Adrashya Humsafar book and story is written by Vinay Panwar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Adrashya Humsafar is also popular in सामाजिक कहानियां in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. अदृश्य हमसफ़र - उपन्यास Vinay Panwar द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 538 108.6k Downloads 255.3k Views 42 Likes Writen by Vinay Panwar पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें उपन्यास विवरण ममता कुर्सी पर टेक लगाए ब्याह की गहमा गहमी मे खोई हुई थी। सब इधर उधर भाग रहे थे तैयारियों में जुटे हुए। लगभग 5 साल बाद मायके आना हुआ था उसका वह भी भतीजी की शादी के बहाने से। भाई ने सीधा कह दिया था उसे- देख ममता, कितने साल हो गए हम भाई बहनों को साथ बैठकर चाय पर गप्पें हाँके हुए। मुम्बई न हुई सात समंदर पार से भी दूर हो गई तुम। देखो, तुम नही आई तो ब्याह की तारीख आगे बढ़ा दूँगा। More Interesting Options लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी Load More Best Novels of 2025 Best Novels of 2025 Best Novels of January 2025 Best Novels of February 2025 Best Novels of 2024 Best Novels of 2024 Best Novels of January 2024 Best Novels of February 2024 Best Novels of March 2024 Best Novels of April 2024 Best Novels of May 2024 Best Novels of June 2024 Best Novels of July 2024 Best Novels of August 2024 Best Novels of September 2024 Best Novels of October 2024 Best Novels of November 2024 Best Novels of December 2024 //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?> पूर्ण उपन्यास Episodes Novels अदृश्य हमसफ़र - 1 New ममता कुर्सी पर टेक लगाए ब्याह की गहमा गहमी मे खोई हुई थी। सब इधर उधर भाग रहे थे तैयारियों में जुटे हुए। लगभग 5 साल बाद... Read Free Novels अदृश्य हमसफ़र - 2 New आज उसे मनोहर जी की बहुत याद आ रही थी। 5 बरस पहले अचानक ह्र्दयगति रुकने के कारण मनोहर जी ममता को सदा के लिए छोड़कर चले गए... Read Free Novels अदृश्य हमसफ़र - 3 New ममता अतीत की सुनहरी यादों में गहरे तक डूबती जा रही थी कि ड्राइवर ने तन्द्रा भंग की। दीदी, मैं आपका इंतजार करता हूँ। आप... Read Free Novels अदृश्य हमसफ़र - 4 New कन्यादान की रस्म आरम्भ हो चुकी थी। ममता अमु के साथ बातों में अन्तस् की पीड़ा को भूल चुकी थी। अमु के साथ घण्टों तोतली भाषा... Read Free Novels अदृश्य हमसफ़र - 5 New ममता उठी और अनु दा को ढूंढने लगी। ढूंढते ढूंढते छत पर जा पहुंची। अनु दा वहीं आराम कुर्सी पर टेक लगाए तारों को एकटक देखे... Read Free Read all episodes on App //= $best_novels_links; ?> //= $best_novels_prev_links; ?> //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?>