फिर मिलेंगे... कहानी - एक महामारी से लॉक डाउन तक - 3 Sarvesh Saxena द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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फिर मिलेंगे... कहानी - एक महामारी से लॉक डाउन तक - 3

रात आठ बजे....


चारों दोस्त मंजेश के यहां मिलते हैं, मिलकर खाना बनाते हैं, और शराब पीकर खूब हंसी मजाक करते हैं |

मंजेश - “अरे अर्पित जरा टीवी तो ऑन कर” |
अर्पित टीवी ऑन करता है |

मोहित - “यार आफताब तेरा पेग बड़ी जल्दी खाली हो जाता है, मेरा तो अभी भी थोड़ा बचा है” |

हा.. हा.. हा.. हा.. चारों दोस्त खूब हंसते हैं और अपने पुराने दिन याद करते हैं कि तभी टीवी में न्यूज़ सुनाई देती है |

पेश है अब तक की सबसे बड़ी खबर....


अब चाइना अमेरिका और इटली में हजारों की जान लेने वाला कोरोना वायरस भारत आ चुका है, जी हां कोरोना ने अब भारत में दस्तक दे दी है, अभी-अभी हमारे संवाददाता ने बताया कि आठ कोरोना के मामले सामने आए हैं, यह वह आठ लोग हैं जो विदेश से यात्रा करके लौटे थे, तो आप सब लोगों से अपील है कि अपना ध्यान रखें और स्वस्थ रहें |

यह न्यूज़ सुनकर चारों दोस्त घबरा जाते हैं |

अर्पित - "क्या यार.. अभी इलेक्शन हुए एक महीना भी नहीं हुआ कि ये कोरोना मरोना आ गया, देखना अब इसमें भी पुलिस वालों की ही ऐसी की तैसी होनी है" |

मोहित - "अरे हां यार.. तू सही बोल रहा है, यार चाइना का तो बहुत बुरा हाल है, कल सुना था कि वहां लाशों को दफनाने के लिए जगह कम पड़ रही है, वहां तो टेक्नोलॉजी और मेडिकल सुविधाएँ बहुत अच्छी हैं तो सोच अगर यह भारत में फैल गया तो क्या होगा"?

अर्पित - " अरे ये नालायक चाइना वाले खाते भी तो ना जाने क्या क्या हैं, ऐसा कोई कीड़ा, जानवर, पंछी कुछ बचा जो ये ना खाते हों, इसीलिए ये बीमारी फैली है, और अब हम भी भुगते"|

मंजेश - "यह सब चाइना वालों की सोची समझी साजिश है, यह एक बहुत बड़ा कोल्ड वार है"|

आफताब - "अरे तुम लोग अपना पेग लो यार, इतना क्यों परेशान होते हो? यह करोना ना खुदा के कहर से ही हिंदुस्तान में मर जाएगा" |

अर्पित - "पर यार तेरा खुदा दुबई वालों को क्यों नहीं बचा पा रहा है, देख ना दुबई में भी तो बुरा हाल है, न्यूज मे दिखा रहे थे " |

आफताब - "अरे कुछ नहीं है यह सब.. खुदा पर भरोसा रखो तुम लोग खामखा घबरा रहे हो"|

मंजेश - "अरे चुप करो तुम लोग, मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है यह बीमारी भारत में बहुत जल्द ही फैल जाएगी, प्रॉब्लम यह है कि यह बहुत तेजी से फैलती है और इसका कोई इलाज नहीं है, बस बचाव ही इसका इलाज है, यह तो छूने से भी फैल जाता है, हे भगवान रक्षा करना हमारे देश की" |

अर्पित -" अरे टीवी बंद कर दो... टेंशन बढ़ा दी इसने और"|

आफताब उठकर टीवी बंद कर देता है, चारों दोस्तों की पार्टी खत्म हो जाती है और सब अपने अपने घरों में जाने के लिए खड़े होते हैं |

मंजेश (अर्पित से) - "अरे तू कहां जा रहा है? तू यहीं रुक जा आराम से "|

अर्पित - "हां यार सही कह रहा है, वहां वैसे भी कोई साला सोने नहीं देता है" |

"मजा आ गया पार्टी में, अच्छा फिर मिलेंगे" |

ये कहकर मोहित और आफताब अपने घर चले गए |



आगे की कहानी अगले भाग में.....