Ramakant Sharma लिखित उपन्यास मिशन सिफर | हिंदी बेस्ट उपन्यास पढ़ें और पीडीएफ डाऊनलोड करें होम उपन्यास हिंदी उपन्यास मिशन सिफर - उपन्यास उपन्यास मिशन सिफर - उपन्यास Ramakant Sharma द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां (14) 3.5k 10.2k 6 विश्वभर में भारत अकेला ऐसा देश है जहां संसार के सभी धर्मों के लोग आमतौर से शांतिपूर्वक रहते आए हैं। यहां की गंगा-जमुनी संस्कृति देश-विदेश के लोगों के लिए हैरत का विषय बनी रही है क्योंकि अपने-अपने अनुभव के ...और पढ़ेपर उनके लिए यह मानना बहुत मुश्किल है कि विभिन्न धर्मावलंबी एक देश में एकसाथ बहुधा शांतिपूर्वक रह सकते हैं। कुछ देशों ने तो अपने संविधान में देश का धर्म घोषित किया हुआ है। वहां उन अल्पसंख्यक नागरिकों के साथ दोयम दर्जे का बर्ताव किया जाता है जो देश के घोषित धर्म के मानने वाले नहीं हैं। हमारे पड़ोसी देश इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं जहां हो रहे अत्याचारों से घबरा कर अल्पसंख्यक धर्मावलंबी भारत की ओर रुख करते आए हैं। पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें पूर्ण उपन्यास मिशन सिफर - 1 507 1k मिशन सिफर डा. रमाकांत शर्मा समर्पण जाने-माने रंगकर्मी एवं साहित्यकार प्रिय मित्र श्री रमेश राजहंस को जिन्होंने यह उपन्यास लिखने के लिए मुझे प्रेरित किया अपनी बात विश्वभर में भारत अकेला ऐसा देश है जहां संसार के ...और पढ़ेधर्मों के लोग आमतौर से शांतिपूर्वक रहते आए हैं। यहां की गंगा-जमुनी संस्कृति देश-विदेश के लोगों के लिए हैरत का विषय बनी रही है क्योंकि अपने-अपने अनुभव के आधार पर उनके लिए यह मानना बहुत मुश्किल है कि विभिन्न धर्मावलंबी एक देश में एकसाथ बहुधा शांतिपूर्वक रह सकते हैं। कुछ देशों ने तो अपने संविधान में देश का धर्म घोषित सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 2 252 711 2. राशिद हमेशा की तरह उस दिन भी नमाज-ए मग़रिब अदा करने के लिए पास की मस्जिद में गया हुआ था। नमाज अदा करने के बाद उसने इमाम साहब की तकरीर बहुत ध्यान से सुनी। वही बातें थीं जो ...और पढ़ेबदल-बदल कर लगभग रोजाना ही तकरीर का मजमून होती थीं। पर, हर बार ही उसे वे नई लगती थीं। कुरान शरीफ में आयद फर्जों के बारे में उसे सुनकर अच्छा लगता था। वह मन ही मन सारे मजहबी फर्जों को पूरी तरह निभाने के लिए खुद को तैयार करता। वतन और दुनिया भर में इस्लाम की हालत पर भी चर्चा सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 3 168 495 3. वह जब भी नमाज के लिए मस्जिद में जाता उसकी आंखें जाने-अनजाने कादरी साहब को खोजने लगतीं, पर उस दिन के बाद वे वहां दिखाई नहीं दिए थे। रास्ते में आते-जाते भी उसकी निगाहें उन्हें तलाशतीं। कभी कोई ...और पढ़ेजैसी कद-काठी का आदमी नजर आता तो वह उसका चेहरा देखने के लिए उसके पास से गुजरता, पर हमेशा ही उसे मायूसी हाथ लगती। उनसे बात करने के बाद से ही उसे लगने लगा था कि वे उसे सही रास्ता दिखा सकते हैं और उन लोगों तक पहुंचा सकते हैं जो उसके इंतिख़ाबात को अंजाम तक पहुंचा सकते हैं। उस सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 4 162 462 4. कादरी भाई के साथ हॉस्टल जाने से पहले उसने यह मुनासिब समझा कि वह यतीमखाने जाकर सबसे मिल आए और उनका शुक्रिया अदा करने के साथ उन्हें कादरी भाई और उनके मार्फत उसके रहने-खाने का इंतजाम करने की ...और पढ़ेभी बता आए। वहां सभी ने उसका गर्मजोशी से इस्तकबाल किया और इस बात पर खुशी जाहिर की कि उसके पर्चे अच्छे हुए थे और कादरी भाई की सरपरस्ती उसे मिल गई थी। उसने यतीमखाने के लोगों से यह वादा किया था कि वह गाहे-बगाहे वहां आता रहेगा और मुलाज़मत में आने के बाद उनके लिए कुछ इमदाद भी देने सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 5 186 513 5. राशिद एक नई शरूआत करने के लिए हॉस्टल के मेनगेट के पास खड़ा कादरी भाई का इंतजार कर रहा था। सामान के नाम पर उसके पास एक बैग ही था जिसमें उसके पहनने के कपड़े, कुछ कॉपियां-किताबें और ...और पढ़ेकी जरूरत की छोटी-मोटी चीजें ही थीं। ठीक दस बजे मेनगेट के सामने आकर एक जीप रुकी और उसमें से कादरी भाई बाहर निकले। राशिद सोच रहा था कि वे किसी टैक्सी से जाएंगे, इसलिए वह जीप देख कर थोड़ा अचंभित हुआ। जीप भी ऐसी लग रही थी जैसी पाकिस्तानी मिलिट्री में इस्तेमाल की जाती थी। अभी वह यह सब सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 6 153 507 6. एक महीने तक उसे अलग-अलग तरह के हथियार चलाने समेत दुश्मन पर टूट पड़ने और उससे बचाव के तरीकों की ट्रेनिंग दी जाती रही। उसके उस्ताद उसके समझने और सीखने के माद्दे से बहुत खुश थे। जुमे की ...और पढ़ेके बाद खास तकरीर की जाती, जिसमें बताया जाता कि इस्लामी देशों को छोड़कर सभी गैर-इस्लामी मुल्क इस्लाम के दुश्मन बने हुए थे। वे चाहते थे कि पूरी दुनिया से इस्लाम का नामोनिशां मिट जाए। खासकर काफिर मुल्क हिंदुस्तान का तो बस एक ही मकसद था कि कैसे वह पाकिस्तान और उसकी सरहद से लगे अफगानिस्तान जैसे इस्लामी मुल्कों को सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 7 129 405 7. तौफीक अहमद साहब ने उसे तुरंत अपने केबिन में बुला भेजा था और खड़े होकर हाथ मिलाते हुए कहा था – “खुशआमदीद राशिद, आपके बारे में मुझे सबकुछ बता दिया गया है। इतनी जहीन शख्सियत को इस महकमे ...और पढ़ेमुलाजमत देकर हम आप पर कोई अहसान नहीं कर रहे हैं। मैंने तो कादरी भाई को बता दिया था कि ऐसे लोगों की तो हमें शिद्दत से तलाश रहती है।“ “मेरी खुशकिस्मती है जनाब, जो आप मेरे बारे में ऐसा सोचते हैं और अपने मातहत काम करने और वतन की खिदमत करने का मौका अता फरमा रहे हैं। आपके मातहत सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 8 141 447 8. राशिद की एक माह की वह कड़ी ट्रेनिंग खत्म हो चुकी थी। उसके दोनों उस्ताद महीन से महीन बातों को तुरंत समझने की उसकी काबिलियत, मेहनत और लगन के कायल हो चुके थे। इस ट्रेनिंग के दौरान उसने ...और पढ़ेकुछ सीखा था जिसकी उसे ख्वाब में भी उम्मीद नहीं थी। उसकी पढ़ाई ने तो सिर्फ बेस बनाया था, उसका इस्तेमाल कैसे और कहां करना है, यह उसने इस ट्रेनिंग से ही सीखा था। पर, उसे अभी भी यह समझ नहीं आ रहा था कि उस अकेले को ही यह अहम् ट्रेनिंग क्यों दी गई है। महकमा उससे क्या काम सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 9 123 402 9. उसकी ट्रेनिंग खत्म हो चुकी थी। उसे वाकई बहुत कुछ नया और पेचीदा सीखने को मिला था। उससे कहा गया था कि वह अब कुछ दिन आराम करे। उसे अगले आर्डर तक क्वार्टर में ही रहना था। उसने ...और पढ़ेकी कोशिश की थी कि कब तक उसे वहां रहना है, पर किसी को भी कुछ पता नहीं था। बिना कुछ किए ही उसने बड़ी मुश्किल से वे चार दिन गुजारे थे। उसे ज्यादा इधर-उधर घूमने की भी मुमानियत थी, इसलिए बोरियत भरे दिन निकालना कोई आसान काम नहीं था। फिर वह कयास लगा-लगा कर थक चुका था और एक सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 10 162 507 10. आइएसआइ की निगरानी में राशिद के सफर की तैयारी पूरी हो चुकी थी। अपने काम को अंजाम देने के लिए उसे हर तरह से लैस किया जा चुका था। फिर वह पल भी आया जब उसे नेपाल के ...और पढ़ेरवाना कर दिया गया। उसे नेपाल के रास्ते ही भारत की सरहद पार करनी थी। उसे इस तरह से मानसिक तौर पर तैयार किया गया था कि उसके मन में कहीं कोई भी आशंका नहीं थी या किसी प्रकार का कोई डर नहीं था। वह भारत पहुंच कर अपने काम से लग जाना चाहता था। किस्मत ने उसे मज़हब और सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 11 168 510 11. वह गहरी नींद सोता रहा था। सुबह-सवेरे पास की मस्जिद से आती अजान की आवाज से उसकी नींद खुली तो वह हड़बड़ा कर उठ बैठा। जल्दी से तैयार हुआ और नमाज़ के लिए मस्जिद जा पहुंचा। गली में ...और पढ़ेआगे चल कर ही मस्जिद थी। बहुत बड़ी नहीं तो बहुत छोटी भी नहीं थी। वुजू करके वह भी नमाज़ के लिए खड़ा हो गया। फज्र की नमाज़ के लिए ज्यादा लोग नहीं आए थे, पर कम भी नहीं थे। कुछ आंखें उसे अजनबी की तरह घूर रही थीं। नमाज़ पढ़ने के तुरंत बाद वह वहां से चला आया था। सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 12 150 525 12. घर पहुंचा तो वह खुद को जिस्मी तौर पर ही नहीं ज़हनी तौर पर भी थका हुआ महसूस कर रहा था। उसने अपना कमरा खोला और कुर्सी पर निढाल सा बैठ गया। आज जो कुछ भी उसने देखा-सुना ...और पढ़ेउससे वह परेशान हो गया था। कहीं एक भी तो ऐसा वाकया, ऐसी बात उसे चाह कर भी नजर नहीं आई थी जो हिंदुस्तान के बारे में उसकी सोच या उसके मन में बैठी तस्वीर को बल देती। उसने खुद को समझाया था, हो सकता है, मुंबई में ऐसे मामले न हों, दूसरे शहरों में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहे सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 13 147 435 13. वह घर पहुंचा तो बेहद थका हुआ महसूस कर रहा था। काश, नुसरत इस समय उसे एक कप चाय बना कर पिला जाती। वह इस समय खुदा से कुछ और भी मांगता तो मंजूर हो जाता। थोड़ी देर ...और पढ़ेही नुसरत चाय ले आई। राशिद ने ताज्जुब से कहा था – “आपको कैसे पता लगा नुसरत कि मैं आ गया हूं और मुझे चाय की सख्त जरूरत महसूस हो रही है।“ “आपके आने का समय हो रहा था तो मैं दरवाजे की जाली में से देख रही थी। तभी मैंने आपको घर में आते हुए देख लिया था। थके सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 14 174 438 14. पता नहीं वह कितनी देर तक सोता रहा था। खिचड़ी लेकर आई नुसरत ने ही उसे उठाया था और पूछा था – “अब कैसा लग रहा है?” “बुखार तो कम हुआ है, पर कमजोरी बहुत महसूस हो रही ...और पढ़े“बुखार कम है, यह तो अच्छी बात हुई ना। डाक्टर साहब ने कहा था कि बुखार उतरने में थोड़ा समय लगेगा। वायरल बुखार में कमजोरी तो आती है। कहते हैं, बुखार उतरने के बाद भी कमजोरी जाते-जाते ही जाती है। मैं खिचड़ी लेकर आई हूं। आप उठकर मुंह हाथ धो सकते हैं या फिर पानी यहीं लेकर आऊं?” “नहीं, मैं सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 15 141 411 15. राशिद पूरी तरह तंदुरुस्त हो चुका था। अब उसे कमजोरी भी महसूस नहीं हो रही थी। लेकिन, वह इसे जाहिर नहीं कर रहा था ताकि वह घर में ही रहकर आराम कर सके। नुसरत उसके लिए ऐसी चीजें ...और पढ़ेलाती थी जिनसे उसके शरीर को ताकत मिल सके। वास्तव में, इस सबसे उसे बहुत फायदा हो रहा था और वह यह मानकर चल रहा था कि जब भी उसे अपने मिशन को आगे बढ़ाने के लिए बाहर जाना होगा, वह उसमें अपनी पूरी शारीरिक और मानसिक ताकत लगा सकेगा। कमरे में अकेला बैठा वह सोच रहा था कि पता सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 16 135 429 16. इस्लामी कैलेंडर का नवां महीना शुरू हो रहा था। यह महीना पवित्र रमजान का महीना था। अगले दिन से एक माह के रोजे शुरू होने वाले थे। राशिद ऑफिस से घर आ चुका था। उसका इंतजार कर रही ...और पढ़ेरोजाना की तरह गर्म चाय लेकर उसके कमरे में आ गई थी। उसकी तरफ चाय का कप बढ़ाते हुए उसने पूछा था – “क्या बात है, आज बहुत थके लग रहे हो?” “हां, काम कुछ ज्यादा था।“ “तभी देर हो गई। मैं काफी देर से इंतजार कर रही थी। मेरा तो खाना भी बन गया है। भूख लग रही हो सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 17 108 411 17. राशिद को लगातार ये संदेश मिल रहे थे कि वह मिशन को पूरा करने में तेजी लाए। उसे पता था कि उस पर बराबर नजर रखी जा रही है। वह खुद भी चाहता था कि मिशन जल्दी से ...और पढ़ेपूरा हो। उसे भारत की नई परमाणु प्रणाली को पंगु बनाने और नेस्तनाबूद करने का काम करना था। उसके आका भी जानते थे कि यह काम आसान नहीं था और कुछ दिनों के भीतर पूरा नहीं किया जा सकता था। यह मिशन पाकिस्तान के लिए इतना अहम था कि वह इसके लिए कुछ माह और इंतजार कर सकता था। यदि सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 18 141 477 18. प्रोजेक्ट इंजीनियर के रूप में राशिद को अच्छी-खासी तनख्वाह मिल रही थी। आइएसआइ के संपर्क सूत्रों ने अब उसे भारतीय रुपये पहुंचाने बंद कर दिए थे। उससे कहा गया था कि वह अपनी नौकरी से मिल रहे पैसों ...और पढ़ेही अपना काम चलाए। राशिद का कोई खास खर्चा था भी नहीं। कमरे का किराया और खाने के पैसे देने के बाद और उसके छोटे-मोटे खर्चों के लिए पैसे निकालने के बाद भी ठीक-ठाक बचत हो जाती थी। इस प्रकार कई माह की नौकरी से उसके पास काफी बचत इकट्ठा हो गई थी। वह बाजार से आते समय घर के सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 19 126 372 19. राशिद आज बहुत रोमांचित था। उसने सोचा भी नहीं था कि वह इतनी जल्दी मुख्य कंप्यूटर तक पहुंच जाएगा। जिस टीम के साथ वह काम कर रहा था, उसके इंचार्ज ने टीम के सभी सदस्यों की एक सीक्रेट ...और पढ़ेबुलाई थी और कहा था – “साथियो, हम जिस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, वह देश का बहुत ही महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। परमाणु क्षेत्र की यह नई तकनीक हमें नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी और हमारा देश इस क्षेत्र में ऐसी क्रांति लेकर आएगा जिससे विश्व की बड़ी-बड़ी ताकतें भी अचंभित होकर रह जाएंगी। हमारे वैज्ञानिकों की सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 20 102 351 20. चिंतित नुसरत राशिद के इंतजार में काफी देर तक बाहर खड़ी रही, पर इंतजार की घड़ियां थीं कि घटने का नाम ही नहीं ले रही थीं। आखिर थक-हार कर वह अंदर लौट आई थी और किचन में कुछ ...और पढ़ेकरके खुद को मसरूफ रखने की कोशिश में लगी थी। तभी उसे घर के बाहर किसी वाहन के रुकने की आवाज आई। वह हाथ का काम छोड़कर तुरंत बाहर भागी। बाहर खड़ी एंबुलेंस को देखकर वह परेशान हो उठी। उनके घर के सामने यह एंबुलेंस क्यों आई थी? उसका दिल कुशंका से धड़कने लगा था। अब्बू भी उसके पीछे आकर सुनो अभी पढ़ो मिशन सिफर - 21 - अंतिम भाग 87 378 21. काम में व्यस्त नुसरत को अचानक याद आया कि राशिद को दवा देने का वक्त हो चला था। उसने हाथ का काम छोड़ा और तौलिए से हाथ पौंछते हुए वह राशिद के कमरे की तरफ चल दी। शाम ...और पढ़ेकी बीत चुकी थी। रात धीरे-धीरे अपने पर फैला रही थी। उसने सोचा दोपहर का सोया राशिद उठ चुका होगा। दरवाजा खोल कर जब वह कमरे में पहुंची तो उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि राशिद अभी तक सोया हुआ था। नींद इतनी गहरी थी कि उसके एक-दो बार पुकारने पर भी वह उठा नहीं, बस कसमसाकर फिर से सो सुनो अभी पढ़ो अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Ramakant Sharma फॉलो