि इस विषय में कोई इनीशिएट हुए ही नहीं. इसके पहले सरकारों ने ऐसे बहुत व्यवसाय है जो इलीगल माने जाते थे वो आज कानूनन है.

आप चाहे तो ब्राजील के रेस कोर्स को लीगल शेल्टर में ला सकते हैं. स्ट्रीट गैंबल, देसी शराबो का लेबलिंग वगैरा-वगैरा.

मगर...... जैकब कुछ बोलने गए और अदैन्य ने कहां मिस्टर जैकब अगर सरकार को रेस कोर्स की रेवेन्यू मिलने शुरू हो जाए तो भी देश की बहुत बड़ी समस्या दूर हो सकती है.