दिल्ली आने के बाद मुझे पता चला कि रणविजय का अभी नंदिनी के साथ शादी करने का नशा उतरा नहीं है, अब उसका मकसद नंदिनी की बेटी के बालिग होने के बाद उससे शादी करने का है।
कुछ दिनों बाद मुझे एहसास हुआ कि रणविजय ने जब तक मुझे अपनी रखैल बनाकर अपनी शारीरिक भूख मिटाने के लिए रखा है जब तक नंदिनी की बेटी अरुणा बालिग नहीं हो जाती और मेरे से अच्छी अरुणा की मां उसे अरुणा का पालन पोषण करने के लिए नहीं मिल सकती थी।
पूरी बात छोटी मां के दिल में घुसकर पूछने के बाद आदित्य कहता है "आज मैं घर चलता हूं, कल से आपको अंग्रेजी सिखाऊंगा।"
तभी छोटी मां कहती है "तुमने मेरे जीवन की पूरी कहानी सुन ली लेकिन एक बार भी यह नहीं पूछा मेरी सौतेली बहन का नाम नंदिनी था और मेरा नाम क्या है, लो मैं खुद ही बताती हूं मेरा नाम रुपाली है और मेरी आयु 38 वर्ष है तुम शायद 20 21 बरस के हो गए।
"अच्छा आपका नाम रुपाली है (lovely name) लवली नेम ठीक है फिर मैं चलता हूं।" आदित्य कहता है
रुपाली यानी की छोटी में आदित्य का हाथ पकड़ कर कहती है 13 फरवरी को अरुणा बालिग हो जाएगी और 14 फरवरी वैलेंटाइन डे के दिन रणविजय उससे शादी कर लेगा उन दोनों की शादी के बाद मुझे भी तो जीने का सहारा चाहिए, इसलिए मेरा जीने का सहारा आदित्य तुम बनोगे मैंने फिजूल में ही अपने जीवन की सारी सच्ची कहानी तुम्हें यूं ही तुम्हारी हमदर्दी पाने के लिए नहीं सुनाई है।" रुपाली उर्फ छोटी मां कहती है
और जैसे ही रूपाली उर्फ छोटी मां आदित्य को अपनी बाहों में भरने की कोशिश करती है तो अरुणा स्कूल से घर आ जाती है।
आदित्य तुरंत अपने को छोटी मां के कब्जे से छुड़ा कर अरुणा को घर के अंदर आने के लिए दरवाजा खोलता है।
अरुणा अपने घर में आदित्य को देखकर चकित रह जाती है और अरुणा को मम्मी कहने वाला दूसरा लड़का अरुणा को स्कूल से घर छोड़कर उसकी कोठी के बाहर से बाहर ही चला जाता है।
आदित्य धीरे से अरुणा के कान के पास आकर कहता है "यह मत कहना कि हम एक दूसरे को पहले से जानते हैं।"
आदित्य चालाकी से काम लेते हुए रूपाली उर्फ छोटी मां को प्यार भरी नजरों से देखता है और एक गिलास पानी मांग कर कहता है "यह लड़का आपकी बेटी को छोड़ने आया था, यह कौन है।"
"यह दो भाई है छोटा भाई अरुणा को स्कूल छोड़ता है और बड़ा भाई अरुणा को स्कूल से लेकर आता है यह दोनों रणविजय के बड़े भाई के बेटे हैं।" फिर धीरे से रूपाली उर्फ छोटी मां कहती है "इन दोनों को पता नहीं की रणविजय ने उनके माता-पिता की हत्या करके उनकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया है।"
आदित्य सोचता है यह दोनों भाई बहुत काम के हो सकते हैं, इसलिए रूपाली को और झूठा प्यार दिखा कर दोनों भाइयों के घर का पता फोन नंबर मांग ले लेता है।
फिर अरुणा के साथ थोड़ा समय बिताने का तरीका सोच कर कहता है "आज से ही आपको अंग्रेजी सिखाता हूं, लेकिन पहले में यह ज्वैलरी अपनी दुकान पर पिता जी को देकर आता हूं, बस डर इस बात का है कहीं पिता जी मुझे दुकान पर ही पकड़ के ना बिठा लें।"
"नहीं फिर तुम मत जाओ एक सोने की अंगूठी तो मैं खरीद लेती हूं, बाकी ज्वैलरी और अंगूठी के पैसे ड्राइवर के हाथों से तुम्हारी दुकान पर भिजवा देती हूं।" रूपाली उर्फ छोटी मां कहती है
"नहीं फिर तो पिता जी और नाराज हो जाएंगे मुझे फोन करके दुकान पर ही बुला लेंगे, यह काम तो आपको खुद ही करना पड़ेगा।" आदित्य कहता है
"तुम्हारे लिए तो अब मैं कुछ भी कर सकती हूं मेरी जान।" रूपाली उर्फ छोटी मां कहती है
अरुणा को घर में अकेला देखकर आदित्य अरुणा को अपनी बाहों में भरकर कहता है "अब हम दोनों जीवन भर साथ रहेंगे।"
अरुणा आदित्य के सीने पर सर रखकर कहती है "लेकिन हमारा जीवन कितना लंबा होगा हम दोनों का मिलन तो परमात्मा ने पहले ही तय कर रखा है।"
फिर दोनों एक दूसरे को बाहों में भरकर एक दूसरे में खो जाते हैं।
अरुणा कि आलीशान कोठी से निकाल कर आदित्य प्रेम को फोन करता है प्रेम उधर से कहता है "थैंक यू यार तूने दीपाली से बचा लिया।" "मैंने अरूणा के जीवन के बारे में सब कुछ पता कर लिया है, अभी 5:00 बजे हैं तूम मुझे दीपाली के साथ शाम को 6:30 बजे कॉलेज के पास वाले रेस्टोरेंट में मिल सकते हो।" आदित्य कहता है
"ठीक है मिल जाऊंगा दीपाली के साथ लेकिन चाऊमीन और पिज़्ज़ा खिलाना पड़ेगा।" प्रेम कहता है
"तू अपना फायदा देखे बिना कोई भी काम नहीं करता है।" आदित्य कहता है
"ठीक है मैं नहीं आऊंगा। प्रेम कहता है
"यार जो तू कहेगा मैं वहीं करूंगा।" आदित्य कहता है
और शाम 6:30 बजे आदित्य प्रेम दीपाली तीनों अपने कॉलेज के पास वाले रेस्टोरेंट में मिलते हैं।
आदित्य ने दीपाली और प्रेम को अरुणा उसकी छोटी मां के जीवन की सारी बात बताने के लिए बुलाया था।
किंतु आदित्य होशियार वकील की तरह अपना इरादा बदल देता है कि अगर दीपाली या प्रेम ने अरुणा को सब कुछ बता दिया तो अरूणा कभी भी अपनी मां के हथियारों के साथ रहना पसंद नहीं करेंगी और कुछ ऐसा कर देगी जिससे कि मैं अरुणा को छोटी मां और रणविजय के चुंगल से निकलने में सफल नहीं हो पाऊंगा, इसलिए वह बस दीपाली को नया मोबाइल खरीद कर देता है, अरुणा को देने के लिए जिससे कि वह जब चाहे अरुणा से उसकी बातचीत हो जाए और प्रेम को काम देता है, जो युवक अरूणा को स्कूल छोड़ने लेने आते हैं उनसे दोस्ती करने का क्योंकि वह दोनों युवक प्रेम के घर के पास ही रहते थे।