Fir milenge kahaani book and story is written by Sarvesh Saxena in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Fir milenge kahaani is also popular in सामाजिक कहानियां in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
फिर मिलेंगे... कहानी - एक महामारी से लॉक डाउन तक - उपन्यास
Sarvesh Saxena
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
मोबाइल की घंटी कब से बजे जा रही थी, मोहित हाथ धोते हुए अपने आप से बोला, “अरे भाई बस आया..” | मोबाइल उठाते ही उधर से आवाज आई, “अबे कहां रहता है तू ? कब से फोन कर रहा हूं ..” मोहित - “अरे कुछ नहीं बस वॉशरूम में था, बोल कौन सी आफत आ पड़ी” |मंजेश - “अरे यार एक खुशखबरी है” |मोहित - “अरे बता ना यार क्या खुशखबरी है , वैसे भी बड़े दिन से कोई गुड न्यूज़ नहीं सुनी” |मंजेश - “यार कल तुम्हारी भाभी ना मायके जा रही है... तो हम चारों मिलकर रोज पार्टी
मोबाइल की घंटी कब से बजे जा रही थी, मोहित हाथ धोते हुए अपने आप से बोला, “अरे भाई बस आया..” | मोबाइल उठाते ही उधर से आवाज आई, “अबे कहां रहता है तू ? कब से फोन कर ...और पढ़ेहूं ..” मोहित - “अरे कुछ नहीं बस वॉशरूम में था, बोल कौन सी आफत आ पड़ी” |मंजेश - “अरे यार एक खुशखबरी है” |मोहित - “अरे बता ना यार क्या खुशखबरी है , वैसे भी बड़े दिन से कोई गुड न्यूज़ नहीं सुनी” |मंजेश - “यार कल तुम्हारी भाभी ना मायके जा रही है... तो हम चारों मिलकर रोज पार्टी
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मांजेश, मोहित, अर्पित और आफताब अच्छे दोस्त हैं और सारे कल रात मिलने का प्लान बनाते हैं |अब आगे.... “अरे बेटा मोहित... नाश्ता तो करता जा, दो मिनट लगेंगे” ...और पढ़ेहाथों से मोहित की मां ने मेज पर नाश्ता रखा | मोहित - “अरे मां पहले से ही देर हो गई है” |“अरे इतनी देर तक सोता रहेगा तो देर तो होगी ही.. अरे एक हम लोग थे सुबह के चार बजे जग जाते थे” | यह कहकर बाबूजी फिर अखबार की सुर्खियां पढ़ने लगे | मोहित ने एक सेब उठाया और खाते हुये बोला,
रात आठ बजे....चारों दोस्त मंजेश के यहां मिलते हैं, मिलकर खाना बनाते हैं, और शराब पीकर खूब हंसी मजाक करते हैं |मंजेश - “अरे अर्पित जरा टीवी तो ऑन कर” |अर्पित टीवी ऑन करता है |मोहित - “यार आफताब ...और पढ़ेपेग बड़ी जल्दी खाली हो जाता है, मेरा तो अभी भी थोड़ा बचा है” |हा.. हा.. हा.. हा.. चारों दोस्त खूब हंसते हैं और अपने पुराने दिन याद करते हैं कि तभी टीवी में न्यूज़ सुनाई देती है |पेश है अब तक की सबसे बड़ी खबर....अब चाइना अमेरिका और इटली में हजारों की जान लेने वाला कोरोना वायरस भारत आ
मंजेश और अर्पित भी लेट गए |अर्पित - "अच्छा क्या होगा? अगर कोरोना पूरे शहर में फैल जाए" |मंजेश - "ऐसा ना बोलो यार मैंने कई डॉक्टर और करोना पीड़ित मरीजों के वीडियो देखे हैं, बहुत भयानक बीमारी है ...और पढ़ेऔर लाइलाज भी, इसे भारत में नहीं आना चाहिए, जहां बस, ट्रेन, रिक्शा तक अन्धाधुंध जनता से भरा रहता है, ऐसे मे अगर किसी एक को भी….. नहीं नहीं" |मंजेश डॉक्टर था इसलिए करोना से होने वाली महामारी को वह भांप गया, दोनों दोस्त आपस में बात करते करते सो गए |सुबह जब मंजेश की आंख खुली तो देखा मोबाइल
आफताब - " अरे आलम " |आलम -" जी भाई जान"|आफताब -" यह पुलिस इतनी सारी क्यों घूम रही है और मार्केट में इतनी अफरा-तफरी, जैसे कोई शैतान आने वाला हो"| आफताब ने पड़ोसी दुकानदार आलम से कहा |आलम ...और पढ़े"अरे भाई जान सुना है हिंदुस्तान में कोई बीमारी फैल रही है, उसी के लिए अफरा-तफरी है" |आफताब -" अरे कोई बीमारी नहीं आई है, यह सब मीडिया वाले अफवाह उड़ा रहे हैं, क्या नाम ले रहे हैं इस बीमारी का "? आलम -" कोरोना" |आफताब कुछ और कहता कि तभी दुकान का नौकर चाय लेकर आया और हाँफते हुए बोला,"