Prabodh Kumar Govil लिखित उपन्यास आखेट महल

आखेट महल द्वारा  Prabodh Kumar Govil in Hindi Novels
एकआखेट महल के परकोटे के सामने आज सुबह से ही चहल-पहल थी। बड़ी मोटर अभी-अभी आकर लौट चुकी थी। ट्रकों में भरकर ढेर सारे कामग...
आखेट महल द्वारा  Prabodh Kumar Govil in Hindi Novels
दोनयी कोठी पर आज सुबह से ही गहमा-गहमी थी। इस कोठी को आबाद हुए साल भर होने को आया था, मगर इसका नाम नयी कोठी ही पड़ गया था...
आखेट महल द्वारा  Prabodh Kumar Govil in Hindi Novels
तीनआखेट महल के चारों ओर के परकोटे के जिस तरफ बड़े तालाब की खुदाई का काम चल रहा था, उस पूरी-की-पूरी जमीन को काँटोंदार तार...
आखेट महल द्वारा  Prabodh Kumar Govil in Hindi Novels
चारगौरांबर को आज तीसरा दिन था इसी तरह से भटकते हुए। वह रात को सोने के लिए कभी रेलवे स्टेशन पर आ जाता, कभी बस स्टैण्ड के...