Chhut-Put Afsane book and story is written by Veena Vij in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Chhut-Put Afsane is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
छुट-पुट अफसाने - उपन्यास
Veena Vij
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
वक़्त की ग़र्द में लिपटा काफ़ी कुछ छूट जाता है, अगर उसे याद का जामा पहना के बांध न लिया जाए। पिछली सदी में चालीस के दशक की बातें हैं, जब मैं कुछ महीनों की थी । पापा लाहौर में उस वक्त Glamour-World से जुड़े हुए थे । शायद तभी से वे बीज-तत्व मस्तिष्क में घर कर गए थे, जो मैंने आरम्भ से ही रंगमंच से नाता जोड़ लिया था । विभाजन की त्रासदी तो नहीं झेली थी, लेकिन सब कुछ पीछे छूट गया था, जिसे नियति वहां रहने पर रच रही थी ।
एपिसोड--१ वक़्त की ग़र्द में लिपटा काफ़ी कुछ छूट जाता है, अगर उसे याद का जामा पहना के बांध न लिया जाए। पिछली सदी में चालीस के दशक की बातें हैं, जब मैं कुछ महीनों की थी । पापा ...और पढ़ेमें उस वक्त Glamour-World से जुड़े हुए थे । शायद तभी से वे बीज-तत्व मस्तिष्क में घर कर गए थे, जो मैंने आरम्भ से ही रंगमंच से नाता जोड़ लिया था । विभाजन की त्रासदी तो नहीं झेली थी, लेकिन सब कुछ पीछे छूट गया था, जिसे नियति वहां रहने पर रच रही थी । वह जमाना स्टेज- शो का
एपिसोड 2 अतीत से मुठभेड़ किए बिना, उन लम्हों की तलाश कहां हो सकती है - जो लम्हे ढेर सारे अफसानों की जागीर छिपाए हुए हैं। आज जानें.... बीसवीं सदी के शुरुआती दिनों की बातें हैं। जिला झेलम, तहसील ...और पढ़ेके शहर "करियाला" में भगतराम जौली थानेदार थे। गबरू जवान ऊपर से बड़ी पोस्ट, बीवी की मौत हो गई थी बुखार से । फिर भी चकवाल के डिप्टी कमिश्नर रायबहादुर रामलाल जौहर ने अपनी इकलौती औलाद "विद्या" का विवाह भगतराम से कर दिया । एक शर्त रखकर, कि विद्या की दूसरी औलाद हमें देनी होगी । विद्या के पहला बेटा
एपिसोड ३ एक दिन झेलम से खबर आई कि इन्दर (I.S.Johar) बहुत बीमार है। बच्चों को लेकर भगतराम जी अपने लख्ते जिगर को मिलने गए। लेकिन वो अपने बेटे को एक बार छाती से लगाकर प्यार नहीं कर सके। ...और पढ़ेवो अपने वचन से बंधे जो थे। अब वो जौहर साब के दामाद थे केवल । हमारी मां बताती थीं कि उनके इस दर्द को बयां करना मुश्किल है। ये दर्द वहीं समझ सकते हैं, जिन्होंने अपनी औलाद किसी को गोद दी हो, और जग-ज़ाहिर की मनाही हो । बम्बई में मम्मी ने जब इंदर भाई से पूछा कि आप
एपिसोड ४ जीवन के फुर्सत के पलों में जब हृदय अतीत को निमंत्रण देता है तो प्रकृति घटित हादसों या घटनाओं को भावी सृजन से नूतन अंशों में परिणत कर पुनर्जीवित करने का यत्न करती है और अनदेखा दृष्टव्य ...और पढ़ेसम्मुख आ जाता है। पढ़ें यह अफसाना... अभी मेरा शुमार बच्चों में ही था कि एक दिन रोशनलाल मामा जी की telegram यानि कि 'तार' कलकत्ता सेआई।(तब फोन नहीं तार से संदेश भेजते थे ) " Naxal attack daughter murdered. Wife serious" मम्मी रोने लगीं । हम सब घबरा गए । पापा ने मम्मी को कोडू भापे के साथ कलकत्ते
एपिसोड ५ टकटकी लगाए पूनम के चांद को निहार रही थी कि हठात चौंक गई । बादलों का एक टुकड़ा आया और चांद का मुंह पोंछ गया । फिर भी उसके चेहरे पे वही चमक बरकरार रही लगा चांद ...और पढ़ेचमक उठा था और मैं ख्यालों में बह गई हूं, दू ऽऽ र तक..... इसी पूनम के चांद की दीवानी थी गुजरी (मेरी दादी )अपनी जवानी से । चांद के बढ़ते स्वरूप को हर रात बेसब्री से तकती थी वो और पूर्ण रूप देखते ही उसकी उमंगे नाच उठती थीं । पांव थिरक उठते थे और अन्तस से मधुर स्वर