Tumhare Dil me mai hu book and story is written by S Bhagyam Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Tumhare Dil me mai hu is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
तुम्हारे दिल में मैं हूं? - उपन्यास
S Bhagyam Sharma
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
यह एक प्रेम कहानी है। यह कहानी भी छोटे गांव की है। लड़की छोटे गांव की है। जिसकी मां नहीं है। सौतेली मां को गीता ‘मौसी’ बुलाती है। वह एक आभूषण के शोरूम में काम करती है। अप एंड डाउन करती है। बहुत प्यारी लड़की है। परंतु उसकी सौतेली मां उसे बहुत परेशान करती है। गीता परिवार के लिए सब कुछ त्याग देती है। एक बस ड्राइवर उसे जी जान उसे चाहता है। अभी सच्चे प्यार का क्या हुआ आप पढंगे तभी पता चलेगा ना!
सारांश यह एक प्रेम कहानी है। यह कहानी भी छोटे गांव की है। लड़की छोटे गांव की है। जिसकी मां नहीं है। सौतेली मां को गीता ‘मौसी’ बुलाती है। वह एक आभूषण के शोरूम में काम करती है। अप ...और पढ़ेडाउन करती है। बहुत प्यारी लड़की है। परंतु उसकी सौतेली मां उसे बहुत परेशान करती है। गीता परिवार के लिए सब कुछ त्याग देती है। एक बस ड्राइवर उसे जी जान उसे चाहता है। अभी सच्चे प्यार का क्या हुआ आप पढंगे तभी पता चलेगा ना! संक्षिप्त जीवन परिचय एस.भाग्यम शर्मा एम.ए अर्थशास्त्र.बी.एड. 28 वर्ष तक शिक्षण कार्य किया।
अध्याय 2 अपनी हाथ की घड़ी को गीता ने देखा। आठ बजकर पैंतालीस मिनट हुए। साधारणतया आठ पैंतालिस तक लक्ष्मी ट्रांसपोर्ट के मिनी बस पुरानी बस स्टैंड को पार कर लेती है। आज अभी तक नए बस स्टैंड से ...और पढ़ेरवाना नहीं हुई। "बड़े भाई साहब..." क्लीनर पप्पू ने संकोच से बोला। "क्या है रे ?" "समय हो गया भैया..." "होने दे" "गाड़ी को निकालिए भाई साहब ! भारत ट्रांसपोर्ट की बस, स्टैंड के अंदर आ गई है। हम अभी भी रवाना नहीं हुए तो समस्या आ जाएगी। आज मूछों वाला कल्लू ही उसका ड्राइवर है। वह उतर कर मारने
अध्याय 3 एक दिन छोड़कर एक दिन ही उसका काम होता है। मिनी बस से उतर कर मोती घर पर ही था। घर के सामने आम के पेड़ की छाया के नीचे एक खटिया थी। उस पर मोती लेटा ...और पढ़े। आम के पेड़ पर गिलहरियां इधर से उधर भाग रही थीं। अचानक खूब सारे हरे तोते अपने पंखों को फड़-फड़ाते हुए, की की... की आवाज करते हुए एक से दूसरे टहनी पर जा रही थी। गिलहरियों ने जिन कैरियों को काटा था वे धड़ाधड़ नीचे गिर रहे थे। "अरे मोती" हाथ में चाय का कप लेकर आई सविता। वह
अध्याय 4 "मनाली यहां आना।" गीता बड़े प्यार से बुलाई। "क्या बात है दीदी।" "आ बच्चे में बताती हूं।" हाथ में रखे पुस्तक को उल्टा रखकर मनाली उठी। एक छोटे से आभूषण की डिबिया को मनाली को गीता ने ...और पढ़े"यह ले लो ।" "यह क्या है दीदी ?" असमंजस से पूछा मनाली ने। "ले कर देखो।" आभूषण के डिब्बे को लेकर खोला। डिब्बे में दो ग्राम का सोने की चेन थी। शुद्ध के. डी. एम. सोना होने के कारण चमाचम चमक रहा था। "किसके लिए है यह चेन ?" "तुम्हारे लिए ही है।" गीता ने उसके हुक को उतार
अध्याय 5 "पुरानी बस स्टैंड वाले सब लोग उठ जाइए।" कॉन्टैक्टर हनुमान ने आवाज दी। उसके पहले स्टाप पर ही बहुत से लोग उतर गए थे । गीता और कुछ लोग ही सिर्फ उस बस में बैठे थे। पुराने ...और पढ़ेस्टैंड में मिनी बस के रुकते ही गीता दोनों हाथ को फैला कर उठी। "जल्दी से ले जा कर दे रे" क्लीनर पप्पू से धीरे से बोला मोती। मोती के दिए पत्र को अपने शर्ट के पोकेट से बाहर निकाला पप्पू ने और गीता के पीछे जल्दी-जल्दी जाने लगा। "दीदी" धीरे से बुलाया। नीचे उतरी गीता तुरंत मुड़ी। "इसे ड्राइवर