Is janm ke us paar book and story is written by Jaimini Brahmbhatt in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Is janm ke us paar is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
इस जन्म के उस पार - उपन्यास
Jaimini Brahmbhatt
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
लंदन -फेंमून बार.....
लगभग 5.11की हाइट, रंग गेहूआ, काली आंखे, पतले होंठ कोई एक नज़र देखे तो उसकी मासूमियत मे खो जाये। वो लड़का जैकेट पहने डांस कर रहा था की कुछ देर बाद वो ड्रिंक लेने जाता है जहाँ वो एक लड़की से टकरा जाता है.. वो सॉरी कहता है पर लड़की उसपे भड़क जाती है ?, "u idiot.!दिखाई नहीं देता. This is my new dress.!"
लड़का :- देखो मेने सॉरी कहा ना और थोड़ी गलती तुम्हारी भी थी.. ओके.!!
तभी उस लड़की का बॉयफ्रेंड आ जाता है जिसे देख लड़की मासूम सा फेस बना के, "देखो ना बेबी.!!इसने मेरी न्यू ड्रेस खराब कर दी.!!"लड़की का बॉयफ्रेंड उस लड़के को मारता उससे पहले कोई उसकी गर्दन पीछे से पकड़ लेता है और अपनी तरफ घुमा के जोर से उसे पंच ?मरता है वो गिरता है तो टेबल टूट जाता है सब हैरान हो उसे देखते है सारा म्यूजिक भी बंद हो जाता है. तभी मैनेजर वहा आके,"i ऍम extremely sorry mr. Oberoi.!"वो दो बाउंसर को बुला के उस लड़की के बॉयफ्रेंड को बाहर फिकवा देता है।
सब उसे देखते है.6.2हाइट, मसकुलर बॉडी, हलकी बियर्ड, ग्रे आँखे जिसमे कुछ अलग ही कशिश थी. पर्सनलिटी से एक दुम हीरो.!!
इंट्रोडक्शन ऑफ कैरेक्टर लंदन -फेंमून बार.....लगभग 5.11की हाइट, रंग गेहूआ, काली आंखे, पतले होंठ कोई एक नज़र देखे तो उसकी मासूमियत मे खो जाये। वो लड़का जैकेट पहने डांस कर रहा था की कुछ देर बाद वो ड्रिंक लेने ...और पढ़ेहै जहाँ वो एक लड़की से टकरा जाता है.. वो सॉरी कहता है पर लड़की उसपे भड़क जाती है , "u idiot.!दिखाई नहीं देता. This is my new dress.!"लड़का :- देखो मेने सॉरी कहा ना और थोड़ी गलती तुम्हारी भी थी.. ओके.!!तभी उस लड़की का बॉयफ्रेंड आ जाता है जिसे देख लड़की मासूम सा फेस बना के, "देखो ना बेबी.!!इसने
(कहानी को समझने के लिए आगे के भाग जरूर पढ़े )सूर्यांश और वीर सो जाते है..सूर्यांश को सपने मे दो धुंदली परछाई दिखती है एक लड़का और एक लड़की की.. लड़की, "बोलो ना वरदान तुम मुझसे वादा करो की ...और पढ़ेमुझे ढूंढोगे.. अपनी अयंशिका को खोज लोगे. हमेशा वादा करो.!!"अयंशिका........!!!!!सूर्यांश चिल्लाते हुए उठा जाता है.. वीर जत से उसे सम्भल के, "सूर्य क्या हुआ.. ठीक है तू.!!"सूर्यांश पूरा पसीने से भीग गया था.धड़कन उसकी काफ़ी तेज़ थी.. वीर उसे पानी पिलाता है.!!वीर :- शांत हो जा फिर वही सपना देखा क्या.??सूर्यांश :- नहीं इसबार कोई लड़की थी जो कह रही
(कहानी को समझने के लिए आगे के भाग जरूर पढ़े )सूर्यांश झेप जाता है और जत से हाथ छोड़ देता है. जिससे वीर अपना हाथ आगे बढ़ :- हाय मिस नंदिनी.. वैसे u aare looking so beutiful..!!नंदिनी :- जी..!!थैंक ...और पढ़ेबाते कर ही रहे थे. की नंदिनी सबकी नज़र बचाकर अपना हाथ अपने पैर पर रखती है जिससे हल्की टोशनी निकलने के साथ ही उसका थोड़ा दर्द भी गायब हो जाता है.।बाकी सब बाते कर रहे थे की विसंभर जी(दादू ), "चलो नंदू आज तो कुछ गा ही दो.!!"दादी :- हा जरूर.!!चलो गुड़िया सुन्दर सा गाना गाओ.!!वीर :- हें..., आप
(कहानी को समझने के लिए आगे के भाग जरूर पढ़े )वही वीर वहा आ गया जिसे देख यशवी ने अपना सर पिट लिया ️, "ये कबाब मे हड्डी क्यों बन रहा है.!!"कुछ करना पड़ेगा ये सोच वो वीर की ...और पढ़ेबढ़ के उससे टकरा गई.!!वीर ने उसे गिरने से पहले संभाल लिया. वो यस्वी को देख ही रहा था की यस्वी गुस्से से ,"अगर मुझे ताड़ लिए हो तो छोड़ो..!!"वीर :- हें क्या ताड़.??यशवी उसके बाजु पर मर के :- छोड़ो भी चिलगोजे.!!वीर उसे घूर के :- सच मे छोड़ दू.?यस्वी :- हावीर उसे छोड़ देता है वो गिर पडती
(कहानी को समझने के लिए आगे भाग जरूर पढ़े छोटुसा रिमाइंडर.!!सूर्यांश और नंदीनी को मिल ऐसा लगता है जैसे वो पहले से जानते है एकदूसरे को. वही यस्वी भी आती है उनको पिछला जन्म याद कराने के लिए जो ...और पढ़ेसे टकरा जाती है.और उनकी नोकझोंक शुरू हो गई.. अब आगे .)वीर सोच के :- मे खड़ा था फिर गिरा कैसे.?? वो बाजु मे सोये हुए सूर्यांश को हिला के, सूर्या तूने कोई जादू किया क्या.?? सूर्यांश उसे जोर से तकिया मारता है.. वीर सम्भलते हुए :- अरे मानता हु ऐसे हु पूछ लिया भड़क क्यों रहा है.??दोनों सो जाते