Pyar bhara Zehar book and story is written by Deeksha Vohra in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Pyar bhara Zehar is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
प्यार भरा ज़हर - उपन्यास
Deeksha Vohra
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
हा हा हा हा .... क्या अजीब बात है न , मेरा सब कुछ आज ख़तम होने का बाद भी मेरे होटों पर एक मुस्कान ही है | पर दिल , दिल पर तो आज इतने घाव है , की शायद वो घाव कभी भी भरने नहीं वाले हैं | मैं काश्वी अगरवाल , अभी अभी 20 साल की हुई | हाँ अभी , क्यूंकि अभी रात के 12 ही तो बज रहे हैं | पुरे 20 साल हो गये मुझे , इस धरती पर साँसें लेते | ओर अपने दिल के जख्मों पर मल्हम लगाते | बारिश की इस काली रात में , आज कोई नहीं जो मेरा साथ दे सके | जो मुझे आकर ये कह सके , की चलो काश्वी , आज के बाद तुम्हारी ज़िन्दगी में सिर्फ खुशियाँ ही होंगी | ये कहानी है मेरी ... आइये सुनती हूँ तो आपको मेरी ये दर्द भरी कहानी , पर , आपकी जुबानी |
एपिसोड 1 ( ज़िन्दगी की नई शुरुवात ! ) हा हा हा हा .... क्या अजीब बात है न , मेरा सब कुछ आज ख़तम होने का बाद भी मेरे होटों पर एक मुस्कान ही है | पर दिल ...और पढ़ेदिल पर तो आज इतने घाव है , की शायद वो घाव कभी भी भरने नहीं वाले हैं | मैं काश्वी अगरवाल , अभी अभी 20 साल की हुई | हाँ अभी , क्यूंकि अभी रात के 12 ही तो बज रहे हैं | पुरे 20 साल हो गये मुझे , इस धरती पर साँसें लेते | ओर अपने दिल
एपिसोड 2 ( अलग सा एहसास ! ) राघव जब कॉलेज पहुंचा , तो सब लड़कियां सिर्फ उसे ही देखने में बिजि थीं | राघव की पर्सनालिटी किसी मॉडल ओर उम्दा एक्टर से कम नहीं थी | पर कोई ...और पढ़ेराघव के ज्यादा करीब आने की कोशिश भी नहीं करता था | क्यूंकि सब जानते थे , की राघव को किसी का उसके पास आना , ज्यादा पसंद नहीं है | काश्वी भी थोड़ी ही देर बाद , कॉलेज पहुंच गई हती | आज काश्वी ने जींन्ज़ कुरता पहन रखा था , हलके हरे रंग का कुरता काश्वी पर बहुत
एपिसोड 3 ( अनजान खत ! ) उसके बाद , राघव स्टेज पर गया | ओर अपनी स्पीच देने के बाद , उसकी नजर काश्वी पर गई | जो उसे ही देख रही थी | पर जैसे ही काश्वी ...और पढ़ेदेखा की राघव उसे देख रहा था , उसने अपनी नजरें घुमा लीं थी | पर फिर अचानक से दोनों की नजरें फिर से मिल गईं | दोनों मानो एक दुसरे में खो से गये हो | उनके आसपास क्या हो रहा था , दोनों में से किसी को कोई एहसास नहीं था | फिर काश्वी का ध्यान टूटा ,
एपिसोड 4 ( इतनी बड़ी रकम ! ) जब काशी उस अनजान जगह पहुंची , तो उसे वहां पर कुछ भी नहीं दिखा | काश्वी मन ही मन सोचने लगी | काश्वी :: "यहाँ पर तो कुछ भी नहीं ...और पढ़े|" तभी काश्वी को एक जगह पर दूर कुछ कमल दिखी दिए | जब कश्वी उन कमल के पास गई , तो उसने वहां कुछ अजीब महसूस किया | वहां पर काश्वी को ऐसा फील हो रहा था , की वो यहाँ पहले भी आ चुकी है | काश्वी बहुत याद करने की कोशिश कर रही थी , पर उसे
एपिसोड 5 ( काश्वी बनी दुल्हन ! ) एक ओर काश्वी को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था | की कब उसकी माँ ने इतने पैसे किसी से लिए होंगे ? ओर ऐसी भी क्या जरूरत आ ...और पढ़ेथी , उसकी माँ को किसी से पैसे लेने पड़े ? ओर दूसरी तरफ राघव अपनी माँ के कहने पर मलिका से शादी करने को तैयार हो चूका था | राघव की रिंग सेरमनी पर , राघव ने कॉलेज के नए बच्चो को बुलाया था | जिसमें काश्वी भी वहां पर थी | सब सही चल रहा था , पर