Prem ka Purvabhas book and story is written by Rakesh Rakesh in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Prem ka Purvabhas is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
प्रेम का पूर्वाभास - उपन्यास
Rakesh Rakesh
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
छ वर्ष का आदित्य अपनी मां से कहता है "अभी मम्मी घर से बाहर नहीं जाना आंगन में एक पागल कुत्ता घूम रहा है, वह आपको काट खाएगा।"
और जब पागल कुत्ता आदित्य की मां को काट लेता है तो वह सोचती है शायद घर की खिड़की के पीछे लोग आपस में खड़े होकर बात कर रहे होंगे की एक पागल कुत्ता इधर-उधर घूम रहा है और किसी को काट लिया होगा है तो आदित्य ने सुन लिया होगा, लेकिन जब एक महीने बाद आदित्य अपने पिता जी के ड्यूटी से घर आने से पहले कहता है कि मम्मी पापा आज दूध जलेबी खाने के लिए लाएंगे क्योंकि पापा को चाय की दुकान के पास ₹500 पाए हैं।
छ वर्ष का आदित्य अपनी मां से कहता है "अभी मम्मी घर से बाहर नहीं जाना आंगन में एक पागल कुत्ता घूम रहा है, वह आपको काट खाएगा।"और जब पागल कुत्ता आदित्य की मां को काट लेता है तो ...और पढ़ेसोचती है शायद घर की खिड़की के पीछे लोग आपस में खड़े होकर बात कर रहे होंगे की एक पागल कुत्ता इधर-उधर घूम रहा है और किसी को काट लिया होगा है तो आदित्य ने सुन लिया होगा, लेकिन जब एक महीने बाद आदित्य अपने पिता जी के ड्यूटी से घर आने से पहले कहता है कि मम्मी पापा आज
उस अनजान लड़की की आदित्य को ऐसे चिंता होने लगती है जैसे कि वह उस लड़की को सदियों से जानता हो इसलिए उस दिन आदित्य को कॉलेज जाने से ज्यादा उस खूबसूरत लड़की को सुरक्षा देने का काम ज्यादा ...और पढ़ेलगता है और आदित्य अपनी बाइक रेलवे स्टेशन की पार्किंग में खड़ी करके रेलवे स्टेशन के अंदर जाता है तो रेलवे स्टेशन के अंदर जाने से पहले ही वह स्कूल कि यूनिफॉर्म पहने हुए लड़की को एक महिला और एक युवक बुरी तरह थप्पड़ों से पीटते हुए रेलवे स्टेशन के अंदर से बाहर ला रहे थे, उस खूबसूरत लड़की को
आदित्य के घर के आगे लोगों की भीड़भाड़ देखकर प्रेम आदित्य को कुछ बताने से पहले आदित्य आदित्य कि मां के साथ मिलकर आदित्य की कॉलोनी के लोगो और पड़ोसियों को शांत करके अपने-अपने घर भेजता है।और सारा मामला ...और पढ़ेहोने के बाद प्रेम आदित्य से कहता है "तेरी कॉलोनी के लोग के बहुत अंधविश्वासी हैं।""वह महिला सच कह रही थी।" आदित्य कहता है "अच्छा तेरी काली जुबान है।" प्रेम कहता है "काली जुबान नहीं मुझे होने वाली अच्छी बुरी घटनाओं का पूर्वाभास हो जाता है।" आदित्य की यह बात सुनकर प्रेम हंसने लगता है।"मेरी एक बात ध्यान से सुन
प्रेम के माईनर ओटी में अरुणा से मिलने के जाने के तुरंत बाद ही अरुणा की छोटी मां वहां दुबारा आकर जमीन पर कुछ ढूंढने लगती हैं आदित्य अच्छा मौका मिला देखकर छोटी मां से पूछता है? "आंटी कुछ ...और पढ़ेगया है क्या आपका।"आंटी बोलने से चिढ़कर पहली बार पूछने पर तो वह कोई जवाब नहीं देती है लेकिन फिर बहुत बदतमीजी से आदित्य से कहती है "पूछ क्या रहा है, अंकल कोई छोटी पर्ची जमीन पर कहीं पड़ी दिखाई दे तो उठाकर मुझे दे वार्ड ब्वॉय ने डॉक्टर से दवाई लिखवा कर मुझे बाहर से दवाई लाने के लिए
जब आदित्य अरुणा के घर का पता ध्यान से पढ़ता है तो वह पता उनकी सुनार की दुकान के आस पास का ही था अरुणा के घर का पता पढ़कर उसके दिमाग में एक तरकीब आती है कि अरुणा ...और पढ़ेछोटी मां और जो वह अधेड़ आयु का आदमी छोटी मां से मिलने अस्पताल में आया था दोनों ही सोने चांदी से लदे हुए थे दोनों सोने चांदी के हद से ज्यादा शौकीन लग रहे थे, इसलिए अपनी सुनार की दुकान दिखाकर अपने को बेहतरीन जौहरी बताकर उनसे अच्छी दोस्ती हो सकती है और एक बार अच्छी दोस्ती हो गई