Fir milenge kahaani - 12 books and stories free download online pdf in Hindi

फिर मिलेंगे... कहानी - एक महामारी से लॉक डाउन तक - 12

दो दिन बाद आफताब की हालत बहुत बिगड़ गई, मंजेश बहुत परेशान हो गया, उसने बहुत कोशिश की पर आफताब को भी नहीं बचा पाया गया | तीनों दोस्तों को बहुत दुख हुआ क्योंकि उसमें कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत ही ज्यादा था, जिस वजह से उसकी मुन्नी और पत्नी को भी नहीं बचाया जा सका |

अर्पित - “यार आफताब कुछ भी कहो, दिल का अच्छा था” |

मोहित - “हां यार यह तो है.. मैंने उसे बहुत मना किया था पर क्या करें वह माना ही नहीं” |

मंजेश - “मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है पर शुक्र है जो हमारे देश में लॉक डाउन सही समय पर कर दिया गया और सब अपने घरों में कैद हो गए, वरना इस बीमारी से चाइना और इटली की तरह यहां भी महामारी फैल जाती और लाखों लोगों की जान चली जाती... हे भगवान अब बस करो और हमें बचाओ” |

यह कहकर तीनों दोस्तों ने हाथ जोड़ लिये और भगवान से प्रार्थना करने लगे | हर किसी को अब सिर्फ भगवान से ही उम्मीद थी |


मोहित का फोन बजा .....फोन उसके साथ काम करने वाले कर्मचारी का था, जिस ने बताया कि अरोड़ा जी की मौत हो गई |

वह कोरोना पॉजिटिव थे, मोहित ऊपर से नीचे तक हिल गया, अब उसे पता चला कि उसे यह वायरस कहां से लग गया था, वो तो यही सोचता रहा कि उसे ये बीमारी उस बुढिया से लग गई, मगर उस दिन जल्दबाजी मे उसने अरोड़ा जी से हांथ मिला लिया था, उसे क्या पता था कि वो ..... |

दिन सदियों के जैसे बीत रहे थे, और मरीजों की संख्या लगातार बढ रही थी, हालांकी बहुत से मरीज ठीक भी हो रहे थे और विदेशों की तुलना भारत अभी उस महामारी के आखिरी चरण मे नही पंहुचा था, हर कोइ बस इसकी दवाई बनने की राह देख रहा था |

मंजेश को सोने के लिए सिर्फ चार घंटे मिलते लेकिन एक घंटा वह अपने दोस्तों को देता, अब दोनों दोस्तों की हालत भी धीरे-धीरे ठीक होने लगी थी | मंजेश आकर लेट गया तभी उसका फोन बजा |

मंजू - “कैसे हो तुम” ?


मंजेश - “ठीक हूं, तुम लोग कैसे हो”?


मंजू - “हम लोग तो बिल्कुल ठीक हैं, बस तुम्हारी बहुत याद आती है और चिंता लगी रहती है ध्रुव तो तुम्हें दिन भर याद करता है, अब नाना नानी के साथ भी नहीं खेलता, पता नहीं क्या होगा? आप जल्दी से यह लॉक डाउन हटे तो जिंदगी पटरी पर आए, अच्छा लो ध्रुव से बात करो अभी तक जाग रहा है, सोया नहीं” मंजू का गला भर आया |

ध्रुव - “ हेलो पापा ...आप कब आओगे पापा..”?


मंजेश - “बेटा आप मम्मी को परेशान नहीं करो, खूब इंजॉय करो मैं जल्दी आपको लेने आऊंगा, बस लॉक डाउन खत्म हो जाए” |

ध्रुव - “पापा ..आज टीवी पर दिखा रहे थे कि आज कल सब डॉक्टर को भगवान की तरह मान रहे हैं और बहुत रिस्पेक्ट कर रहे हैं, पापा मैं भी बड़ा होकर डॉक्टर बनूंगा और लोगों की जान बचा लूंगा, जैसे आप करते हैं और पापा आज टीवी पर प्रधानमंत्री जी ने कहा कि जो कोरोना फाइटर हैं, दिन रात मेहनत कर रहे हैं उनके लिए हम सबको बेल बजानी है, इससे उनको खुशी होगी |
मंजेश (मुस्कुराते हुये) - “अरे वाह... मेरा बेटा तो बहुत समझदार हो गया” |

ध्रुव - “पापा.. आप मेरे सुपरमैन हो आप कोरोना को मार दो, उसे मोटे-मोटे इंजेक्शन लगा दो, मैं कल आपके लिए बेल बजाऊंगा, माई सुपरमैन पापा.. आई लव यू..” |

मंजेश - “लव यू बेटा..” |

मंजेश की आंखें बहने लगीं, शैतानी करने वाला ध्रुव कितनी समझदारी की बात कर रहा था | मंजेश आंखें मूंद कर लेट गया |

अन्य रसप्रद विकल्प

शेयर करे

NEW REALESED