Bhutan Ladakh aur Dharamshala ki Yatraye aur book and story is written by सीमा जैन 'भारत' in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Bhutan Ladakh aur Dharamshala ki Yatraye aur is also popular in यात्रा विशेष in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
भूटान लद्दाख और धर्मशाला की यात्राएं और यादें - उपन्यास
सीमा जैन 'भारत'
द्वारा
हिंदी यात्रा विशेष
मेरी बात यात्रा मेरे जीवन में एक नया उत्साह, रंग भर देती है। मैंने देश-विदेश की कईं यात्राएँ की हैं। कुछ परिवार के साथ, कुछ बड़े समूह में। मैं जब भी किसी यात्रा से लौट रही होती, तो मेरा मन दुःखी हो जाता था। वहाँ से वापस आने का मन ही नहीं होता था। मेरा मन, उस जगह से कभी नहीं भर पाता था। मैं उस जगह को, उस हरियाली को, प्रकृति को या महलों को कम जी पायी। कुछ छूट गया, कुछ अधूरा रह गया। इस अहसास की साथ मैंने अपने जीवन में कईं सालों तक यात्राएँ की। जब
मेरी बात… यात्रा मेरे जीवन में एक नया उत्साह, रंग भर देती है। मैंने देश-विदेश की कईं यात्राएँ की हैं। कुछ परिवार के साथ, कुछ बड़े समूह में। मैं जब भी किसी यात्रा से लौट रही होती, तो मेरा ...और पढ़ेदुःखी हो जाता था। वहाँ से वापस आने का मन ही नहीं होता था। मेरा मन, उस जगह से कभी नहीं भर पाता था। मैं उस जगह को, उस हरियाली को, प्रकृति को या महलों को कम जी पायी। कुछ छूट गया, कुछ अधूरा रह गया। इस अहसास की साथ मैंने अपने जीवन में कईं सालों तक यात्राएँ की। जब
2 भूटान की राजनीति का केंद्र शोगडू भूटान का राजप्रमुख राजा अर्थात द्रुक ग्यालपो होता है, हालांकि यह पद वंशानुगत है लेकिन भूटान के संसद शोगडू के दो तिहाई बहुमत द्वारा हटाया जा सकता है। शोगडू में 154 सीटें ...और पढ़ेहैं, जिसमे स्थानीय रूप से चुने गए प्रतिनिधि (105), धार्मिक प्रतिनिधि (12) और राजा द्वारा नामांकित प्रतिनिधि (37) और इन सभी का कार्यकाल तीन वर्षों का होता है। राजा की कार्यकारी शक्तियाँ शोगडू के माध्यम से चुने गए मंत्रिपरिषद में निहित होती हैं। मंत्रिपरिषद के सदस्यों का चुनाव राजा करता है और इनका कार्यकाल पाँच वर्षों का होता है। सरकार
3 फूनशोलिंग भूटान गेट: फूनशोलिंग भूटान के चुखा जिले में इंडिया भूटान सीमा पर स्थित है। सीमा के भारतीय तरफ जयगांव व् भूटान की तरफ फुंनशोलिंग है। इसलिए इसे भूटान गेट कहते हैं। यहाँ से हम भूटान में प्रवेश ...और पढ़ेहैं। यहां लकड़ी से बना एक शानदार गेट है। यह बागडोगरा हवाई अड्डे से 164 km की दूरी पर है। यहाँ इंडिया का पूर्ण-वाणिज्य दूतावास (CGI) स्थापित है। फूनशोलिंग में भारतीय बिना किसी पासपोर्ट या परमिट के रह सकते हहै। फुनशोलिंग से आगे जाने के लिए हमको भूटान सरकार से परमिट लेना पड़ता है। फूनशोलिंग एक साफ़ सुथरा शहर है।
4 पारो: पारो जिला भूटान देश के 20 जिलों में एक है। यह जिला भूटान की ऐतिहासिक घाटी में स्थित है। इस जिले की सभ्यता तिब्बत से प्रभावित है। इस जिले की उत्तरी सीमा तिब्बत से मिलती है। प्रारम्भ ...और पढ़ेइस घाटी में आकर बसने वाले तिब्बत मूल के लोग ही हैं। इस जिले की मुख्या भाषा द्ज़ोंग्ख (भूटानी) है और यही भाषा भूटान की राष्ट्रीय भाषा है। पारो नगर एक ऐसा स्थान है जहां पर्यटक सदैव आते रहते हैं। यहां की सांस्कृतिक छवि पर्यटकों को आकर्षित करती है। भूटान का पारो नगर ही एक ऐसा नगर है जहां भूटानी
5 1 वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम चाय नाश्ता करके मैं अकेली ही टाइगर नेस्ट के लिए निकल पड़ी। 2 टाइगर नेस्ट टाइगर नेस्ट, यह भूटान के सबसे पवित्र बौद्ध मठों में से एक है। इस बौद्ध मठ को तक्तसांग मठ ...और पढ़ेTaktsang Monastery) भी कहा जाता है। पारो घाटी में एक ऊंची पहाड़ी चट्टान पर टंगा सा दिखाई देता यह मठ, अपने आकर्षण व एक कठिन चढ़ाई के बावजूद सबको अपने पास बुलाता है। यह मठ करीब 3120 मीटर की ऊंचाई पर एक पहाडी की कगार पर बना है। पहाड़ पर चढ़ाई के लिए पचास रुपये में एक लाठी मैंने ली। रास्ते से