प्रेम का पूर्वाभास - भाग 3 Rakesh Rakesh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्रेम का पूर्वाभास - भाग 3

आदित्य के घर के आगे लोगों की भीड़भाड़ देखकर प्रेम आदित्य को कुछ बताने से पहले आदित्य आदित्य कि मां के साथ मिलकर आदित्य की कॉलोनी के लोगो और पड़ोसियों को शांत करके अपने-अपने घर भेजता है।

और सारा मामला शांत होने के बाद प्रेम आदित्य से कहता है "तेरी कॉलोनी के लोग के बहुत अंधविश्वासी हैं।"
"वह महिला सच कह रही थी।" आदित्य कहता है
"अच्छा तेरी काली जुबान है।" प्रेम कहता है
"काली जुबान नहीं मुझे होने वाली अच्छी बुरी घटनाओं का पूर्वाभास हो जाता है।" आदित्य की यह बात सुनकर प्रेम हंसने लगता है।
"मेरी एक बात ध्यान से सुन तेरी सारी हंसी गायब हो जाएगी दो महीने बाद मेरी और अरुणा की आपस में बहुत अच्छे ढंग से बातचीत होगी और उसी दिन से अरुणा मेरी बहुत अच्छी दोस्त बन जाएगी।" आदित्य कहता है
यह बात सुनकर प्रेम के चेहरे पर से मुस्कान गायब हो जाती है फिर वह थोड़ी देर चुप रहकर कहता है "शायद तू सच कह रहा है, यार क्योंकि यही बात मैं तुझे बताने आया था कि एक महीने बाद अरुणा दीपाली के स्कूल में फेयरवेल पार्टी है और उस पार्टी में दीपाली तेरी मुलाकात अरुणा से करवाएगी और एक बात याद रखना तू अरुणा का अच्छा दोस्त बनेगा और मैं अरुणा का आशिक फिर पति बनूंगा ओके।" प्रेम इतना तेज तेज बोलता है कि आदित्य की मां जब दोनों के लिए गरमा गरम चाय पका कर ला रही थी तो आदित्य के कमरे के अंदर घुसने से पहले ही अरुणा के बारे में कहीं प्रेम कि सारी बात सुन लेती है और दोनों के सामने चाय गुस्से में टेबल पर पटक कर आदित्य से कहती है "इसलिए तेरे पापा और मैं नहीं चाहते थे कि तू कॉलेज में पढ़ाई करें और हां प्रेम बेटा कौन है यह लड़की अरुणा।"

और जब आदित्य की मां की बात प्रेम को बिल्कुल भी समझ में नहीं आती है तो उसके चेहरे पर उलझन देखकर आदित्य की मां बताती है "आदित्य को अपने जीवन और अपने जीवन से जुड़े लोगों के जीवन में घटने वाली अच्छी बुरी घटनाओं का पूर्वाभास हो जाता है, इस अनोखी शक्ति की वजह से इसे एहसास हो गया था कि इसके जीवन में एक ऐसी लड़की आएगी जिसके जीवन की उलझनों को सुलझाते सुलझाते इसे उस लड़की से प्रेम हो जाएगा और उस लड़की को किसी बड़े संकट से निकलते हुए यह दुनिया को छोड़कर चला जाएगा।" प्रेम को यह बताते बताते आदित्य की मां की आंखों से आंसू मोतियों जैसे टप टप टपकने लगते हैं।

आदित्य बिगड़ते हुए माहौल को संभालते हुए कहता है " मां अरुणा प्रेम की मंगेतर का नाम है।"

आदित्य की यह बात सुनकर प्रेम मुस्कराने लगता है और आदित्य की मां आदित्य की इस बात को अनसुना करके वहां से कहते हुए जाती है कि "मैं आज ही तेरे पापा से बात करके तेरी शादी की तैयारी शुरू करती हूं।"
और यह कहते हुए आदित्य के कमरे से बाहर चली जाती है।

मां के जाने के बाद प्रेम कहता है "यार तेरी यह भविष्यवाणी कभी सच नहीं हो सकती है, क्योंकि अरुणा तो मेरी है।"

तभी दीपाली का फोन प्रेम के पास आता है दीपाली से बात करने के बाद प्रेम मुस्कुरा कर आदित्य से कहता है "ले दो महीने बाद अरुणा से मिलने का तेरा पूर्वभास झूठा निकला दीपाली कह रही है, अरुणा आज दोपहर को ही आदित्य से मिलना चाहती है वह देखना चाहती है कि वह कौन सा लड़का है जिसे उससे प्रेम हो गया है।"
"कहां मिलेगी अरुणा।" आदित्य पूछता है?
"यह थोड़ी देर में दीपाली फोन करके बताएगी।" प्रेम कहता है

आधे घंटे बाद दोबारा दीपाली का फोन आता है दीपाली घबराते हुए बताती है अरुणा ने आदित्य से मिलने के लिए जानबूझ कर अपनी कोठी की सीढ़ियो से गिरकर अपने को घायल कर लिया है और उसकी छोटी मां उसे अस्पताल लेकर जा रही है, 15 मिनट में उसके घर के पास वाले अस्पताल में पहुंच जाओ।"

आदित्य प्रेम से मोबाइल ले कर पूछता है? "ऐसा क्यों किया उसने मुझे उससे मिलने की इतनी भी जल्दी नहीं थी।"
"आप आदित्य बोल रहे हो दीपाली पूछती है
"हां मैं आदित्य बोल रहा हूं।"
आदित्य ने कहा
"शायद आपको प्रेम ने बताया नहीं कि अरुणा बस स्कूल में आजाद रहती है बाकी समय में वह अपनी छोटी मां की कैद में रहती है, क्योंकि अरुणा खुद कहती है कि वह उसकी छोटी मां के पास किसी की अमानत बालिंग होने तक।"दीपाली बताती है

"मुझे प्रेम ने सब कुछ बता दिया है, चलो ठीक है दीपाली जी आप फोन काट दें प्रेम और मैं अस्पताल जा रहे हैं अरुणा से मिलने। आदित्य कहता है

अस्पताल पहुंचने के बाद अस्पताल की इमरजेंसी से आदित्य प्रेम को पता चलता है कि अरुणा नाम की लड़की माईनर ओटी में है डॉक्टर उसकी महरम पट्टी कर रहे हैं।

तभी अस्पताल का वार्ड बॉय तेज आवाज लगाकर पूछता है? "अरुणा के साथ कौन है।"

वार्ड बॉय की आवाज सुनकर एक महिला कहती है "जी मैं अरुणा के साथ हूं।"

अरुणा के साथ होने की वजह से वार्ड ब्वाय उस महिला को एक छोटी सी पर्ची उसके हाथ में थाम कर कहता है "यह दवाई बाहर से ले आओ।"

आदित्य ने पहले भी रेलवे स्टेशन पर इस महिला को अरुणा को पीटते हुए देखा था, इसलिए वह प्रेम से कहता है "यह अरुणा की छोटी मां है इनके इमरजेंसी से बाहर चले जाने के बाद माईनर ओटी में अरुणा से हम दोनों मिलने चलेंगे।"

"लेकिन पहले माईनर ओटी के अंदर में जाकर अरुण से मिलुगा और उसके बाद तेरा परिचय अरुणा से करवाऊंगा।" प्रेम कहता है

"ठीक है पहले अरुणा से मिलने तू ही जा लेकिन जो भी करना है जल्दी कर।" आदित्य कहता है

और प्रेम जैसे ही माईनर ओटी में डॉक्टर की इजाजत लेकर अरुणा से मिलने जाता है तो माईनर ओटी का दरवाजा खुलते ही अरुणा और आदित्य की नजरे आपस में मिल जाती है। और कुछ पल अरुणा आदित्य की नजरे मिलाने की बाद माईनर ओटी का दरवाजा बंद हो जाता है, लेकिन कुछ क्षण ही अरुणा से नजरे मिलने के बाद आदित्य को ऐसा महसूस होता है कि वह जन्नत में पहुंच गया है।

और प्रेम के वहां से जाते ही अरुणा की छोटी मां वहां दोबारा आकर जमीन पर कुछ ढूंढने लगती हैं।